ग्लोबल हंगर इंडेक्स की 2022 की सूची में भी भारत को प्रकाशकों ने काफी नीचे की श्रेणी रखा है। भारत 121 देशों की सूची में 107वें स्थान पर पहुंच गया है। इससे पहले साल 2021 में भारत को 101 रैंकिंग दी गई थी। पड़ोसी देशों की बात करें क्या संकेतक बेहतर है? तो पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार को क्रमशः 99, 64, 84, 81 और 71वां स्थान दिया गया है। हैरत की बात है ये सभी देश भारत से ऊपर हैं। पांच से कम स्कोर के साथ 17 देशों को सामूहिक रूप से 1 और 17 के बीच स्थान दिया गया है।

संयुक्‍त राष्‍ट्र के मानव विकास सूचकांक में भारत से आगे भूटान, भारतीयों की Life Expectancy 69.7 साल

संयुक्‍त राष्‍ट्र के मानव विकास सूचकांक में भारत भूटान से भी पीछे है.

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संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के रेजिडेंट रिप्रेजें‍टेटिव शोको नोडा ने कहा कि मानव विकास सूचकांक (HDI) में भार . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : December 16, 2020, 22:39 IST

नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 में 189 देशों में मानव विकास सूचकांक (HDI) की सूची में भारत (India) 131वें पायदान पर है. वहीं, भूटान (Bhutan) भारत से बेहतर स्थिति में है और 129वें स्‍थान पर है. बता दें कि मानव विकास सूचकांक किसी देश में स्वास्थ्य (Health), शिक्षा (Education) और जीवन के स्तर (Living Standard) का पैमाना है. मानव विकास रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2019 में भारतीयों की जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy) 69.7 साल थी. वहीं, बांग्लादेश (Bangladesh) में यह 72.6 साल और पाकिस्तान (Pakistan) में 67.3 साल थी.

Global Hunger Index 2022: भुखमरी में भारत की रैंकिंग काफी खराब, पाकिस्तान-श्रीलंका भी हमसे बेहतर

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वैश्विक स्तर पर भारत के लिए अच्छी खबर नहीं है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 के आंकड़ों में भारत छह पायदान नीचे खिसककर 121 देशों में से 107वें स्थान पर पहुंच गया। वैश्विक सूची में भारत दक्षिण एशियाई देशों में से सिर्फ युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान से बेहतर है। रिपोर्ट में जानकर हैरानी इस बात की है कि आर्थिक तंगी और भुखमरी झेल रहे पाकिस्तान और श्रीलंका भारत से काफी बेहतर रैंकिंग में हैं। सिर्फ तालिबान शासित अफगानिस्तान देश ही इकलौता दक्षिण एशियाई देश है जो भारत से नीचे है। इससे पहले भी साल 2021 में भारत की रैकिंग काफी पीछे दिखाई गई थी। उस वक्त सरकार ने इन आंकड़ों को खारिज कर दिया था।

Index Mutual Fund: कम रिस्‍क, कम खर्च और बेहतर रिटर्न; उतार-चढ़ाव भरे मार्केट में क्‍यों है बेहतर ऑप्‍शन

Index Mutual Fund: साउथ अफ्रीका में कोविड-19 के नए वेरिएंट के बाद दुनियाभर के बाजारों में काफी तेज हलचल है. बाजार के रुख पर म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) निवेशक भी सतर्क दिखाई दे रहे हैं. बहरहाल, म्यूचुअल फंड में कई कैटेगरी है, जिनमें कम रिस्‍क में बेहतर रिटर्न हासिल किया जा सकता है. इनमें एक कैटेगरी इंडेक्स म्‍यूचुअल फंड्स की है. कोविड की दूसरी लहर के बीच इन फंड्स में निवेशकों को रुझान देखा गया था. बाजार में ज्‍यादा वॉलेटिलिटी हो तो इंडेक्‍स म्‍यूचुअल फंड एक बेहतर ऑप्‍शन है. एक्‍सपर्ट मानते हैं कि इंडेक्‍स म्‍यूचुअल फंड्स (Index Mutual Funds) में रिस्‍क कम है और खर्च भी कम है.

