SIP क्या हैं?
सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्यूच्यूअल फंड्स द्वारा प्रस्तावित एक ऐसा निवेश का जरिया है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति एक निर्धारित रकम, नियमित अंतराल में म्यूच्यूअल फंड्स के इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? किसी स्कीम में – जैसे मासिक या त्रैमासिक, बजाय एक मुश्त रकम की अदायगी के, निवेश कर सकता है| यह किश्त ५०० रुपये प्रति माह की मामूली रकम भी हो सकती है जो बहुत कुछ रेकरिंग डिपाजिट (आवर्ती जमा) से मिलती-जुलती है| ये इसलिए भी आसान है क्योंकि आप अपने बैंक को ये स्थाई अनुदेश दे सकते हैं कि आपके खाते से ये रकम हर माह डेबिट (निकासी) होता रहे|
SIP भारतीय म्यूच्यूअल फंड्स निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय हो चला है, इसलिए कि ये निवेशक को बाज़ारों के उथल-पुथल और समय गणना की चिंता से अलग रख एक अनुशाशित तरीके से निवेश में सहायता करता है| लम्बी अवधि के निवेश के लिए म्यूच्यूअल फंड्स द्वारा प्रस्तावित SIP निवेश की दुनिया में क़दम इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? रखने का यकीनन सबसे बढ़िया रास्ता हैं|
निवेश से सर्वाधिक और श्रेष्ठ प्राप्ति के लिए, बेहद ज़रूरी है लम्बी अवधि के लिए निवेश हो, जिसका सीधा अर्थ यह कि आप जल्द से जल्द निवेश आरम्भ करें ताकि आपके लक्ष्य लाभ अधिकतम हों|
Mutual Funds SIP: एसआईपी में पहली बार करने जा रहे हैं निवेश? बेहतर रिटर्न के लिए इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान
SIP Mutual Fund: Article Body- Systematic Investment Plan (SIP) Investment: SIP के तहत, आप अपनी इनकम और फाइनेंशियल गोल्स के आधार पर निश्चित अवधि जैसे हर हफ्ते, महीने, तिमाही या छमाही में एक निश्चित राशि निवेश कर सकते हैं.
इन्वेस्टमेंट जर्नी शुरू करने के लिए म्यूचुअल फंड सबसे अच्छे निवेश विकल्पों में से एक है.
Systematic Investment Plan (SIP): इन्वेस्टमेंट जर्नी शुरू करने के लिए म्यूचुअल फंड सबसे अच्छे निवेश विकल्पों में से एक है. इसमें आप या तो एकमुश्त निवेश कर सकते हैं या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) चुन सकते हैं. SIP में आप नियमित अंतराल में एक निश्चित राशि निवेश कर सकते हैं. पहली बार निवेश करने वालों के लिए SIP सबसे अच्छा विकल्प है. इसमें आप कम जोखिम के साथ ज्यादा रिटर्न हासिल कर सकते हैं. आप अपनी इनकम और फाइनेंशियल गोल्स के आधार पर निश्चित अवधि जैसे हर हफ्ते, महीने, तिमाही या छमाही में एक निश्चित राशि का निवेश कर सकते हैं.
पहली बार निवेश करने वाले निवेशक अक्सर म्यूचुअल फंड में बड़ी रकम जमा करने से हिचकिचाते हैं, लेकिन SIP में निवेश के लिए बड़ी राशि की जरूरत नहीं होती है, आप 500 रुपये से कम से एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं. अपने वित्तीय लक्ष्यों को निर्धारित करके अपने निवेश की सावधानीपूर्वक योजना बनाएं. पहली बार SIP में निवेश करते समय इन पांच बातों का ध्यान जरूर रखें.
अपने इन्वेस्टमेंट गोल्स को पहचानें
अपना निवेश शुरू करने के लिए आपके पास शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों तरह का लक्ष्य होना चाहिए. एसआईपी शुरू करने से पहले इस निवेश के जरिए हासिल किए जाने वाले लक्ष्य को समझना जरूरी है. यह आसान कदम आपको यह तय करने में मदद करेगा कि आप कितनी राशि कितने समय तक के लिए निवेश करना चाहते हैं. आपके पास अलग-अलग वित्तीय लक्ष्य हो सकते हैं जैसे कि कार खरीदना, घर खरीदना, बच्चे की शिक्षा, शादी आदि. इसलिए एक SIP आपके सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है. फाइनेंशियल गोल्स की संख्या के आधार पर आप इनमें से प्रत्येक लक्ष्य को पूरा करने के लिए कई एसआईपी में निवेश कर सकते हैं.
