कॉल और पुट क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकॉल ऑप्शन की खरीद या पुट ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको यह उम्मीद हो कि बाजार ऊपर जाएगा। एक पुट ऑप्शन की खरीद या कॉल ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको उम्मीद हो कि बाजार नीचे जाएगा। ऑप्शन को खरीदने वाले का मुनाफा असीमित होता है जबकि उसका रिस्क सीमित होता है (उतना ही जितना उसने प्रीमियम दिया है)।

ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना चार्ज लगता है?

इसे सुनेंरोकेंजेरोधा ऑप्शन कमोडिटी के समान ही करेंसी के लिए शुल्क लेता है यानी 0.03% या ₹20 / निष्पादित ऑर्डर (जो भी कम हो). उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹50,000 में 50 लॉट खरीदा है। तो अगर आप 50 का 0.03 प्रतिशत गणना करते है तो यह 1.5 होता है।

शेयर बाजार में ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंOption Trading क्या हैं:- उदाहरण के लिए- मान लीजिये आप एक कंपनी का 1000 शेयर 5000 रुपये प्रीमियम देकर 1 महीने बाद का 100 रुपये में खरीदने का Option लेते हो। ऐसे में उस कंपनी का शेयर 1 महीने बाद 70 हो गया तब आपके पास विकल्प (Option) रहेगा उस शेयर को नुकसान में ना खरीदने का। ऐसे में आपका प्रीमियम का पैसा डूब जायेगा।

ऑप्शन सेलिंग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंऑप्शन में ट्रेड करना आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने देता है. वे आपको पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण प्रदान करते हैं.

बैंक निफ्टी में ट्रेडिंग कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंयह बैंक निफ्टी ऑप्शन रणनीति (Bank Nifty Option Strategy अपस्टॉक्स ट्रेडिंग का कितना चार्ज लेता है in Hindi) दो भागों में विभाजित है – सेल ट्रेड और बाय ट्रेड। यदि मार्केट एक गैप पर खुलती है (पिछले दिन के क्लोज से कम कीमत पर छलांग), तो आपको उस गैप को भरने के लिए चार्ट का इंतजार करना होगा। जब एक कैंडल इस गैप को भरती है, तो आप उस पॉइंट पर सेल ऑर्डर देते हैं।

F&O ट्रेडिंग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंफ्यूचर्स ट्रेडिंग भविष्य में बिक्री या खरीद करने का एक अनुबंध है। एक वायदा अनुबंध में एक खरीदार और एक विक्रेता होता है, जो दोनों सहमत होते हैं कि किसी संपत्ति को एक विशिष्ट दिन पर एक विशिष्ट मूल्य के लिए खरीदा या बेचा जाएगा। संपत्ति डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल इंडेक्स की तरह एक कमोडिटी, एक मुद्रा या एक इंडेक्स भी हो सकती है।

क्लियरिंग और सेटलमेंट की प्रक्रिया

वैसे तो क्लियरिंग और सेटलमेंट बहुत ही सैधान्तिक विषय है लेकिन इसके पीछे की प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है। एक ट्रेडर या निवेशक के तौर पर आपको ये चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती कि आपका सौदा कैसे क्लियर या सेटल हो रहा है, क्योंकि एक अच्छा इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ ये काम कर रहा होता है और आपको ये पता भी नहीं चलता।

लेकिन अगर आप इसको नहीं समझेंगे तो आपकी जानकारी अधूरी रहेगी इसलिए हम विषय को समझने की कोशिश करेंगे कि शेयर खरीदने से लेकर आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में आने तक क्या होता है।

10.2 क्या होता है जब आप शेयर खरीदते हैं?

दिवस 1/ पहला दिन- सौदे का दिन (T Day), सोमवार

मान लीजिए आपने 23 जून 2014 (सोमवार) को रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 शेयर 1000 रुपये के भाव पर खरीदे। आपके सौदे की कुल कीमत हुई 1 लाख रुपये (100*1000)। जिस दिन आप ये सौदा करते हैं उसे ट्रेड डे या टी डे (T Day) कहते हैं।

दिन के अंत होने तक आपका ब्रोकर एक लाख रुपये और जो भी फीस होगी, वो आपसे ले लेगा। मान लीजिए आपने ये सौदा ज़ेरोधा पर किया, तो आपको निम्नलिखित फीस या चार्जेज देनी होगी:

