रोचक तथ्य- साल 2010 में आपने बिटकॉइन में 5000 रूपए लगाये होते तो आज उस पैसे की कीमत 33 करोड़ रूपए से भी अधिक होती.
बिटकॉइन-इथीरियम में 100 रुपये लगाकर पा सकते हैं बंपर मुनाफा, SIP की तरह करना होगा निवेश
Bitcoin: क्रिप्टोकरंसी में निवेश के इच्छुक किसी व्यक्ति को पहले अपना अकाउंट खोलना होता है. एक पैन कार्ड पर क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए एक अकाउंट ही खोल सकते हैं. जैसा बैंकों में निमय है, वैसा ही क्रिप्टो के लिए भी है. क्रिप्टो एक्सचेंज में अकाउंट खोलने के लिए केवाईसी कराना होता है.
भारत में क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) इंडस्ट्री ने तेजी से जगह बनाई है. बहुत कम समय में इसका बाजार बढ़ा है. क्रिप्टो आधारित कंपनियों पर से सुप्रीम कोर्ट की ओर से पाबंदी हटने के बाद इसमें और बढ़ोतरी देखी जा रही है. आज की तारीख में तकरीबन 1 करोड़ भारतीयों ने क्रिप्टो में निवेश किया है. पिछले एक साल में इन निवेशकों ने अच्छा रिटर्न भी पाया है. निवेशकों के लिए किसी भी क्रिप्टोकरंसी में पैसे लगाने का तरीका वैसे ही है, जैसे इक्विटी आदि में लगाते हैं. नए निवेशक चाहें तो 100 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं.
जियोटस (Giottus) के सीईओ और को-फाउंडर विक्रम सुब्बुराज के मुताबिक, क्रिप्टोकरंसी में निवेशक 100 रुपये भी लगा सकते हैं और इसके लिए वे क्रिप्टो आधारित कॉइन या टोकन में बहुत कम मात्रा में खरीदारी कर सकते हैं. अच्छा यह रहता है कि पैसे को अलग-अलग क्रिप्टो में अलग-अलग अवधि के लिए लगाया जाए. किप्टो की तरह मीम कॉइन डोजकॉइन और शिबू इनु मशहूर हैं जिसमें पैसा निवेश किया जा सकता है. विक्रम सुब्बुराज कहते हैं, सही रिटर्न के लिए जरूरी है कि टॉप 10 क्रिप्टोकरंसी में निवेश किया जाए.
अगर पोर्टफोलियो की बात करें तो 40 परसेंट बिटकॉइन में, 40 परसेंट इथीरियम (अन्य टॉप 10 क्रिप्टो में इस पैसे को बांट सकते हैं) और बाकी बचा 20 परसेंट हाई रिस्क कॉइन में लगा सकते हैं. क्रिप्टो में पैसे लगाएं और कुछ दिन धीरज रखें, बाजार को मैच्योर होने दें. पैसा निकाल कर कहीं और निवेश करने की जल्दबाजी न करें.
क्रिप्टो एक्सचेंज के बारे में जानें
Giottus एक क्रिप्टो प्लेटफॉर्म है जहां इसकी ट्रेडिंग की जा सकती है. ट्रेडिंग के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं है. 5 मिनट के अंदर रजिस्ट्रेशन हो जाता है, वह भी भारतीय केवाईसी नियमों के साथ. केवाईसी के तुरंत बाद अगर डॉक्युमेंट दुरुस्त हों तो वेरिफिकेशन हो जाता है Bitcoin पर काम करने के फायदे और नुकसान और 15 मिनट में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. जियोटस जैसे प्लेटफॉर्म पर एक साथ 100 से ज्यादा क्रिप्टोकरंसी की जानकारी मिलती है जहां 100 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते हैं. इसके Bitcoin पर काम करने के फायदे और नुकसान लिए प्लेटफॉर्म पर पैसा जमा करना होता है. कुछ प्लेटफॉर्म पैसा जमा करने के लिए शुल्क लेते हैं, कुछ नहीं. इसी जमा पैसे से क्रिप्टो में निवेश शुरू होता है.
