बाजार विभक्तिकरण क्या है? उद्देश्य एवं महत्व
bazar vibhakti karan ka arth paribhasha uddeshya mahatva;किसी वस्तु के सभी ग्राहकों में समानता नही होती है उसके स्वभाव, गुण प्रकृति, आयु, रहन सहन, का स्तर आदि में अन्तर होता है। इसी कारण एक निर्माता एक ग्राहकों समुदाय के लिए एक प्रकार की वस्तु बनाता है, और दूसरे प्रकार के ग्रहकों के समुदाय के लिए दूसरे प्रकार की। इसी प्रकार वह अपने बाजार को विभिन्न खण्डों में विभाजित कर लेता है इस प्रकार का खण्डीकरण बाजार ही बाजार विभक्तिकरण कहलाता है।
संक्षेप में," किसी वस्तु के बाजार कों विभिन्न बाजारों व उप-बाजार अथवा खण्डों एवं उप-खण्डों में विभाजित किया जाना ही बाजार विभक्तिकरण कहलाता है।
बाजार विभक्तिकरण की परिभाषा (bazar vibhakti karan ki paribhasha)
आर.एस.डाबर के शब्दों में," ग्राहकों का समूहीकरण अथवा बाजार को टुकडों में बांटना ही बाजार विभक्तिकरण कहलाता है।''
राबर्ट के अनुसार,'' बाजार विभक्तिकरण बाजारों को टुकडों में बांटने की रीति-नीति है ताकी उस पर विजय प्राप्त की जा सकें।''
विलियम जे. स्टेण्टन के अनुसार,'' बाजार विभक्तिकरण से आशय किसी उत्पाद के सम्पूर्ण विजातिय बाजार को अनेक उप-बाजार या उप-खण्डों में इस प्रकार विभाजित करने से है। कि प्रत्येक उप-बाजार उप-खण्डों में सभी महत्वपूर्ण पहलूओं में समजातीयता हो।''
अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन के अनुसार ,'' बाजार विभक्तिकरण से आशय एक विजातीय बाजार के सापेक्षिक समजातीय लक्षणों वाले छोटे ग्राहक खण्डों में जिन्हें फर्म सन्तुष्ट कर सकती है विभक्त करने से है।''
बाजार विभक्तिकरण के उद्धेश्य (bazar vibhakti karan ke uddeshya)
बाजार विभक्तिकरण के उद्देश्य इस प्रकार से है--
1. ग्राहकों की रूचियां क्रय आदतों आवश्यकताओं प्राथमिकताओं का पता लगाना।
2. विपणन रीति-नीतियां एवं लक्ष्य निर्धारित करना।
3. फर्म के कार्यो को ग्राहकोन्मुखी बनाना।
4.बाजार विभक्तिकरण का चौथा उद्धेश्य यह पता लगाना है कि किन क्षेत्रों पर प्रयास करने पर नये ग्राहक बनाये जा सकते है।
5. बाजार विभक्तिकरण में विभिन्न ग्राहक समूहो के क्रय सम्भाव का पता लगाना है जिसके अध्ययन से विपणन लक्ष्य निर्धारित किये जा सकते है।
6. ग्राहकों को उनकी समान प्रकृति स्वभाव व गुणों के आधार पर समजातीय वर्गों में बांटना जिससे कि प्रत्येक वर्ग के लिए उपयुक्त विपणन कार्यक्रम बनाये जा सकते है।
7. बाजार विभक्तिकरण का अंतिम उद्धेश्य संस्था को अभिमुखी बनाना है। जिससे ग्राहकों को सन्तुष्ट करना व लाभ प्राप्त करना है।
बाजार विभक्तिकरण का महत्व (bazar vibhakti karan ka mahatva)
1. प्रतिस्पर्धा में सहायक
संस्था बाजार विभक्तिकरण के द्वारा अलग-अलग खण्डों में प्रतिस्पर्धियों की नीतियों का अध्ययन करके उसके प्रत्युतर में अपनी प्रभावी विपणन रीति-नीतियां निर्धारित कर सकती है। यह बाजार विभक्तिकरण प्रतिस्पर्धा की स्थिति में सहायक होती है।
2. विपणन क्रियाओं का मूल्यांकन
बाजार विभक्तिकरण के द्वारा प्रत्येक उप-खण्डों के लिए पृथक विपणन कार्यक्रम बनाया जा सकता है, और उसके बाद विपणन क्रियाओं की प्रभावशीलता का आसानी से मूल्यांकन किया जा सकता है। अन्य विपणन क्रियायें कैसे असफल रही है। किन बाजारों उप-खण्डों में विपणन क्रियायें असफल रही है।
