FD, SIP, Crypto या Gold में कौन महिलाओं के लिए सबसे बेहतर निवेश विकल्प, जानिए यहां
Best Investment Option: हर व्यक्ति के जीवन में सही निवेश (Best Investment) करना एक अहम योगदान रखता है। कहा जाता है कि अगर व्यक्ति के बैंक अकाउंट (Bank क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है Account) में पैसा होता है तो वह बड़ी समस्या का भी आसानी से समाधान निकाल लेता है। यही बात महिलाओं के लिए भी लागू होती है।
Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: September 20, 2022 12:37 IST
Photo:INDIA TV FD, SIP, Crypto या Gold में कौन महिलाओं के सबसे बेहतर
Best Investment Option: हर व्यक्ति के जीवन में सही निवेश (Best Investment) करना एक अहम योगदान रखता है। सही निवेश ही आपको भविष्य में आने वाली परेशानियों में एक मजबूत इंसान बने रहने में मदद करता है। कहा जाता है कि अगर व्यक्ति के बैंक अकाउंट (Bank Account) में पैसा होता है तो वह बड़ी समस्या का भी आसानी से समाधान निकाल लेता है। यही बात महिलाओं के लिए भी लागू होती है। निवेश का सही विकल्प व्यक्ति के जीवन भर की कमाई (Lifetime Income) का एक उचित रिटर्न प्रदान करता है। हालांकि, निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प सेलेक्ट करना हमेशा भ्रमित करने वाला होता है। इसके लिए एक अच्छे विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है।
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महिलाओं की बढ़ रही भागीदारी
आमतौर पर ज्यादातर महिलाएं उस तरह का निवेश चुनना पसंद करती हैं, जिसमें रिस्क कम और अच्छा रिटर्न मिलने की गारंटी होती है। अगर हम पिछले जेनेरेशन की बात करें तब उस तरह के निवेश एक बेहतर ऑप्शन थे जहां आप एक निर्धारित पूंजी को तय रिटर्न रेट के मुताबिक इन्वेस्ट कर दिया करते थे। आज के परिपेक्ष्य में यह बात पुरानी लगती है। इस समय निवेश के कई सारे ऑप्शन आ गए हैं, जिसे नई जेनेरेशन की महिलाओं द्वारा अपनाया भी जा रहा है। फाइनेंस मार्केट को आमतौर पर मेल-ड्रिवेन माना जाता है लेकिन अब उसमें महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। आज के निवेश मार्केट में महिलाओं के निवेश करने के लिए इक्विटी और एसआईपी से लेकर ईटीएफ और यहां तक कि पुरानी एफडी तक निवेश विकल्पों का एक विशाल अवसर है, जहां थोड़े से जोखिम के साथ अच्छा रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में निवेश जोखिम कम करने वाला एक प्रभावी तरीका हो सकता क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और FD लंबी अवधि के नजरिए से वित्तीय स्थिरता हासिल करने के लिए अच्छे विकल्प हैं।
बिना जोखिम के FD में निवेश बेहतर
15 महीने के लिए 2 करोड़ रुपये से कम की FD पर RBL बैंक सामान्य वर्ग को 7% और वरिष्ठ नागरिकों को 7.5% की ब्याज दर प्रदान करता है। वहीं एसबीआई 5-10 साल की FD पर सामान्य वर्ग के लिए 5.65% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 6.45% का इंटरेस्ट रेट ऑफर कर रहा है। आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक की उच्चतम दर 3-5 साल के कार्यकाल पर सामान्य नागरिकों के लिए 6.10% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 6.60% की दर से ब्याज दर दे क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है रहा है।
अन्य बैंको का क्या है हाल?