क्रमांक कितने तरह के चार्जेज कितना चार्ज रकम
1 ब्रोकरेज 0.03% या 20 रुपये- इनमें से जो भी इंट्राडे ट्रेड के लिए कम हो 0
2 सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन चार्ज टर्नओवर का 0.1% 100/-
3 ट्रांजैक्शन चार्ज टर्नओवर का 0.00325% 3.25/-
4 GST ब्रोकरेज का 18% + ट्रांजैक्शन चार्ज 0.585/-
5 SEBI चार्ज 10 रुपये प्रति एक करोड़ के ट्रांजैक्शन पर 0.1/-
कुल 103.93/-

तो एक लाख रुपये के साथ 103.93 रुपये की फीस आपको देनी पड़ेगी, यानी कुल 100,103.93 रुपये की रकम आपके ट्रेडिंग अकाउंट से निकल जाएगी। याद रखिए कि पैसे निकल गए हैं लेकिन शेयर अभी आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में नहीं आए हैं।

उसी दिन ब्रोकर आपके लिए एक कॉन्ट्रैक्ट नोट (Contract Note) तैयार करता है और उसकी कॉपी आपको भेज देता है। ये नोट एक तरह का बिल है, जो आपके सौदौं की पूरी जानकारी देता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और भविष्य में काम आता है। कॉन्ट्रैक्ट नोट में आमतौर पर उस दिन हुए सभी सौदे अपने ट्रेड रेफरेंस नंबर (Trade Reference Number) के साथ दिए गए होते हैं। साथ ही आपसे ली गई सभी फीस की जानकारी उसमें होती है।

दिवस 2/दूसरा दिन- ट्रेड डे + 1 (T+ Day), मंगलवार

जिस दिन आपने सौदा किया उसका अगला दिन टी+1 डे (T+1 Day) कहलाता है। T+1 day को आप अपने शेयर बेच सकते हैं, जो आपने पिछले दिन खरीदे हैं। इस तरह के सौदे को BTST-Buy Today, Sell Tomorrow या ATST- Acquire Today, Sell Tomorrow कहते हैं। याद रखिए कि शेयर अभी भी आपके डीमैट अकाउंट में नहीं आए हैं। अपस्टॉक्स ट्रेडिंग का कितना चार्ज लेता है इसका मतलब आप ऐसे शेयर बेच रहे हैं, जो अभी तक आपके हुए नहीं है। इसमें एक रिस्क है। वैसे हर BTST सौदे अपस्टॉक्स ट्रेडिंग का कितना चार्ज लेता है में रिस्क नहीं होता, लेकिन अगर आप बी ग्रुप के शेयर या ऐसे शेयर जिनकी खरीद-बिक्री बहुत कम होती है, उनका सौदा कर रहे हैं, तो आप मुसीबत में फंस भी सकते हैं। अभी इस पूरे मसले को यहीं छोड़ देते हैं।

अगर आप बाज़ार में नए हैं, तो आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप BTST से दूर रहें क्योंकि आप उसके रिस्क को पूरे तरह से नहीं जानते।

इसके अलावा आपके नजरिए से T+1 day का कोई खास महत्व नहीं है, हालांकि शेयर खरीदने के लिए दिए गए पैसे और सारी फीस सही जगह पहुंच रही होती है।

दिवस 3/तीसरा दिन- ट्रेड डे + 2 (T+2 Day), बुधवार

तीसरे दिन यानी T+2 day को दिन में करीब 11 बजे जिस आदमी ने आपको शेयर बेचे हैं उसके अकाउंट से शेयर निकल कर आपके ब्रोकर अपस्टॉक्स ट्रेडिंग का कितना चार्ज लेता है के अकाउंट में आ जाते हैं, और ब्रोकर यही शेयर शाम तक आपके अकाउंट में भेज देता है। इसी तरह जो पैसे आपके अकाउंट से निकले थे, वो उस इंसान के अकाउंट में पहुंच जाता है जिसने शेयर आपको बेचे।

अब शेयर आपके डीमैट अकाउंट में दिखेंगे। आपके पास अब रिलायंस के 100 शेयर होंगे।

इस तरह T Day को खरीदे गए शेयर आपके अकाउंट में T+2 Day को आएंगे और T+3 Day को उनका सौदा फिर से कर पाएंगे।

10.3 आप जब शेयर बेचते हैं, तब क्या होता है?

