जून, 2018 में व्यापार घाटा नवंबर, 2014 के बाद सबसे अधिक रहा है. उस समय व्यापार घाटा 16.86 अरब डॉलर रहा था. जून, 2017 में व्यापार घाटा 12.96 अरब डॉलर था.

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 1 विदेशी मुद्रा निकास रणनीति अरब डॉलर का हुआ इजाफा, बढ़कर 367.14 अरब डॉलर पहुंचा

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में एक अरब डॉलर बढ़कर 367.14 अरब डॉलर हो गया। मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा आस्तियों में हुई वृद्धि से यह इजाफा हुआ है।

Share Market: सेंसेक्स में 397 अंकों की गिरावट, 15000 के नीचे बंद हुआ निफ्टी

Share Market: सेंसेक्स में 397 अंकों की गिरावट, 15000 के नीचे बंद हुआ निफ्टी

आज हफ्ते के पहले दिन शेयर बाजार लाल निशान पर बंद हुआ। कोरोना के बढ़ते मामले और विदेशी मुद्रा निकासी बढ़ने से वित्तीय कंपनियों के शेयरों में गिरावट से शेयर बाजार लुढ़क गया। बीएसई का सेंसेक्स 397 यानी करीब 0.78 फीसदी की गिरावट के साथ 50,395.08 के स्तर पर और एनएसई का निफ्टी 101.45 अंक लुढ़ककर 14,929.50 के लेवल पर बंद हुआ। सेंसेक्स में 19 गिरकर शेयर लाल निशान पर बंद हुए।

बीएसई के सेंसेक्स में पावरग्रिड, आईटीसी, टेक महिंद्रा, टीसीएस, एनटीपीसी और टाइटन हरे निशान पर बंद हुए। वहीं, भारती एयरटेल, इंफोसिस, रिलायंस, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा, डा. रेड्डीज लैब, बजाज आटो, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस और कोटक बैंक के शेयर लुढ़ककर बंद हुए।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, व्यापार घाटा 43 महीने के उच्चतम स्तर पर, स्वर्ण भंडार भी घटा

Reserve Bank Reuters


मुंबई: देश का विदेशी मुद्रा भंडार छह जुलाई को समाप्त सप्ताह में 24.82 करोड़ डॉलर घटकर 405.81 अरब डॉलर रह गया. यह गिरावट विदेशी मुद्रा आस्तियों में बढ़ोतरी के बावजूद आई है. भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों में इस बात की जानकारी दी गई है.

इससे पहले के सप्ताहांत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.76 अरब डॉलर घटकर 406.06 अरब डॉलर रह गया था.

इससे पूर्व विदेशी मुद्रा भंडार 13 अप्रैल 2018 को 426.028 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया था. आठ सितंबर 2017 को मुद्रा भंडार पहली बार 400 अरब डॉलर के स्तर को लांघ गया था लेकिन उसके बाद से उसमें उतार-चढ़ाव बना रहा.

Forex Card: कौन ले सकता है फॉरेक्‍स कार्ड, क्‍या हैं इसके फायदे और कितना देना होगा चार्ज; जानिए सबकुछ

Forex Card: कौन ले सकता है फॉरेक्‍स कार्ड, क्‍या हैं इसके फायदे और कितना देना होगा चार्ज; जानिए सबकुछ

जानिए Forex Card कार्ड के लाभ (फोटो-Freepik)

विदेश में सफर करने के लिए विदेशी मुद्रा की आवश्‍यकता होती है। अगर आप विदेश में सफर करने वाले हैं, तो विदेशी मुद्रा हासिल करने में आपको समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में फॉरेक्‍स कार्ड विदेशी मुद्रा प्राप्‍त करने के काम को आसान बनाता है। यह एक डेबिट कार्ड की तरह है, जो विदेश में आवश्‍यकता पड़ने पर निकासी के लिए इस्‍तेमाल किया जा सकता है।

कौन ले सकता है फॉरेक्‍स कार्ड

केवल भारतीय नागरिक, जिन्‍होंने केवाईसी की प्रक्रिया पूरी की है फॉरेक्‍स कार्ड के लिए अप्‍लाई कर सकता है। नॉन रेजिडेन्ट भारतीय फॉरेक्‍स कार्ड के लिए अप्‍लाई नहीं कर सकते हैं। माता-पिता या पैरेंट की ओर से आवेदन पत्र पर सिग्‍नेचर करने के बाद विदेशी मुद्रा निकास रणनीति 12 वर्ष से अधिक आयु के नाबालिगों को कार्ड जारी किया जा सकता है।

फॉरेक्‍स कार्ड आवेदन फॉर्म ऑनलाइन और ऑफलाइन भरा जा सकता है। इस फॉर्म के साथ कुछ दस्‍तावेजों की आवश्‍यकता होती है। फॉरेक्‍स कार्ड के लिए सेल्‍फ अटेस्‍टेड पासपोर्ट की एक कॉपी, वीज़ा और कन्फर्म टिकट की खुद से सत्‍यापित की गई कॉपी देनी होती है।

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कितना लगेगा चार्ज

फॉरेक्‍स कार्ड बनवाने से पहले लोगों को इसके चार्जेज के बारे में जान लेना चाहिए। कार्ड जारी करने, मुद्रा लोड करने या टॉप अप करने, एटीएम से निकासी, बैलेंस पूछताछ, सुविधा शुल्क इत्यादि के संबंध में कार्ड पर किए गए लेनदेन पर लगाए गए शुल्क की जांच करनी चाहिए। यह चार्ज बैंक या कंपनी की ओर से अलग-अलग लगाया जाता है।

इस कार्ड के तहत कंपनी या बैंक यात्री पर बीमा भी प्रदान करती है। एक फॉरेक्‍स कोर्ड के तहत कई विदेशी मु्द्रा रखी जाती है। फॉरेक्‍स कार्ड की समय सीमा 5 साल के लिए होती है। इस कार्ड को 60 दिनों के अंदर प्राप्‍त किया जा सकता है। अगर विदेश यात्रा के दौरान धन का उपयोग नहीं किया गया है, तो इसे भारत आने की तारीख से 180 दिनों के भीतर बैंक को वापस करना होगा।

अर्थात्: भारतीय सियासत विदेशी मुद्रा निकास रणनीति की हीन 'मुद्रा'

  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2015,
  • (अपडेटेड 07 सितंबर 2015, 5:53 PM IST)

चीन की चरमराती अर्थव्यवस्था और ग्लोबल करेंसी व वित्तीय बाजारों में उठापटक का भारत तत्काल कोई बड़ा फायदा उठाए या न नहीं, लेकिन इस माहौल का एक बड़ा लाभ जरूर हो सकता है. इस वित्तीय बेचैनी के बीच हमारे नेता देश की करेंसी यानी रुपए को लेकर अपने दकियानूसी आग्रहों से निजात पा सकते हैं. भारत में, बीजेपी और वामदल हमेशा से इस ग्रंथि के शिकार रहे हैं कि राष्ट्रीय साख के लिए फड़कती मांसपेशियों वाली करेंसी जरूरी है. उन्होंने यह बात सफलता विदेशी मुद्रा निकास रणनीति के साथ सड़क पर खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाई है कि रुपए का कमजोर होना आर्थिक पाप है.

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