5. ज्यादा टैक्स कम कर देगा आपका रिटर्न
निवेश आय (Investment Income) पर अधिक टैक्स देनदारी एक ऐसी गलती है जो अक्सर लोगों के पोर्टफोलियो में मिल जाती है। कई लोग ऐसे होते हैं जो निवेश विकल्प का चयन करते समय टैक्स देनदारी पर ध्यान ही नहीं देते और बाद में टैक्स देनदारी के चलते उनका रिटर्न काफी कम रह जाता है। जब भी आप किसी निवेश विकल्प का चुनाव करें, तो ध्यान दें कि निवेश राशि, ब्याज आय (Interest Income) और मैच्योरिटी की रकम (Maturity Amount) पर क्या टैक्स देनदारी बन रही है। हमें कम से कम टैक्स देनदारी वाले निवेश विकल्प को चुनना चाहिए। कई स्मॉल स्कीम्स ऐसी भी हैं, जहां निवेशक पर कोई टैक्स देनदारी नहीं होती है। ऐसे निवेश विकल्प EEE स्टेटस के साथ आते हैं। अर्थात यहां निवेश, ब्याज आय और मैच्योरिटी की रकम तीनों पर टैक्स छूट मिलती है।
निवेश करने से पहले इन तीन बातों का रखें खास ध्यान
हिन्दुस्तान निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान 26-11-2022 लाइव हिन्दुस्तान
पिछले एक साल से भारत और ग्लोबल लेवल पर इक्विटी मार्केट अस्थिर (volatile) रहे हैं। लगातार बढ़ती मुद्रास्फीति का मुकाबला करने के लिए रेट्स में वृद्धि के कारण विश्व के सेंट्रल बैंक एक बार फिर मार्केट को नियंत्रित कर रहे हैं। भारत एक साल या पांच साल के आधार पर लगभग सभी उभरते मार्केटों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए सभी प्रमुख बाजारों में एक अलग मुकाम बनाए हुए है। भारतीय इक्विटी वैल्यूएशन अभी भी उनके लॉंग टर्म एवरेज और दूसरे बाजारों की तुलना में अच्छा रहा है। भारत का सेंट्रल बैंक, भारत सरकार और कॉरपोरेट्स सभी ने मिलकर अब तक स्थिति को बहुत अच्छी तरह से संभाला है। इसके बावजूद, जोखिम के प्रति सचेत रहना समझदारी है क्योंकि मार्केट मूल्यांकन सस्ता नहीं है। ऐसे में निवेशकों के लिए आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के एमडी और सीईओ निमेश शाह ने तीन बातों पर जोर दिया है।
तीन फ़ैक्टर्स पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है:
(1) डेट म्यूचुअल फंड में इनवेस्टमेंट करें, यह बहुत आकर्षक हो गया है
निवेश के दौरान हायर यील्ड को देखते हुए, एक एसेट क्लास-डेट-जिसे अब तक लोकप्रियता हासिल नहीं हुई है (पिछले 18-20 महीनों से) फिर से आकर्षक (attractive) लग रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाली बैठकों में रेपो दर में बढ़ोतरी होगी क्योंकि उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें ऊंची है और इसने लगभग सभी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत में भी मुद्रास्फीति और आरबीआई के समक्ष चुनौती खड़ी की है। इसलिए भविष्य में ऊंची अक्रूअल स्कीम और डाइनैमिक ड्यूरेशन वाली स्कीम की सिफारिश की जाती है।
(2) समाधान उन्मुख (solution oriented) ऑफर्स से लाभ जो म्यूचुअल फंड प्रदान करते हैं
हम उम्मीद करते हैं कि जब तक यूएस फेड मुद्रास्फीति से निपटने के लिए सभी उपलब्ध सभी उपायों का सहारा लेने के लिए प्रतिबद्ध है, तब तक मार्केट में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। इसलिए, इनवेस्टर्स को विशेष रूप से भारत में सावधानी बरतनी चाहिए। आने वाले वर्ष में, निवेशकों को आदर्श रूप से तीन से पांच साल के समय के साथ एसआईपी के माध्यम से इनवेस्टमेंट करना चाहिए।
(3) गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ और फंड ऑफ फंड्स में इन्वेस्टमेंट करें
