क्रिप्टो करेंसी क्या है इसके लाभ और नुकसान
Crypto Currency kya hai नोट एवं सिक्कों के अलावा अब धीरे-धीरे एक प्रकार की और करेंसी दुनिया में प्रचलित हो रही है, जिसे क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजि़टल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है और क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) की मदद से उसका रिकॉर्ड रखा जाता है। इसका भौतिक अस्तित्व नहीं होता। यह सिर्फ ऑनलाइन रूप से डिजिट्स के रूप में उपलब्ध रहती है। इस करेंसी से आप सामान खरीद-बेच सकते हैं अथवा निवेश कर सकते हैं। कुछ क्रिप्टो करेंसी का मूल्य उनकी लोकप्रियता के कारण काफी अधिक है, लेकिन इसके साथ एक तथ्य यह भी है कि इसके मूल्य में स्थिरता नहीं है। क्या कॉइनबेस वैध है? क्रिप्टो करेंसी के मूल्य में बहुत तेज़ी से उतार-चढाव होता रहता है, जिस कारण इसकी कीमतें दिन में बार बदलती रहती हैं।
इस करेंसी की सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह से विकेंद्रीकृत है अर्थात् इस पर किसी भी देश अथवा सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसी कारण शुरुआत में इसे अवैध करार दिया गया, लेकिन बाद में BITCOIN की लोकप्रियता को देखते हुए कई देशों ने इसे वैध कर दिया। कुछ देश तो अभी भी इसके विरुद्ध हैं।
क्रिप्टो करेंसी का बाज़ार अर्थात जहाँ इनकी खरीद- फ़रोख़्त अथवा व्यापार होता है, उसे क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज, डिजि़टल करेंसी एक्सचेंज, कॉइन मार्केट, क्रिप्टो मार्केट नाम से जाना जाता है। ये एक्सचेंज क्रेडिट कार्ड, वायर ट्रांसफर और अन्य डिजि़टल माध्यमों से भुगतान स्वीकार करते हैं। यहाँ आप कागज़ी मुद्रा को क्रिप्टो करेंसी अथवा क्रिप्टो करेंसी को कागज़ी मुद्रा में बदल सकते हैं। BINANCE, COINBASE, BITFINEX, KRAKEN, BITHUMB, BITSTAMP, BITEX, COINONE , COIN CHECK, CRYPTO.COM कुछ अग्रणी एक्सचेंजों की वेबसाइटें हैं। भारत में COINSWITCH , COINDCX, WAZIRX, UNOCOIN सबसे अधिक लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज हैं।
क्रिप्टो करेंसी के प्रकार
प्रमुख क्रिप्टो करंसियों के प्रकार हैं- ETHERIUM, (ETH), RIPPLE (XRP), LITECOIN (LTC), COSMOS (ATOM), NAMECOIN (NMC) और BITCOIN] जोकि दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी है। इसे वर्ष 2009 में जापान के सतोशी नाकामोतो ने बनाया था। इस करेंसी को शुरुआत में बहुत संघर्ष करना पड़ा, लेकिन आज यह दुनिया की सबसे महंगी डिजि़टल करेंसी है। इन क्रिप्टो करंसियों के आलवा वर्तमान में 1500 से अधिक क्रिप्टो करेंसी हैं।
क्रिप्टो करेंसी के लाभ
- डिजि़टल करेंसी होने के कारण चोरी हो जाने का डर नहीं होता।
- इसे खरीदना-बेचना तथा निवेश करना बहुत आसान हो जाता है, क्योंकि इसमें कई डिजि़टल वॉलेट्स उपलब्ध हैं।
- इसकी कीमतों में बहुत तेज़ी से उछाल आता है, जिस कारण यह निवेश हेतु अच्छा विकल्प है।
क्रिप्टो करेंसी के नुकसान
- इस पर किसी भी सरकारी संस्था का कोई नियंत्रण नहीं है, जिस कारण इसकी कीमतों में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव आता रहता है।
- इसे डिजि़टल होने के कारण हैक किया जा सकता है। ETHERIUM करेंसी के साथ ऐसा हो चुका है।
भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य
