सरकार ने ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर बिजनेस मार्जिन किया सीमित, कीमत में 25 से 54 प्रतिशत तक की कमी
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर बिजनेस मार्जिन की सीमा तय होने से उपभोक्ताओं को फायदा होगा. एनपीपीए ने तीन जून को ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स के लिए वितरक मूल्य (प्राइस टू डिस्ट्रीब्यूटर) के स्तर पर बिजनेस मार्जिन को 70 प्रतिशत पर सीमित कर दिया था. इसके बाद ब्रांड्स की कीमत में 25 से 54 प्रतिशत तक की गिरावट आई है.
By: एजेंसी | Updated at : 12 Jun 2021 09:42 AM (IST)
नई दिल्लीः रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर बिजनेस मार्जिन की सीमा तय होने से सरकार ने उपभोक्ताओं की बचत सुनिश्चित की है. इस कदम से इस महत्वपूर्ण उपकरण के दाम कम हुए हैं. राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने तीन जून को ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स के लिये वितरक मूल्य (प्राइस टू डिस्ट्रीब्यूटर) के स्तर पर व्यापार मार्जिन को 70 प्रतिशत पर सीमित कर दिया था.
70 ब्रांड की कीमतों में 54 प्रतिशत तक की कमी
मंत्रालय के अनुसार, ‘‘इस कदम के बाद ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के कुल 104 निर्माताओं / आयातकों ने 252 उत्पादों / ब्रांडों के लिए संशोधित एमआरपी जमा की हैं.’’ बयान में कहा गया है, ‘‘70 ब्रांड के मामले में कीमतों में 54 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है. यह अधिकतम खुदरा मूल्य में 54,337 रुपये प्रति यूनिट तक की कमी को बताता है. इसके अलावा, 58 ब्रांड ने 25 प्रतिशत तक और 11 ब्रांड ने कीमतों में 26-50 प्रतिशत कमी की सूचना दी है.’’
9 जून से लागू हुआ संशोधित अधिकतम खुदरा मूल्य
इसमें कहा गया है कि ब्रांडों पर संशोधित अधिकतम खुदरा मूल्य 9 जून, 2021 से प्रभावी हो गया है. इसे कड़ाई से लागू करने के लिये जानकारी राज्य औषधि नियंत्रकों के साथ साझा की गयी है. गौरतलब देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ा था और इस दौरान ऑक्सीजन कंसनट्रेटर भी कम उपलब्ध हो पा रहे थे. भारत के कई मित्र देशों ने भीऑक्सीजन कंसनट्रेटर भेजकर मदद की थी.
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Published at : 12 Jun 2021 09:42 AM (IST) Tags: oxygen concentrator मार्जिन स्तर क्या है Oxygen Concentrator Price business margin हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, मार्जिन स्तर क्या है खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
मार्जिन ट्रेडिंग - margin trading
विदेशी मुद्रा बाजार सबसे बड़ा विकेन्द्रीकृत बाजार जहां अरबों डॉलर के लिए दैनिक लेनदेन की मात्रा बराबर होती है। इंटरबैंक बाजार में लेन-देन की न्यूनतम मात्रा बहुत अधिक है और विश्वासपूर्वक छोटे का मतलब है मालिक निजी निवेशकों के लिए पहुँच योग्य नहीं है। व्यक्तिगत निवेशकों के व्यापार मार्जिन के कारण विभिन्न मुद्रा जोड़े के साथ ऑनलाइन लेनदेन करने के लिए एक मौका पास है।
मार्जिन ट्रेडिंग मार्जिन स्तर क्या है क्या है
तो क्या मार्जिन ट्रेडिंग है? यह निवेशक के फंड के स्तर जो की मात्रा से अधिक है बस लेन देन है। प्रक्रिया निम्नलिखित है: ग्राहक धन $100 केवल, उदाहरण के लिए किया जा सकता है
कि निवेश और ऋण (उत्तोलन) ब्रोकरेज कंपनी है जो उसे बड़े खंडों का लेन-देन निष्पादित करने के लिए और उच्च मुनाफा बनाने के लिए सक्षम बनाता है से प्राप्त करता है। एक का लाभ उठाने लेने के बिना व्यापारी या तो अतिरिक्त धन का निवेश या बस छोटी मात्रा के साथ व्यापार करने के लिए होगा।
परिभाषा मार्जिन ट्रेडिंग, काफी सरल है। शब्द "मार्जिन" आम तौर पर निश्चित मात्रा के पदों को खोलने के लिए ग्राहक की जमा से प्रतिज्ञा है कि दलाल अस्थायी रूप से धारण करने के लिए संदर्भित किया जाता है।
मार्जिन जमा है कि क्रेडिट (उत्तोलन) की एक निश्चित राशि प्राप्त करने के लिए एक आवश्यक पूर्व शर्त है कभी कभी कहा जाता है। मार्जिन पर ट्रेडिंग खोलने और एक व्यापार की स्थिति बंद दो विपरीत लेन-देन के लगातार प्रदर्शन का अर्थ विदेशी मुद्रा बाजार व्यापारियों रहे हैं वास्तव में खरीद नहीं मुद्राओं, वे सिर्फ वे कयासबाजी कर रहे हैं जिस पर दर में अंतर, रुचि रखते हैं और या तो एक लाभ या नुकसान में यह परिणामा मार्जिन ट्रेडिंग उदाहरण
एक बेहतर समझने के लिए हमें एक उदाहरण लाने कैसे सभी यह लेता दो जगह.