महंगाई के आधार पर करें निवेश
निवेश के जरूरी नियमों में से एक निवेश करते समय महंगाई को ध्यान में रखना है. एसआईपी चुनते समय आपको मौजूदा और भविष्य की मुद्रास्फीति को ध्यान में रखना चाहिए. हो सकता है कि आप अभी निवेश कर रहे हों, लेकिन आपके भविष्य के लक्ष्य बदल सकते हैं और आपकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अधिक राशि की जरूरत पड़ सकती है. यह अक्सर देखा जाता है कि लोगों को कई निवेशों के बावजूद पैसे कम पड़ जाते हैं क्योंकि वे मुद्रास्फीति को ध्यान में नहीं रखते. यह सलाह दी जाती है कि निवेश अवधि में अनुमानित मुद्रास्फीति को देखते हुए आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों के लिए फंड तय करना चाहिए और उसी के अनुसार एसआईपी राशि तय करनी चाहिए.
सावधानी से चुनें इन्वेस्टमेंट स्कीम
म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए बाजार विकल्पों से भरा है. आप इक्विटी फंड, डेट फंड या हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकते हैं. जोखिम लेने की क्षमता, रिटर्न की उम्मीदों और आपके वित्तीय लक्ष्य के आधार पर म्यूचुअल फंड स्कीम चुन सकते हैं. उदाहरण के लिए, अगर आपकी जोखिम उठाने की क्षमता अधिक है और आप उच्च रिटर्न की उम्मीद करते हैं और लंबी अवधि के निवेश करना चाहते हैं, तो आप इक्विटी एसेट क्लास का विकल्प चुन सकते हैं. कम जोखिम वाले निवेशक डेट फंड में निवेश कर सकते हैं. औसत रिटर्न की तलाश में मध्यम जोखिम लेने वाले निवेशक हाइब्रिड फंड का विकल्प चुन सकते हैं.
डायवर्सिफिकेशन जरूरी
अपने निवेश में विविधता लाना एक अच्छी निवेश रणनीति है. जैसा कि पहले भी कहा गया है कि आपको अपनी जोखिम उठाने की क्षमता और रिटर्न की उम्मीदों के अनुसार निवेश करना चाहिए. उम्र, वित्तीय जिम्मेदारियां, निवेश की अवधि, आय, देनदारी जैसी चीजें निवेशक की जोखिम उठाने की क्षमता को प्रभावित करते हैं. डायवर्सिफिकेशन जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है. डायवर्सिफिकेशन के लिए, आपको अलग-अलग एसेट क्लास, स्कीम और म्यूचुअल फंड कंपनियों में निवेश करना चाहिए.
SIP इन्वेस्टमेंट को चेक करते रहें
निवेश का मतलब यह नहीं है कि आप अपना पैसा कुछ प्रोडक्ट्स में लगा दें और इसे भूल जाएं. आपको नियमित अंतराल पर अपने निवेश प्रदर्शन पर नज़र रखनी चाहिए. कई बार आपका निवेश उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करता है. यह इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? गलत स्कीम या मार्केट में नेगेटिव सेंटीमेंट के कारण हो सकता है. अगर आप नियमित रूप से अपने फंड के प्रदर्शन को चेक इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? कर रहे हैं, तो उम्मीद के मुताबिक रिटर्न हासिल करने के लिए आप जरूरी कदम उठा सकते हैं. आप खराब प्रदर्शन करने वाली स्कीम को हटा सकते हैं और निवेश को किसी अन्य फंड में स्विच कर सकते हैं. जितना अधिक समय तक आप एसआईपी के माध्यम से निवेश करते हैं, उतना ही अधिक रिटर्न अर्जित करने की संभावना बेहतर होती है.
SIP में है बड़े-बड़े गुण, बना सकते हैं करोड़ों का फंड, जानें इसके फायदे
एसआईपी का फायदा यह रहता है कि निवेशक को एकमुश्त रकम जमा नहीं करनी पड़ती.
एसआईपी की मदद से एक आम व्यक्ति भी नियमित रूप से म्यूचुअल फंड निवेश कर सकता है. इसमें निवेश के लिए बड़ी रकम की जरूरत नही . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? May 29, 2022, 14:06 IST
Systematic Investment Plan: स्टॉक मार्केट के तमाम उतार-चढ़ाव के बाद भी म्यूचुअल फंड लगातार पॉपुलर हो रहे हैं. लंबे समय के लिए निवेश के लिए म्यूचुअल फंड निवेशकों को कभी निराश नहीं करते. म्यूचुअल फंड में आप एकमुश्त या फिर किस्तों में पैसा निवेश कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश में पूरी तरह पारदर्शिता रहता है. फंड हाउस के मैनेजर आपका पैसा अलग-अलग स्टॉक में निवेश करते हैं. कितना पैसा किस स्टॉक में लगा रहा है, इसकी पूरी जानकारी आप ऑनलाइन देख सकते हैं.
सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी सिप (Systematic Investment Plan- SIP) के माध्यम से आप किस्तों में पैसा निवेश कर सकते हैं. एसआईपी का फायदा यह रहता है कि निवेशक को एकमुश्त रकम जमा नहीं करनी पड़ती. वह अपनी सुविधा और इनकम के हिसाब से निवेश कर सकता है. एसआईपी की मदद से समाज के हर वर्ग को निवेश करने की सहूलियत दी है. आप इसमें 100 रुपये भी निवेश कर सकते हैं. नए निवेशकों के लिए सिप बहुत ही फायदेमंद होता है.
सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के फायदे
सिप के कई फायदे हैं. इसके माध्यम से लंबे समय के लिए निवेश किया जाता है. लंबे समय के निवेश पर आपको कम्पाउंडिंग का फायदा मिलता है. सिप से आप म्यूचुअल फंड में महज 100 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? हैं. सिप की मदद से आप छोटी-छोटी रकम से भी लंबे समय में बड़ा फंड इकट्ठा कर सकते हैं. जो निवेशक मार्केट में ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहता वह एसआईपी से कम जोखिम पर निवेश कर सकता है.
एसआईपी की मदद से एक आम व्यक्ति भी नियमित रूप से म्यूचुअल फंड निवेश कर सकता है. इसमें निवेश के लिए बड़ी रकम की जरूरत नहीं पड़ती है. आप बाजार की चाल के अनुसार अपने निवेश को कम या ज्यादा कर सकते हैं.
सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के द्वारा अनुशासित निवेश को प्रोत्साहित किया जाता हैं. इनमे लचीलापन होता है. निवेशक किसी भी समय निवेश रोक सकते हैं या निवेश की मात्रा को बढ़ा या घटा सकता है. जिन लोगों को बाजार की कम जानकारी है, इनके लिए एसआईपी एक अच्छा विकल्प है.
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SIP में निवेश क्यों करना चाहिए, ये 4 फायदे जानने के बाद सब कुछ क्लीयर हो जाएगा!
ज्यादातर एक्सपर्ट मानते हैं कि SIP से कम समय में ज्यादा पैसा बनाया जा सकता है. हालांकि आपके मन में ये सवाल जरूर आता होगा कि आखिर SIP से मोटा पैसा कैसे बन जाता है और इसमें क्यों निवेश करना चाहिए?
SIP में निवेश क्यों करना चाहिए, ये 4 फायदे जानने के बाद सब कुछ क्लीयर हो जाएगा ! (Zee News)
आजकल SIP (Systematic Investment Plan) को लेकर क्रेज काफी बढ़ रहा है. अगर आप किसी से निवेश के मामले में सलाह लेंगे तो आपको एसआईपी में निवेश करने के लिए जरूर कहा जाएगा. दरअसल SIP के जरिए आप किसी भी तरह के म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं और मोटी रकम जुटा सकते हैं. अच्छी बात ये है कि SIP को आप 500 रुपए से भी शुरू कर सकते हैं. ज्यादातर एक्सपर्ट मानते हैं कि SIP से कम समय में ज्यादा पैसा बनाया जा सकता है. हालांकि आपके मन में ये सवाल जरूर आता होगा कि आखिर SIP से मोटा पैसा कैसे बन जाता है और इसमें क्यों निवेश करना चाहिए? आइए आपको बताते हैं इन सवालों के जवाब.
समझिए कैसे बड़ी पूंजी कम समय में होती है तैयार
जब आप किसी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? निवेश करते हैं तो आपको कुछ यूनिट्स अलॉट किए जाते हैं. उदाहरण से समझिए कि किसी एक म्यूचुअल फंड का NAV यानी Net Asset Value अगर 20 रुपए है और आपने उस म्युचुअल फंड में 1000 रुपए का निवेश किया, तो आपको 50 यूनिट्स अलॉट हो जाएंगे. अब जैसे-जैसे म्यूचुअल फंड की NAV बढ़ेगी, वैसे-वैसे आपका निवेश किया हुआ पैसा भी बढ़ेगा. अगर म्यूचुअल फंड की NAV 35 रुपए की हो जाती है, इन्वेस्टमेंट प्लान्स क्या है? तो आपके 50 यूनिट्स की कीमत बढ़कर 1750 रुपए हो जाएगी. इस तरह SIP के जरिए कम समय में ज्यादा पूंजी तैयार की जा सकती है.
बाजार की उठापटक में SIP निवेशक क्या करें? दमदार रिटर्न के लिए किन फंड्स के साथ एंट्री करना बेहतर, जानें एक्सपर्ट की राय
SIP Investment Strategy: AMFI की ओर से जारी सितंबर महीने के आंकड़ों के मुताबिक, सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) निवेश बढ़कर रिकॉर्ड 12,976 करोड़ रुपये हो गया. अगस्त के महीने में यह आंकड़ा 12,693 करोड़ रुपये था.
