शेयर बाजार 14 दिसम्बर 2022 ,14:15

The Public Side

मुंबई, 30 नवंबर, 2022- फ्रुवेगी टेक प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व वाला एक फ्रेश प्रोड्यूस फूड -टेक वेंचर प्लक ने जनवरी 2022 में लॉन्च होने के बाद से बहुत कम समय में 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का रिकॉर्ड राजस्व अर्जित किया है, जिससे यह फलों और सब्जियों की श्रेणी में सबसे तेजी से बढ़ने वाली डी2सी कंपनियों में से एक बन गया है। हालिया राजस्व वृद्धि अप्रैल में प्लक ऐप के लॉन्च के बाद दर्ज की गई, जिसने केवल 3 महीनों में एक लाख डाउनलोड के साथ इसकी शानदार वृद्धि में योगदान दिया।

कंपनी ने दिल्ली एनसीआर में अपने विस्तार की भी घोषणा की, जहां गुरुग्राम में पायलट प्रोजेक्ट पहले ही शुरू हो चुका है। कंपनी की भविष्य की योजनाओं में वित्त वर्ष 23-24 के अंत तक पुणे और हैदराबाद में विस्तार करना भी शामिल है।

इस नए स्टार्ट-अप ने एमेजॉन, ड्यून्जो, रिलायंस, स्विगी और जेप्टो जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ भी टाई-अप किया है और इस तरह विकास की राह पर तेजी से अमेरिकी शैली विकल्पों पर प्रीमियम अपने कदम बढ़ाए।

प्लक वर्तमान में 1 लाख से अधिक ग्राहकों की संख्या को पार कर चुका है। यह 1000 से अधिक किसानों के नेटवर्क के साथ काम करता है और 250 से ज्यादा उत्पादों के तैयार भोजन किट प्रदान करता है। कंपनी की अगले 12 से 18 महीनों में धन जुटाने और नए भौगोलिक क्षेत्रों में प्रवेश करने की योजना है।

प्लक के सीईओ और को-फाउंडर श्री प्रतीक गुप्ता कहते हैं, ‘‘शहरी भारतीय मोबाइल उपभोक्ता आज जो कुछ भी उपभोग करते हैं उसमें वे स्वास्थ्य और जीवन शैली से अमेरिकी शैली विकल्पों पर प्रीमियम जुड़े फायदों पर भी नजर रखते हैं। ऑनलाइन ताजा उत्पाद का लगभग एक तिहाई बाजार अगले 5 वर्षों में जीवन शैली से संबंधित ब्रांडों द्वारा संचालित होने वाला है। प्लक में हमने इस तेजी से बढ़ते स्पेस को पहचाना और ग्राहकों को उच्चतम गुणवत्ता वाले ताजा भोजन से संबंधित विकल्प प्रदान करने का लक्ष्य रखा है। ये ऐसे विकल्प हैं जो उनकी जीवन शैली की जरूरतों को पूरा करेंगे। हम अपने संचालन के केवल नौ महीनों में 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर से शुरुआत करते हुए 5 मिलियन तक पहुंच गए हैं और इस शानदार कामयाबी को देखकर हम बेहद खुश हैं।’’

प्लक की सबसे बड़ी विशेषताओं में शामिल हैं- ग्राहकों को उच्चतम गुणवत्ता - सुरक्षित, स्वच्छ, ओजोन से धोए गए, ट्रेस करने योग्य, साफ-सुथरे रूप से उगाए गए फार्म के ऐसे ताजा भोजन विकल्प प्रदान करना, जो जीवन शैली की जरूरतों को पूरा करते हैं।

कंपनी ने हाल ही में एक्सपोनेंटिया वेंचर्स से 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सीड कैपिटल फंडिंग जुटाई है। फलों और सब्जियों की श्रेणी में वन-स्टॉप विशिष्ट ब्रांड के रूप में खुद को स्थापित करके कंपनी ने इस पूंजी का अच्छा उपयोग किया है।

प्लक ऐसे भोजन विकल्प पेश कर रहा है, जिन्हें दुनियाभर में लोग पसंद कर रहे हैं और जो वर्तमान में चलन में हैं। इनमें वीगन से लेकर कार्ब अल्टरनेटिव और समग्र स्वास्थ्य को और बेहतर बनाने वाली सामग्री शामिल है। यह प्लेटफॉर्म नई और अनूठी श्रेणियों की पेशकश करता है, जो इसे फल और सब्जियों के लिए सबसे विश्वसनीय गंतव्य बनाता है, जिसमें मील किट, लो कार्ब मील रिप्लेसमेंट, कट्स, सलाद, हाइड्रोपोनिक, ऑर्गेनिक, स्टफ्ड आदि शामिल हैं।