कई देशों ने क्रिप्टो करेंसी को वैध कर दिया है, लेकिन कुछ देश अभी भी इसके खिलाफ़ हैं। भारत में भी उच्चतम न्यायालय द्वारा 04 मार्च, 2020 को ही इस करेंसी में निवेश एवं व्यापार पर आरबीआई द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया गया है। क्रिप्टो करेंसी व्यापार, निवेश, तकनीकी और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में तेज़ और कम खर्च वाली भविष्य की विनिमय प्रणाली की अवधारणा को प्रस्तुत करती है, लेकिन वर्तमान में इसके संदर्भ में गोपनीयता, मूल्य-अस्थिरता और विनियमन की नीति का अभाव आदि अनेक समस्याएं दिखाई पड़ती हैं। भारत सरकर ने हाल ही में यह अनिवार्य किया है कि सभी कम्पनियाँ क्रिप्टो करेंसी में किए गए निवेश की घोषणा करेंगी।
निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि भविष्य की जरूरतों एवं इस क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों को देखते हुए यह आवश्यक है कि क्रिप्टो करेंसी के संदर्भ में सरकार द्वारा डिजि़टल मुद्रा के विशेषज्ञों और सभी हितधारकों के बीच समन्वय को बढ़ाया जाए ताकि इस क्षेत्र के बारे में जन जागरुकता बढ़े। इसके अतिरिक्त क्रिप्टो करेंसी के विनिमयन के लिए एक मजबूत एवं पारदर्शी तंत्र का विकास किया जाए।
अमेरिका में कॉइनबेस के भारतवंशी पूर्व अधिकारी के भाई ने स्वीकारा इंसाइडर ट्रेडिंग का आरोप, बनाए 15 लाख डॉलर
कॉइनबेस के पूर्व अधिकारी के भाई ने कुबूली इंसाइडर ट्रेडिंग की बात.
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, यह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा पहला इंसाइडर ट्रेडिंग का मामला हो सकता है. वाही ने यूएस डिस्ट् . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 13, 2022, 18:16 IST
हाइलाइट्स
निखिल वाही के भाई और कॉइनबेस के पूर्व प्रोडक्ट मैनेजर इशान वाही भी मामले में आरोपी हैं.
इन दोनों के अलावा इनका एक भारतीय-अमेरिकी दोस्त समीर रमानी भी आरोपी हैं.
अगर आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो इन्हें 20 साल तक का कारावास हो सकता है.
नई क्या कॉइनबेस वैध है? दिल्ली. क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनबेस ग्लोबल के पूर्व प्रोडक्ट मैनेजर इशान वाही के भाई निखिल वाही ने अमेरिका की एक अदालत में कुबूल किया है कि वह इंसाइडर ट्रेडिंग में शामिल थे. अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, यह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा पहला इंसाइडर ट्रेडिंग का मामला हो सकता है.
वाही ने यूएस डिस्ट्रिक्ट जज लोरेट प्रेस्का की अदालत में वर्चुअल पेशी के दौरान कहा कि उन्होंने कॉइनबेस के डेटा से गोपनीय जानकारी हासिल कर ट्रेडिंग की थी. अभियोजन पक्ष का कहना है कि इशान वाही ने अपने भाई और एक अन्य दोस्त समीर रमानी को उन डिजिटल एसेट्स के बारे में जानकारी दी थी जो जल्द कॉइनबेस पर ट्रेड के लिए उपलब्ध होने वाली थीं.
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इससे पहले नकारा था आरोप
आपको बता दें कि पिछले ही महीने इशान और निखिल वाही ने कोर्ट में कहा था कि वे निर्दोष हैं. उनके वकील ने कोर्ट से कहा था कि आरोपों को खारिज कर दिया जाना चाहिए. वकील का कहना था कि इंसाइडर ट्रेडिंग में सिक्योरिटीज और कमोडिटीज का होना जरूरी होता है जबकि इस मामले में ऐसा कुछ नहीं है. इस मामले में एक अन्य आरोपी समीर रमानी फिलहाल फरार है.
