FMCG कंपनी डाबर इंडिया (Dabur India) के लिए बादशाह मसाला गेम चेंजर बन सकता है.

शेयर क्या है | शेयर कितने प्रकार के होते है | शेयर कि सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में (What Is Share In Hindi) 2022

बिज़नेस क्षेत्र में और निवेश के क्षेत्र में शेयर का नाम सबसे ज्यादा लिया जाता है, शेयर के बारे में आप सुनते हैं, लेकिन अगर आप नहीं जानते शेयर क्या है ( Share Kya Hai ) तो कोई बात नहीं। आज हम इस पोस्ट में जानेगें कि What is Share in Hindi और शेयर कितने प्रकार के होते है ( share kitne prakar ke hote hain ) , यह कैसे काम करते है, शेयर कैसे बनते है आदि .

Share meaning in Hindi – शेयर क्या होता है

Share Kya Hota Hai :- शेयर का अर्थ होता है “हिस्सा” Share meaning in Hindi “कंपनी का मालिकाना हक” जिसे हम हिंदी में शेयर कहते है अगर आसान भाषा में समझे तो किसी कंपनी के स्वामित्व का एक हिस्सा जो की एक शेयर (one share) होता हैं। यह बिलकुल इस चीज पर निर्भर करता है की कंपनी के स्वमित्व को कितने भागों यानि शेयर में बांटा गया है। एक शेयर कंपनी की पूंजी का सबसे छोटा भाग होता हैं।

What is share in Hindi – शेयर क्या है

“ जब किसी कंपनी की कुल पूंजी को एक सामान कई हिस्सों में बांट दिया जाये तब जो पूंजी का एक सबसे छोटा हिस्सा बनता है उस हिस्से को शेयर कहा जाता है।”

जब किसी कंपनी को पूंजी की आवश्यकता होती है, तो पूंजी के लिए पब्लिक को ऑफर करती है। यानि कंपनी के मालिक अपनी कंपनी में निवेश बढ़ने के लिए अपनी कंपनी को public कर देता है और खुद को NSE या BSE में register करके shares issue कर देते है जिसके बाद आम लोग उन shares को खरीद लेते है और बाद में वही investor उन शेयर्स को मूल्य बढ़ने और घटने के आधार पर exchange में बेच देते है, फिर उसके बाद लोग exchange में shares पर trading करके मुनाफा कमाते है। इन्ही शेयर्स को कंपनी के शेयर्स कहा जाता है।

जब किसी कंपनी के shares को पहली बार मार्किट में निकाला जाता है तब वो IPO (initial public Offer) आईपीओ के लिए जाते है और फिर shares Investors अपने सूझ-बुझ से उसको खरीदते है।

कंपनी के एक शेयर के कुछ मूल्य निर्धारित होता है, उस शेयर के आधार पर पब्लिक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी खरीदते हैं। जब कंपनी ग्रोथ करती है तो शेयर कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? का दाम भी बढ़ता है और जब कंपनी घाटे में जाती है तो शेयर का मूल्य गिरता है।

Share Kise Kahate Hain

शेयर एक कंपनी में आपके हिस्सेदारी का एक सबूत होता है यानि आपने जिस कंपनी के शेयर को खरीदा है और आप उस शेयर के कारण उस कंपनी में मालिकाना हक रखते हैं। कंपनी जब ग्रोथ करेगी तो आपको भी मुनाफ़ा होगा यानि आपके खरीदे गए शेयर का मूल्य बढ़ेगा, नुकसान में आपके शेयर का मूल्य घटेगा।

Shareholder Kise Kehte Hain – शेयर होल्डर किसे कहते है

Share holder का मतलब होता है (हिस्सेदार) आसान भाषा में – जब कोई कंपनी का शेयर किसी व्यक्ति द्वारा खरीदा जाता है तो उस शेयर के मालिक यानि शेयर खरीदने वाला व्यक्ति Share holder कहलाता है।