श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस में अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट करते हैं तो आपको मोटा रिटर्न मिल सकता है। बैंक आम जनता के लिए क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है 8.25% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 8.75% की अधिकतम ब्याज दर ऑफर कर रही है। यह ऑफर 60 महीनों के लिए डिपॉजिट करने पर दी जा रही क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है है। उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक ने हाल ही में 12 अगस्त 2022 को ₹2 करोड़ से कम की FD पर ब्याज दरों में बदलाव किया था। बैंक अब आम नागरिक के लिए 7.50% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 8.25% की अधिकतम ब्याज दर दे रही है, जो 5 साल के डिपॉजिट पर मिल रहा है। इंडसइंड बैंक की उच्चतम दर 61 महीने से कम यानि 1 वर्ष 6 महीने के FD पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7.50% है, जबकि इन कार्यकालों पर सामान्य वर्ग के लिए दर 6.75% है।
पीपीएफ अकाउंट में निवेश टैक्स दायरे से बाहर
पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट (PPF) एक सरकार समर्थित छोटी बचत योजना है, जिसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम ₹500 से अधिकतम ₹1.50 लाख का निवेश होता है। पीपीएफ 7.1% की ब्याज दर प्रदान करता है। इस योजना में अर्जित ब्याज आयकर अधिनियम के तहत कर मुक्त है। इस अकाउंट में आप अगले 15 सालों तक के लिए निवेश कर सकते हैं। बता दें, एफडी और पीपीएफ दोनों खातों पर आईटी अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की कर छूट का लाभ मिलता है।
Crypto में निवेश करना कितना सही
क्रिप्टो को लेकर भारत में अभी भी तस्वीर साफ नहीं हुई है। भारत सरकार के तरफ से इसको लेकर कोई नियम अभी तक नहीं बनाया गया है। विशेषज्ञ का मानना है कि अगर आप छोटे निवेशक हैं तो क्रिप्टो में निवेश ना करें। क्योंकि इसमें नुकसान होने की संभावना काफी अधिक है।
गोल्ड में निवेश करने वालों की हमेशा रहती है चांदी
निवेशक सोने (Gold) को सबसे भरोसेमंद निवेश मानते हैं। अब त्योहार का सीजन शुरु हो गया है। ऐसे में भारतीय महिलाएं अधिक मात्रा में सोने की खरीददारी करती हैं। अभी दुर्गापूजा आने वाला है। अगर आप उससे पहले सोना खरीदना चाहते हैं तो ये सही समय है। भारतीय बाजार (Indian Market) में आज 10 ग्राम 24 Carat Gold की कीमत 110 रुपये की उछाल के बाद 50,130 रुपये हो गई है।
80 रुपए का हुआ एक डॉलर, जानिए आप पर क्या पड़ेगा असर
बिजनेस डेस्कः कई हफ्तों से लगातार गिर रहा रुपया आज डॉलर के मुकाबले 80 रुपए के स्तर पर पहुंच गया। ये पहली बार है जब रुपया इतना नीचे गिरा है। अगर बात सिर्फ इस साल की करें तो आज की तारीख तक रुपए में करीब 7 फीसदी की तगड़ी गिरावट देखने को मिली है। आइए जानते हैं रुपए में गिरावट का आम आदमी पर और देश की अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर।
आम आदमी पर होगा क्या असर?
रुपए की गिरावट का आम आदमी पर सीधा असर देखने को मिलेगा। आम आदमी के लिए वह हर चीज महंगी हो जाएगी जो विदेशों से आयात की जाती है। सबसे बड़ा असर पेट्रोल-डीजल पर देखने को मिल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कच्चे तेल का आयात करने में भुगतान डॉलर में करना होता है। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी से ज्यादा कच्चा तेल आयात करता है। हाल ही में खबर आई थी कि कच्चा तेल गिरकर 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है, जिससे पेट्रोल-डीजल सस्ते हो सकते हैं। हालांकि, रुपया इतना नीचे गिर जाने के चलते राहत की उम्मीद टूटती नजर क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है आ रही है। इसके अलावा विदेशों से आयात किए जाने वाले खाने के तेल महंगे हो सकते हैं। सोने का दाम एक बार फिर से तेजी से बढ़ना शुरू क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है हो सकता है।