एसेट क्लास में एक विविध (diversified) पोर्टफोलियो यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी एक ही जगह की जोखिम (concentration risk) को कम किया जाए। अनिश्चितता को देखते हुए सोने और चांदी में इन्वेस्टमेंट करने का एक दिलचस्प मौका सामने होता है। वे न केवल मुद्रास्फीति के खिलाफ, बल्कि मुद्रा मूल्यह्रास (currency depreciation) के खिलाफ भी बचाव के रूप में काम करते हैं। इनवेस्टर्स इसमें ईटीएफ के जरिए इनवेस्टमेंट करने पर विचार कर सकते हैं। जिनके पास डीमैट खाता नहीं है, उनके लिए गोल्ड या सिल्वर फंड ऑफ फंड एक इनवेस्टमेंट विकल्प है।
SIP में करते हैं निवेश तो निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान इन बातों का रखें विशेष ध्यान, होगा ज्यादा फायदा
SIP Scheme : आप अपनी सहूलियत के अनुसार, हर महीने, हर तिमाही या छमाही में निवेश कर सकते हैं. इससे छोटी-छोटी रकम जमा करके आप बड़ा रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
Systematic Investment Plan : अगर आप एसआईपी में निवेश करते हैं तो आप अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं क्योंकि एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, जो निवेशकों की पहली पसंद रहती है. कई लोग एकमुश्त निवेश करना ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन वेतनभोगियों की पहली पसंद ज्यादातर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान ही होती है. इसमें आप अपनी सहूलियत के अनुसार, हर महीने, हर तिमाही या छमाही में निवेध कर सकते हैं. इससे छोटी-छोटी रकम जमा करके आप बड़ा रिटर्न (Big Return) हासिल कर सकते हैं. लेकिन एसआईपी करते समय आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होता है, जिससे आप और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
आपको अपने निवेश को मजबूत करने के लिए बीच-बीच में एकमुश्त राशि भी जमा करना चाहिए. कई बार ऐसा होता है कि आपके पास एडिशनल पैसे आते हैं. जैसे सालाना ब्याज या किसी पॉलिसी की समाप्ति पर मिलने वाला पैसा या फिर कई समय से की गई बचत. इस राशी को आपको एसआईपी के साथ एकमुश्त निवेश करना चाहिए. यानी एक्स्ट्रा यूनिट खरीदनी चाहिए. ये आप उस वक्त कर सकते हैं जब बाजार में गिरावट आ रही है तो ऐसे में मौके का फायदा उठाते हुए म्यूच्यूअल फंड्स की कुछ यूनिट्स खरीदी जा सकती है.
एसआईपी को हर हाल में जारी रखना जरुरी होता है जब तक कि आप अपना फाइनेंशियल लक्ष्य न हासिल कर लें. कई लोग ऐसे होते हैं जो कुछ समय तो अपना निवेश जारी रखते हैं, लेकिन फिर निवेश रोक देते हैं. ऐसे में आपको अपना लक्ष्य हासिल करने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा. अच्छे रिटर्न के लिए बाजार में ज्यादा समय तक टिके रहना जरुरी होता है. इसीलिए चाहे कैसी भी परिस्थिति क्यों न हो आपको निवेश जारी रखना ही है.
हर साल बढ़ाते रहें टॉप-अप
यह शायद आप नहीं जानते होंगे, लेकिन अपने एसआईपी को टॉप-अप करना बहुत जरुरी होता है. जैसे हर साल आपका वेतन बढ़ता है वैसे ही हर साल एसआईपी की निवेश राशी भी बढ़ाई जा सकती है ताकि आपको ज्यादा रिटर्न मिले. आपके फायदे के लिए हर सार एसआईपी के अमाउंट को बढ़ाना जरुरी है.
छोटी बचत कभी भी कर सकते हैं शुरू
बता दें कि ऐसे कई लोग भी होते हैं जो काफी देरी से निवेश की शुरुआत करते हैं. मान लीजिये यदि आपकी उम्र 35 साल हो गई है फिर भी आप हर साल केवल 5 हजार निवेश करके लगभग एक करोड़ रिटर्न हासिल कर सकते हैं. इसमें यदि आपको रेट ऑफ रिटर्न 12 प्रतिशत मिलेगा . ऐसे में 60 साल की उम्र में आपको 95 लाख रुपए का रिटर्न मिलेगा. जिसमें 15 लाख आपका कुल इन्वेस्टमेंट होगा और बाकि 80 लाख रिटर्न होंगे.
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English News Headline :If you invest in SIP keep these things in mind.