Company Share Kyu Bechti Hai – कंपनी शेयर क्यों बेचती है

किसी भी संस्था या कंपनी को बड़ा करने के लिए सबसे पहली चीज पूंजी की आवश्यकता होती है। तब पूंजी में निवेश के लिए कम्पनियाँ shares बेचती है क्योकि बड़ी-बड़ी कंपनी को चलाना या छोटी कंपनी को बड़ा बनाना आसान नहीं है, इसके लिए बहुत पैसे की जरूरत तो होगी ही और इतनी बड़ी रकम हर किसी के पास नहीं होती, बैंक के नियम भी अलग अलग होते हैं। कंपनी के नुकसान के बाद भी लोन का पैसा चुकाना होता है, लेकिन यहाँ वो बात नहीं है, इसलिए कंपनी शेयर बेचती कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? है।

शेयर कितने प्रकार के होते है – Types Of Shares in Hindi

शेयर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है जिनमे Equity शेयर भी शामिल है :

  • Equity Share (इक्विटी शेयर)
  • Preference Share (परेफरेंस शेयर )
  • DVR Share (डी वी आर शेयर )

शेयर कैसे ख़रीदे – Share Me Investment Kaise Kare

बिना जानकारी के शेयर खरीदना आपके बहुत ही नुकसानदायक हो सकता है, किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले आपको शेयर बाज़ार के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। तो चलिए अब जानते है कि शेयर कैसे ख़रीदे जाते है और शेयर खरीदने के लिए क्या करना पड़ता है।

शेयर खरीदने के लिए आपके पास एक demat account होना चाहिए। उसके बाद आपको बस अपने demat account में जाकर share पर bid लगा कर share को buy करना पड़ता है और sell करना पड़ता है। और आप बड़ी ही आसानी से शेयर को खरीद व बेच सकते है और अच्छा खासा मुनाफा कामा सकते है।

अगर आप जानना चाहते हैं कि शेयर मार्किट से पैसा कैसे कमाया जाता है, यहाँ मैंने नए लोग शेयर बाजार से पैसा कैसे कमाए इसके बारे में बताया है। इसे जरूर पढ़े।

शेयर खरीदने के नियम

शेयर मार्किट में शेयर खरीदने के कुछ नियम है जिनका पालन किये बिना आप शेयर नहीं खरीद सकते अगर आप शेयर मार्किट के नियम के बारे में जानना चाहते है तो आप कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? हमारी नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.

उम्मीद करता हूँ, इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के बाद शेयर क्या है ( What is share in Hindi / share kya hai ), शेयर कितने प्रकार के होते है (Types Of Shares in Hindi ) इसके बारे में विस्तार से जानकारी मिली होगी। इस सम्बन्ध में आपका कोई सवाल हो जिसको इस पोस्ट में मैंने कवर नहीं किया हो, तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। इसके साथ ही मुझे सपोर्ट करने के लिए उन जरुरत मंद लोगों तक इस पोस्ट को शेयर करें, जिन्हे शेयर मार्किट के बारे में नहीं पता हो।

7 ऐसी वजहें जो बताती हैं कि क्यों शेयर मार्केट में पैसा लगाना है फायदे का सौदा

जनसंख्या बढ़ने से भी स्टॉक मार्केट को फायदा होता है.

लोगों का मानना है कि स्टॉक्स किसी अन्य एसेट के मुकाबले लंबी अवधि में अधिक रिटर्न देते हैं. लंबे समय में शेयरों से पैसा . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 12, 2022, 08:10 IST

हाइलाइट्स

शेयर मार्केट में लंबी अवधि के लिए निवेश करके अच्छी कमाई कर सकते हैं.
सेंसेक्स ने पिछले 33 साल में 15 फीसदी का एवरेज एनुअल रिटर्न दिया है.
स्टॉक मार्केट में निवेश महंगाई से मुकाबले में भी आपकी मदद करता है.

नई दिल्ली. शेयर मार्केट कमाई के बेहतरीन तरीकों में से एक है. अगर आप रिस्क लेने की हिम्मत और बाजार की समझ रखते हैं तो आप यहां उम्मीद से भी अधिक पैसा बना सकते हैं. लोगों का मानना है कि स्टॉक्स किसी अन्य एसेट के मुकाबले लंबी अवधि में अधिक रिटर्न देते हैं. अगर कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो ये बात काफी हद तक सही भी साबित होती है. इसलिए कम समय में ज्यादा रिटर्न के लिए जानकार शेयर मार्केट में पैसे लगाने की सलाह देते हैं.