हमें लगता है कि आप 10.000 वॉल्यूम के साथ EURUSD मुद्रा जोड़ी के साथ एक स्थिति खोलने का फैसला किया है। बाजार में मौजूदा कीमत 1.09111.0912 है।
इसका मतलब यह है कि तुम लगभग $11.000 ऐसी स्थिति खोलने के लिए है करने के लिए की जरूरत है। मार्जिन ट्रेडिंग के कारण तुम सिर्फ $200 की राजधानी है, 1: 100 उत्तोलन विदेशी मुद्रा ले और खोल सकते हैं क्योंकि आप इस मामले में अपने ट्रेडिंग खाते पर $20,000 संतुलन की कुल होगा इस स्थिति। मार्जिन ट्रेडिंग की अनुमति देता है अपनी दिशा की परवाह किए बिना बाजार पर अटकलें के बाद से आप स्थिति दोनों लंबी और छोटी, खोल सकते हैं।
उदाहरण ऊपर लाया से यह कैसे व्यापार मार्जिन ट्रेडिंग की प्रमुख विशेषता है जो में विदेशी मुद्रा का लाभ उठाने के कारण हर किसी के लिए आसान है और उपलब्ध हो जाता है स्पष्ट हो जाता है।
का लाभ उठाने के दलाल के क्रेडिट का आकार करने के लिए ग्राहक की धन के अनुपात के रूप में परिभाषित किया गया है। यह चालाकी का उपयोग करके यह सकारात्मक व्यापार परिणाम पर, और प्रतिकूल प्रभावित कर सकते हैं। यह कभी के बाद से बाजार एक अलग दिशा में चला जाता है के मामले में यह एक क्षण में पूरे धन खोने में परिणाम हो सकता है एक एकल खाता खोलने में पूरे संतुलन का उपयोग करने के लिए अनुशंसा की जाती है।
शेयर क्या है और शेयर बाजार क्या है के शब्दों के प्रयोग से Google पर शेयर व शेयर बाजार के बारे में जानना चाहते हैं और हम भारतीय करोड़पति बनने का सपना देखते हैं !
यह तो जानते हैं कमाने के बहुत सारे तरीके हैं उनमें से शेयर भी एक बहुत अच्छा विकल्प हो सकता है! आपको सबसे पहले शेयर क्या होता है यह बताऊंगा उसके बाद शेयर बाजार क्या होता है!
शेयर क्या है, आसान शब्दों में कह दूं कि कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने जैसा है! शेयर अंग्रेजी का शब्द है जिसका मतलब हिस्सा होता है और इसे कुछ लोग स्टॉक भी कहते हैं! हर कंपनी को शुरू करने के लिए बड़ी धन की आवश्यकता होती है ! उसके लिए कंपनी बैंकों से कर्ज नहीं लेकर उसकी जगह मार्केट में शेयर जारी करता है! अगर किसी कंपनी ने अपने 100 शेयरों को मार्केट में जारी करता है और आप उनमें से 10 शेयरों को खरीद लेते हैं।
! इसका सीधा मतलब यह हुआ कि कंपनी का 10% हिस्सेदारी आपके पास आ गया ! कंपनी द्वारा कमाया गया कुल मुनाफे और घाटे में आपकी 10% का हिस्सेदारी रहेगा !