क्या था आरोप
जुलाई में अमेरिकी अथॉरिटीज ने आरोप लगाया था कि इशान और निखिल वाही ने अपने भारतीय-अमेरिकी दोस्त समीर रमानी के साथ मिलकर षडयंत्र रचा और कॉइनबेस से जुड़ी गुप्त जानकारी का इस्तेमाल कर 15 लाख डॉलर की अवैध संपत्ति बनाई. अगर ये आरोप क्या कॉइनबेस वैध है? सिद्ध होते हैं आरोपियों को 20 साल का कारावास हो सकता है.
2020 में संभाला था पद
इशान वानी ने कॉइनबेस में 2020 में प्रोडक्ट मैनेजर का पदभार संभाला था. उनके काम का असेट लिस्टिंग टीम को देखना था. यानी इशान को लगभग हर उस क्रिप्टो एसेट की जानकारी पहले से थी जो कॉइनबेस पर आने वाले दिनों में लिस्ट होने वाली होती थी. वह यही गोपनीय जानकारी अपने भाई और दोस्त को देता था ताकि उस पर दावं लगाकर पैसा कमाया जा सके. अमेरिकी प्राधिकारियों क्या कॉइनबेस वैध है? के अनुसार, इशान ने करीब 14 बार ये गोपनीय जानकारी अपने भाई या दोस्त को सौंपी. इसके आधार पर आरोपियों ने करी 25 क्रिप्टो एसेट में अवैध ट्रेडिंग की.
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Cryptocurrency: निवेश, कानून, टैक्स, रिस्क क्या है? HOLD करें या बेचें? जानें मन में चल रहे सभी सवालों के जवाब
Cryptocurrency latest news: क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में हल्ला मचा है. कुछ देशों में इसे लीगल टेंडर माना है. वहीं, कहीं पूरी तरह से बैन है. हालांकि, कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां इस पर कोई सफाई नहीं है. अब भारत में इसको लेकर रेगुलेशन तैयार होने हैं.
Cryptocurrency: केंद्र सरकार की क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने की तैयारी है. खबर के बाद से ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी का भाव गिर गए हैं. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के लिए सरकार 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट (Regulation on Cryptocurrency) करने वाला विधेयक पेश करेगी. बिल (Cryptocurrency bill) में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी (Private Cryptocurrency) पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है.
RBI को मिलेगी डिजिटल करेंसी का फ्रेमवर्क
क्रिप्टोकरेंसी टेक्नोलॉजी (Cryptocurrency technologies) को बढ़ावा देने के लिए सरकार कुछ ढील भी दे सकती है. हालांकि, किने क्रिप्टोकरेंसी में ढील दी जाएगी ये साफ नहीं है. वहीं, बिल की मदद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) को अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी (Digital Currency) जारी करने के लिए सुविधाजनक फ्रेमवर्क मिलेगा.
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क्रिप्टो में अभी तक क्या हुआ?
क्रिप्टोकरेंसी के रेगुलेशन (Cryptocurrency regulations) के लिए संसद में बिल लाएगी सरकार. बिल में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी (Private Cryptocurrency) पर पाबंदी लगाने की चर्चा है. कुछ अपवादों को छोड़कर निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगना तय है. RBI अपनी खुद की डिजिटल करेंसी (Digital Currency) जारी करेगा. दूसरे देशों में देखें तो अमेरिका (US), यूरोप समेत कई बड़े देशों में फिलहाल क्रिप्टो को लेकर कोई रेगुलेशन नहीं है.
क्रिप्टो को कानूनी दर्जा कहां?
El Salvador, क्यूबा और यूक्रेन में क्रिप्टो के लिए अलग कानून है. दुनिया में केवल El Salvador में क्रिप्टोकरेंसी लीगल टेंडर (Cryptocurrency legal tender) है. IMF ने El Salvador में क्रिप्टो को लीगल करेंसी इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई थी. वहीं, क्रिप्टोकरेंसी पर चीन, इंडोनेशिया, Egypt में पूरी तरह से बैन है. वियतनाम, रूस, ईरान और तुर्की में क्रिप्टो पर आंशिक रूप से बैन किया गया है.