छोटी अवधि में बाजार से पैसा कमाने के लिए जबरदस्त समझ और स्किल की जरूरत होती है. वहीं, कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? अगर लंबे समय में शेयरों से पैसा कमाना चाहते हैं तो बाजार की बेसिक समझ भी आपके लिए यह काम कर सकती है. आपको बस किसी मजबूत शेयर में पैसा लगाना है और बहुत अधिक संभावना है कि 5 या 10 साल में आप अपने निवेश में जबरदस्त उछाल देखेंगे. आज हम इस लेख में इस बारे में बात करेंगे कि आखिर क्यों शेयर बाजार में निवेश करना फायदे का सौदा है. हम आपको शेयर बाजार में निवेश करने की 7 वजहें बताएंगे.

महंगाई
महंगाई बढ़ने का मतलब है कि वस्तुओं और सेवाओं के दाम बढ़ रहे हैं. इससे कंपनियों की आय और प्रॉफिट भी बढ़ता है जिससे कंपनियों के शेयरों की खरीदारी बढ़ती है और स्टॉक्स की कीमत भी ऊपर की ओर भागती है.

जनसंख्या का बढ़ना
जैसे-जैसे देश में जनसंख्या बढ़ती है कंपनियों के प्रोडक्ट्स के लिए बाजार भी बढ़ता जाता है. ऐसी कंपनियां जो एक बड़ी आबादी के लिए उत्पाद तैयार करती हैं उनकी वैल्युएशन जनसंख्या के साथ बढ़ती रहती है.

प्रौद्योगिकी
आबादी बढ़ने के साथ इनोवेशन करने वाले लोगों की तादाद बढ़ती है. बेहतर टेक्नोलॉजी डेवलप की जाती है. ऐसे में उन कंपनियों को फायदा पहुंचता है जो या तो टेक्नोलॉजी के सेक्टर से जुड़ी होती हैं या फिर किसी से उनका टेक्नोलॉजी ड्रिवन होता है.

बेस्ट सलेक्ट करने का विकल्प
स्टॉक मार्केट में मुख्य इंडेक्स में सर्वश्रेष्ठ कंपनियों को शामिल किया जाता है. अगर कोई कंपनी लगातार खराब प्रदर्शन करती है तो उसे हटाकर बेहतर प्रदर्शन करने वाली कंपनी इंडेक्स में अपनी जगह बना लेती है. इस तरह निवेशक के पास बेस्ट सलेक्शन का विकल्प होता है.

लंबी अवधि में रिस्क का फायदा
अगर आप बाजार में रिस्क लेते हैं तो संभव है कि छोटी अवधि में आपको घाटा हो जाए. लेकिन लंबी अवधि में अधिकतर शानदार रिटर्न देखने को मिलता है. रिस्क के बदले मिलने वाले प्रीमियम को रिस्क प्रीमियम कहा जाता है.

आरबीआई पॉलिसी का असर
जब अर्थव्यवस्था में सुस्ती आती है तो लोग पैसा खर्च करना बंद कर देते हैं. आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए आरबीआई ब्याज दरें घटाकर बैंक में रखे पैसे पर रिटर्न कम कर देता है. इसके बाद लोग ये पैसा निकालकर अधिक जोखिम के साथ बेहतर फायदे के लिए शेयर मार्केट का रुख करते हैं.

15 फीसदी का इंटरेस्ट हमेशा मिलता है
बाजार में केवल गिरावट या सिर्फ तेजी नहीं बनी रहती है. ये दोनों बदलाव होते रहते हैं. लंबी अवधि में तेजी हमेशा गिरावट को मात देती है. अगर सेंसेक्स का 33 सालों को डाटा देखा जाए तो इसने हर साल 15 फीसदी का कंपाउंड एवरेज रिटर्न दिया है.