आयातकों को नुकसान, निर्यातकों को फायदा
रुपए में गिरावट का असर सबसे अधिक आयातकों और निर्यातकों पर देखने को मिलेगा। रुपए में गिरावट की वजह से आयात महंगा हो जाएगा, क्योंकि हमें कीमत डॉलर में चुकानी होती है। ऐसे में पहले 1 डॉलर के लिए जहां 74-75 रुपए चुकाने होते थे, वहीं अब 80 रुपए चुकाने पड़ेंगे। वहीं इसका उल्टा निर्यातकों को रुपए में गिरावट का फायदा होगा, क्योंकि हमें भुगतान डॉलर में होता है और अब एक डॉलर की कीमत रुपए के मुकाबले बढ़ चुकी है।
मसलन सॉफ्टवेयर कंपनियों और फार्मा कंपनियों को फायदा होता है। हालांकि कुछ एक्सपोर्टरों पर महंगाई दर ज्यादा होने से लागत का बोझ पड़ता है और वे रुपए में गिरावट का ज्यादा फायदा नहीं उठा पाते हैं। मसलन जेम्स-जूलरी, पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, मशीनरी को आइटम बनाने वाली कंपनियों की उत्पादन लागत बढ़ जाती है। इससे उनके मार्जिन पर असर पड़ता है।
विदेश पढ़ने जाने वाले छात्रों के माथे पर शिकन
भारतीय छात्रों के लिए अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ने का सपना पूरा करना दिन ब दिन मुश्किल होता जा रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अब उन्हें अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए अधिक पैसा खर्च करना होगा और अगर वे ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उन्हें ऐसे देश का चुनाव करना होगा, जहां पढ़ाई अपेक्षाकृत सस्ती हो। एक ओर, वित्तीय संस्थानों को लगता है कि चिंताएं वास्तविक हैं और भारी-भरकम शिक्षा ऋण लेने की जरूरत बढ़ सकती है, तो विदेश में रहने वाले शिक्षा सलाहकारों का मानना है कि उन छात्रों को इतनी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, जो पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिका में काम करने की योजना बना रहे हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत से 13.24 लाख से अधिक छात्र उच्च अध्ययन के लिए विदेश गए क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है हैं, जिनमें से अधिकांश अमेरिका (4.65 लाख), इसके बाद कनाडा (1.83 लाख), संयुक्त अरब अमीरात (1.64 लाख) और ऑस्ट्रेलिया (1.09 लाख) में हैं।
विदेश से रेमिटांस पाने वालों को होगा फायदा
ऐसे बहुत सारे छात्र हैं जो विदेश जाकर वहां पढ़ने और फिर वहीं पर नौकरी करने का सपना देखते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि रुपए के मुकाबले डॉलर मजबूत है। ऐसे में जब वह विदेश में पैसे कमाकर भारत में अपने परिवार को भेजते हैं तो यहां उन पैसों की कीमत कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे लोगों को रुपए में गिरावट का फायदा मिलेगा। अगर आपके पास भी विदेश से पैसे आते हैं तो अब आपके पहले जितने डॉलर की कीमत ही अधिक रुपयों के बराबर हो जाएगी।
शेयर बाजार पर पड़ेगा बुरा असर
रुपए में गिरावट का शेयर बाजार पर बहुत बुरा असर देखने को मिल रहा है। दरअसल, अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस महीने के अंत में एक बार फिर पॉलिसी रेट में बढ़ोतरी कर सकता है। साथ ही अमेरिका में मंदी की आशंका से भी डॉलर की मांग बढ़ रही है। ऐसे में विदेशी निवेशक सुरक्षित निवेश के लिए डॉलर का रुख कर रहे हैं और भारतीय बाजार से लगातार पैसे निकाल रहे हैं। शेयर बाजार में गिरावट की एक बहुत बड़ी वजह है रुपए में गिरावट। आईटी सेक्टर की कंपनियों को रुपए में गिरावट से फायदा होगा। इनमें टीसीएस, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, विप्रो और माइंडट्री शामिल हैं। इसकी वजह यह है कि इनकी ज्यादातर कमाई डॉलर से होती है। टीसीएस की कमाई में 50 फीसदी अमेरिका से आता है। इसी तरह इन्फोसिस के रेवेन्यू में 60 फीसदी हिस्सेदारी नॉर्थ अमेरिका की है। एचसीएल की 55 फीसदी कमाई केवल अमेरिका से होती है।
रुपए में गिरावट का प्रमुख कारण