Investment Tips : नहीं रखा पोर्टफोलियो का खास ख्याल तो छू-मंतर हो जाएगा मुनाफा, कभी ना भूलें ये 5 बातें
Investment Tips : अगर आप समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो (Portfolio) को चेक नहीं करते हैं और सही कदम नहीं उठाते हैं, तो इसकी काफी अधिक संभावना है कि आप अपने मुनाफे को गंवा रहे हैं। मार्केट को टाइम करना, निवेश को रोक देना और निवेश को दोबारा शुरू करना ऐसे कदम हैं जो आपके पोर्टफोलियो को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
Investment Tips : निवेशक हमेशा ध्यान रखें ये बातें
हाइलाइट्स
- निवेशक को समय-समय पर मुनाफा निकालते रहना चाहिए
- निवेश करते समय टैक्स देनदारी का ध्यान रखना भी जरूरी
- पोर्टफोलियो में लिक्विडिटी का जरूर रखें ध्यान
2. लिक्विडिटी का ध्यान रखें
किसी इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में लिक्विडिटी (Liquidity) पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। निवेशक रिटर्न और सेफ्टी को लेकर काफी जागरुक रहते हैं, लेकिन लिक्विडिटी को भूल जाते हैं। किसी भी समय आपके पोर्टफोलियो में पर्याप्त लिक्विडिटी होनी चाहिए। आप नहीं जानते कि कब कोई फाइनेंशियल इमरजेंसी आप पर आ जाए। महामारी का समय हमें याद दिलाता है कि हमारे पास हमेशा पर्याप्त लिक्विडिटी होनी चाहिए। अर्थात आपके पास हमेशा कुछ राशि ऐसी जगह हो, जहां से आप उसे कभी भी बिना कोई नुकसान उठाए निकाल सकें।
3. रिस्क लें लेकिन सोच-समझकर
अगर निवेशक लंबे समय से अपने पोर्टफोलियो पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, तो वे खुद को निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान बड़े जोखिम में डाल रहे हैं। निवेश की रिस्क प्रोफाइल (Risk Profile) समय के साथ बदलती रहती है। म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) को देखें, तो ये अपने मेंडेट्स बदलते रहते हैं और दूसरी कैटेगरीज में जाते रहते हैं। वे खुद को ओरिजनल रिस्क प्रोफाइल के साथ बांध कर नहीं रखते हैं। यहां तक की नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) भी निवेश नियमों में बदलाव करती रहती है। डेट फंड (Debt Fund) में यह महत्वपूर्ण होता है कि लिक्विडिटी या क्रेडिट प्रोफाइल में किसी भी गड़बड़ पर ध्यान दिया जाए। निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान इसलिए आपको अपने निवेश की रिस्क प्रोफाइल में किसी भी बदलाव पर गौर करना चाहिए और सही कदम उठाना चाहिए।
4. मुनाफे निकालते रहें
अगर आप समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को चेक नहीं करते हैं और सही कदम नहीं उठाते हैं, तो इसकी काफी अधिक संभावना है कि आप अपने मुनाफे को गंवा रहे हैं। मार्केट को टाइम करना, निवेश को रोक देना और निवेश को दोबारा शुरू करना ऐसे कदम हैं जो आपके पोर्टफोलियो को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर आप इक्विटी (Equity) में निवेश करते हैं तो टार्गेट (Target) और स्टॉपलॉस (Stoploss) रखना बेहतर है। इससे आप अपने निवेश पर जोखिम को कम कर सकते हैं। गिरावट का अंदेशा होने पर फ्रेश मार्केट पीक में बिकवाली करने वाला निवेशक अपने फैसले पर पछताता नहीं है। अगर बाजार नई ऊंचाई की ओर बढ़ता है, तो वह निवेशक फिर से बाजार में पैसा लगा सकता है। बाजार में तेजी को पकड़ने के लिए लगातार निवेश करते रहना एक सही फैसला है।
Financial Tips : क्या आपको भी जानना है अमीर बनने का फॉर्मूला? ये 10 बातें खोलेंगी आपकी किस्मत का ताला
5. ज्यादा टैक्स कम कर देगा आपका रिटर्न
निवेश आय (Investment Income) पर अधिक टैक्स देनदारी एक ऐसी गलती है जो अक्सर लोगों के पोर्टफोलियो में मिल जाती है। कई लोग ऐसे होते हैं जो निवेश विकल्प का चयन करते समय टैक्स देनदारी पर ध्यान ही नहीं देते और बाद में टैक्स देनदारी के चलते उनका रिटर्न काफी कम रह जाता है। जब भी आप किसी निवेश विकल्प का चुनाव करें, तो ध्यान दें कि निवेश राशि, ब्याज आय (Interest Income) और मैच्योरिटी की रकम (Maturity Amount) पर क्या टैक्स देनदारी बन रही है। हमें कम से कम टैक्स देनदारी वाले निवेश विकल्प को चुनना चाहिए। कई स्मॉल स्कीम्स ऐसी भी हैं, जहां निवेशक पर कोई टैक्स देनदारी नहीं होती है। ऐसे निवेश विकल्प EEE स्टेटस के साथ आते हैं। अर्थात यहां निवेश, ब्याज आय और मैच्योरिटी की रकम तीनों पर टैक्स छूट मिलती है।