(Disclaimer: यहां लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है. यदि आप बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्‍टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह की लाभ या हानि के लिए लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)

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Share Market Kya Hota Hai In Hindi? बिल्कुल आसान भाषा में जानिए

शेयर मार्केट क्या होता है? वह बाजार जहां पर कोई कंपनी अपनी हिस्सेदारी शेयर के तौर पर बेच सकता है और निवेशक खरीद सकता हो.

share bazaar kya hai

Share Market 2 शब्दों के मेल से बना हुआ है. सबसे पहले यह जानते हैं कि शेयर क्या होता है. उसके बाद मार्केट के बारे में जानेंगे. आखिर में जानेंगे कि हम लोग शेयर मार्केट से कैसे फायदा उठा सकते हैं?

Share Kya Hota Hai?

Share kise kahate hain? शेयर को आम भाषा में हिस्सेदारी कहते हैं. ज्यादातर कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? अपने हिस्सेदारी को शेयर के तौर पर मार्केट में बेचती है.

क्या आप शेयर और स्टॉक को लेकर के कंफ्यूज हैं? शेयरों के समूह को स्टॉक कहां जाता है. आइए शेयर को उदाहरण से समझते हैं.

मान लीजिए कि कोई कंपनी को एक नया प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए दो करोड़ रुपया चाहिए. उस कंपनी के पास मात्र एक करोड़ रूपया है. कंपनी के पास विकल्प है कि करोड़ रूपया रुपए को मार्केट से लिया जाए.

कंपनी मार्केट से 1 करोड़ रुपए उठाने के लिए अपने 50% हिस्सेदारी को एक करोड़ शेयर के तौर पर उतार दिया. इसी एक करोड़ शेयर को एक लाख स्टॉक भी कहा जा सकता है.

शेयर मार्केट से रजिस्टर कंपनी के शेयर को खरीद करके आप उस कंपनी के आंशिक तौर पर मालिक बन सकते हैं. किसी भी कंपनी का पूर्ण तौर पर मालिक बनने के लिए आपके पास उस कंपनी के कुल शेयरों में से 51% से ज्यादा शेयर आपके पास होने चाहिए.

शेयर का दाम कैसे तय होता है?

कोई भी कंपनी एक करोड़ रुपए मार्केट से उठाने के लिए एक करोड़ शेयर जारी करता है, तो उस कंपनी की शुरुआती शेयर दाम ₹1 प्रति शेयर होता है.

मान लीजिए कि मैंने इसी कंपनी का 10 शेयर ₹ 10 में खरीद लिया. कंपनी ने अपना प्रोजेक्ट शुरू कर दिया उसके बाद कंपनी को 1 साल में डबल मुनाफा हुआ. तो इसका सीधा सा मतलब हुआ कि मेरे शेयर का कीमत ₹ 1 से बढ़कर अब ₹ 2 हो चुका है.

जिस 10 शेयर को मैंने ₹ 10 में खरीदा था उसे अब मैं बेचु तो मुझे ₹ 20 मिलेगा. अगर मान लीजिए कंपनी को फायदा नहीं होने की स्थिति पर तो मेरा शेयर वैल्यू ₹ 1 ही रहता. अगर कंपनी पूरी तरह डूब जाता तो मेरे शेयर का वैल्यू जीरो हो जाता.

कंपनी अपना शेयर क्यों बेचता है?

हर कंपनी को बिजनेस करने के लिए धन की आवश्यकता होती है. किसी भी कंपनी को मार्केट से पूंजी पाने का कई विकल्प होता है जिसमें सबसे दो मुख्य विकल्प – शेयर मार्केट और बैंक लोन.

कंपनी को ज्यादा फायदा शेयर मार्केट से पूंजी लेने पर होता है. दूसरे तरह हम आप जैसे निवेशकों को शेयर मार्केट में ही पैसा लगाने से ज्यादा फायदा भी होता है.

आइए जानते हैं कि आखिरकार कोई कंपनी शेयर मार्केट से ही पैसा क्यों लेना पसंद करती है. अगर कंपनी पूरी तरह डूब जाए तो इसमें शेयरधारकों का पूंजी डूब जाता है. अगर कोई कंपनी बैंक से लोन लेकर डूब जाती है तो उसे किसी भी कीमत पर बैंक को पूरा पैसा वापस करना होता है.