पेटीएम का 50 फीसदी प्रीमियम पर 850 करोड़ रुपये का शेयर बायबैक निकट अवधि में स्टॉक का समर्थन करेगा

शेयर बाजार 14 दिसम्बर 2022 ,14:15

पेटीएम का 50 फीसदी प्रीमियम पर 850 करोड़ रुपये का शेयर बायबैक निकट अवधि में स्टॉक का समर्थन करेगा

© Reuters. पेटीएम का 50 फीसदी प्रीमियम पर 850 करोड़ रुपये का शेयर बायबैक निकट अवधि में स्टॉक का समर्थन करेगा

में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत की अग्रणी डिजिटल भुगतान, वित्तीय सेवा, क्यूआर और मोबाइल भुगतान की अग्रणी कंपनी पेटीएम को जेपी मॉर्गन और मॉर्गन स्टेनली जैसे शीर्ष ब्रोकरेज से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। कंपनी के बोर्ड ने कंपनी के इक्विटी शेयरों को प्रति शेयर 810 रुपये और 850 करोड़ रुपये तक बायबैक के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।दोनों ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक शेयर की कीमत में 1,100 रुपये प्रति शेयर तक की संभावित बढ़ोतरी हो सकती है। जेपी मॉर्गन ने रेखांकित किया है कि पेटीएम के बायबैक से ग्रोथ प्लान प्रभावित नहीं होगी।

पेटीएम की मूल कंपनी, वन97 कम्युनिकेशन्स के पास इस साल सितंबर तक 9,182 करोड़ रुपये की नकदी थी। कंपनी ने कहा कि शेयर बाजार तंत्र के जरिये पुनर्खरीद खुले बाजार में होगी। न्यूनतम बायबैक आकार और अधिकतम बायबैक मूल्य के आधार पर, कंपनी न्यूनतम 5,246,913 इक्विटी शेयर खरीदेगी।

पेटीएम को लेकर जेपी मॉर्गन उत्साहित हैं। उसने अपने नोट में कहा है कि निकट अवधि में स्टॉक मूल्य को समर्थन देने के लिए 50 प्रतिशत प्रीमियम पर बायबैक घोषणा हुई है। ब्रोकरेज ने अपने मूल्य लक्ष्य को 1,100 रुपये प्रति शेयर पर अपरिवर्तित रखा और स्टॉक पर ओवरवेट रेटिंग को दोहराया। इसने इस बात पर प्रकाश डाला कि बायबैक किसी भी योजना को बाधित नहीं करेगा क्योंकि व्यवसाय को बढ़ाने के लिए आवश्यक निवेश को ध्यान में रखते हुए कंपनी अतिरिक्त नकदी पैदा करेगी।

ब्रोकरेज फर्म को एडजस्टेड ईबीआईटीडीए में सुधार से कैश जनरेशन पर टेलविंड्स की भी उम्मीद है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा, पेटीएम के पास 22 सितंबर तक 1.1 अरब डॉलर नकद था और हमारे विचार में बायबैक (बायबैक टैक्स सहित) के लिए 127 मिलियन डॉलर का नकद परिव्यय एक महत्वपूर्ण राशि नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में एडजस्टेड ईबीआईटीडीए ब्रेकइवन होने से पहले अगली तीन तिमाहियों में यह 33 मिलियन डॉलर खर्च करेगा।

जेपी मॉर्गन ने अपने नोट में कहा है कि बायबैक की वजह से कैश में कमी शेयर काउंट में कमी को ऑफसेट करती है। ब्रोकरेज ने 1,100 रुपये प्रति शेयर के लक्ष्य मूल्य के साथ स्टॉक के लिए ओवरवेट रेटिंग बनाए रखी है। कंपनी ने नोट में कहा, हम डीसीएफ वैल्यूएशन का उपयोग करते हुए पेटीएम को महत्व देते हैं, पूंजी की बढ़ती लागत में 18.5 प्रतिशत सीओई और 20 गुणा एग्जिट मल्टीपल के साथ अमेरिकी शैली विकल्पों पर प्रीमियम बेकिंग करते हैं जो मार्च 2023 पीटी तक 1,100 रुपये तक जा सकता है।

