ध्यान में, "एक आकार-सभी फिट बैठता है" कोई भी फिट नहीं बैठता है। हम सभी के पास विश्राम, ध्यान, आराम और खुशी पाने के अपने तरीके हैं। संभव के हज़ारों रास्तों के साथ, बैलेंस आपको अपने लक्ष्यों, अपने रास्ते तक पहुँचने में मदद करता है।
बैलेंस 50 एमजी/500 एमजी टैबलेट (Balance 50 mg/500 mg Tablet)
बैलेंस 50 एमजी/500 एमजी टैबलेट (Balance 50 mg/500 mg Tablet) एक नॉन-स्टेरायडल सूजन-रोधी दवा है, जिसका उपयोग गाउट, माइग्रेन, रहूमटॉइड अर्थिरिटिस, बुखार और कुछ हद तक मांसपेशियों में ऐंठन और जोड़ों के दर्द के उपचार में दर्द निवारक के रूप में किया जाता है। यह गठिया के कारण होने वाले दर्द, सूजन और जोड़ों की जकड़न को प्रभावी रूप से दूर करने के लिए जाना जाता है।
बैलेंस 50 एमजी/500 एमजी टैबलेट (Balance 50 mg/500 mg Tablet) एक प्रिस्क्रिप्शन ड्रग है और इसके कुछ गंभीर साइड इफेक्ट्स हैं जैसे पेट दर्द, कब्ज, डायरिया, मतली और उल्टी, इन साइड इफेक्ट्स को आमतौर पर खाने के साथ लेने से बचना चाहिए। शराब का सेवन उचित नहीं है बिनेंस लैब्स क्या है क्योंकि इससे चक्कर आ सकता है और गंभीर मामलों में गैस्ट्रोइंटेस्टिनल रक्तस्राव हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए बैलेंस 50 एमजी/500 एमजी टैबलेट (Balance 50 mg/500 mg Tablet) की बिनेंस लैब्स क्या है सिफारिश नहीं की जाती है और स्तनपान के दौरान दूध से गुजरने के लिए जाना जाता है। पेप्टिक अल्सर से पीड़ित मरीजों और कोरोनरी आर्टरी बाईपास से गुजरना बिनेंस लैब्स क्या है इस दवा के लिए अनुशंसित नहीं हैं।
सबाराकनॉइड ब्रेन हेमरेज का इलाज: एंडोवैस्कुलर कोइलिंग का मरीजों को मिलेगा फायदा, जयपुर के बाद कोटा में लैब
कोटा मेडिकल कॉलेज के एमबीएस अस्पताल में एंडोवस्कुलर कोइलिंग द्वारा एन्यूरिज्म का इलाज किया गया । बारां जिले के 55 साल का मरीज 27 अक्टूबर से सिर में दर्द से परेशान था, साथ ही बीपी और टाइप 2 मधुमेह रोग से भी पीड़ित था । जिसे 29 अक्टूबर को एमबीएस अस्पताल में डॉ विजय सरदाना ने भर्ती किया था। सीटी स्कैन की जांच करवाने पर जांच में डिफ्यूज सबाराकनॉइड हेमरेज पाया गया था और सीटी एंजियोग्राफी करने पर राइट मिडिल सेरेब्रल आर्टरी के विभाजन पर एन्यूरिज्म का होना पाया गया जो कि सबाराकनॉइड हैमरेज होने का संभावित कारण था। मरीज़ का 31 अक्टूबर को एमबीएस हॉस्पिटल के न्यूरो इंटरवेंशन लैब में डायग्नोस्टिक डी एस ए किया गया था। और 10 नवंबर को एमबीएस हॉस्पिटल के न्यूरो इंटरवेंशन लैब में ही एन्यूरिज्म की कोइलिंग की गई। डॉ एसएन गौतम ने बताया कि गौरतलब है की पहले यह सुविधा महानगरों तक ही सीमित थी और सरकारी क्षेत्र में केवल जयपुर में ही उपलब्ध थी, अब एमबीएस हॉस्पिटल में न्यूरो इंटरवेंशन लैब की स्थापना के बाद से लगातार इस तरह के मरीजों की जांच एवं उपचार किया जा रहा है ।
Balance: Meditation & बिनेंस लैब्स क्या है Sleep
संतुलन आपका व्यक्तिगत ध्यान प्रशिक्षक है। प्रत्येक दिन, आप अपने ध्यान अनुभव, लक्ष्यों और प्राथमिकताओं बिनेंस लैब्स क्या है के बारे में प्रश्नों के उत्तर देंगे। हज़ारों फाइलों की ऑडियो लाइब्रेरी का उपयोग करते हुए, बैलेंस एक दैनिक ध्यान को इकट्ठा करता है जो आपके लिए एकदम सही है। जितना अधिक आप समय के साथ साझा करते हैं, आपके ध्यान उतने ही अधिक व्यक्तिगत और प्रभावी होते जाते हैं।
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जानें ध्यान की बुनियादी बातें
बैलेंस के दैनिक ध्यान 10-दिवसीय योजनाओं में आयोजित किए जाते हैं जो आपके लक्ष्यों और जरूरतों के लिए मौलिक ध्यान कौशल सिखाते हैं। आप अपने दिन में जागरूकता लाने, ध्यान भटकाने के बीच अपना ध्यान बढ़ाने, अपनी नींद में सुधार करने, चिंता को कम करने और तनाव के क्षणों में गहरी छूट पाने का तरीका जानेंगे।
Organic India Weight Balance Capsule
Organic India Weight Balance Capsule बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः मोटापा के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Organic India Weight Balance Capsule का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Organic India Weight Balance Capsule के मुख्य घटक हैं आंवला, गिलोय, भूम्यामलकी जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Organic India Weight Balance Capsule की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
- Organic India Weight Balance Capsule की सामग्री - Organic India Weight Balance Capsule Active Ingredients in Hindi
- Organic India Weight Balance Capsule के लाभ - Organic India Weight Balance Capsule Benefits in Hindi