Market Kya Hota Hai?

आम भाषा में market को बाजार कहा जाता है. शेयर मार्केट वह बाजार होता है जहां पर कोई भी रजिस्टर्ड कंपनी अपना शेयर बेच सकती है. दूसरी तरफ निवेशक इस शेयर को खरीद सकता है. यही नहीं एक निवेशक दूसरे निवेशक को शेयर बेच सकता है.

अगर भारत की बात की जाए तो, भारत में 400000 से भी ज्यादा कंपनी है जो अपने अलग-अलग प्रोडक्ट्स के शेयरों को मार्केट में बेचती है. 8 करोड़ से ज्यादा निवेशक हैं जो इन शेयरों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खरीदती है.

इसका साफ-साफ मतलब हुआ कि इसके लिए एक बहुत बड़ा प्लेटफार्म होना चाहिए तभी सभी कंपनियों का सही-सही शेरों के दाम का मूल्यांकन समय पर हो सकें.

शेयर मार्केट के इस बड़े प्लेटफार्म का नाम स्टॉक एक्सचेंज है. भारत में मुख्य रूप से दो स्टॉक एक्सचेंज काम करती है जिसका नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बंबई स्टॉक एक्सचेंज है.

आज के समय यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है जिससे आप घर बैठे ही अपने मोबाइल फोन से रेगुलेट कर सकते हैं. आप अपने स्मार्टफोन के एक क्लिक से शेयर को खरीद सकते हैं और दूसरे क्लिक से बेच सकते हैं.

शेयर मार्केट का क्या परिभाषा होता है, आसान भाषा में जानिए

शेयर मार्केट आज के समय एक ऐसा डिजिटल मार्केट है, जहां पर रजिस्टर्ड कंपनी अपने शहर को भेज सकती है दूसरी तरफ निवेशक उसे खरीद या बेच सकता है.

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो आप जिस मार्केट में शेयर खरीद सकते हैं और कंपनी अपने शेयर को बेच सकती हो उसी बाजार को शेयर मार्केट कहते हैं.

शेयर मार्केट से कैसे पैसे कमाया जा सकता है?

शेयर मार्केट से पैसा कमाने के लिए आपको सही कंपनी के शेयर को खरीदना होगा. उसके लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए. डिमैट अकाउंट सेविंग अकाउंट के तरह ही होता है, जिसकी मदद से आप मनचाहा शेयर को खरीद सकते हैं और उसे बेच भी सकते हैं.

साफ सुथरा भाषा में कहा जाए तो शेर खरीदने के लिए आपको तीन चीजों की जरूरत पड़ेगी.

  • डिमैट अकाउंट
  • पूंजी
  • शेयर मार्केट का नॉलेज

अगर आपके पास यह तीनों चीजें हैं तो आप शेयर मार्केट से शेयर खरीद करके बड़ा से बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन देखा जाता है की जानकारी के अभाव में लोग अपनी पूरी पूंजी को शेयर मार्केट में डूबा भी देते हैं.

आपसे अनुरोध करूंगा कि पहले आप शेयर मार्केट को अच्छे से जानिए तभी उस पर इन्वेस्ट कीजिए ताकि आपका पूंजी पूरी तरह सुरक्षित रहे.

मुझे पूरा यकीन है कि आपको Share Market Kya कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? Hota Hai In Hindi वाला यह आर्टिकल बहुत पसंद आया होगा. हमें बताने में बेहद खुशी होगी कि यह वेबसाइट सिर्फ और सिर्फ शेयर मार्केट से संबंधित आर्टिकल को ही प्रकाशित करता है.

आप इस वेबसाइट पर शेयर मार्केट से संबंधित सभी प्रकार के जानकारियों को फ्री में हासिल कर सकते हैं. इस वेबसाइट का प्रयोग आप शेयर मार्केट कोर्स के तौर पर भी कर सकते हैं. वेबसाइट को मौका देने के लिए आप सभी पाठकों को धन्यवाद.