अगर कंपनी 100 कमाता है तो उसमें से आप का हिस्सा 10 का होगा और इस तरह से आप के शेयर का दाम
D10 बढ़ जाएगा! अगर कंपनी मार्जिन स्तर क्या है को 100 का घाटा होता है तो कंपनी आपके शेयर का दाम 10 कम कर देगा ! शेयर बाजार कोटेशन क्या होते हैं
शेयर बाजार कोटेशन क्या होते हैं, बताने से पहले मैं आपको यह बताना चाहता हूं
कि बाजार क्या होता है ! हम आम भाषा में यह कर सकते हैं कि बाज़ार वह स्थान है जहां पर निर्माता अपने सामान को ग्राहकों को बेच देता है ! शेयर बाजार भी उसी तरह का एक बाजार है जहां पर कंपनियां अपनी शेयरों को बेचता है! जहां पर ग्राहक या निवेशक अपनी सुविधा अनुसार शेयरों की खरीद और बिक्री कर सकते हैं उसे शेयर बाजार कहते हैं !
शेयर बाजार कैसे काम करता है ? शेयर बाजार को व्यवस्थित रखने के लिए भारत में BSE यानी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज और NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है ! भारत के BSE और NSE रजिस्टर कंपनियाँ निवेशकों के लिए शेयर मार्केट में उतार सकता है! कोई भी निवेशक जिसके पास डीमैट अकाउंट को वह मुंबई स्टॉक एक्सचेंज या नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या दोनों से शेयरों की खरीद फरोख्त ऑनलाइन कर सकता है!
जानें इन खास शेयरों पर क्या सलाह दे रहे ब्रोकरेज हाउस, निवेश में नहीं होगा कन्फ्यूज़न
Stock market : डॉएश बैंक की सीमेंट को लेकर रिपोर्ट आई है. इसमें वह मानकर चल रही है कि वॉल्यूम में करीब 2-3 प्रतिशत की कमी आने की आशंका है. इंडस्ट्री के मार्जिन सालाना आधार पर 48 प्रतिशत बढ़ सकते हैं. मार्जिन दस साल के ऊपरी स्तर पर रह सकते हैं.
डी-मार्ट को मॉर्गन स्टैनली ने अंडरवेट रेटिंग देते हुए इसका लक्ष्य 1120 दिया है. (रॉयटर्स)
शेयर बाजार में कौन सा शेयर कितना सही, ये किसी पहेली से कम नहीं. लेकिन कुछ खास शेयरों पर आज ब्रोकरेज कंपनियों ने निवेशकों को विशेष सलाह दी है. ऐसे में इनकी सलाह आपके काम आ सकती है. आज के लिए सबसे पहले यहां बात करते हैं येस बैंक की. एजीएम मीटिंग के बाद ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस और भी निगेटिव हो गया है. बिकवाली की राय तो पहले से थी ही, अब इस शेयर के लिए लक्ष्य में भी भारी-भरकम मार्जिन स्तर क्या है कमी कर दी है. यूबीएस ने येस बैंक के लक्ष्य को 170 से घटाकर 90 रुपये कर दिया है.
यूबीएस ने पूरे बैंकिंग सेक्टर के लिए अपनी रिपोर्ट जारी की है. इसमें उसने इंडसइंड बैंक की रेटिंग को भी डाउनग्रेड कर दिया है. दोनों के लिए वो ये मानकर चलते हैं कि जो क्रेडिट कॉस्ट है वो आने वाले एक से दो साल में काफी बढ़ सकती है. इसी के चलते उन्होंने लक्ष्य घटा दिए हैं. यूबीएस का येस बैंक के लिए मानना है कि बैंक का एनपीए का जो रिस्क है वह उसके अनुमान से भी ज्यादा हो सकता है. इंडसइंड बैंक को लेकर यूबीएस ने लक्ष्य को 1700 से घटाकर 1400 कर दिए हैं. क्रेडिट कॉस्ट बढ़ने की आशंका में उन्होंने इंडसइंड बैंक की रेटिंग भी घटा दी है. इसे डाउनग्रेड किया है और इस शेयर की बिकवाली की सलाह दी है.
इसी तरह, एक शेयर डी-मार्ट को मॉर्गन स्टैनली ने अंडरवेट रेटिंग देते हुए इसका लक्ष्य 1120 दिया है. उसे लग रहा है कि इस सेक्टर की बाकी कंपनियों से जो कॉम्पिटीशन बढ़ती दिख रही है. इसके मुकाबले कीमत बाकी कंपनियों की थोड़ी कम दिख रही है. वैल्यूएशन काफी महंगे आते दिख रहे हैं तो इस वजह से यह शेयर अब उतना आकर्षक नहीं है. इसी शेयर को लेकर एक अन्य ब्रोकरेज कंपनी जेफरीज ने शेयर को अंडर परफॉर्मर बताते हुए इसका लक्ष्य 1230 रखा है.