3. उत्पाद निष्ठा
विपणन जो किसी बाजार विभक्तिकरण के लिए आवश्यकतानुसार विपणन मिश्रण तैयार करता है। वह ग्राहकों में उत्पाद-निष्ठा उत्पन्न करने में सफल होते है। इस प्रकार वे प्रतिस्पर्धा उत्पादों के सामने ठहर पाते है।
4. वस्तु बाजार में नये परिवर्तन का पता चलना
बाजार विभक्तिकरण के कारण वस्तु की मांग में होने वाले परिवर्तनों का पता सही समय पर चल जाता है। इसके परिणामस्वरूप स्थिति का लाभ प्राप्त करने के लिए सही समय पर कदम उठाया जा सकता है।
5. प्रतियोगीता का अधिक प्रभावशाली ढंग से सामना करना
संभव बाजार विभक्तिकरण में विभिन्न बाजारों खण्डों के लिए प्रतिस्पर्धा के अनुरूप अलग-अलग रीति-नीति का प्रयोग करके प्रतिस्पर्धा का प्रभावशाली ढंग से सामना किया जा सकता है।
6. विक्रय सम्वर्द्धन
बाजार विभक्तिकरण उपयुक्तविक्रय यम्वर्द्धन विधि के चयन में सहायता प्रदान करता है क्योंकि इसमें सही विक्रय सम्वर्द्धन के कार्य-कलापों की प्रभावशीलता बढ जाती है।
7. विपणन अवसरों की खोज करना
बाजार विभक्तिकरण का अध्ययन करके विपणन अवसरों का पता लगाया जा सकता है क्योंकि हम इसके द्वारा हर उप-खण्ड के ग्राहकों विशेषताओं रूचिओं एवं आवश्यकताओं का अध्ययन कर सकते है। इसके अन्तर्गत हमें बाजारों खण्डों का ज्ञान असानी से हो जाता है। बाजारों खण्डों के अध्ययन से विक्रय की कमी के कारणों का पता लगाया जा सकता है और उन्हें रोकने के लिए प्रयास भी किये जा सकते है।
8. उपयुक्त विज्ञापन अपील
भिन्न-भिन्न बाजार विभक्तिकरण के अलग-अलग बाजार विभक्तिकरण क्या है? विज्ञापनों के माध्यमों का प्रयोग करें विज्ञापन अपील को प्रभावशाली बनाया जा सकता है।
What is market segmentation/market segmentation
सामान्यतः किसी वस्तु के सभी ग्राहक में समानता नहीं होता है उनके स्वभाव गुण प्रक्रिति क्यूं रहन सहन का सत आदि में आनतर होता है इसी कारणवश एक निर्माता एक प्रकार के ग्राहक समुदाय के लिए एक प्रकार की वस्तु बनाता है
और दूसरे प्रकार के ग्राहक के समुदाय के लिए दूसरे प्रकार की इस प्रकार वह अपने बाजार को विभिन्न खंडों में विभाजित करता है याह बाजार खंडीकरण कहलाता है किसी वस्तु या सेवा के समस्त बाजार को उपबाजारों में विभाजित करने की प्रक्रिया को बाजार खंडीकरण कहा जाता है प्रत्येक उपबाजार दूसरे उपचार से भिन्न होता है परंतु एक बाजार के समस्त ग्राहक समान होते हैं
फिलिप कोटलर. के शब्दों में एक बाजार को समान प्रकार के ग्राहकों की उप उपजातियों में विभाजन करने को बाजार खंडीकरण कहते हैं जिसमें कि किसी उपजाति को चुना जा सके और विशिष्टी विपणन मिश्रण के साथ बाजार को लक्ष्य बनाकर उस बाजार विभक्तिकरण क्या है? तक पहुंचा जा सके बाजार को विभिन्न समुदायों मैं बांटने को बाजार विभक्तिकरण (Market segmentation) कहते हैं
यह वह प्रक्रिया है जिसमें बाजार के विभिन्न ग्राहक को यह संभव ग्राहकों को उनकी विशेषताओं आवश्यकताओ या व्यवहारों के अनुसार समजातीय समूहों में विभाजित किया जाता है ताकि समान यह लगभग समान विशेषताओं आवश्यकता या व्यवहार वाले ग्राहकों के समूह के लिए एक समान विपणन मिश्रण एवं विपणन व्यूहरचना का निर्माण करके भी विपणन कार्य में सफलता प्राप्त की जा सके बाजार खंडी कर्ण का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों की विभिन्न आवश्यकताओं को पहचान कर उनके लिए उचित वस्तु मिश्रण तैयार करना है