- Organic India Weight Balance Capsule की खुराक - Organic India Weight Balance Capsule Dosage in Hindi
- Organic India Weight Balance Capsule के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स - Organic India Weight Balance Capsule Side Effects in Hindi
- Organic India Weight Balance Capsule से सम्बंधित चेतावनी - Organic India Weight Balance Capsule Related Warnings in Hindi
Organic India Weight Balance Capsule की सामग्री - Organic India Weight Balance Capsule Active Ingredients in Hindi
- तनाव के कारण शरीर पर होने वाले हानिकारक प्रभावों को कम करने वाली दवाएं।
- पेट के छाले ठीक करने के लिए उपयोगी एजेंट।
- शरीर में फैट का स्तर कम करने वाली दवाएं, जिनका प्रयोग हाई कोलेस्ट्रॉल के लिए भी किया जाता है।
- खून में ग्लूकोज़ के स्तर को कम करने वाली दवाएं जो डायबिटीज के इलाज में भी उपयोग होती हैं।
- ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्री रेडिकल्स के बीच असंतुलन पैदा होना) को कम करने वाली दवाएं।
- वो दवा जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर कार्य कर इम्यून को बेहतर करती है।
- दिल की मांसपेशियों को मजबूत व कार्यों में सुधार करने वाली दवाएं।
- वो दवा जो पेट और आंत के काम को आसान कर पाचन तंत्र को बेहतर करती है।
- शरीर में लिपिड की मात्रा को कम बिनेंस लैब्स क्या है करने के लिए और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने वाली दवाएं।
लैब में बने Artificial खून का क्लिनिकल ट्रायल
खून को लेकर वैज्ञानिकों की नई खोज किसी जादू से कम नहीं है. दुनिया में पहली बार दो लोगों को लैब में बनाया गया artificial खून चढ़ाया गया है.
हालांकि, यह लैब में तैयार हुए खून का पहला क्लिनिकल ट्रायल है, जो सफल रहा तो खून से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए संजीवनी का काम करेगा.
खासतौर पर उन लोगों के लिए काफी ज्यादा कारगार साबित होगा, जिनका ब्लड ग्रुप दुर्लभ होता है. दुर्लभ ब्लड ग्रुप वालों को आसानी से खून नहीं मिल पाता है, जिस वजह से कई बार मरीज की जान भी चली जाती है.
लैब में ऐसे बना Artificial खून
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, वैज्ञानिकों ने लैब में इस खून को बनाने में ब्लड डॉनर्स की मूल कोशिकाएं (Stem Cells) इस्तेमाल में लीं.
खून को तैयार करने के बाद पहले ट्रायल के तौर पर दो वालंटियरों को मात्र 5 से 10 एमएल खून ही चढ़ाया गया है. ट्रायल के जरिए लैब में तैयार हुई ब्लड सेल्स को लेकर जानकारियां जुटाई जाएंगी.
वैज्ञानिकों को ऐसी आशा है कि लैब में तैयार हुए ब्लड सेल्स सामान्य रेड सेल्स से ज्यादा अच्छा काम करेंगे.
पहली बार लैब में तैयार हुआ खून इंसानों में चढ़ाया गया
यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल में प्रोफेसर और एनआईएचआर ब्लड एंड ट्रांसप्लांट की डायरेक्टर एशले टोय ने इस बारे में कहा कि स्टेम सेल्स को ब्लड सेल्स में तब्दील करने की ओर यह ट्रायल एक बड़ा कदम होगा.
अभी तक कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं
वहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि जिन दो मरीजों को यह खून चढ़ाया गया है, उनका काफी ध्यान रखा जा रहा है.
अभी तक किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है. दोनों लोग पूरी तरह स्वस्थ्य हैं और अच्छा कर रहे हैं.
NHSBT से जुड़े रक्तदाताओं का खून इस रिसर्च के लिए लिया गया. खून लेने के बाद लैब में उनके खून से स्टेम सेल्स को अलग कर दिया गया.
बाद में जिन लोगों को यह खून चढ़ाया गया, वे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड केयर रिसर्च (NIHR) बायोरिसोर्स के स्वस्थ्य सदस्य हैं.
क्लिनिकल टेस्ट के लिए कम से कम चार महीनों में 10 लोगों को दो बिनेंस लैब्स क्या है बार खून चढ़ाया जाएगा. इनमें एक तरह का खून सामान्य रेड सेल्स से बना होगा और दूसरा लैब में बनाया खून होगा.
ट्रायल कामयाब हुआ तो मेडिकल साइंस के लिए होगी बड़ी उपलब्धि
अगर दुनिया का यह पहला ट्रायल कामयाब रहा तो इसका मतलब होगा कि जिन मरीजों को लंबे समय तक खून बदलने की जरूरत पड़ती है, उन्हें लैब में बने खून चढ़ाने के बाद भविष्य में कम ब्लड की जरूरत होगी.
हालांकि, अभी इस खून को आम मरीजों तक पहुंचने में थोड़ा समय लग सकता है. दरअसल, अभी इसका पहला ही क्लिनिकल ट्रायल हुआ है और अभी काफी संख्या में ट्रायल और भी किए जाएंगे, जिससे वैज्ञानिक एक निष्कर्ष तक पहुंच सकें.
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