जेपी मोर्गन ने कहा, एमटीयू (मासिक लेन-देन करने वाले उपयोगकर्ता) और जीएमवी/एमटीयू में अनुमानित से कम वृद्धि, ऋणों में अनुमानित से कम वृद्धि और अस्थिर पोर्टफोलियो क्रेडिट व्यवहार का जोखिम और एमडीआर भुगतान के लिए प्रतिकूल विनियामक जोखिम और डिजिटल ऋण देने पर प्रतिबंध, रेटिंग और मूल्य लक्ष्य के लिए कुछ प्रमुख जोखिम होंगे।

मॉर्गन स्टेनली ने आकर्षक उद्योग के ²ष्टिकोण से स्टॉक को समान भार रेटिंग दी है। इसने कीमत लक्ष्य 695 रुपये प्रति शेयर रखा है। मॉर्गन स्टेनली ने नोट किया कि बायबैक के कारण कुल परिव्यय 10.5 अरब रुपये होगा और इसमें लागू बायबैक टैक्स शामिल होंगे। इसमें आगे कहा गया, नकदी की स्थिति सितंबर 22 तक 91.8 अरब रुपये पर मजबूत रही है और बायबैक के बाद भी मजबूत बनी रहेगी।

मॉर्गन स्टेनली ने कहा, पेटीएम बोर्ड ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बायबैक विश्वास का संकेत है कि कंपनी नकदी प्रवाह लाभप्रदता देने के स्पष्ट रास्ते पर है और कहा कि बायबैक का निकट भविष्य में इसकी विकास योजनाओं या इसकी लाभप्रदता योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

क्या 2021 में हेल्थ केयर एक अच्छा बिजनेस आइडिया है?

Nitika Ahluwalia

भारतीय हेल्थकेयर सर्विस उद्योग में ऐसे व्यवसाय शामिल हैं जो देश में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलू प्रदान करते हैं। इसमें लोंग टर्म केयर के लिए प्राथमिक, निवारक और माध्यमिक हेल्थकेयर शामिल है। इस क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में रोगियों की संख्या में वृद्धि और मांग में वृद्धि देखी गई है। इसके कारण, ऑर्गेनाइजेशन सर्विस प्रदान करने के लिए विभिन्न रणनीतियों को लागू करने के लिए आकर्षित हुए हैं।

वर्तमान ट्रेंड्स बताते हैं कि मरीज स्थानीय प्रदाताओं को चुनना जारी रखेंगे, लेकिन अपनी आवश्यकताओं के आधार पर विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला की तलाश करेंगे। यह कुछ सीखने और हासिल करने की अनुमति देता है जो पूरे देश के लिए फायदेमंद हो सकता है। साथ ही, यह छात्रों को अध्ययन के अनुकूल वातावरण में काम करने की अनुमति देता है।

हेल्थकेयर उद्योग की वर्तमान स्थिति

भारत में हेल्थकेयर मार्केट 2022 तक 372 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, बढ़ती आय, बेहतर स्वास्थ्य जागरूकता, जीवन शैली की बीमारियों और बीमा की बढ़ती पहुंच। भारत सरकार 2022 तक हेल्थकेयर खर्च को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बना रही है। भारतीय राज्य चिकित्सा परिषदों/चिकित्सा परिषद के साथ पंजीकृत (I.M.C अधिनियम) के तहत मान्यता प्राप्त चिकित्सा योग्यता वाले डॉक्टरों की संख्या सितंबर 2020 तक बढ़कर 1,255,786 हो गई, जो 2010 की नीति और सरकारी सहायता में 827,006 थी।

केंद्रीय बजट 2021 में, सरकार ने 2021-22 में कोविड-19 वैक्सीन के लिए 4.80 बिलियन अमेरिकी डॉलर आवंटित किए। मार्च 2021 में संसद ने नेशनल कमीशन फॉर एलाइड हेल्थकेयर प्रोफेशन बिल 2021 पारित किया, जो एक ऐसा निकाय बनाने के लिए है जो हेल्थकेयर प्रोफेशनल के लिए एजुकेशनल और सर्विस स्टैंडर्ड को विनियमित(रेगुलेट) और बनाए रखेगा।