डॉएश बैंक की सीमेंट को लेकर रिपोर्ट आई है. इसमें वह मानकर चल रही है कि वॉल्यूम में करीब 2-3 प्रतिशत की कमी आने की आशंका है. इंडस्ट्री के मार्जिन सालाना आधार पर 48 प्रतिशत बढ़ सकते हैं. मार्जिन दस साल के ऊपरी स्तर पर रह सकते हैं. नोमुरा ने आज एसीसी सीमेंट, श्री सीमेंट और अंबुजा सीमेंट तीनों को डाउनग्रेड कर दिया है. एससीसी पर उन्होंने लक्ष्य 1700 से बढ़ाकर 1750 कर दिया है. श्री सीमेंट पर भी उन्होंने लक्ष्य को 18000 से बढ़ाकर 21500 कर दिया है. अंबुजा सीमेंट का 295 से घटाकर 240 तक के नए लक्ष्य वो दे रहे हैं.
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लागत मात्रा लाभ विश्लेषण से पता चलता है कि उत्पाद मार्जिन, कीमतों और यूनिट वॉल्यूम में परिवर्तन किसी व्यवसाय की लाभप्रदता को कैसे प्रभावित करते हैं। यह विभिन्न लागत स्तरों और बिक्री की मात्रा को देखते हुए, ब्रेक-ईवन बिंदु का पता लगाने के लिए मौलिक वित्तीय विश्लेषण उपकरणों में से एक है। विश्लेषण के घटक इस प्रकार हैं:
सक्रियता स्तर. यह माप अवधि में बेची गई इकाइयों की कुल संख्या है।
मूल्य प्रति इकाई. यह बेची गई प्रति यूनिट का औसत मूल्य है, जिसमें बिक्री छूट और भत्ते शामिल हैं जो सकल मूल्य को कम कर सकते हैं। उत्पादों और सेवाओं के मिश्रण में परिवर्तन के आधार पर प्रति यूनिट कीमत समय-समय पर काफी भिन्न हो सकती है; ये परिवर्तन पुराने उत्पाद समाप्ति, नए उत्पाद परिचय, उत्पाद प्रचार और कुछ वस्तुओं की बिक्री के मौसम के कारण हो सकते हैं।
प्रति यूनिट परिवर्तनीय लागत. यह बेची गई प्रति यूनिट पूरी तरह से परिवर्तनीय लागत है, जो आमतौर पर केवल प्रत्यक्ष सामग्री की मात्रा और एक इकाई बिक्री से जुड़े बिक्री आयोग है। लगभग सभी अन्य खर्च बिक्री की मात्रा के साथ भिन्न नहीं होते हैं, और इसलिए उन्हें निश्चित लागत माना जाता है।
कुल निश्चित लागत. यह माप अवधि के भीतर व्यवसाय की कुल निश्चित लागत है। यह आंकड़ा समय-समय पर अपेक्षाकृत स्थिर रहता है, जब तक कि एक कदम लागत संक्रमण न हो, जहां प्रबंधन ने गतिविधि स्तर में बदलाव के जवाब में पूरी तरह से नई लागत का चुनाव किया हो।
विभिन्न प्रकार के विश्लेषण पर पहुंचने मार्जिन स्तर क्या है के लिए इन घटकों को विभिन्न तरीकों से मिश्रित और मिलान किया जा सकता है। उदाहरण के लिए:
किसी व्यवसाय की ब्रेक ईवन इकाई मात्रा क्या है हम कंपनी की कुल निश्चित लागत को उसके अंशदान मार्जिन प्रति यूनिट से विभाजित करते हैं। अंशदान मार्जिन बिक्री घटा परिवर्तनीय व्यय है। इस प्रकार, यदि किसी व्यवसाय में प्रति माह $50,000 की निश्चित लागत होती है, और किसी उत्पाद का औसत योगदान मार्जिन $50 है, तो ब्रेकएवेन बिक्री स्तर तक पहुंचने के लिए आवश्यक इकाई मात्रा 1,000 यूनिट है।
लाभ में $__ प्राप्त करने के लिए किस इकाई मूल्य की आवश्यकता है? हम कंपनी की कुल निश्चित लागत में लक्ष्य लाभ स्तर जोड़ते हैं, और प्रति यूनिट इसके योगदान मार्जिन से विभाजित करते हैं। इस प्रकार, यदि पिछले उदाहरण में व्यवसाय का सीईओ प्रति माह $20,000 कमाना चाहता है, तो हम उस राशि को निश्चित लागत के $50,000 में जोड़ते हैं, और $50 के औसत योगदान मार्जिन से विभाजित करके 1,400 इकाइयों के एक आवश्यक इकाई बिक्री स्तर पर पहुंचते हैं। .