रुपए में कमजोरी का सबसे बड़ा कारण ग्लोबल मार्केट का दबाव है, जो रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से आया है। ग्लोबल मार्केट में कमोडिटी पर दबाव की वजह से निवेशक डॉलर को ज्यादा पसंद कर रहे हैं, क्योंकि वैश्विक बाजार में सबसे ज्यादा ट्रेडिंग डॉलर में होती है। लगातार मांग से डॉलर अभी 20 साल के सबसे मजबूत स्थिति में है। इसके अलावा विदेशी निवेशक इस समय भारतीय बाजार से लगातार पूंजी निकाल रहे हैं, जिससे विदेशी मुद्रा में कमी आ रही और रुपए पर दबाव बढ़ रहा है। वित्तवर्ष 2022-23 में अप्रैल से अब तक विदेशी निवेशकों ने 14 अरब डॉलर की पूंजी निकाल ली है।
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निवेश के माध्यम से तुर्की का नागरिक होना
नए कानूनी संशोधन के अनुसार, अचल संपत्ति निवेश की राशि और तुर्की की नागरिकता बदल गई है। नवीनतम अपडेट के साथ, कम से कम 400 हजार डॉलर की अचल संपत्ति खरीदने वाले विदेशियों को तुर्की की नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है। यह अधिकार न केवल निवेशक पर लागू होता है, बल्कि कानूनी रूप से विवाहित जीवनसाथी और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर भी लागू होता है।
निवेश द्वारा तुर्की नागरिकता
तुर्की व्यापार व्यक्ति के रूप में यूके में स्थानांतरित होने के साथ अपना व्यवसाय स्थापित करने का विकल्प
हमें आपसे संपर्क करने दें हम आप के लिए सबसे अच्छा निवेश चुनने में मदद करेंगे
115 से अधिक देशों में वीजा मुक्त पहुंच
तुर्की के पासपोर्ट में क़तर, जापान, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका और यूक्रेन जैसे दुनिया भर के 115 से अधिक देशों में वीज़ा-मुक्त पहुँच है। जबकि इनमें से अधिकांश देशों में अग्रिम में वीज़ा की आवश्यकता के बिना प्रवेश किया जा सकता है, कुछ देश आगमन पर या ऑनलाइन वीज़ा के साथ प्रवेश की अनुमति देते हैं। इसके अलावा, तुर्की और यूरोपीय संघ के बीच समझौतों और वार्ताओं के संदर्भ में, निकट भविष्य में तुर्की पासपोर्ट के साथ शेंगेन क्षेत्र में कई यूरोपीय देशों में वीजा-मुक्त पहुंच का लाभ प्रदान किया जाएगा।
1. ट्रेम ग्लोबल में आव्रजन सलाहकारों से बात करें
3-4 दिन की तैयारी
ट्रेम ग्लोबल के आव्रजन सलाहकार आपकी व्यक्तिगत स्थितियों का आकलन करेंगे और सबसे उपयुक्त निवेश विकल्प चुनने में आपकी सहायता करेंगे। मुख्य आवेदक अपने निवास स्थान, 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और किसी भी उम्र के विकलांग बच्चों सहित एक रेजीडेंसी आवेदन में आश्रितों को जोड़ सकता है।
2. दस्तावेज तैयार करना
एक व्यापक चेकलिस्ट दी जाएगी, और आपको दस्तावेजों को इकट्ठा करने की प्रक्रिया के माध्यम से समर्थित किया जाएगा। आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनुभवी आव्रजन सलाहकार सभी दस्तावेजों की समीक्षा करेंगे।
3. पूरा निवेश
नागरिकता के आवेदन के साथ आगे बढ़ने से पहले, निवेशकों को तुर्की में एक बैंक खाता खोलने और निवेश पूरा करने के लिए आवश्यक है (यानी अचल संपत्ति शीर्षक विलेख हस्तांतरण, नकद जमा, सरकारी क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है बॉन्ड / शेयर खरीद आदि)
4. नागरिकता आवेदन जमा करें
30-60 दिन प्रसंस्करण समय
निवास की अनुमति मिलने के बाद निवेशक तुरंत नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया के दौरान किसी भौतिक उपस्थिति या साक्षात्कार की आवश्यकता नहीं है।
निवास परमिट के लिए आवेदन
निवेशकों को अपने नागरिकता आवेदन के समय एक वैध निवास परमिट की आवश्यकता होती है, लेकिन वे जब तक चाहें विदेश में रह सकते हैं। आवेदन के दिन निवास परमिट जारी किया जाएगा।
तुर्केश पासपोर्ट प्राप्त करें
केवल 60 दिनों में तुर्की की नागरिकता प्राप्त करें और इसके साथ आने वाले सभी लाभों का आनंद लें। एक प्राकृतिक तुर्की नागरिक होने के नाते यूके या यूएसए में व्यवसाय स्थापित करने का आपका सपना आसान हो जाएगा।
अमेरिकी शेयर बाजार में कैसे करें निवेश, क्या ये सही समय है?