भारत में क्रिप्टो मार्केट का हाल
- भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा क्रिप्टो निवेशक है.
- भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी है.
- भारत की 7% से ज्यादा जनसंख्या के पास क्रिप्टोकरेंसी मौजूद.
- भारत में क्रिप्टोकरेंसी में 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश.
- क्रिप्टो में निवेश करने वालों की औसतन उम्र 24 साल.
- 60% क्रिप्टो निवेशक टियर II और टियर III शहरों से हैं.
- भारत में छोटे एक्सचेंज के अलावा 16 एक्सचेंज पर क्रिप्टो ट्रेडिंग होती है.
- 65% लोगों ने पहले इन्वेस्टमेंट के तौर पर क्रिप्टो में निवेश किया है.
भारत Vs ग्लोबल
दुनियाभर में क्रिप्टो निवेशकों की संख्या
देश निवेशक
भारत 10 करोड़
अमेरिका 2.74 करोड़
रूस 1.74 करोड़
नाइजीरिया 1.3 करोड़
भारत Vs ग्लोबल
- भारत में 16 एक्सचेंजेज, दुनिया में 308 एक्सचेंज.
- कुल 10 हजार से ज्यादा क्रिप्टो करेंसी.
क्रिप्टो में क्या हुआ?
क्रिप्टो के एक्सचेंज
एक्सचेंज (प्रतिदिन वॉल्यूम $)
BINANCE $35 अरब
OKEx $10 अरब
COINBASE $7.4 अरब
KRAKEN $1.47 अरब
BITFINEX $1.04 अरब
WAZIRX $27.5 करोड़
COINDCX $11.2 करोड़
ZEBPAY $3.6 करोड़
क्रिप्टो में निवेश पर खर्च
- हर एक्सचेंज पर चार्जेज अलग-अलग.
- प्रति ट्रेड 0.5-1% की फीस.
- बैंक से वॉलेट में पैसे डालने पर 5-20 रुपए फीस.
- पैसे निकलने के लिए भी देनी होती है फीस.
- AMC फीस 30-300 रुपए प्रति महीने.क्या कॉइनबेस वैध है?
क्या है भारत में कानून ?
क्रिप्टो पर कानून
- 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने RBI के प्रतिबंध को हटाया.
- भारत में क्रिप्टो अवैध नहीं.
- बैंक क्रिप्टो खरीदने-बेचने से इनकार नहीं कर सकते.
सरकार क्यों ला रही है रेगुलेशन ?
RBI की चिंता
- क्रिप्टोकरेंसी के चलते इकोनॉमी में अस्थिरता संभव.
- क्रिप्टो का असर महंगाई और फॉरेक्स पर संभव.
- RBI का जल्द डिजिटल करेंसी लाने का प्रस्ताव.
सरकार क्यों ला रही है रेगुलेशन?
- निवेशकों के निवेश की सुरक्षा जरूरी.
- क्रिप्टो से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों पर रोक जरूरी.
- टेरर फंडिंग, हवाला में क्रिप्टो का इस्तेमाल.
- क्रिप्टो पर रोक संभव नहीं, लेकिन रेगुलेशन जरूरी: स्थायी समिति.
- PM मोदी की तमाम देशों से अपील, गलत हाथों में ना जाए क्रिप्टो.
- RBI और SEBI भी क्रिप्टो के गलत इस्तेमाल को लेकर चिंतित.
क्रिप्टो के क्या हैं निगेटिव?
क्रिप्टो के क्या हैं पॉजिटिव?
- नए जमाने की एसेट क्लास.
- नई टेक्नोलॉजी पर बना है.
- सरकार या रेगुलेटर का कोई हस्तक्षेप नहीं.
- लेनदेन में प्राइवेसी.
क्रिप्टो के क्या हैं निगेटिव?