भारतीय हेल्थकेयर सर्विस में निवेश करने के फायदे और नुकसान

फायदे

भारतीय हेल्थकेयर उद्योग प्रभावशाली गति से बढ़ रहा है। यह वैश्विक फर्मों और ब्रांड उत्साही लोगों से बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित कर रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का विस्तारित उपयोग प्रक्रिया को तेज, अधिक कुशल और अधिक लागत प्रभावी बनाने के साथ-साथ लोकप्रिय कम कीमतों पर उच्च क्वालिटी वाली सेवाएं प्रदान कर रहा है।

हेल्थकेयर क्षेत्र द्वारा प्रदान की गई बेहतर तकनीक और उच्च मूल्य का संयोजन हमारे जीने और काम करने के तरीके में क्रांति ला रहा है। देश एक अस्पताल और गरीबी उन्मूलन मशीन से एक हेल्थकेयर सिस्टम की ओर बढ़ने के लिए तैयार है जो दोनों दुनिया के सर्वश्रेष्ठ को जोड़ती है। भारतीय हेल्थकेयर उद्योग तेजी से विस्तार कर रहा है और कई प्रकार की सेवाओं और सुविधाओं की पेशकश कर रहा है जिन्हें दुनिया भर में अत्यधिक सम्मानित किया जाता है। यह अब केवल बीमारियों को ठीक करने और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के बारे में नहीं है बल्कि एक सक्रिय और स्वस्थ जीवन शैली को भी बढ़ावा देता है। इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण दोनों में सुधार होता है। वर्तमान समय में यदि कोई इस बाजार में प्रवेश करता है तो यह लाभ कमाने का सबसे अच्छा तरीका होगा। देश में केवल 27 राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान हैं जो मरीजों की 24 घंटे देखभाल करते हैं।

भारत में हेल्थकेयर सर्विस दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में सस्ती और बेहतरीन है। दुनिया के बाकी हिस्सों से लोग न्यूनतम शुल्क पर सर्वोत्तम सेवाएं प्राप्त करने के लिए चिकित्सा वीजा के साथ भारत आते हैं।
यह बात भारत में अच्छी हेल्थकेयर सर्विस की कभी न खत्म होने वाली मांग बनाती है।हम लगभग डेढ़ अरब हैं और यह बढ़ती आबादी स्वास्थ्य और कल्याण में मांग को भी बढ़ाती है।

पिछले कुछ दशकों में भारतीय हेल्थकेयर उद्योग का विकास एक प्रमुख विकास है। व्यक्तियों और ऑर्गेनाइजेशन की आकांक्षाओं को इस बात से देखा जा सकता है कि जिस तरह से सिस्टम को संरचित किया गया है और जिस तरह से रोगियों को उनकी बीमारी के हर चरण में प्रबंधित और इलाज किया जाता है। इस प्रक्रिया में, यह देश में रहने वाले कई लोगों के जीवन में बहुत सकारात्मक बदलाव लाता है। हालांकि, अगर हमें इस विशाल विकास को त्वरित आधार पर करना है तो कुछ कमियों को दूर करने की आवश्यकता है। मैंने सोचा है कि इनमें से कुछ पहलुओं पर विशेष रूप से एक नज़र डालना उपयोगी हो सकता है।

भारतीय हेल्थकेयर सिस्टम एक ऐसी चीज है जिसे मिश्रित बैग के रूप में वर्णित किया जा सकता है।इसका मतलब है कि विभिन्न हेल्थकेयर संस्थानों द्वारा प्रदान किए जाने वाले कई दृष्टिकोण और सुविधाएं हैं। प्रदान की जाने वाली सेवाओं में सामान्य हेल्थ केयर , ऑर्थोपेडिक केयर, कार्डियक केयर आदि शामिल हैं। लेकिन सिस्टम औसत व्यक्ति के लिए भी काफी असमान और महंगे हैं, जब तक कि उनका हेल्थकेयर प्रोफेशनल के साथ व्यक्तिगत संबंध न हो या राज्य कल्याण या सब्सिडी वाली स्वास्थ्य देखभाल योजनाएं प्राप्त न हों। अधिकांश लोग सरकार समर्थित स्वास्थ्य संस्थानों में जाते हैं जो बीमारी या चोट की उपस्थिति में मुफ्त नैदानिक ​​प्रयोगशाला परीक्षण, रक्त परीक्षण, एक्स-रे आदि प्रदान अमेरिकी शैली विकल्पों पर प्रीमियम करते हैं। व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी, भारतीय हेल्थकेयर उद्योग में निवेश करने में कुछ कमियां हैं। एक विकासशील राष्ट्र के रूप में भारत बड़ी संख्या में चिकित्सा स्नातकों का निर्माण कर रहा है जो उनके बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ाते हैं। इस कॉम्पीटीशन के परिणामस्वरूप कम वेतन और कम अवसर मिलते हैं।