एक वित्तीय वर्ष में 2,50,000 डॉलर यानी करीब 1 करोड़ 80 लाख रुपये भारतीय सीमा के बाहर निवेश कर सकते हैं.
जबरदस्त रिटर्न के लिए अच्छी और मुनाफा बनाने वाली कंपनी की तलाश हर निवेशक को होती है. हो सकता है ऐसे में आपका मन टेस्ला, अमेजन या नेटफ्लिक्स जैसी कंपनी पर आया हो जो भारतीय बाजार नहीं बल्कि US के बाजार में निवेश के लिए मौजूद है. आइए ऐसे में समझते हैं एक भारतीय निवेशक के लिए अमेरिकी बाजार में निवेश से जुड़े विभिन्न पहलुओं को-
अमेरिका में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पैकेज के ऐलान के बाद S&P 500 इंडेक्स अप्रैल में पहली बार 4,000 का स्तर पार कर गया.
कितना बड़ा है US स्टॉक मार्केट?
अमेरिकी शेयर बाजार दुनिया का सबसे बड़ा इक्विटी मार्केट है. US के दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और नैस्डैक में अमेजन, टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, इत्यादि विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों के शेयर लिस्टेड हैं. अमेरिकी बाजार से जुड़े विभिन्न इंडेक्स जैसे S&P 500 इंडेक्स, डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज और नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्सों का इस्तेमाल निवेशकों की दृष्टि से US और विश्व की अर्थव्यस्था को समझने के लिए किया जाता है. साथ ही दुनिया के दूसरे बाजारों पर भी इनकी दिशा का बड़ा असर होता है. दूसरे देशों की कंपनियां भी विभिन्न वजहों से अपनी लिस्टिंग US बाजार में करवाती है.
निवेश के क्या हो सकते हैं फायदे?
निवेशक हमेशा रिस्क को कम करने के लिए अपने पोर्टफोलियो में विभिन्न सेक्टर और अलग अलग तरह के स्टॉक्स रखना चाहते हैं. इस दृष्टि से किसी भी बाहरी बाजार में निवेश नए विकल्पों को खोल देता है. US बाजार में कई दूसरे देशों की कंपनियों भी खुद को लिस्ट करवाती है.
बीते वर्षों में अमेरिकी बाजार में भारतीय बाजार की तुलना में कम वोलैटिलिटी देखी गई है. काफी बार रिटर्न के मामले में भी US के बाजार क्या डॉलर में निवेश करना लाभदायक है का प्रदर्शन भारतीय बाजार से बेहतर रहा है. रुपये के डॉलर की तुलना में कमजोर होने का भी निवेशकों को फायदा मिल सकता है.
स्टार्टअप हब होने के कारण US में अच्छी क्षमता वाली कंपनियों में शुरुआत में निवेश का मौका होता है. इसी तरह भारत या अन्य बाजारों में कई बड़ी कंपनियों की सब्सिडियरी लिस्ट होती है जबकि US बाजार में सीधे निवेश से ज्यादातर ऐसी कंपनियों में आसानी से निवेश कर सकते हैं.
कैसे कर सकते हैं निवेश शुरु?
US बाजार में निवेश के दो रास्ते हैं.
पहला तरीका सीधे निवेश का है. इसमें निवेशक भारतीय बाजार की तरह ही ब्रोकर के साथ रजिस्ट्रेशन कर स्टॉक्स में खरीद बिक्री कर सकता है. आजकल भारतीय ब्रोकरेज कंपनियां भी अमेरिकी ब्रोकरेज हाउस के साथ करार कर निवेशकों को आसान निवेश की सुविधा देती हैं. निवेशक जरूरी पैन कार्ड, घर के पते को सत्यापित करने वाले ID के साथ सीधे अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी के साथ भी बाजार में व्यापार के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
दूसरा तरीका म्यूचुअल फंड के रास्ते निवेश का हो सकता है. भारत में अनेकों म्यूचुअल फंड US बाजार आधारित फंड चलाते हैं. ऐसे फंड या तो सीधा अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड शेयरों में निवेश करते हैं या ऐसे बाजारों से जुड़े दूसरे म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. इस प्रक्रिया में किसी अलग तरह के रजिस्ट्रेशन और बाजार के गहरी समझ की जरूरत नहीं है.
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