'डिस्ट्रेस्ड डेट' क्या है, बाजार से इसका क्या कनेक्शन है?

कैसा चर्चा में आया यह शब्द?

फाइनेंशियल मार्केट में तमाम ऐसे तकनीकी शब्‍द आते हैं, जिनका मतलब समझ नहीं आता है. ऐसे ही तकनीकी शब्‍दों में एक है 'डिस्ट्रेस्ड डेट'. हाल में तमाम कंपनियों के दिवालिया होने की खबरों के साथ यह शब्द भी आपके सामने बार-बार आया होगा. आइए, यहां हम इसका आसान शब्दों में मतलब समझते हैं.

क्या है डिस्ट्रेस्ड डेट

क्या है डिस्ट्रेस्ड डेट

डिस्ट्रेस्ड डेट का आशय ऐसी कंपनी के बॉन्ड या कर्ज से है जो दिवालिया हो चुकी है या इसकी कगार पर है. इन कंपनियों पर कर्ज का भार इतना ज्यादा हो जाता है कि इनके लिए अपना कामकाज जारी रखना मुश्किल हो जाता है. बिजनेस फेल हो जाने की यह मुख्य वजह होती है.

खरीदने में होता है जोखिम

खरीदने में होता है जोखिम

डिस्ट्रेस्ड डेट को काफी डिस्काउंट के साथ खरीदा जा सकता है. कारण है कि इनके मूल्यहीन या बेकार हो जाने का जोखिम होता है. कुछ निवेशकों को डिस्ट्रेस्ड एसेट खरीदने में महारत होती है. ये कंपनी पर नियंत्रण पाने के मकसद से उसके डिस्ट्रेस्ड एसेट को तब खरीदते हैं जब वह दिवालिया प्रक्रिया में प्रवेश कर जाती है.

निवेशक क्यों लगाते हैं दांव

निवेशक क्यों लगाते हैं दांव

जब हेज फंड जैसे निवेशक कंपनी के डिस्ट्रेस्ड डेट को खरीदते हैं तो उनके हाथों में कंपनी के बिजनेस का काफी हद तक कंट्रोल चला जाता है. दरअसल, जब कंपनी अपने डिस्ट्रेस्ड डेट को बेचती है तो वह उसे खरीदने वाले की देनदार बन जाती है. कंपनी अगर इस देनदारी को अदा नहीं कर पाती है तो उसे इस कर्ज को खरीदने वाले निवेशकों को कंपनी का कंट्रोल देना पड़ सकता है.

कैसे होता है निवेशकों को मुनाफा

कैसे होता है निवेशकों को मुनाफा

निवेशक या संस्थान डिस्ट्रेस्ड डेट को तभी खरीदते हैं जब उन्हें यकीन हो जाता है कि कंपनी अपनी स्थिति से उबर नहीं पाएगी. इसका मतलब हुआ कि खरीदारों के पास अंत में कंपनी का कंट्रोल आ जाएगा. यह निवेशकों के लिए अपेक्षाकृत छोटा निवेश होता है. अगर कंपनी का कायाकल्प हो जाता है तो ये डेट डिस्ट्रेस्ड नहीं रह जाता है. इनका मूल्य काफी बढ़ कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? जाता है. इससे निवेशकों को खासा मुनाफा होता है.

कब डिस्ट्रेस्ड लोन खरीदने में बढ़ती है दिलचस्पी

कब डिस्ट्रेस्ड लोन खरीदने में बढ़ती है दिलचस्पी

यह हाई-यील्ड लोन मार्केट का हिस्सा है. इसकी रेटिंग 'इंवेस्टमेंट ग्रेड डेट' से नीचे होती है. अगर खरीदारों को लगता है कंपनी अपना शेयर कैसे बेचती है? कि कर्जमुक्त होने के बाद कंपनी अच्छा करेगी तो वे डिस्ट्रेस्ड डेट को खरीदने में दिलचस्पी द‍िखाते हैं. फ‍िर दिवालिया होने पर उस कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में ले लेते हैं. इसके बाद वे उस कंपनी की सूरत बदलने में जुट जाते हैं.

(इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.)