कैसे खोलें खाता
क्रिप्टोकरंसी में निवेश के इच्छुक किसी व्यक्ति को पहले अपना अकाउंट खोलना होता है. एक पैन कार्ड पर क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए एक अकाउंट ही खोल सकते हैं. जैसा बैंकों में निमय है, वैसा ही क्रिप्टो के लिए भी है. हालांकि एक पैन से क्रिप्टो के अलग-अलग एक्सचेंज में कई अकाउंट खोल सकते हैं. क्रिप्टो एक्सचेंज में 24 घंटे और सातों दिन ट्रेडिंग कर सकते हैं. नए Bitcoin पर काम करने के फायदे और नुकसान निवेशकों के लिए सलाह दी जाती है कि जोखिम को ध्यान में रखते हुए ही क्रिप्टो की ट्रेडिंग करें. क्रिप्टो के दाम उतार-चढ़ाव में या तो तेजी से गिरते हैं या तेजी से चढ़ते हैं. यानी कि भारी मुनाफे के साथ भारी गिरावट का भी खतरा होता है. इसलिए दिल थाम कर क्रिप्टो की ट्रेडिंग में हाथ लगाना चाहिए.
बिटकॉइन से करें शुरुआत
हर क्रिप्टोकरंसी अपने आप में यूनिक है और उसी हिसाब से उसकी ट्रेडिंग होती है. नए निवेशक जब खरीदारी करने चलें तो उसके बारे में ठीक से रिसर्च कर लें. जैसे नंबर टू क्रिप्टोकरंसी इथीरियम एक प्लेटफॉर्म भी है जिसे अलग-अलग ऐप के जरिये खरीदा जा सकता है. ऐसा नहीं है कि किसी खास ऐप से ही इसकी ट्रेडिंग और खरीदारी होगी. जैसे मोबाइल में एंड्रॉयड सिस्टम अलग-अलग मोबाइल कंपनियों में काम करता है, वैसे ही इथीरियम अलग-अलग ऐप पर भी काम करता है. नए निवेशकों को एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि बिटकॉइन और इथीरियम में पैसा लगाकर शुरुआत करनी चाहिए. ठीक वैसे ही जैसे इक्विटी में एसआईपी के जरिये निवेश शुरू करते हैं.
सावधानी के साथ करें निवेश
भारत में अभी क्रिप्टोकरंसी रेगुलेटेड नहीं है, सरकार और रिजर्व बैंक का अभी रुख साफ नहीं है. ऐसे में कम पैसे में निवेश करने की सलाह दी जाती है. ट्रेडिंग का मतलब होता है कि खरीदारी पर कितना मुनाफा कमाते हैं. कोई किप्टो कितने में खरीदते हैं, ट्रेडिंग का मकसद यह नहीं होता है. इसी हिसाब से क्रिप्टो में पैसे लगाने और उसे जारी रखने पर फोकस करना चाहिए. नए निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में 2-3 परसेंट क्रिप्टोकरंसी को रखना चाहिए. बाद में मार्केट की समझ हो जाए तो निवेश बढ़ा सकते हैं.
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बिटकॉइन सबसे अधिक कारोबार वाली क्रिप्टोकरेंसी है जिसके बारे में हर कोई जानता है और बात करता है, लेकिन यह एकमात्र तरह की क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। लिटकोइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनकॉइन, शिबा इनु, डॉगकॉइन आदि भी क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं।
क्रिप्टोकरेंसी के लिए फिलहाल भारत में कोई कानून नहीं है।
महब कुरैशी. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिसकी सबसे बड़ी वजह है कि, इसमें शेयर बाजार के विपरीत तेजी से उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। ऐसे में बहुत से लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करके बड़ा लाभ कमाया है। वहीं जिन लोगों ने अभी तक इसमें कभी निवेश नहीं किया है। अब वह भी बिटकॉइन, डॉगकोइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं। आपको बता दें क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत हुए अभी केवल 10 साल ही पूरे हुए है। लेकिन इसके बावजूद इसमें लोगों की रूचि दिन दूनी रात चौगनी बढ़ रही है। ऐसे में अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं। तो आपको इस खबर को पूरा पढ़ना चाहिए। क्योंकि इसके बिना आपको तकड़ा नुकसान हो सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं?
