बता दें कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. सालभर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 116 अरब डॉलर घटा है. एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया था. देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने की मुख्य वजह रुपये की गिरावट को थामने का प्रयास माना जा रहा है. केंद्रीय बैंक इस समय मुद्रा भंडार से मदद प्राप्त कर रहा है.
विदेशी मुद्रा समय क्या है
न्यूनतम एक वर्ष विदेश में सतत रहने के बाद स्थायी रूप से लौट रहे अनिवासी भारतीयों, भारत में बैंकों में निवासी, विदेशी मुद्रा खाते खोल सकते हैं. जो एक साल से भी कम रहने के बाद लौट आए हैं, आरएफसी खाता खोलने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से अनुमति प्राप्त करनी होगी.
किसी आरएफसी खाते में धारित फंड रिजर्व बैंक की मंजूरी के बिना विदेश में स्वतंत्र रूप से प्रेषित किये जा सकते हैं. भारत में भुगतान करने के लिए धन भी रुपए में निकाला जा सकता है . अगर बाद में कोई अप्रवासी भारतीय बनने के लिए विदेश चला जाता है तो उनके आरएफसी खाते के राशि को एनआरई / एफसीएनआर खाते में परिवर्तित किया जा सकता हैं.
अगर कोई व्यक्ति "निवासी लेकिन आमतौर पर निवासी न हो “, के रूप में लंबे समय तक स्थिति बनाये रखता है तो, जमा ब्याज पर टैक्स से छूट दी जाएगी. एनआरई/एफसीएनआर खातों और अन्य विदेशी मुद्रा विनिमय फंड वापसी के समय RFC डिपॉजिट में निवेश किया जा सकता है. इसी प्रकार उसकी विदेशों में रखी संपत्ति की आय का भी निवासी विदेशी मुद्रा खाते में रखा जा सकता है.
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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, 553.105 अरब डॉलर से घटकर 550.87 अरब डॉलर पर आया
आरबीआई द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक 09 सितंबर 2022 को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट में सबसे बड़ा योगदान फॉरेन करेंसी एसेट में आई गिरावट का रहा है
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बताया है कि 9 सितंबर 2022 के खत्म हुए हफ्ते में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.234 अरब डॉलर की गिरावट हुई है और ये 550.871 अरब डॉलर पर आ गया है। जबकि इसके पिछले हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 7.941 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 553.105 अरब डॉलर पर रहा था। पिछले हफ्ते की गिरावट के बाद इस समय विदेशी मुद्रा समय क्या है मुद्रा भंडार 2 साल के निचले स्तर पर आ गया है।
आरबीआई द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक 09 सितंबर 2022 को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट में सबसे बड़ा योगदान फॉरेन करेंसी एसेट में आई गिरावट का रहा है। गौरतलब है कि विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी हिस्सेदारी फॉरेन करेंसी एसेट्स की होती है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो साल के निचले स्तर पर पहुंचा, गिरते रुपये को रोकने के लिए बेचने पड़ रहे डॉलर
- नई दिल्ली,
- 28 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 28 अक्टूबर 2022, 11:41 PM IST)
देश में विदेशी मुद्रा भंडार में फिर बड़ी गिरावट हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को डाटा जारी किया है. 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.847 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में कुल भंडार 4.50 बिलियन अमेरिकी डॉलर गिरकर 528.37 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था. पिछले कई महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखी जा रही है. अब ये दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.
रुपये के कमजोर या मजबूत होने का मतलब क्या है?
विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है. अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है. इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर में चुकाया जाता है. यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर.
अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश विदेशी मुद्रा समय क्या है अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं. यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है.
इसे एक उदाहरण से समझें
अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में भारत के ज्यादातर बिजनेस डॉलर में होते हैं. आप अपनी जरूरत का कच्चा तेल (क्रूड), खाद्य पदार्थ (दाल, खाद्य तेल ) और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम अधिक मात्रा में आयात करेंगे तो आपको ज्यादा डॉलर खर्च करने पड़ेंगे. आपको सामान तो खरीदने में मदद मिलेगी, लेकिन आपका मुद्राभंडार घट जाएगा.
दो सालों के निचले स्तर पर फिसला विदेशी मुद्रा भंडार, इस साल रुपए में आई 7% की गिरावट, अब आगे क्या?
Foreign Exchange Reserves: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 8 बिलियन डॉलर की गिरावट विदेशी मुद्रा समय क्या है आई और यह दो सालों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. डॉलर के मुकाबले गिरते रुपए को संभालने के लिए RBI फॉरन रिजर्व का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहा है.
Foreign Exchange Reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आ रही है. अब तो यह फिसलकर 2 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. 2 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 8 बिलियन विदेशी मुद्रा समय क्या है डॉलर की गिरावट आई और यह फिसल कर 553 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया. रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने कहा कि यह 9 अक्टूबर 2020 के बाद सबसे न्यूनतम स्तर है. पिछले पांच सप्ताह से लगातार फॉरेक्स रिजर्व में गिरावट देखी जा रही है.
109 पर डॉलर इंडेक्स बंद
इस साल अब तक रुपए में 7 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. डॉलर के मुकाबले रुपया इस समय 80 के करीब है. डॉलर इंडेक्स इस सप्ताह 109 के स्तर पर बंद हुआ. फेडरल रिजर्व की तरफ से इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी के कारण डॉलर को मजबूती मिल रही है. ऐसे में इमर्जिंग मार्केट्स की करेंसी पर दबाव बहुत ज्यादा है. हालांकि, तुलनात्मक आधार पर रुपए का प्रदर्शन ज्यादा मजबूत है.
जानकारों का कहना है कि डॉलर के मुकाबले फिसलते रुपए को संभालने के लिए रिजर्व बैंक ने लगातार फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व का इस्तेमाल किया. उसने बड़े पैमाने पर डॉलर रिजर्व बेचे, जिससे रुपए को मजबूती मिली है. पिछले कुछ महीनों में रुपए ने कई बार 80 के स्तर को पार किया है, लेकिन उसमें रिकवरी आई है.
करेंसी असेट्स में सबसे ज्यादा गिरावट
विदेशी मुद्रा भंडार में 8 बिलियन डॉलर की गिरावट में सबसे बड़ा योगदान फॉरन करेंसी असेट्स का रहा. यह 498.65 बिलियन डॉलर से फिसल कर 492.12 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. गोल्ड रिजर्व 39.64 बिलियन डॉलर से फिसलकर 38.30 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है.
इधर रुपए के प्रदर्शन को लेकर IIFL सिक्यॉरिटीज के अनुज गुप्ता ने कहा कि आने वाले सप्ताह में रुपए में मजबूती आ सकती है. डॉलर के मुकाबले रुपया 79.20 से 80 के दायरे में ट्रेड कर सकता है. ग्लोबल मार्केट में तेजी और कच्चे तेल के दाम में गिरावट के कारण रुपए को मजबूती मिलेगी. इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड इस सप्ताह 93 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर और WTI क्रूड 87 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ. डॉलर इंडेक्स इस सप्ताह 109 के स्तर पर बंद हुआ जो ओवरबाउट जोन में है. इसमें करेक्शन आएगा, जिससे रुपए को मजबूती मिलेगी.
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