Web Title : what is 'distressed date', what is its connection to the market?
Hindi News from Economic Times, TIL Network

Dabur India: बादशाह मसाला बनेगा डाबर इंडिया के लिए गेम चेंजर, शेयर खरीदने पर होगा मुनाफा, ये है टारगेट प्राइस

ब्रोकरेज के अनुसार बादशाह मसाला के अधिग्रहण से Dabur India का रेवेन्‍यू बढ़ेगा. कंपनी में टर्नअराउंड देखने को मिल सकता है.

Dabur India: बादशाह मसाला बनेगा डाबर इंडिया के लिए गेम चेंजर, शेयर खरीदने पर होगा मुनाफा, ये है टारगेट प्राइस

FMCG कंपनी डाबर इंडिया (Dabur India) के लिए बादशाह मसाला गेम चेंजर बन सकता है.

Dabur India Stock Price: देश की दिग्‍गज FMCG कंपनी डाबर इंडिया (Dabur India) के लिए बादशाह मसाला गेम चेंजर बन सकता है. बबादशाह मसाला के जरिए इस कारोबार में उतरने से कंपनी के बिजनेस में मजबूती आने का अनुमान है. ब्रोकरेज हाउस भी डाबर इंडिया के इस कदम को पॉजिटिव बता रहे हैं. उनका मानना है कि इससे आने वाले दिनों में कंपनी को अपना रेवेन्‍यू बढ़ाने में मदद मिलेगी. ब्रोकरेज का अनुमान है कि आगे डाबर इंडिया में टर्न अराउंड देखने को मिलेगा. उन्‍होंने शेयर में भी दांव लगाने की सलाह दी है.

बता दें कि डाबर इंडिया ने मसाला ब्रॉन्‍ड कंपनी बादशाह मसाला को खरीद लिया है. अभी डाबर ने कंपनी में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है. 5 साल बाद बची 49 फीसदी हिस्‍सेदारी भी डाबर की होगी. इस कदम के साथ अब डाबर इंडिया मसालों के कारोबार में उतर रही है. बदशाह मसाला फिलहाल पिसे हुए मसालों, मिक्स मसालों और खाद्य प्रोडक्ट्स बनाकर बेचती और निर्यात करती है.

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कंपनी में टर्नअराउंड देखने को मिलेगा

ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने Dabur India में निवेश की सलाह दी है और टारगेट 645 रुपये का रखा है. करंट प्राइस 549 रुपये के लिहाज से इसमें 17 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. ब्रोकरेज ने कंपनी के EPS फोरकास्‍ट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. ब्रोकरेज का मानना है कि बादशाह मसाला के अधिग्रहण से कंपनी का रेवेन्‍यू बढ़ेगा. जहां तक कि हाल के रिजल्‍ट की बात है, कंपनी को हाई रूरल डिपेंडेंसी के चलते कुछ दबाव देखना पड़ा है. रूरल इंडिया में डिमांड रिकवरी को लेकर क्‍लेरिटी नहीं है.

ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि नियर टर्म में मटेरियल कास्‍ट को लेकर स्‍टेबिलिटी, प्राइस में बढ़ोतरी और लो बेस का फायदा मिलेगा. 4QFY23 से कंपनी की अर्निंग बेहतर होने की उम्‍मीद है. कोविड 19 के समय पर हेल्‍थकेयर प्रोडक्‍ट की बिक्री मजबूत रही थी, वहीं ओवरआल सेल्‍स ग्रोथ डबल डिजिट में है. आने वाले दिनों में कंपनी में टर्नअराउंड देखने को मिल सकता है.

कंपनी को मजबूती मिलेगी

ब्रोकरेज हाउस गोल्‍डमैन सैक्‍स ने Dabur India में निवेश की सलाह दी है और टारगेट 680 रुपये का रखा है. ब्रोकरेज का कहना है कि बादशाह मसाला के अधिग्रहण से कंपनी को मजबूती मिलेगी. वहीं हालांकि कमजोर रूरल डिमांड ग्रोथ और हेल्‍थकेयर सेग्‍मेंट में बढ़ रही प्रतियोगिता एक रिस्‍क फैक्‍टर भी है.

(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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