क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल संपत्ति हैं- जिनका उपयोग आप निवेश के रूप में और यहां तक कि ऑनलाइन खरीदारी के लिए भी कर सकते हैं। यह क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है, जिससे नकली या दोहरा खर्च करना लगभग असंभव हो जाता है। लेकिन यहां पर ये ध्यान देने वाली बात है कि, क्रिप्टोकरेंसी भौतिक रूप से मौजूद नहीं है, जिसका अर्थ है कि आप एक बिटकॉइन नहीं उठा सकते हैं और इसे अपने हाथ में पकड़ सकते हैं। और भारतीय रुपये के विपरीत, कोई केंद्रीय प्राधिकरण नहीं है जो क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य को बनाए रखता है।
इसके अलावा, क्रिप्टोक्यूरेंसी के प्रत्येक सिक्के में प्रोग्राम या कोड की एक अनूठी लाइन होती है। इसका मतलब है कि इसे कॉपी नहीं किया जा सकता है, जिससे उन्हें ट्रैक करना और पहचानना आसान हो जाता है।
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यह कैसे काम करती है?
क्रिप्टोकरेंसी को सरकार जैसे केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा समर्थित नहीं किया जाता है। इसके बजाय, ये कंप्यूटर की एक श्रृंखला में चलते हैं। यह बिना किसी बिचौलिए के वेब पर पीयर-टू-पीयर से एक्सचेंज किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी का विकेंद्रीकरण किया जाता है – जिसका मतलब है कि कोई भी सरकार या बैंक यह प्रबंधित नहीं करता है कि वे कैसे बने हैं, उनका मूल्य क्या है, या उनका आदान-प्रदान कैसे किया जाएगा। सभी क्रिप्टो लेनदेन क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित हैं – जिसका अर्थ है कि यह केवल बेचने वाले और खरीदने वाले को इसकी सामग्री देखने की अनुमति होती है।
आप क्रिप्टोकरेंसी को कैसे स्टोर कर सकते हैं?
क्रिप्टोकरेंसी को ऑनलाइन ‘वॉलेट’ में स्टोर किया जा सकता है, जिसे आपकी ‘private key’ के यूज से एक्सेस किया जा सकता है। अगर इसे समझा जाए तो एक सुपर-सुरक्षित पासवर्ड के बिना क्रिप्टो को एक्सचेंज नहीं किया जा सकता।
किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है?
बिटकॉइन सबसे अधिक कारोबार वाली क्रिप्टोकरेंसी है जिसके बारे में हर कोई जानता है और बात करता है, लेकिन यह एकमात्र तरह की क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। लिटकोइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनकॉइन, शिबा इनु, डॉगकॉइन आदि भी क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। कॉइनमार्केट कैप के अनुसार, वर्तमान में 6,000 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं।
क्रिप्टो कैसे खरीदें और बेचें?
इस सवाल का जवाब भी अब आसान हो गया है। बढ़ती लोकप्रियता के चलते अब बाजार में ढेरो क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स हैं। ऐसे में देश में Bitcoin और Dogecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना और बेचना काफी आसान है। पॉपुलर प्लेटफॉर्म्स में WazirX, Zebpay, Coinswitch Kuber और CoinDCX GO के नाम शामिल हैं। इन्वेस्टर्स Coinbase और Binance जैसे इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स से Bitcoin, Dogecoin और Ethereum जैसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी भी खरीद सकते हैं।
सबसे खास बात यह है कि खरीदारी के ये सभी प्लेटफॉर्म चौबीसों घंटे खुले रहते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया भी काफी आसान है। आपको केवल इन प्लेटफॉर्म्स पर साइन अप करना होगा। इसके बाद अपना KYC प्रोसेस पूरा कर वॉलेट में मनी ट्रांसफर करना होगा। इसके बाद आप खरीदारी कर पाएंगे।
क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार का रूख क्या है?
फिलहाल, भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कवर करने वाली कोई कानून नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी का मालिक होना अवैध है। इस बीच, भारत को अभी तक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 के क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन को प्रस्तुत करना बाकी है, जो “आधिकारिक डिजिटल मुद्रा” के शुभारंभ के लिए नियामक ढांचा तैयार करेगा, इसे संसद के बजट सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन हितधारकों के साथ चर्चा के चलते इसे टाल दिया गया। आपको बता दें अब तक, केवल कुछ देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी तौर पर स्वीकार किया है और यह सूची काफी छोटी है।
Digital currency vs cryptocurrency: क्रिप्टो करेंसी और भारत सरकार की डिजिटल करेंसी में क्या है अंतर
कई लोग कंफ्यूज हैं कि अभी डिजिटल करेंसी को सरकार हां कर रही है लेकिन बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को ना क्यों Bitcoin पर काम करने के फायदे और नुकसान कह रही है. इस अंतर को समझ कर ही हम डिजिटल करेंसी के फायदे और नुकसान को समझ सकेंगे.
