बाजार के जानकारों के मुताबिक बीते कुछ महीनों में दुनियाभर के निवेशक यूरोपियन यूनियन के बाजारों में मंदी की आशंका के मद्देनजर अपेक्षाकृत सुरक्षित अमेरिकी बाजार में निवेश करने को तरजीह दे रहे हैं, यही कारण है कि डॉलर लगातार यूरोपियन यूनियन और एशियाई देशों की मुद्राओं की तुलना में मजबूत होता जा रहा है। अमेरिका में बढ़ रही लगातार महंगाई के कारण भी वहां के निवेशक बाहरी देशों से अपना निवेश घटा कर उसे घरेलू बाजार में डाल रहे हैं इससे डॉलर मजबूत होता जा रहा है।

Stock Market: मंदी के दौर में भी भरेगी आपकी जेब, शेयर बाजार में ऐसे करें कारोबार

Stock Market: मंदी के दौर में भी भरेगी आपकी जेब, शेयर बाजार में ऐसे करें कारोबार

पिछले कुछ तिमाही से भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ को लेकर चिंता बढ़ी है.

पिछले कुछ तिमाही से भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ को लेकर चिंता बढ़ी है. जब स्लोडाउन की स्थिति हो तो सवाल उठता है कि क्या आपको एक निवेशक होने के नाते अपनी निवेश की रणनीति क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है को बदलने की जरूरत है. असल में पिछले कुछ तिमाही से निवेशकों को इक्विटी मार्केट में निवेश करने पर नुकसान हुआ है. कई कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही है. ऐसे में यह सवाल उठना वाजिब भी है. जानते हैं कि मौजूदा स्थिति में निवेशकों को क्या करना चाहिए…..

क्या है स्लेडाउन

इन्वेस्टमेंट साइंस लिटरेचर के अनुसार स्लोडाउन का मतलब है कि पिछले सालों की तुलना में जीडीपी विकास की दर कम हो गई है. इसका मतलब है कि देश में पिछले कुछ सालों की तुलना में प्रोडक्शन और अर्निंग उस गति से नहीं बढ़ रही है. आमतौर पर 6 से 7 साल की तेजी के बाद इकोनॉमिक स्लोडाउन की स्थिति बनना सामान्य है. उदाहरण के लिए, चीनी अर्थव्यवस्था, जिसने कुछ साल पहले प्रभावशाली जीडीपी वृद्धि देखी थी. लेकिन अब वहां मंदी की स्थिति है और जीडीपी की रफ्तार पिछले 7 सालों में सबसे कम है.

जब आप अर्थव्यवस्था में मंदी का सामना कर रहे हों तो यह सवाल उठता है कि आपके निवेश का तरीका क्या होना चाहिए. आमतौर पर मंदी में बहुत से लोग अपना पूरा पैसा शेयर बाजार से निकाल लेते हैं या निकालने की सोचते हैं. पैसा बनाने के लिए शेयर बाजार में होना महत्वपूर्ण है, इसलिए बेहतर शेयरों का चुनाव कर निवेश करना जारी रखना चाहिए. निवेशकों को टेम्परेरी मंदी से चिंतित नहीं होना चाहिए.

पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई करने का समय

स्लोडाउन अपने पोर्टफोलियो का समीक्षा कर उसे डाइवर्सिफाई करने का बेहतर समय है. आपको अपना पूरा निवेश एक ही इंडस्ट्री की अलग अलग कंपनियों के शेयरों में नहीं रखना चाहिए. मसलन, किसी के पोर्टफोलियो में सिर्फ टेक या ऑटो सेक्टर के शेयर हों. क्योंकि अगर वह इंडस्ट्री किसी वजह से दबाव में आती है तो आपका निवेश डूब सकता है. ऐसे में डाइवर्सिफिकेशन जरूरी है.