Mutual Fund: निवेश करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, कम जोखिम में बंपर मिलेगा फायदा
डीएनए हिंदी: कोरोना काल में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करने से निवेशकों को अच्छा फायदा हुआ है. ऐसे में लोग म्यूचुअल फंड की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. हालांकि अगर आप पहली बार म्युचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं तो कुछ जानकारियों के साथ सावधानी भी जरूरी है. जानकारों के मुताबिक अगर कोई पहली बार किसी म्युचुअल फंड में निवेश करने जा रहा है तो उसकी पहली पसंद लार्ज कैप फंड (large cap fund) होना चाहिए. उसके बाद इंडेक्स फंड (index fund) को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उनके मुताबिक म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर (mutual fund calculator) आपको बताता है कि एक निश्चित अवधि में आपका पैसा कैसे बढ़ेगा. लेकिन वे यह नहीं बताते कि किस म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपका पैसा बढ़ेगा. इसलिए विशेषज्ञों की सलाह के बाद ही इसमें निवेश करना चाहिए. खास बात यह है कि म्यूचुअल फंड में पैसा कमाने के लिए आपके पास एक रणनीति होनी चाहिए.
कम जोखिम के साथ अच्छा रिटर्न
अब तक पहली बार म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए लार्ज-कैप (large-cap fund) और इंडेक्स फंड (index fund) सबसे पसंदीदा निवेश विकल्प रहे हैं. इनमें जोखिम कम होने की वजह से पैसा कमाया जा सकता है. हालांकि, यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. कोई भी म्यूचुअल फंड योजना जोखिम मुक्त नहीं है. लाइव मिंट में छपी इस खबर में टैक्स और निवेश विशेषज्ञ जितेंद्र सोलंकी का कहना है कि पहली बार अगर आप म्यूचुअल फंड में पैसा खर्च करने जा रहे हैं तो लार्जकैप म्यूचुअल फंड आपके लिए बेहतर रहेगा. इन फंड्स में फंड मैनेजर टॉप 100 लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. इन शेयरों में छोटे और मझोले शेयरों की तुलना में काफी कम विचलन देखा गया है. इस वजह से लार्ज कैप शेयरों में निवेश करने वाले फंडों में भी जोखिम कम होता है.
आप इन फंडों में निवेश कर सकते हैं
गौरे जितेंद्र सोलंकी के मिराए एसेट लार्ज कैप डायरेक्ट ग्रोथ फंड (Mirae Asset Large Cap Direct Growth Fund), एक्सिस ब्लू चिप डायरेक्ट ग्रोथ फंड (Axis Blue Chip Direct Growth Fund) और केनरा रेबेको ब्लूचिप डायरेक्ट ग्रोथ फंड एडवाइस (Canara Rebeco Bluechip Direct Growth Fund Advice) में निवेश करें. निवेशकों को उनकी सलाह डायरेक्ट ग्रोथ प्लान में निवेश करने की भी है. इसका कारण यह है कि डायरेक्ट ग्रोथ प्लान में ब्रोकर की भूमिका कम हो जाती है और निवेशकों को लॉन्ग टर्म में 1-1.5 फीसदी अतिरिक्त म्यूचुअल फंड ब्याज मिलता है. इसके साथ ही सोलंकी ने यह भी सलाह दी है कि अगर आपके पास एकमुश्त पैसा लगाने की क्षमता नहीं है तो आप एसआईपी (SIP) के जरिए निवेश करें.
इंडेक्स फंड भी हैं बेहतर विकल्प
Goodmoneying.com के मनीमेकिंग सिंघल का कहना है कि पहली बार म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए इंडेक्स फंड भी एक बेहतर विकल्प है. उनमें बहुत कम जोखिम होता है और उनका प्रदर्शन सूचकांक के प्रदर्शन से जुड़ा होता है. सिंघल का कहना है कि पहली बार म्यूचुअल फंड निवेशक यूटीआई निफ्टी 50 (UTI Nifty 50), एचडीएफसी निफ्टी 50 (HDFC Nifty 50) और एचडीएफसी सेंसेक्स (HDFC Sensex) में निवेश कर सकते हैं. वह यह भी सलाह देते हैं कि आपको अलग-अलग म्यूचुअल फंड के इंडेक्स फंडों के विस्तार पर भी नजर रखनी चाहिए, क्योंकि फंड पर जितना अधिक खर्च होगा, आपका रिटर्न उतना ही कम होगा.