जिस दिन आप शेयर बेचते हैं, वो ट्रेड डे (Trade Day ) कहते हैं, और इसे T Day लिखा जाता है। शेयर बेचते ही उतने शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ब्लॉक हो जाते हैं। T+2 Day के पहले ये शेयर एक्सचेंज को दे दिए जाते हैं और T+2 Day को उन शेयरों की बिक्री से मिलने वाले पैसे, फीस और चार्जेज कट कर, आपके अकाउंट में आ जाते हैं।

Upstox पर फ्री में डीमैट अकाउंट कैसे खोलें? (Step-by-Step guide)

Upstox par free demat account kaise banaye in hindi: अपस्टॉक्स (Upstox) इंडिया का सबसे ज्यादा भरोसेमंद डिस्काउंट ब्रोकर है यह तो आप सभी लोग जानते हैं क्योंकि upstox को रतन टाटा ने fund किया हुआ है। तो अगर डिमैट अकाउंट खोलने की बात आती है तो Upstox (जो कि एक डिस्काउंट ब्रोकर है) का नाम सबसे पहले आता है क्योंकि अपस्टॉक्स पर आप फ्री में अपना डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं।

Upstox par Free demat account kaise khole

आज मैं आपको step by step बताऊंगा की Upstox पर फ्री में डिमैट अकाउंट कैसे खोलें? और Upstox में डीमैट खाता खोलने के लिए क्या करना पड़ता है?

तो अगर आप भी अपस्टॉक्स पर फ्री में अपना डिमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो इस पोस्ट में बताए गए सभी steps को ध्यान से follow करना।

मैं वादा करता हूं इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप आसानी से अपस्टॉक्स पर फ्री में अपना डिमैट अकाउंट खोल पाएंगे।

चलिए सभी स्टेप्स को एक-एक करके जान लेते हैं–

अपस्टॉक्स पर फ्री में डीमैट अकाउंट कैसे खोलें? (Upstox par account kaise banaye in hindi)

अब आपको 24 घंटे इंतजार करना है ( कभी-कभी 3 दिन भी लग जाते हैं लेकिन अक्सर 24 घंटे के अंदर हो जाता है) 24 घंटे बाद आपके ईमेल आईडी पर एक मेल आएगा जिसमें आपका यूजर आईडी और पासवर्ड होगा जिसकी मदद से आप upstox app में login कर पाएंगे और फिर आप किसी भी शेयर को खरीद बेच सकते हैं या ट्रेडिंग कर सकते हैं।

अपस्टॉक्स खाता खोलने के लिए कितना शुल्क लेता है?

अपस्टॉक्स पर अकाउंट खोलने के लिए आपको कोई चार्ज या शुल्क नहीं देना पड़ता है लेकिन जब आप खाता खोल लेते हैं तो आपको ट्रेडिंग करने के लिए कुछ छोटे-मोटे ब्रोकरेज चार्जेस देने पड़ते हैं.

Upstox में डीमैट खाता खोलने में कितना समय लगता है?

एक बार जब आप अपस्टॉक्स पर खाता खोलने के लिए इस पोस्ट में दिए गए सभी स्टेप्स पूरे कर लेते हैं तो 24 घंटे से लेकर 3 दिन का समय लगता है. उसके बाद आपकी upstox login details आपकी मेल पर भेज दी जाती है.

क्या upstox खाता अभी फ्री है?

जी हां अभी 2022 में अपस्टॉक्स पर अकाउंट खोलना बिल्कुल फ्री है.

अपस्टॉक्स में कितना चार्ज होता है?

अपस्टॉक्स पर आपको इंद्राणी या डिलीवरी में शेयर खरीदने पर ₹20 ब्रोकरेज चार्जेस देने पड़ते हैं और इसी तरह शेयर को बेचने पर भी ₹20 ब्रोकरेज शुल्क देना पड़ता है।

आशा करता हूं आपको इस पोस्ट (Upstox par free demat account kaise banaye) में बताए गए सभी steps समझ आ गए होंगे। अगर आपका कोई सवाल है तो नीचे कमेंट बॉक्स में पहुंच सकते हैं और अगर आपको यह पोस्ट (upstox पर फ्री में डिमैट अकाउंट कैसे खोलें) पसंद आई हो तो सोशल मीडिया पर अन्य लोगों के साथ भी जरूर शेयर कीजिए।

डिस्काउंट ब्रोकर क्या है भारत के Best Discount Broker In India Hindi

Discount Broker Kya Hai In Hindi: शेयर मार्केट में सबसे महत्वपूर्ण होता है ब्रोकर जिसके द्वारा कोई भी निवेशक शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर सकता है. ये तो आप सभी लोग जानते होंगे कि शेयर मार्केट में एक निवेशक सीधे तौर पर ट्रेडिंग नहीं कर सकता है. ट्रेडिंग करने के लिए निवेशक को एक इंटरमीडियट की जरुरत होती है, यही इंटरमीडियट स्टॉक ब्रोकर होते हैं.