- डिजिटल रुपये केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में शामिल होगी
- इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है
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नई दिल्ली: Digital currency vs cryptocurrency-डिजिटल रुपया या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए RBI का अगला प्रयास होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 2022-23 में डिजिटल रुपये को लेकर कई घोषणाएं की गई हैं. लेकिन कई लोग कंफ्यूज हैं कि अभी डिजिटल करेंसी को सरकार हां कर रही है लेकिन बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को ना क्यों कह रही है. इस अंतर को समझ कर ही हम डिजिटल करेंसी के फायदे और नुकसान को समझ सकेंगे.
विशेषज्ञों के मुताबिक डिजिटल रुपये की अवधारणा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से प्रेरित है, लेकिन केंद्रीय बैंक के नियमों के साथ. यानी बिटक्वाइन अनियंत्रित होती है जबकि डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक की ओर से जारी की जाती है. क्रिप्टोकरेंसी का प्रबंधन एक कंप्यूटर एल्गोरिथम द्वारा किया जाता है. वहीं डिजिटल करेंसी को अथारिटी द्वारा नियंत्रित किया जाता है. डिजिटल रुपये को सरकार की मान्यता मिली होती है. डिजिटल रुपये केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में Bitcoin पर काम करने के फायदे और नुकसान भी शामिल होगी और इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है. प्रस्ताव है कि देश में डिजिटल करेंसी को बैंक नोट की परिभाषा में रखा जाए. इसके लिए RBI ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है.
डिजिटल करेंसी भी दो तरह की होती है
- रिटेल डिजिटल करेंसी का प्रयोग आम जनता और कंपनियां करती हैं.
- होलसेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाओं के लिए होगा.
डिजिटल करेंसी के चार फायदे
- तेज लेन-देन और नोट छापने की तुलना में कम खर्चीला
- बाजार में करेंसी को सरकार बेहतर तरीके से नियंत्रित कर पाएगी Bitcoin पर काम करने के फायदे और नुकसान
- बैंक खाते की जरूरत नहीं और ऑफलाइन लेन-देन संभव होगा.
- हर डिजिटल रुपये पर सरकार की नजर होगी और कोई गैरकानूनी लेन-देन नहीं हो पाएगा
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हिन्दी वार्ता
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Bitcoin Bitcoin पर काम करने के फायदे और नुकसान क्या है, कैसे काम करता है और कैसे आप इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं. जानिए सबकुछ
महज 52 पैसे से शुरू हुई एक मुद्रा जिसकी कीमत आज सोने से भी ज्यादा महँगी है, के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए. पिछले 3 महीने में इसकी कीमत में ढाई गुने से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है परन्तु आज भी अधिकांश लोग बिटकॉइन से अनजान हैं.
आइये आसान शब्दों में जानते हैं कि आखिर ये है क्या, काम कैसे करती है और कैसे आप इसमें अपना फायदा निकाल सकते हैं.
रोचक तथ्य- साल 2010 में आपने बिटकॉइन में 5000 रूपए लगाये होते तो आज उस पैसे की कीमत 33 करोड़ रूपए से भी अधिक होती.
बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है जो आम मुद्रा की तरह नोट या सिक्के के रूप में नहीं मिलती. यह एक डिजिटल करेंसी है जिसको आप इलेक्ट्रॉनिक रूप से रख सकते हैं.
आखिर क्या होता है बिटकॉइन-What is Bitcoin
आपने पेटीएम् (PAYTM) का प्रयोग किया है? बिटकॉइन कमोबेश इसी तरह काम करता है. एक इलेक्ट्रॉनिक अकाउंट में आपका पैसा बिटकॉइन के रूप में रहता है जिससे आप जो चाहे खरीद सकते हैं. बस फर्क ये है कि बिटकॉइन एक मुद्रा है जिसका नियंत्रण कोई एक कंपनी या कोई सरकार नहीं करती. दुनिया के हर शख्स के पास इसका नियंत्रण है.