निष्कर्ष
हेल्थकेयर उद्योग सकारात्मक संभावनाओं से भरा है। यदि अमेरिकी शैली विकल्पों पर प्रीमियम आप व्यावहारिक रूप से अपने व्यवसाय के बारे में सोच सकते हैं, तो आप बहुत अच्छी कमाई कर सकते हैं।आपको किसी भी चीज़ में कदम रखने से पहले जोखिम लेने के बारे में समझना चाहिए, और आप जिस प्रकार का व्यवसाय कर रहे हैं, उसके फायदे और नुकसान के बारे में जानना चाहिए। हालांकि, अगर सही तरीके से किया जाए तो कोई भी व्यवसाय आपको भारी लाभ दे सकता है।

Mediclaim Policy लेने जा रहे हैं तो पहले कर लें ये 5 काम, फिर बुढ़ापे तक आराम ही आराम

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आमतौर पर मेडिकल बीमा (Mediclaim Policy) लेते समय हम उससे जुड़ी सभी चीजों की पड़ताल करना जरूरी नहीं समझते और बिना खोजबीन किए आंख मूंदकर बीमा खरीद लेते हैं। अधिक से अधिक हमारा ध्यान केवल सस्ते प्रीमियम और कैशलेस कवर जैसी चीजों पर ही रहता है। क्या अपने कभी सोचा है कि आपका आधार प्रीमियम समय के साथ क्यों बढ़ता रहता है? क्या आप जानते हैं कि आपके मेडिकल बीमा में कौन-कौन सी बीमारियां कवर हो रही हैं? क्या आपको पता है कि आपके मेडिकल बीमा में बीमारियों का वेटिंग पीरियड कितना है? अगर इनमें से किसी भी सवाल का जवाब 'ना' में हैं तो इसका मतलब है कि आप मेडिकल बीमा को बहुत गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि मेडकल बीमा खरीदते समय ये पांच बातें जरूर जान लें।

If you have LIC policy, then do this work today itself

मेडिकल बीमा पॉलिसी में क्या-क्या शामिल है?

स्वास्थ्य बीमा किसी व्यक्ति या उसके परिवार की वित्तीय सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। भारत में चिकित्सा साल दर साल 15 फीसद की दर से महंगी होती जा रही है, ऐसे में पूरे परिवार के लिए एक व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना का विकल्प चुनना अनिवार्य हो गया है, ताकि अस्पताल में भर्ती होने पर होने वाले खर्चों से बचा जा सके। एक कंप्रिहेंसिव स्वास्थ्य बीमा योजना एक तरह की क्षतिपूर्ति योजना है जो अस्पताल में भर्ती होने के दौरान किए गए सभी खर्चों का भुगतान करती है। इसमें आमतौर पर बीमारी, चोट या दुर्घटना से संबंधित खर्चों को कवर किया जाता है। कंप्रिहेंसिव मेडिकल पॉलिसी में एम्बुलेंस की लागत, कमरे का किराया, दवाएं, जांच, सर्जरी/प्रत्यारोपण जैसी सभी चीजों को को इन-पेशेंट अस्पताल एडमिशन के तहत कवर किया जाएगा। इसके अतिरिक्त इसमें अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद की सभी छोटी-बड़ी चीजें कवर होती हैं। कई पॉलिसी ऑर्गन डोनेशन जैसी चीजों को भी कवर करती हैं। कंप्रिहेंसिव मेडिकल पॉलिसी के अन्य लाभ भी हैं, जैसे कि मुफ्त वार्षिक चिकित्सा जांच, सम अश्योर्ड को रिस्टोर कर पाना, मैटरनिटी और अन्य कवर। आप व्यक्तिगत दुर्घटना और गंभीर बीमारी कवरेज जैसे ऐड-ऑन खरीदकर आधार कवरेज को और बढ़ा सकते हैं।