पोर्टफोलियो में विविधता लाने का एक आसान तरीका है कि अलग अलग इंडस्ट्री के बेहतर कंपनियों के शेयरों में निवेश करें. ऐसे में एक इंडस्ट्री में गिरावट आती है तो दूसरे इंडस्ट्री की तेजी आपके नुकसान को बैलेंस कर सकती है. वैसे भी इस समय कई अच्छे स्टॉक गिरावट की वजह से कम कीमत पर उपलब्ध हैं. ऐसे में आपको इस गिरावट का फायदा उठाना चाहिए.

Aquarius Horoscope Today: आज का कुंभ राशिफल 30 मई: पति-पत्नी के रिश्तों में किसी बाहरी व्यक्ति के हस्तक्षेप से कड़वाहट आ सकती है

Aquarius Horoscope Today: आज का कुंभ राशिफल 30 मई: पति-पत्नी के रिश्तों में किसी बाहरी व्यक्ति के हस्तक्षेप से कड़वाहट आ सकती है

Aquarius Horoscope Daily: आपका आज का दिन कैसा रहने वाला है. कुंभ राशि के लोगों को आज के दिन क्या-क्या उपाय करने चाहिए, जिससे उनका दिन शुभ रहे. इसके अलावा वे कौन-सी बातें हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर आप आज होने वाले नुकसान से बच सकते हैं. इसके साथ ही आज आपको किन चीजों से सावधान रहना चाहिए. आज के दिन आपके लिए कौन-सा रंग, कौन-सा नंबर और कौन-सा अक्षर शुभ है, ये भी जानेंगे. आइए, जानते हैं आज क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है का कुंभ राशिफल (Aaj ka Kumbh Rashifal).

कुंभ राशिफल (Aquarius)

आज भाग्य आपके पक्ष में है. रुकावट तथा बाधाओं के बावजूद आप सभी महत्वपूर्ण कामों को निपटाने में सक्षम रहेंगे. पिछले कुछ समय से चल रहे किसी विवाद में भी स्थितियां संभल जाएंगी. मित्रों व सहयोगियों से संबंध प्रगाढ़ होंगे.

अपने बजट को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सीमित व संतुलित रखें. भूमि या वाहन के लिए अगर लोन लेने का प्लान बन रहा है तो उस पर एक बार पुनःविचार अवश्य करें. घर के किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य को लेकर चिंता रहेगी.

कार्यक्षेत्र में कोई काम रुक सकता है. किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह का भी अनुसरण करें. शेयर बाजार व तेजी मंदी से ताल्लुक रखने वाले लोग सावधानी से काम करें. विस्तार की योजना पर भी निवेश फायदेमंद रहेगा.

लव फोकस- पति-पत्नी में किसी बाहरी व्यक्ति की वजह से गलतफहमियां उत्पन्न हो सकती हैं. बेहतर होगा कि आपस में ही बैठकर समस्याओं को सुलझाएं.

Rupee vs Dollar: रुपया पहली बार 80 के पार पहुंचा, 2014 से अब तक 25 प्रतिशत टूटा

भारतीय रुपया

रुपया मंगलवार को पहली बार 80 रुपये प्रति डॉलर के मनोवैज्ञानिक आंकड़े को पार कर गया है। रुपये में पिछले क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है एक वर्ष के दौरान लगभग सात प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

मुद्रा क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है मंगलवार को अपने पिछले कारोबारी दिन की तुलना में 79.9775 से गिरकर मंगलवार को शुरूआती बाजार में 80.0175 रुपये प्रति डॉलर पर ट्रेड कर रहा है। बाजार के जानकारों के अनुसार रुपया मंगलवार को 79.85 से 80.15 के रेंज के बीच कारोबार कर सकता है।

आपको बता दें कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक दिन पहले सोमवार को ही कहा था कि भारतीय रुपये की कीमतों में दिसंबर 2014 के बाद से अब तक अमेरिकी डॉलर की तुलना में 25 प्रतिशत तक की गिरावट आ चुकी है।

विस्तार

रुपया मंगलवार को पहली बार 80 रुपये प्रति डॉलर के मनोवैज्ञानिक आंकड़े को पार कर गया है। रुपये में पिछले एक वर्ष क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है के दौरान लगभग सात प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