अपनी सेवाओं के आधार पर स्टॉक ब्रोकर भी अनेक प्रकार के होते हैं, लेकिन जो स्टॉक ब्रोकर आजकल सबसे ज्यादा चर्चा में हैं वह हैं Discount Stock Broker, जिसके बारे में हम आपको आज के इस लेख में बताएँगे.

आज के इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Discount Broker क्या है, डिस्काउंट ब्रोकर कौन से सर्विस अपने कस्टमर को देते हैं और कौन सी सर्विस नहीं देते हैं, डिस्काउंट ब्रोकर अपस्टॉक्स ट्रेडिंग का कितना चार्ज लेता है के क्या फायदे हैं और भारत के कुछ प्रमुख डिस्काउंट ब्रोकर के बारे में भी आपको इस लेख में जानने को मिलेगा.

इसलिए डिस्काउंट ब्रोकर के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने हेतु बने रहिये लेख के अंत तक. तो चलिए शुरू करते हैं आज का यह लेख – डिस्काउंट ब्रोकर क्या है इन हिंदी.

कॉल और पुट क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकॉल ऑप्शन की खरीद या पुट ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको यह उम्मीद हो कि बाजार ऊपर जाएगा। एक पुट ऑप्शन की खरीद या कॉल ऑप्शन की बिक्री तभी करें जब आपको उम्मीद हो कि बाजार नीचे जाएगा। ऑप्शन को खरीदने वाले का मुनाफा असीमित होता है जबकि उसका रिस्क सीमित होता है (उतना ही जितना उसने प्रीमियम दिया है)।

ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना चार्ज लगता है?

इसे सुनेंरोकेंजेरोधा ऑप्शन कमोडिटी के समान ही करेंसी के लिए शुल्क लेता है यानी 0.03% या ₹20 / निष्पादित ऑर्डर (जो भी कम हो). उदाहरण अपस्टॉक्स ट्रेडिंग का कितना चार्ज लेता है के लिए, यदि आपने ₹50,000 में 50 लॉट खरीदा है। तो अगर आप 50 का 0.03 प्रतिशत गणना करते है तो यह 1.5 होता है।

शेयर बाजार में ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंOption Trading क्या हैं:- उदाहरण के लिए- मान लीजिये आप एक कंपनी का 1000 शेयर 5000 रुपये प्रीमियम देकर 1 महीने बाद का 100 रुपये में खरीदने का Option लेते हो। ऐसे में उस कंपनी का शेयर 1 महीने बाद 70 हो गया तब आपके पास विकल्प (Option) रहेगा उस शेयर को नुकसान में ना खरीदने का। ऐसे में आपका प्रीमियम का पैसा डूब जायेगा।

ऑप्शन सेलिंग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंऑप्शन में ट्रेड करना आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने देता है. वे आपको पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण प्रदान करते हैं.

बैंक निफ्टी में ट्रेडिंग कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंयह बैंक निफ्टी ऑप्शन रणनीति (Bank Nifty Option Strategy in Hindi) दो भागों में विभाजित है – सेल ट्रेड और बाय ट्रेड। यदि मार्केट एक गैप पर खुलती है (पिछले दिन के क्लोज से कम कीमत पर छलांग), तो आपको उस गैप को भरने के लिए चार्ट का इंतजार करना होगा। जब एक कैंडल इस गैप को भरती है, तो आप उस पॉइंट पर सेल ऑर्डर देते हैं।

F&O ट्रेडिंग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंफ्यूचर्स ट्रेडिंग भविष्य में बिक्री या खरीद करने का एक अनुबंध है। एक वायदा अनुबंध में एक खरीदार और एक विक्रेता होता है, जो दोनों सहमत होते हैं कि किसी संपत्ति को एक विशिष्ट दिन पर एक विशिष्ट मूल्य अपस्टॉक्स ट्रेडिंग का कितना चार्ज लेता है के लिए खरीदा या बेचा जाएगा। संपत्ति डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल इंडेक्स की तरह एक कमोडिटी, एक मुद्रा या एक इंडेक्स भी हो सकती है।

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