इसका उपयोग करने के आपको इंटरनेट पर एक डिजिटल वॉलेट बनाना होता है, ये वॉलेट आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर से बना सकते हैं. वॉलेट बनने के बाद आपको एक अनूठा क्रिप्टोग्राफ़िक कोड मिलता है जो आपके अकाउंट नंबर की तरह काम करता है. इस वॉलेट के माध्यम से आप लेनदेन कर सकते हैं.
बिटकॉइन से सम्बंधित हर लेनदेन का हिसाब एक पब्लिक लेजर पर होता है जिसे हर कोई देख सकता है.
इंटरनेट पर कई कंपनियां है जो बिटकॉइन वॉलेट की सुविधा प्रदान करती हैं. इनका प्रयोग कर आप चाहें तो नए बिटकॉइन खरीद भी सकते हैं या किसी वस्तु के बदले में अपने बिटकॉइन वॉलेट से बिटकॉइन में पेमेंट भी कर सकते हैं.
कैसे बनते हैं नए Bitcoins- Mining & Miners
Bitcoin का उत्पादन माइनिंग के द्वारा किया जाता है और इसका उत्पादन करने वालों को माइनर्स कहते हैं. माइनर्स का काम बिटकॉइन के हर एक लेनदेन की पुष्टि करना है.
ये माइनर्स अपने विशेष प्रकार के हार्डवेयर का प्रयोग कर कंप्यूटर प्रोसेसिंग प्रणाली द्वारा विभिन्न प्रकार के लेनदेन को प्रोसेस करते हैं जिसके फलस्वरूप नए बिटकॉइन बनते हैं और इन माइनर्स को मिलते हैं.
माइनिंग एक स्वतंत्र प्रक्रिया है, कोई भी व्यक्ति माइनिंग कर के बिटकॉइन प्राप्त कर सकता है. हालाँकि इसके लिए अत्याधुनिक तथा शक्तिशाली प्रोसेसिंग वाले मशीनों की आवशयकता होती है.
कुछ ऐसे Bitcoin पर काम करने के फायदे और नुकसान होती है बिटकॉइन की माइनिंग
रुपया या डॉलर की तरह बिटकॉइन की छपाई या निर्माण हमेशा नहीं होगा. बिटकॉइन पालिसी के अनुसार पूरी दुनिया में कुल मिलाकर 2 करोड़ 10 लाख (21 million ) बिटकॉइन से ज्यादा बिटकॉइन नहीं निकाले जाएंगे. इसके बाद इसका उत्पादन बंद हो जाएगा.
1 BTC = कितने रूपए, Exchange Rate of Bitcoin
अपने निर्माण के बाद से बिटकॉइन का मूल्य लगातार बढ़ता जा रहा है. आइये देखते हैं कि एक बिटकॉइन की कीमत किस तरह से बदली.
- मार्च 2010 में एक यूजर Smoketoomuch ने Bitcoins की नीलामी करने की सोची और और 10000 BitCoins के बदले $50(INR 3000) की मांग की. उसे एक भी खरीददार नहीं मिला. आज उतने Bitcoins की कीमत 145 करोड़ है.
- मई 2010 में Laszlo Hanekz नाम के इस शख्स ने BitCoin से पहला सौदा किया जिसमें उन्होंने 10,000 Bitcoins के बदले एक पिज़्ज़ा खरीदा.
- तब 1 बिटकॉइन की कीमत सिर्फ 52 पैसे थी और उसके 4 दिन बाद ही इसकी कीमत में 10 Bitcoin पर काम करने के फायदे और नुकसान गुना उछाल आया और अब एक बिटकॉइन की कीमत हो गयी 5 रूपए
उसके बाद बिटकॉइन ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और देखते ही देखते इस क्रिप्टो करेंसी की कीमत आसमान छूने लगी. जनवरी 2017 में बिटकॉइन ने 1000 डॉलर का आंकड़ा छुआ पर उसके बाद जबरदस्त उछाल देखने को मिला और मई 2017 तक बिटकॉइन की वैल्यू 2700 डॉलर पार कर गयी.
कभी 52 पैसे की कीमत वाले बिटकॉइन की कीमत आज 1,45,000 रूपए है और ये लगातार बढ़ रही है
यहाँ एक बात रोचक है कि Bitcoin (बड़े अक्षरों में लिखा B) विश्व बाज़ार को दर्शाता है वहीँ bitcoin (छोटे अक्षरों में लिखा B) असल या वास्तविक मुद्रा को प्रदर्शित करता है.