Index Mutual Fund: रिस्‍क, कॉस्‍ट और रिटर्न

निगम का कहना है, इंडेक्स म्‍यूचुअल फंड्स पैसिवली मैनेज्‍ड फंड होते हैं. इसलिए इसमें एक्सपेंस रेश्यो यानी फंड पर आने वाली लागत कम होती है. इमें एक्टिवली मैनेज्‍ड इक्विटी फंड्स के मुकाबले कम वॉलेटिलिटी रहती है. इसलिए इंडेक्‍स म्‍यूचुअल फंड्स (Index Mutual Funds) में रिस्‍क भी कम रहता है. निगम कहते हैं, मार्केट में अस्थिरता के समय इन फंड्स में निवेश बेहतर ऑप्‍शन रहता है. हालांकि, निवेशकों को यह सलाह है कि उन्‍हें अपने पोर्टफोलियो में इंडेक्‍स फंड और एक्टिवली मैनेजड इक्विटी फंड्स का बेहतर मिक्‍स रखना चाहिए. इससे रिस्‍क को कम करते हुए ज्‍यादा रिटर्न हासिल करने की उम्‍मीद रहती है.

निगम का कहना है कि इन स्‍कीम्‍स में निवेश करने से पहले निवेशकों को ट्रैकिंग इरर (Tracking Error) के बारे में जरूर ध्‍यान देना चाहिए. ट्रेकिंग इरर दरअसल फंड और उसके बेंचमार्क के बीच वास्‍तविक परफॉर्मेंस का अंतर होता है. इसलिए अगर किसी इंडेक्‍स फंड में बहुत ही लो एक्‍सपेंश रेश्‍यो और ज्‍यादा ट्रेकिंग इरर है, तो हो सकता है वह फंड निवेश के आपके लक्ष्‍य को पूरा न कर पाए. इसलिए, इंडेक्‍स फंड्स के निवेशकों को सबसे कम ट्रेकिंग इरर वाली स्‍कीम्‍स को चुनना चाहिए.

इंडेक्‍स फंड किसके लिए बेहतर ऑप्‍शन

निगम का कहना है कि इंडेक्स फंड उन निवेशकों के लिए बेहतर है, जो इक्विटी के रिटर्न का फायदा लेना चाहते हैं, लेकिन ज्यादा जोखिम नहीं उठाना चाहते. बाजार जब काफी वॉलेटाइल हो तो इन फंड्स में निवेश अच्‍छा ऑप्‍शन होता है. हालांकि, एक बात साफ करनी जरूरी है कि इंडेक्स फंड भी रिस्क फ्री नहीं होता है. अगर बाजार नीचे जाता है, तो आपका इंडेक्स फंड एनएवी भी नीचे जाएगा. ऐसी स्थिति में आप यहां से अपना पैसा दूसरे ऑप्‍शन में शिफ्ट कर सकते हैं.

निगम का कहना है, इंडेक्स फंड (Index Fund) का फायदा यह है कि इससे किसी एक शेयर में पैसा लगाने की बजाए इंडेक्स में शामिल शेयरों में लगाया जाता है. इसलिए पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई करने का मौका मिल जाता है. अगर एक कंपनी के शेयर में कमजोरी आती है तो दूसरे में ग्रोथ से रिटर्न बैलेंस हो सकता है.

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां किसी भी तरह से निवेश की सलाह नहीं दी गई है. म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)

क्या संकेतक बेहतर है?

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Q. If 'Nation A' has a higher Gini coefficient’ than 'Nation B', then what can you conclude from this?

Select the correct answer using the codes given below:

Q. यदि 'देश A' में 'देश B' की तुलना में अधिक गिन्नी गुणांक है, तो इससे क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है? निम्नलिखित क्या संकेतक बेहतर है? कूट का उपयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिए:

Index Fund vs ETF: कोरोना संकट में निवेश का ‘स्मार्ट’ तरीका, पैसिव इन्वेस्टर्स के लिए क्या बेहतर?

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Index Fund vs ETF: कोरोना वायरस के चलते कैपिटल मा​र्केट में पैसे लगाने को लेकर निवेशक सतर्क हैं. निवेशकों का ध्यान सुरक्षित रिटर्न देने वाले विकल्पों पर बढ़ रहा है.

Index Fund vs ETF: कोरोना वायरस के चलते कैपिटल मा​र्केट में पैसे लगाने को लेकर निवेशक सतर्क हैं. निवेशकों का ध्यान सुरक्षित रिटर्न देने वाले विकल्पों पर बढ़ रहा है, भले ही वहां इक्विटी के तुलना में फायदा कम हो. ऐसे में बहुत से निवेशकों का ध्यान पैसिव फंड्स की ओर भी गया है, जहां इंडेक्स की तरह बेहतर और सुरक्षित रिटर्न मिल सकता है. पैसिव निवेश म्यूचुअल फंड में अपना पैसा लगाने का सबसे बुनियादी तरीका है और इस शैली का उद्देश्य इंडेक्स की तरह रिटर्न पाना है. इक्विटी बाजार में पैसिवली निवेश करने के दो सामान्य तरीके हैं. एक या तो इंडेक्स फंड या दूसरा इंडेक्स एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ).