प्रीमियम को कितना समझते हैं आप

आपका प्रीमियम समय के साथ बढ़ता जाएगा और यह आयु वर्ग, क्लेम और अन्य कारकों पर निर्भर करता है। इसलिए आप कोई भी स्वास्थ्य बीमा योजना चुनते हैं, उसका प्रीमियम आपकी उम्र, स्वास्थ्य की स्थिति आदि के आधार पर लगभग हर साल या अधिकतम हर 5 साल में बढ़ जाएगा। ऐसे में हर किसी के मन में यह स्वाभाविक प्रश्न होगा कि मेडिकल इंश्योरेंस लेना क्या इतना जरूरी है? इसका उत्तर हैं- हां। COVID-19 की दूसरी लहर में लोग जिस तरह बीमार पड़े और उनको अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत हुई, उसको देखते हुए सभी के लिए मेडिकल पॉलिसी बहुत जरूरी है। लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों के बढ़ने के साथ, मधुमेह, मोटापा, पाचन संबंधी रोग और उच्च रक्तचाप के मामले बढ़ते जा रहे हैं। युवा इसकी चपेट में तेजी से आ रहे हैं, ऐसे में एक कंप्रिहेंसिव मेडिकल पॉलिसी लेना बहुत जरूरी है।

आप जितनी जल्दी स्वास्थ्य बीमा योजना चुनते हैं, उतनी ही कम संभावना होगी कि आपको पहले से कोई बीमारी हो। चूंकि युवाओं को आमतौर पर अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता कम होती है, इसलिए किसी बीमारी की प्रतीक्षा अवधि भी पहले ही समाप्त हो जाएगी।

क्या पॉलिसी लेते समय बीमारियों के बारे में बताना जरूरी है

इसका जवाब है- हां। आपको थायराइड, बीपी या शुगर भी क्यों न हो, आप मेडिक्लेम पालिसी ले सकते हैं। स्वास्थ्य बीमा कवरेज हर किसी के लिए उपलब्ध है। आप अपने बीमा प्रदाता को अपनी बीमारी के बारे में सूचित करते रहें। कोई बीमारी छिपाने पर अथवा गलत जानकारी देने पर आपके दावे को खारिज किया जा सकता है। इसलिए यदि आपको उच्च रक्तचाप या मधुमेह भी है तो अपने लिए अमेरिकी शैली विकल्पों पर प्रीमियम निर्धारित दवाओं की सूची के साथ इसका उल्लेख करना न भूलें। पॉलिसी देने वाली कंपनी आपके जोखिम का आकलन करेगी और उसके अनुसार प्रीमियम निश्चित करेगी।

मेडिकल पॉलिसी में क्या शामिल नहीं है

कुछ शर्तें स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों द्वारा कवर नहीं की जाती हैं। इन मामलों में बीमा प्रदाता किसी भी दावे को स्वीकार नहीं करेगा। हालांकि, आप एड ऑन पॅकेज में ये इनमें से कुछ चीजें शामिल कर सकते हैं।

  • पहले से मौजूद कोई बीमारी, जिसकी जानकारी आपने पॉलिसी लेते समय नहीं दी है
  • जीवन शैली से संबंधित बीमारियां
  • मातृत्व संबंधी जटिलताएं, जिनमें उपचार और प्रसव आदि शामिल हैं
  • आत्महत्या का प्रयास
  • जन्मजात रोग
  • युद्ध में घायल होने पर
  • दंत चिकित्सा और आंखों की बीमारियां
  • प्राकृतिक चिकित्सा, चुंबकीय या एक्यूप्रेशर आदि

कॉर्पोरेट पॉलिसी बनाम पर्सनल कवर

भले ही आप किसी बड़ी कंपनी के लिए काम करते हों, पर्सनल मेडिकल पॉलिसी आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है। कॉर्पोरेट पॉलिसी सीमित कवरेज के साथ आती हैं। इसमें मिलने वाला कवरेज समय के साथ कम भी हो सकता है। रिजाइन करने या रिटायर होने के बाद आपकी पॉलिसी का नवीनीकरण भी नहीं होता है। ऐसे में रिटायरमेंट के बाद आपको सीमित कवरेज का विकल्प चुनना होगा। व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा योजनाएं सही सुरक्षा और बेहतर कवरेज चुनने की सुविधा देती हैं।

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