बिटकॉइन में निवेश-How to invest in Bitcoin
जितनी तेज़ी से बिटकॉइन की वैल्यू बढ़ी है उससे निवेशकों का काफी ध्यान आकर्षित हुआ है. सिर्फ 7 सालों ने इस मुद्रा की कीमत में जबरदस्त उछाल आया है जिसकी वजह से लोग बिटकॉइन में जम कर पैसा लगा रहे हैं. कम दाम पर बिटकॉइन खरीदना और बाद में जब इसका मूल्य बढ़ जाए तब इसे बेच कर लोग मुनाफा कमा रहे हैं.
भारत में भी कई बिटकॉइन इन्वेस्टमेंट कम्पनीज के माध्यम से आप बिटकॉइन खरीद कर इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं. कुछ प्रमुख कंपनियों के नाम हैं – ZebPay या Unicoin
बिटकॉइन पर इन्वेस्टमेंट के बारे में और अधिक जाने के लिए हमारी अगली पोस्ट का इंतज़ार करें
क्या हैं बिटकॉइन प्रयोग करने के फायदे
आखिर क्यों पूरी दुनिया बिटकॉइन के पीछे दीवानी हो रही है. ऐसा क्या है बिटकॉइन में जिससे इसके प्रयोगकर्ताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
दरअसल बिटकॉइन ने मुद्रा या लेन देन के सिस्टम को पूरी तरह बदल कर रख दिया है. इसके अनेकों कारण है पर कुछ प्रमुख कारण हम यहां आपको बताने की कोशिश करेंगे.
बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन से फायदे की जगह नुकसान होगा
कनाडा ने दुनिया के सबसे पहले बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड को मंजूरी दे दी है.
इसके उलट भारत में क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने की कोशिश की जा रही है. हाल में ही वित्त मंत्री राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि भारत सरकार क्रिप्टोकरंसी पर एक बिल लाने जा रही है. इसके साथ ही यह कहा जा Bitcoin पर काम करने के फायदे और नुकसान रहा है कि सभी निजी क्रिप्टोकरंसी को भारत से बाहर जाना पड़ेगा. इसके बाद यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक डिजिटल करेंसी लाने जा रही है.
भारत में क्रिप्टो करेंसी को बैन करने वाले बिल में क्या होगा इसकी तो अभी जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है, लेकिन वास्तव में यह भारत सरकार के हितों की रक्षा करने से जुड़ा होगा. वास्तव में इस तरह का बिल उद्योग जगत से चर्चा करने के बाद ही लाया जा सकता है. इसके साथ ही इसमें मुख्य तकनीकी लोग, ग्लोबल रेगुलेटर और भारत के लाखों निवेशकों के हितों का ध्यान रखे जाने की उम्मीद है.
भारत सरकार सभी पक्षों से बातचीत करने के बाद इस तरह का कोई कानून बनाए, इसलिए भारत की लीडिंग क्रिप्टो करेंसी कंपनी, वेंचर कैपिटल इन्वेस्टर और विशेषज्ञ आपस में मिलकर एक अभियान #IndiaWantsBitcoin चला रहे हैं. इस अभियान का उद्देश्य है कि नियामक उनकी चिंताओं का ध्यान रखते हुए कोई कानून बनाए.
भारत सरकार को वास्तव में क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट करने की दिशा में काम करना चाहिए. अगर भारत सरकार इसे नियंत्रित नहीं कर सकी तो भारत के लिए यह बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान होगा. रूस और नाइजीरिया जैसे देशों में क्रिप्टो करेंसी पर बैन अप्रभावी साबित हो चुका है. क्रिप्टो करेंसी पर बैन तभी लागू हो सकता है जब इंटरनेट को बंद कर दिया जाए.
भारत में क्रिप्टो करेंसी इको Bitcoin पर काम करने के फायदे और नुकसान सिस्टम बेहतर तरीके से मौजूद है. इस इकोसिस्टम को खराब करने से अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है. इसके साथ ही इस वजह से भारत को अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की जीडीपी के समकक्ष ले जाने की योजनाओं को पलीता लग सकता है. दुनिया के यह देश क्रिप्टो करेंसी को एक्सेप्ट कर चुके हैं और नियामकीय फ्रेमवर्क बनाकर उसे नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं.
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