क्या हैं इंडेक्स फंड?

इंडेक्स फंड को इंडेक्स टाइड या इंडेक्स ट्रैक्ड म्यूचुअल फंड के नाम से भी जानते हैं. इस तरह के फंड शेयर बाजार के किसी इंडेक्स मसलन निफ्टी 50 या सेंसेक्स 30 में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. इंडेक्स में सभी कंपनियों का जितना वेटेज होता है, स्कीम में उसी रेश्यो में उनके शेयर खरीदे जाते हैं. इसका मतलब यह है कि ऐसे फंडों का प्रदर्शन उस इंडेक्स जैसा ही होता है. इंडेक्स फंड ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर है जो रिस्क कैलकुलेट कर चलना चाहते हैं, भले ही उन्हें ठीक ठा​क रिटर्न मिले. यानी इंडेक्स फंड में पैसा डूबने का खतरा बहुत कम होता है.

  • इंडेक्स फंड पैसिवली मैनेज होते हैं, इसलिए सक्रिय रूप से प्रबंधित किए जाने वाले फंडों के मुकाबले इंडेक्स फंड पर कम खर्च आता है. इनका टोटल एक्सपेंस रेश्यो बहुत कम आता है.
  • इंडेक्स फंड का एक और फायदा यह है कि इससे निवेशकों को अपना पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई करने का मौका मिल जाता है. इससे पैसा डूबने का खतरा भी कम हो जाता है. अगर एक कंपनी के शेयर में कमजोरी आती है तो दूसरे में ग्रोथ से नुकसान बैलेंस हो जाता है.
  • इंडेक्स फंडों में ट्रैकिंग एरर कम होता है. इससे इंडेक्स को इमेज करने की एक्यूरेसी बढ़ जाती है. इस तरह रिटर्न का ज्यादा सटीक अनुमान लगाया जा क्या संकेतक बेहतर है? सकता है.

एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड ETF

एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF इंडेक्‍स में निवेश करने का अवसर देता है. जो लोग शेयर में पैसा लगाना चाहते हैं लेकिन जोखिम नहीं लेना चाहते, वे इस विकल्प को चुन सकते हैं. फंड मैनेजर इंडेक्‍स में जो भी शेयर होते हैं वे उसी अनुपात में स्‍टॉक लेते हैं और ETF बनाते हैं. ईटीएफ या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड शेयरों के एक सेट में निवेश करते हैं. ये अमूमन एक खास इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. ईटीएफ को केवल स्टॉक एक्सचेंज से खरीदा या बेचा जा सकता है, जिस तरह आप शेयरों को खरीदते हैं. जो निवेशक कंजर्वेटिव हैं और बाजार का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, उन्हें ईटीएफ में पैसा लगाना चाहिए.

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क्यों बेहतर है विकल्प

  • ETF इंडेक्स का ही रेप्लिका होता है. कहने का मतलब यह है कि इंडेक्स में जितनी तेजी आएगी, अमूमन इन्हें भी ग्रोथ का उतना फायदा मिल सकता है.
  • सेंसेक्स हो या निफ्टी दोनों में रैली आने पर ये इंडेक्स भी तेजी से मजबूत होते हैं, जिनका फायदा ETF निवेशकों को मिलता है.
  • एक बड़ा फायदा यह है कि ज्यादातर इंडेक्स बेस्ड ETF का एक्सपेंस रेश्यो भी कम क्या संकेतक बेहतर है? होता है. यानी इनमें निवेश करना सस्ता होता है.
  • ETF रिस्‍क को डाइवर्सिफाई करता है. MF में रिस्‍क डाइवर्सिफाई होता है लेकिन उसमें वर्गीकरण ज्‍यादा है.
  • अगर पोर्टफोलियो में ज्‍यादा उतार-चढ़ाव नहीं चाहते तो ETF बेहतर ऑप्‍शन है. ETF में टैक्‍स देनदारी सामान्‍य शेयरों में निवेश जैसी है.

(Disclaimer: हमने यहां सिर्फ ईटीएफ और इंडेक्स फंड के बारे में जानकारी दी है. यह निवेश की सलाह नहीं है. निवेश से पहले अपने स्तर पर एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें.)

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