यदि मैं एक निश्चित लागत जोड़ता हूं, तो $__ लाभ बनाए रखने के लिए किस बिक्री की आवश्यकता है? हम लक्ष्य लाभ स्तर और व्यवसाय की मूल निश्चित लागत में नई निश्चित लागत जोड़ते हैं, और इकाई योगदान मार्जिन से विभाजित करते हैं। पिछले उदाहरण को जारी रखने के लिए, कंपनी प्रति माह $10,000 की निश्चित लागत जोड़ने की योजना बना रही है। हम इसे पिछले उदाहरण से $७०,००० आधारभूत निश्चित लागत और लाभ में जोड़ते हैं और १,६०० इकाइयों के नए आवश्यक बिक्री स्तर पर पहुंचने के लिए $५० औसत योगदान मार्जिन से विभाजित करते हैं।
संक्षेप में, कई संभावित परिदृश्यों से उत्पन्न होने वाले वित्तीय परिणामों को मॉडल करने के लिए सीवीपी विश्लेषण के विभिन्न घटकों का उपयोग किया जा सकता है।
स्टॉक ब्रोकर्स को इंट्रा-डे ट्रेडिंग में पीक मार्जिन बढ़ाने पर आपत्ति, सेबी के खिलाफ केंद्र सरकार को लिखी चिट्ठी
SEBI के खिलाफ स्टॉक ब्रोकर्स के संगठन ने केंद्र सरकार को खत लिखा है.
स्टॉक ब्रोकर्स (Stock Brokers) के संगठन एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (ANMI) ने कहा है कि पीक मार्जिन . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : May 28, 2021, 03:35 IST
नई दिल्ली. पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) और स्टॉक ब्रोकर्स के संगठन एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (ANMI) के बीच खींचतान शुरू हो गई है. दरअसल, एएनएमआई ने सेबी के एक प्रस्ताव के विरोध में वित्त मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है. सेबी की ओर से प्रस्तावित इंट्रा-ड्रे ट्रेडिंग (Intra-Day Trading) के लिए 100 फीसदी का पीक मार्जिन (Peak Margin) तय करने के प्रस्ताव को लेकर एएनएमआई का कहना है कि यह वास्तविक मार्जिन से 300 फीसदी ज्यादा है. एएनएमआई ने लेटर में कहा है 20 मई को सेबी की ओर से जारी प्रस्ताव पर फिर से विचार किया जाना चाहिए.
ब्रोकर्स एसोसिएशन ने कहा है कि पीक मार्जिन रिक्वायरमेंट को मौजूदा स्तर से भी नीचे लाया जाना चाहिए. वर्तमान में यह 50 फीसदी है, जिसे 25 से लेकर 33.33 फीसदी के बीच किया जाना चाहिए. बता दें कि एएनएमआई देश भर के 900 से ज्यादा स्टॉक ब्रोकर्स का समूह है. संगठन चिंतित है कि 1 जून 2021 से पीक मार्जिन 50 फीसदी से 75 फीसदी किए जाने का फैसला प्रभावी हो जाएगा. ब्रोकर्स एसोसिशन के मुताबिक, पीक मार्जिन बढ़ने से बाजार के व्यवहार में बदलाव आएगा और फ्यूचर से ऑफ्शन की तरफ ट्रेडिंग शिफ्ट होगी. लोगों की मानसिकता बदलेगी और वे ऑप्शंस ट्रेडिंग अधिक करेंगे. ऐसे में लोग स्टॉक/इंडेक्स फ्यूचर्स और स्टॉक ऑप्शंस से दूर रहेंगे.
संगठन का कहना है कि अधिक मार्जिन रहने से नुकसान वाली ट्रेड्स को लंबे समय तक कैरी फॉरवर्ड किया जाता रहेगा. इससे निवेशकों को सिक्योरिटी का गलत अहसास मिलेगा. मार्जिन बढ़ाने से कैपिटल मार्केट में कम वॉल्यूम के कारण हेजिंग अपॉर्च्यूनिटीज में गिरावट आई है और कमोडिटी मार्केट्स पर असर पड़ा है. दिसंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच ट्रेडर्स को पीक मार्जिन कम से कम 25 फीसदी बरकरार रखने के लिए कहा गया था. इसके बाद इसे मार्च और मई के बीच बढ़ाकर 50 फीसदी किया गया. अब सेबी के प्रस्ताव के मुताबिक, जून से अगस्त 2021 के बीच इसे 75 फीसदी तक किया जाना है. इसके बाद 1 सितंबर से यह 100 फीसदी हो जाएगा.
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