रिटेल संस्करण का आधिकारिक लांच
भारतीय रिज़र्व बैंक पिछले कुछ समय से अपनी वर्चुअल या डिजिटल मुद्रा पर काम कर रहा था और पहली दिसंबर को इसके रिटेल संस्करण का आधिकारिक लांच किया गया है। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) के रूप में जानी जाने वाली इस मुद्रा का चुनिंदा ग्राहकों और रिटेल विके्रताओं /व्यापारियों के साथ परीक्षण किया जा रहा है। आरबीआई डिजिटल रुपी क्या है और कैसे काम करेगा आरबीआई द्वारा डिजिटल रुपए की पहल काफी दिलचस्प है और इसका सफल कार्यान्वयन हमारे पैसे के इस्तेमाल के तरीके में बदलाव ला सकता है।
लेखक : करुणेश देव
भारत के डिजिटल रुपी या ई-रुपी के बारे में कुछ प्रमुख बातें समझते हैं:
1. यह हमारे केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल टोकन के जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें रूप में जारी की जाने वाली आधिकारिक, कानूनी मुद्रा हैए जिसे सीबीडीसीए डिजिटल रुपी या ई-रुपी के रूप में जाना जाता है।
2. यह संप्रभु/सरकार समर्थित मुद्रा का इलेक्ट्रॉनिक रूप है। यह मौजूदा सिक्कों और रुपए के करेंसी नोटों के मूल्यवर्ग के समान होगा।
3. सीबीडीसी के माध्यम से किया गया भुगतान अंतिम होगा और आगे किसी लेनदेन या निपटान की आवश्यकता नहीं होगी।
4. इस डिजिटल रुपये को बैंकों (भाग लेने वाले और जारी करने वाले) द्वारा पेश किए गए डिजिटल वॉलेट के माध्यम से मोबाइल फोन पर संग्रहीत किया जा सकता है।
5. इसके माध्यम से दो पक्षों के बीच लेनदेन की अनुमति होगी। पर्सन टू पर्सन और पर्सन टू मर्चेंट के रूप में मर्चेंट आउटलेट्स पर क्यूआर कोड के जरिए मर्चेंट ट्रांजेक्शन पूरे किए जा सकते हैं।
6. इसे आरबीआई द्वारा जारी और भुनाया जाएगा और बैंकों द्वारा वितरित और प्रबंधित किया जाएगा। डिजिटल करेंसी रखने के लिए बैंक खाता होना जरूरी नहीं होगा।
7. यह निजी डिजिटल मुद्राओं से जुड़ी अस्थिरता के बिना जोखिम मुक्त डिजिटल मुद्रा होगी।
कुछ बैंक जो आरबीआई के जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें डिजिटल रुपी पायलट में भाग ले रहे हैं:
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फस्र्ट बैंक। पायलट के पहले चरण में ये बैंक चार प्रमुख शहरों अर्थात् नई दिल्ली, मुंबई, भुवनेश्वर और बेंगलूरु को कवर करेंगे। दूसरे चरण में, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और कोटक महिंद्रा बैंक अहमदाबाद, गुवाहाटी, गंगटोक, पटना, शिमला, हैदराबाद, लखनऊ, कोच्चि और इंदौर में पायलट रोलआउट के लिए भागीदार होंगे।
डिजिटल मुद्रा के प्रकार: दो प्रकार के डिजिटल रुपए जारी किए जाएंगे: रिटेल-सीबीडीसी आम जनता, उपभोक्ताओं, निजी क्षेत्र और व्यवसायों द्वारा उपयोग की जाने वाली सामान्य डिजिटल मुद्रा होगी।
होलसेल सीबीडीसी: होलसेल सीबीडीसी को सीमित और प्रतिबंधित पहुंच के साथ जारी किया जाएगा, जिसका उपयोग बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा थोक बैंकिंग लेनदेन और इंटरबैंक ट्रांसफर के लिए
किया जाएगा।
आरबीआई द्वारा इसके डिजिटल मुद्रा लांच के लिए दिए गए प्राथमिक कारण हैं:
1. डिजिटल मुद्राओं जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें की बढ़ती मांग को पूरा करना, जैसा कि निजी डिजिटल मुद्राओं के तेजी से बढ़ते उपयोग से स्पष्ट है।
2. देश में मुद्रा के नए युग के इलेक्ट्रॉनिक रूप को लोकप्रिय बनाना क्योंकि अधिक से अधिक लोग नकद मुद्रा से दूर हो रहे हैं।
3. मुद्रा जारी करना आसान, कुशल और सुरक्षित बनाना। इस प्रक्रिया में उम्मीद की जाती है कि मुद्रा जारी करने की लागत में भी कमी आएगी।
चलते-चलते
वर्ष 2021 में आरबीआई ने कहा था कि अधिकांश देशों के केंद्रीय बैंकों ने समझा है कि डिजिटल आगे बढऩे का रास्ता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने इसमें बढ़त ली है और यह कुछ प्रमुख केंद्रीय बैंकों में से एक है जो पायलट चरण में पहुंच गया है। इससे बैंकिंग के पारंपरिक रूप से संचालन के तरीके में डिजिटल परिवर्तन का एक नया युग सुनिश्चित होगा। रिटेल पेमेंट जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें तंत्र को भी आवश्यक डिजिटल बढ़ावा मिलेगा,जिससे ग्राहक के साथ-साथ व्यापारी को भी लाभ होगा।
नोट : यहां दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य जानें डिजिटल करेंसी की 6 प्रमुख बातें से दी गई है। किसी भी निवेश से पहले उसकी पूरी जानकारी अवश्य लें।
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