- सरकार या सेंट्रल बैंक का कोई कंट्रोल नहीं.
- गलत कामों में इस्तेमाल की आशंका.
- फ्रॉड और स्कैम के कई मामले.
- बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव.
- ट्रांजैक्शन चार्ज बहुत ज्यादा.
किन बातों पर साफ नियम बनाने की जरूरत
1. किसे पब्लिक या किसे प्राइवेट क्रिप्टो माना जाए?
2. क्या सिर्फ लेनदेन पर लगेगी रोक या निवेश पर भी?
3. जिनके पास क्रिप्टो है उनका क्या होगा?
4. क्रिप्टो को कौन रेगुलेट करेगा?
5. सरकार क्रिप्टो को क्या मानेगी, लेनदेन की करेंसी या निवेश के लिए एसेट?
6. टैक्स कितना लगेगा?
टैक्स कितना लगेगा?
- शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स?
- GST?
- STT?
- कोई टैक्स नहीं?
Crypto Updates: कॉइनबेस के बॉस ने क्रिप्टो कारोबार में कमजोरी के लिए RBI पर मढ़ा दोष, जानिए क्या आरोप लगाया?
Crypto की ख़रीदारी के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस या यूपीआई सर्विस को CoinBase ने डिसेबल कर दिया है क्योंकि इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक का दबाव था. ब्रायन आर्मस्ट्रांग ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से अनौपचारिक दबाव की वजह से Coinbase पर यूपीआई को डिसेबल किया गया है.
Crypto Updates Hindi: ब्रायन आर्मस्ट्रांग ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से अनौपचारिक दबाव की वजह से Coinbase पर यूपीआई को डिसेबल किया गया है.
आर्मस्ट्रांग ने CoinBase के तिमाही नतीजे के मौके पर कहा, "क्रिप्टो की खरीदारी के लिए यूपीआई सेवा लांच होने के कुछ दिन बाद ही हमने इसे डिसेबल कर दिया क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से अनौपचारिक दबाव देखने को मिल रहा था."
भारत का केंद्रीय बैंक आरबीआई देश में बैंकिंग सेवाओं का नियामक है. आर्मस्ट्रांग ने कहा, "भारत एक अलग बाजार है. एक बार जब सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि वह क्रिप्टो करेंसी को बैन नहीं कर सकता तब सरकारी तंत्र में मौजूद अलग-अलग संस्थाओं ने इस पर काबू पाने के अलग-अलग उपाय शुरू कर दिए हैं. इसमें भारतीय रिजर्व बैंक भी शामिल है."
इससे पहले 10 अप्रैल को खबरें आई थी कि भारतीय रिजर्व बैंक जैसे नियामक की तरफ से दबाव पड़ने की वजह से सिर्फ 3 दिन में ही को CoinBase की यूपीआई के जरिए क्रिप्टो करेंसी की खरीदारी या बिकवाली सुविधा के ऑप्शन को बंद करना पड़ा था.
इस साल 7 अप्रैल को कॉइनबेस ने भारत में क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग सेवा शुरू की थी और यूपीआई के जरिए क्रिप्टोकरेंसी खरीदने बेचने की सुविधा दी थी. 10 अप्रैल को CoinBase को यूपीआई के जरिए Crypto खरीदने-बेचने की सुविधा बंद करना पड़ा था. भारत में crypto करेंसी खरीदने-बेचने की सुविधा देने वाली कॉइन स्विच कुबेर ने भी 12 अप्रैल को अपने ग्राहकों के लिए Crypto खरीदने-बेचने की सुविधा को डिसेबल कर दिया था.