AMFI की ओर से जारी सितंबर महीने के आंकड़ों के मुताबिक SIP निवेश बढ़कर रिकॉर्ड 12,976 करोड़ रुपये हो गया.
SIP Investment Strategy: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद म्यूचुअल फंड निवेशकों का भरोसा मजबूत बना हुआ है. खासकर, SIP निवेशक बाजार में लगातार बुलिश बने हुए हैं. AMFI की ओर से जारी सितंबर 2022 के डेटा के मुताबिक, पिछले महीने सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश बढ़कर रिकॉर्ड 12976 करोड़ रुपये हो गया. बाजार में हलचल के बावजूद SIP इनफ्लो के दम पर सितंबर में इक्विटी म्यूचुअल फंड में 14,077 करोड़ का निवेश आया. बढ़ती ब्याज दरों और ग्लोबल सेंटीमेंट्स के चलते आगे भी बाजार में उठपटक बने रहने की उम्मीद है. ऐसे में एक अहम सवाल है कि SIP निवेशकों को आगे कैसी स्ट्रैटजी बनानी चाहिए. वहीं, अगर नए निवेशक म्यूचुअल फंड्स में एंट्री करना चाहते हैं, उन्हें किन स्कीम्स के साथ कदम करना चाहिए.
एडलवाइज एसेट मैनेजमेंट कंपनी (EAML) के हेड (सेल्स) दीपक जैन का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा है. इसके साथ हमारी कंपनियां की परफॉर्मेंस भी बेहतर है और इसलिए लंबी अवधि में घरेलू इक्विटी में मजबूत रिटर्न मिल सकता है. उनका कहना है, ''SIP निवेशकों के लिए मेरा सुझाव होगा कि अगर उनका नजरिया 10 साल से ज्यादा का है, तो उन्हें मिडकैप फंड में निवेश करना चाहिए. वहीं, अगर उनका नजरिए 5-10 साल का है, तो लॉर्ज एंड मिडकैप फंड्स बेहतर ऑप्शन हो सकते हैं. इसके अलावा, एकमुश्त निवेश करने वाले एग्रेसिव हाइब्रिड या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स में पैसा लगा सकते हैं.''
एसोसिएशन ऑफ रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स (ARIA) के वाइस-चेयरमैन विशाल धवन का कहना है, बाजार के इस उतार-चढ़ाव दौर अगर नए निवेशक म्यूचुअल फंड में एंट्री करना चाहते हैं, तो वे बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स जैसी कैटेगरी के साथ जा सकते हैं. हालांकि उन्हें इनमें अच्छे लॉन्ग टर्म ट्रैक रिकॉर्ड वाले फंड्स को देखना चाहिए. इसके अलावा, रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा लेने के लिए SIP/ STP के जरिए घरेलू और इंटरनेशनल इंडेक्स फंड्स भी अच्छे ऑप्शन हो सकते है.
धवन का कहना है, बाजार में उठापटक के बावजूद SIP निवेशकों को घरेलू और इंटरनेशनल फंड्स दोनों में अपनी SIPs जारी रखनी चाहिए. मार्केट में उतार-चढ़ाव के चलते एसआईपी नहीं करनी चाहिए. क्योंकि मार्केट में अस्थिरता से ही SIP का फायदा निकलता है. साथ ही साथ मार्केट में ऊपरी स्तरों से गिरावट आने पर ज्यादा यूनिट खरीदनी चाहिए.
SIP: रिकॉर्ड इनफ्लो
AMFI की ओर से जारी सितंबर महीने के आंकड़ों के मुताबिक, सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) निवेश बढ़कर रिकॉर्ड 12,976 करोड़ रुपये हो गया. अगस्त के महीने में यह आंकड़ा 12,693 करोड़ रुपये था. एसआईपी इनफ्लो के चलते इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश में उछाल आया. सितंबर महीने में कुल इक्विटी इन्फ्लो 14,077 करोड़ रुपये रहा. अगस्त में यह आंकड़ा 5942 करोड़ रहा था. मंथली आधार पर इसमें 137 फीसदी का उछाल आया है.
AMFI के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर महीने में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का टोटल असेट अंडर मैनेजमेंट 38.42 लाख करोड़ रुपये रहा. इसमें गिरावट दर्ज की गई है. अगस्त के महीने में यह 39.33 लाख करोड़ रहा था. सितंबर महीने में सेक्टोरल फंड्स में सबसे ज्यादा निवेश आया. इस सेगमेंट में कुल 4418 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ. फ्लेक्सी कैप फंड्स में 2401 करोड़ और मिडकैप फंड्स में 2151 करोड़ का निवेश आया. ETF में इनफ्लो बढ़कर 10,808 करोड़ रुपये हो गया, जो अगस्त में 7416 करोड़ था.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश संबंधी सलाह एक्सपर्ट द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं है. म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें)
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