Mutual Fund: निवेश करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, कम जोखिम में बंपर मिलेगा फायदा
डीएनए हिंदी: कोरोना काल में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करने से निवेशकों को अच्छा फायदा हुआ है. ऐसे में लोग म्यूचुअल फंड की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. हालांकि अगर आप पहली बार म्युचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं तो कुछ जानकारियों के साथ सावधानी भी जरूरी है. जानकारों के मुताबिक अगर कोई पहली बार किसी म्युचुअल फंड में निवेश करने जा रहा है तो उसकी पहली पसंद लार्ज कैप फंड (large cap fund) होना चाहिए. उसके बाद इंडेक्स फंड (index fund) को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उनके मुताबिक म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर (mutual fund calculator) आपको बताता है कि एक निश्चित अवधि में आपका पैसा कैसे बढ़ेगा. लेकिन वे यह नहीं बताते कि किस म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपका पैसा बढ़ेगा. इसलिए विशेषज्ञों की सलाह के बाद ही इसमें निवेश करना चाहिए. खास बात यह है कि म्यूचुअल फंड में पैसा कमाने के लिए आपके पास एक रणनीति होनी चाहिए.
कम जोखिम के साथ अच्छा रिटर्न
अब तक पहली बार म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए लार्ज-कैप (large-cap fund) और इंडेक्स फंड (index fund) सबसे पसंदीदा निवेश विकल्प रहे हैं. इनमें जोखिम कम होने की वजह से पैसा कमाया जा सकता है. हालांकि, यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. कोई भी म्यूचुअल फंड योजना जोखिम मुक्त नहीं है. लाइव मिंट में छपी इस खबर में टैक्स और निवेश विशेषज्ञ जितेंद्र सोलंकी का कहना है कि पहली बार अगर आप म्यूचुअल फंड में पैसा खर्च करने जा रहे हैं तो लार्जकैप म्यूचुअल फंड आपके लिए बेहतर रहेगा. इन फंड्स में फंड मैनेजर टॉप 100 लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. इन शेयरों में छोटे और मझोले शेयरों की तुलना में काफी कम विचलन देखा गया है. इस वजह से लार्ज कैप शेयरों में निवेश करने वाले फंडों में भी जोखिम कम होता है.
आप इन फंडों में निवेश कर सकते हैं
गौरे जितेंद्र सोलंकी के मिराए एसेट लार्ज कैप डायरेक्ट ग्रोथ फंड (Mirae Asset Large Cap Direct Growth Fund), एक्सिस ब्लू चिप डायरेक्ट ग्रोथ फंड (Axis Blue Chip Direct Growth Fund) और केनरा रेबेको ब्लूचिप डायरेक्ट ग्रोथ फंड एडवाइस (Canara Rebeco Bluechip Direct Growth Fund Advice) में निवेश करें. निवेशकों को उनकी सलाह डायरेक्ट ग्रोथ प्लान में निवेश करने की भी है. इसका कारण यह है कि डायरेक्ट ग्रोथ प्लान में ब्रोकर की भूमिका कम हो जाती है और निवेशकों को लॉन्ग टर्म में 1-1.5 फीसदी अतिरिक्त म्यूचुअल फंड ब्याज मिलता है. इसके साथ ही सोलंकी ने यह भी सलाह दी है कि अगर आपके पास एकमुश्त पैसा लगाने की क्षमता नहीं है तो आप एसआईपी (SIP) के जरिए निवेश करें.
इंडेक्स फंड भी हैं बेहतर विकल्प
Goodmoneying.com के मनीमेकिंग सिंघल का कहना है कि पहली बार म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए इंडेक्स फंड भी एक बेहतर विकल्प है. उनमें बहुत कम जोखिम होता है और उनका प्रदर्शन सूचकांक के प्रदर्शन से जुड़ा होता है. सिंघल का कहना है कि पहली बार म्यूचुअल फंड निवेशक यूटीआई निफ्टी 50 (UTI Nifty 50), एचडीएफसी निफ्टी 50 (HDFC Nifty 50) और एचडीएफसी सेंसेक्स (HDFC Sensex) में निवेश कर सकते हैं. वह यह भी सलाह देते हैं कि आपको अलग-अलग म्यूचुअल फंड के इंडेक्स फंडों के विस्तार पर भी नजर रखनी चाहिए, क्योंकि फंड पर जितना अधिक खर्च होगा, आपका रिटर्न उतना ही कम होगा.
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