क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनबेस ने रूस से जुड़े 25 हजार खातों को किया ब्लॉक
प्रमुख क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों में से एक, कॉइनबेस ने अवैध गतिविधियों में लिप्त रूसी व्यक्तियों या संस्थाओं से संबंधित 25 हजार से अधिक अकाउंट्स को अवरुद्ध कर दिया है।
प्रमुख क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों में से एक, कॉइनबेस ने अवैध गतिविधियों में लिप्त रूसी व्यक्तियों या संस्थाओं से संबंधित 25 हजार से अधिक अकाउंट्स को अवरुद्ध कर दिया है। कॉइनबेस ने कहा कि जब कोई यूजर (उपयोगकर्ता) अकाउंट खोलता है, तो वह अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र, सिंगापुर, कनाडा और जापान द्वारा प्रदान की गई स्वीकृत व्यक्तियों या संस्थाओं की सूची के साथ-साथ क्रीमिया, उत्तर कोरिया, सीरिया और ईरान जैसे स्वीकृत क्षेत्रों से यूजर्स को अवरुद्ध करने के लिए प्रदान की गई जानकारी की जांच करता है।
इसने सोमवार देर रात एक बयान में कहा, अगर किसी ने एक कॉइनबेस खाता खोला है और बाद में उसे मंजूरी दे दी गई है, तो हम उस खाते की पहचान करने और उसे समाप्त करने के लिए चल रही स्क्रीनिंग प्रक्रिया का उपयोग करते हैं। क्योंकि प्रतिबंध से बचने वाले अक्सर अपनी पहचान छिपाने की कोशिश करते हैं, कॉइनबेस भी संस्थाओं और विशेष रूप से सरकारों द्वारा चिह्न्ति व्यक्तियों से परे लेनदेन को मैप करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
मुख्य कानूनी अधिकारी पॉल ग्रेवाल ने कहा, उन्नत ब्लॉकचैन विश्लेषण के माध्यम से, हमने संभावित रूप से स्वीकृत व्यक्ति से जुड़े 1,200 से अधिक अतिरिक्त एड्रेस यानी पतों की पहचान की है, जिन्हें हमने अपनी आंतरिक ब्लॉकलिस्ट में जोड़ा है। कंपनी ने खुलासा किया कि उसने कॉइनबेस के बाहर स्वीकृत लोगों द्वारा रखे गए खातों की एक सूची तैयार की है।
इसने अपने बयान में कहा, जब संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2020 में एक रूसी नागरिक को मंजूरी दी, तो उसने विशेष रूप से तीन संबद्ध ब्लॉकचेन पते सूचीबद्ध किए थे।
कॉइनबेस ने बताया है कि उसने हजारों रूसी खातों को ब्लॉक किया है। इस वेबसाइट ने यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को सफल बनाने में पूरा सहयोग करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की है। सोमवार रात जारी एक बयान में कॉइनबेस ने कहा कि उसने रूस से संबंधित 25 हजार से ज्यादा खातों को ब्लॉक किया है।
बयान के अनुसार, उन्नत ब्लॉकचेन विश्लेषण के माध्यम से, हमने संभावित रूप से स्वीकृत व्यक्ति से जुड़े 1,200 से अधिक अतिरिक्त पतों की पहचान की, जिन्हें हमने अपनी आंतरिक ब्लॉकलिस्ट में जोड़ा है।
कॉइनबेस ने यह भी दावा किया कि डिजिटल संपत्ति स्वाभाविक रूप से प्रतिबंध चोरी के लिए सामान्य दृष्टिकोण को रोकने में सक्षम है। कई अवरुद्ध रूसी व्यक्तियों या संस्थाओं को कॉइनबेस ने अपनी सक्रिय जांच के माध्यम से पहचाना है।
इसने सूचित करते हुए कहा, रूसी सरकार और अन्य स्वीकृत एक्टर्स को वर्तमान प्रतिबंधों का सार्थक रूप से मुकाबला करने के लिए लगभग अप्राप्य मात्रा में डिजिटल संपत्ति की आवश्यकता होगी। अकेले रूसी केंद्रीय बैंक के पास बड़े पैमाने पर स्थिर आरक्षित संपत्ति में 630 अरब डॉलर से अधिक हैं।
यह एक डिजिटल संपत्ति को छोड़कर सभी के कुल बाजार पूंजीकरण से बड़ा है और सभी डिजिटल परिसंपत्तियों के कुल दैनिक कारोबार की मात्रा का 5-10 गुना है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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