मुद्रा मंगलवार को अपने पिछले कारोबारी दिन की तुलना में 79.9775 से गिरकर मंगलवार को शुरूआती बाजार में 80.0175 रुपये प्रति डॉलर पर ट्रेड कर रहा है। बाजार के जानकारों के अनुसार रुपया मंगलवार को 79.85 से 80.15 के रेंज के बीच कारोबार कर सकता है।

आपको बता दें कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक दिन पहले सोमवार को ही कहा था कि भारतीय रुपये की कीमतों में दिसंबर 2014 के बाद से अब तक अमेरिकी डॉलर की तुलना में 25 प्रतिशत तक की गिरावट आ चुकी है।

वित्तमंत्री ने यह भी कहा था कि हाल के दिनों में क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है रुपये की गिरावट का कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें और रूस व यूक्रेन के बीच बीते फरवरी महीने से चल रही लड़ाई है।

वक्री हुए बुध, आपकी राशि पर प्रभाव पड़ेगा: यहां पढ़ें | JYOTISH

23 मार्च से बुध ग्रह अपनी नीच राशि मे वक्री हो रहे है साथ ही 26मार्च से वक्री अवस्था मे अस्त हो जायेंगे। बुध ग्रह विश्व व्यापार, शेयर बाजार, बाजार मे वस्तुओं की तेजी मंदी के अलावा, शिक्षा, संचार आदि के क्षेत्र मे विशेष प्रभाव रखता है। बुध ग्रह के वक्री होने से बाजार की चाल मे परिवर्तन होता है, आइये देखते है अपनी नीच राशि मीन मे बुध ग्रह का वक्री तथा अस्त होना विश्व तथा भारतीय व्यापार और सभी राशियों के लिये क्या परिणाम देने वाला है।

इस प्रकार की तेजी मंदी से बचने के लिये 23 मार्च के क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है आसपास कोई सौदा न करे 26 तारीख के बाद ही देख समझकर निर्णय ले तो लाभ होगा।

शिक्षा,परीक्षा,प्रतियोगी परीक्षा आदि के विद्यार्थी भी इस समय पर बारीकी से नज़र रखे,क्योंकि 23से 26 के बीच आपको विशेष परिवर्तन देखने को मिलेगा।

वृद्धि कारक तकनीक

हाल के अग्रिमों में प्लेटलेट-व्युत्पन्न वृद्धि कारक (पीडीजीएफ) की शुरूआत देखी गई है जो अस्थि भ्रष्टाचार सामग्री को प्रभावित करती है। इस सामग्री को आमतौर पर क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है सेलुलर मैट्रिक्स के साथ जोड़कर एक नरम हड्डी का पेस्ट बनाया जाता है जिसे बाद में एलोग्राफ़्ट द्वारा कवर किया जाता है । इस प्रकार की हड्डी और ऊतक सेलुलर मैट्रिक्स (जिसे ऑर्थो फिलर के रूप में भी जाना जाता है) के विकास के परिणामस्वरूप रोगी की स्वस्थ हड्डी और कोमल ऊतक के साथ अधिक से अधिक ऑसियोइंटीग्रेशन होता है।

ऐसी प्रक्रियाओं से उपचार के लिए 2-4 सप्ताह की आवश्यकता होती है। कुछ महीनों के बाद परिणामों का मूल्यांकन किया जा सकता है और कुछ मामलों में इष्टतम परिणाम प्राप्त करने के लिए नए ऊतक को एक बहुत ही मामूली प्रक्रिया में फिर से आकार देने की आवश्यकता होती है। ऐसे मामलों क्या बाहरी दिन तेजी या मंदी का दिन है में जहां मंदी के साथ पीरियोडोंटल हड्डी का नुकसान नहीं होता है, मंदी क्षेत्र का पूर्ण या निकट पूर्ण कवरेज प्राप्त करने योग्य है [ उद्धरण वांछित ] ।

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