बाजार खंडी करण के आधार:
(Basic of market segmentation)
भौगोलिक: बाजार खंडीकरन का यह पहला आधार है जिसमें संपूर्ण बाजार को भौगोलिक आधार पर बांट दिया जाता है जैसे गर्म क्षेत्र ठंडा क्षेत्र शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र
मनोविजनिक:बाजार विभक्तिकरण क्या है? (psychologic) बाजार खंडीकरण मनोविज्ञान आधार पर भी हो सकता है समाज में कुछ व्यक्ति ऐसे भी होते हैं जो नवीनतम वस्तुओं को क्रय करने में ही अपनी प्रतिष्ठा समझते हैं जबकि कुछ व्यक्ति सदा वस्तुओं को क्रय करना पसंद करते हैं वस्तुओं का निर्माण ग्राहकों के मनोविज्ञान आधार पर करके अधिक लाभ कमाया जा सकता है
लाभ: (Benefit) एक निर्माता ग्राहकों द्वारा उत्पाद से प्राप्त लाभो को ध्यान में रखकर बाजार खंडीकरण कर सकता है और अपने विज्ञापन को उस ओर इंगित कर के लाभ कमा सकता है विभिन्न वर्ग के ग्राहक वस्तु से विभिन्न लाभ प्राप्त करना चाहते हैं जैसे कुछ लोग समय मालूम करने के लिए घड़ी खरीदते हैं तो अन्य प्रतिष्ठित बढ़ाने के लिए हीरे जडी घड़ी खरीदते हैं
जनांकिकी : (Demographic) इसमें निर्माता अपने ग्राहकों के समूह को उनकी आयु व्यवसाय शिक्षा राष्ट्रीयता सामाजिक जाति धर्म परिवार आकर आदि के आधार पर बांट सकता है
विपणन : (Marketing) बाजार खंडी करण का आधार विवरण भी हो सकता है इसमें वस्तु का मूल्य वस्तु की क्वालिटी फुटकर विज्ञापन आदि घटक आते हैं बाजार खंडी कराने इन्हीं आधारो पर किया जाता है
मात्रा: (Volume) इसमें वस्तु के कविताओं की कार्य मात्रा के आधार पर बाजार का खंडी कारण हो सकता है जैसे कुछ ग्राहक भारी मात्रा में वस्तु का क्रय करते हैं तथा कुछ कम मात्रा में
खंडीकरण के गुण: बाजार खंडी करण अनेक प्रकार से लाभदाई है फिलिप कोटलर के अनुसार बाजार खंडीकरण से संस्था अधिक अच्छे उत्पाद या अच्छी सेवा उपलब्ध करा सकती है तथा लक्ष्य बजार के लिए उसका समुचित मूल्य निर्धारित कर सकती है संस्था सर्वोत्तम वितरण एवं संचार माध्यमों का चयन कर सकती है
तथा अपने प्रतियोगियों की तस्वीर को अधिक स्पष्ट रूप से देख सकती है बाजार खंडी करण के महत्व एवं लाभों को नीचे कुछ शीरक में स्पष्ट किया जा सकता है विपणन अवसरों का ज्ञान होता है प्रत्येक खंड के ग्राहकों की आवश्यकताएं एवं रुचियों को जानकर विपणन मिश्रण में सुधार किया जा सकता है विपणन बजट का उचित बंटवारा किया जा सकता है
प्रतियोगिता का सामना एवं संसाधनों का उच्चतम उपयोग किया जा सकता है ग्राहकों की रुचि के अनुसार वस्तु के आकार डिजाइन किस पैकिंग आदि को उत्तम बनाया जा सकता है बाजार खंडी करण से बिक्री के वास्तविक लक्ष्य निर्धारित करने में सहायता मिलती है ऐसे विचारों का पता लगाया जा सकता है जिन पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है प्रत्येक वर्ग के ग्राहकों के लिए उपयुक्त उत्पाद मिश्रण विकसित किया जा सकता है
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