इसमे अगर आप कोई अच्छा स्टॉक सिलेक्ट नही कर पाओगे तो आपको नुकसान होगा .और रिसर्च करके अगर सिलेक्ट करोगे तो आपको बहुत ज्यादा प्रॉफिट भी हो सकता है

शेयर बाजार में पैसा लगाते वक्त ध्यान रखें ये बातें, मुनाफा होने का चांस हो जाएगा डबल

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा स्टॉक कैसे चुने

इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसा कमाने के लिए सही स्टॉक का चुनाव जरूरी है शेयर मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग का दौर चल रहा है इसीलिए आपकी कमाई इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए चुने गए शेयरों पर निर्भर करती है इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए शेयरों का चयन बड़ी ही सावधानी से करना चाहिए जैसे की कंपनी की बैलेंस शीट , ओवर वेट शेयर , खबरों के दम पर बढ़ने वाले शेयर इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए शेयरों का चुनाव करतें समय इन बातो का ध्यान रखना चहिए।

शेयर मार्केट से इंट्राडे ट्रेडिंग से कमाई करने के लिए आपको इंट्राडे ट्रेडिंग की जानकारी हासिल करनी होगी जिन शेयरों में आप इंट्राडे ट्रेडिंग करने जा रहे हैं उन शेयरों पर पहले से नजर बनाए रखें सही समय का इंतजार करना होगा कल के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग की रणनीति आज ही बनानी होगी सही स्टॉक के चुनाव के लिए पेपर वर्क , न्यूज़ चैनल, कंपनी का लेखा-जोखा, इंट्राडे चार्ट , आदि सभी बिंदुओं पर नजर रखनी होगी

इंट्राडे के लिए शेयर कैसे चुने | How to Select Stock for Intraday Trading in Hindi

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको ऐसे शेयर चुनने चाहिए जिसमें ज्यादा तरलता हो। तरलता को इंग्लिश में लिक्वडिटी कहा जाता है।

तरलता का मतलब होता है कि किसी भी शेयर को आसानी से कभी भी इंट्रा डे कहां से सीखें? खरीदा और बेचा जा सकता है। यानी कि आपके पास जो भी शेयर है, उसे सही वक्त आने पर बेच कर आसानी से कैश में बदला जा सके। कोई भी शेयर जितना तरल होगा, उसे उतनी आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है। अगर कोई शेयर जितना कम तरल होगा उसे बेचना और खरीदना उतना ही मुश्किल हो सकता है।

अच्छी तरलता वाले शेयर को इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए चुनने से जब भी आपको इंट्रा डे कहां से सीखें? एक अच्छा मुनाफा हो तो उसे बेचने में आसानी होती है।

अगर शेयर को खरीदने वाले लोग कम होंगे तो हो सकता है कि जब आप शेयर को बेचना चाहते हो उस वक्त आपको खरीदार ही ना मिले। इसलिए आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ज्यादा तरल स्टॉक में ही ट्रेडिंग करनी चाहिए।

इंट्राडे के लिए शेयर कैसे चुने – मीडियम वोलैटिलिटी

आपको ऐसे शेयर चुनने है जिसमें मीडियम वोलैटिलिटी यानी उतार चढ़ाव होते हो।

इंट्राडे ट्रेडिंग में पैसा कमाने के लिए शेयर के प्राइस मूवमेंट की आवश्यकता होती है। इसलिए ऐसे शेयरों का चयन जरूरी होता है जिसमें वोलैटिलिटी हो।अगर आपने ऐसे शेयर चुन लिए जिसमें ज्यादा प्राइस मूवमेंट ना होती हो तो आप अच्छा पैसा नहीं बना पाएंगे।इसलिए आपको जिसमें मीडियम वोलैटिलिटी हो ऐसे शेयर चुनने चाहिए।

हाई वोलैटिलिटी वाले शेयर में रिस्क ज्यादा होता है।अगर आप ज्यादा रिस्क ले सकते है तो हाई वोलैटिलिटी वाले शेयर भी चुन सकते है। लेकिन मेरी राय ये होगी की आप ऐसे शेयरों से दूर रहे।

विशेषज्ञ उन शेयरों को चुनने का सुझाव देते हैं जिनमें औसतन प्रति दिन कम से कम 3 प्रतिशत की प्राइस मूवमेंट होती है।

इंट्राडे के लिए शेयर कैसे चुने – मार्केट ट्रेंड्स

कुछ शेयर ऐसे होते है जो मार्केट के रुझान यानी ट्रेंड्स के साथ चलते हैं। यानी जब मार्केट ऊपर जाता है तो वे ऊपर जाते हैं और जब मार्केट निचे होता है तो वे नीचे इंट्रा डे कहां से सीखें? जाते हैं।

मार्केट ट्रेंड्स बहुत से बार शेयरों के प्राइस मूवमेंट को निर्धारित करता है। ऐसा शेयर चुनें जिसमें मार्केट में तेजी आने पर बढ़ने की क्षमता हो।एक इंट्राडे ट्रेडर होने के नाते, आपको उन शेयरों को चुनने चाहिए जो मार्केट के रुझान के साथ चलते हैं।

ऐसे शेयरों के साथ पैसा बनाने का मौका ज्यादा होता है। क्योंकि वे शेयर कभी कभी पूरे मार्केट की तुलना से अधिक बढ़ते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान

इंट्राडे ट्रेडिंग मे जितना फायदा होता है उतना ही रिक्स और loss होता है,इस ट्रेडिंग मे आपको कोई ये नही बताएगा आखिर इंट्राडे मे ट्रेडिंग कैसे करे अगर आपके पास knowledge नही है और आप नये हो तो मेरी ये राय रहेगी आपके लिए ये ट्रेडिंग नही है. क्युकी नये लोग सबसे पहले यही ट्रेडिंग करना शुरू करते है और बाद में उनको असफलता मिलती है अब हम जानते है स्विंग ट्रेडिंग

इस ट्रेडिंग मे कोई भी स्टॉक खरीदकर कुछ दिनो मे या कुछ हप्तो के अंदर बेच सकते हो इसे स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है .इसे ट्रेडिंग किंग भी कहा जाता है. ये ट्रेडिंग इंट्राडे की तरह नही है लेकिन इसमे आप अपना टारगेट प्राईस लगाकर loss और profit को आसानी से झेल सकते हो

स्विंग ट्रेडिंग के फायदे

अगर आप नये हो इंट्रा डे कहां से सीखें? तो सुरुवात मे आपको यही ट्रेडिंग करनी चाहिए तभी आप अच्छा स्टॉक select कर पाओगे और शेअर मार्केट के उतार और चढाव के बारे मे आसानी से और बारीकीसे जान पाओगे

स्विंग ट्रेडिंग मे अगर आप अच्छे स्टॉक को नही चुन, पाओगे तो आपको लॉस ही होगा क्यूकी इस ट्रेडिंग मे अच्छे स्टॉक को चूनना इंट्रा डे कहां से सीखें? बेहद जरूरी है ताकी आप ज्यादा दिन तक अच्छे से स्टॉक मे invest कर सके

Short term trading शॉर्ट ट्रम ट्रेडिंग

जब कोई ट्रेडिंग कुछ हप्तो से लेकर कूछ महिनो मे complete होता है.उसे शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग मे एक active trade investment हे आपको इसमे अपने स्टॉक पर नजर रखनी पडती है तभी आप अपने स्टॉक को minimise कर सकते है

वैसे तो इस ट्रेडिंग मे आप अगर पुरी research के साथ stock स्सिलेक्ट करोगे तो आप अपने लॉस ओर प्रॉफिट को मिनिमाईज कर पावोगे

शॉर्ट ट्रेडिंग के नुकसान

अगर आप किसीके कहने पर या YouTube पर video देखकर किसी स्टॉक को खरीद लेते हो तो आपको पक्का लॉस ही होगा क्युकी आप जिस किसी भी स्टॉक को सिलेक्ट करते हो ऊस कंपनी के fundamentals के बारे मे हि आपको पता नही होता तभी आप लॉस मे जाते हो

अब आप इसके नाम से ही जान गये होंग आखिर लॉंग टर्म ट्रेडिंग क्या है. इस ट्रेडिंग में आप जो कोई स्टॉक एक साल या उससे ज्यादा के लिये खरीद लेते हो उसे लॉंग टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है

5- टिप्स के चक्कर में कभी ना फंसें

शेयर बाजार में जो निवेश की शुरुआत करता है, वह शुरू-शुरू में कुछ लोगों से ये जरूर पूछता है कि किस शेयर में पैसे लगाने चाहिए. अगर आपने भी ऐसा कुछ किया है या करने की सोच रहे हैं तो ये ख्याल अपने मन से अभी निकाल दीजिए. तमाम दिग्गज निवेशकों की भी हमेशा यही सलाह रहती है कि टिप्स के चक्कर में ना पड़ें. ना ही झुनझुनवाला या बफे जैसे निवेशकों के पैटर्न को फॉलो करें. अगर कुछ गड़बड़ दिखती है तो वो तो अपना पैसा मार्केट से निकाल लेंगे, लेकिन आप फंसे रह जाएंगे. कभी भी टिप्स के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए, बल्कि कंपनी के बारे में पूरी रिसर्च करने के बाद ही उसमें पैसे लगाने चाहिए.

शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ग्लोबल न्यूज पर विशेष ध्यान रखें, खासकर अमेरिकन मार्केट पर. अगर विदेशी बाजार में उथल-पुथल होती है, तो उसका भारतीय शेयर बाजार पर असर दिखता ही है. जैसे ग्लोबल मंदी या अमेरिका में मंदी आने का असर भारत पर दिखता है. अगर फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाई जाती हैं, तो उसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ता ही है. ऐसे में आपको ग्लोबल न्यूज और मार्केट सेंटिमेंट को ध्यान में रखते हुए ही शेयर बाजार में पैसे लगाने चाहिए.

शेयर बाजार से हुई कमाई पर कितना लगता है इनकम टैक्स, स्टॉक्स में पैसे लगाने से पहले ये जानना है जरूरी

शेयर बाजार से हुई कमाई पर कितना लगता है इनकम टैक्स, स्टॉक्स में पैसे लगाने से पहले ये जानना है जरूरी

अगर आप भी शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं तो आपको इसका टैक्स सिस्टम पता होना चाहिए. शेयर बाजार में लोग कई तरह से कमाई करते हैं और अलग-अलग तरीकों से हुई कमाई पर टैक्स भी अलग-अलग तरीके से लगता है.

कोरोना काल में पहले तो शेयर बाजार (Share Market) बुरी तरह टूटा, लेकिन फिर उसमें तगड़ी तेजी भी देखने को मिली. इस तेजी की एक वजह यह भी रही कि पहले की तुलना में अधिक लोगों ने शेयर बाजार में पैसा लगाना शुरू कर दिया. कुछ साल पहले की तुलना में अब बहुत सारे लोग शेयर मार्केट में पैसे लगाते हैं. बीएसई से पहले 5 करोड़ इन्वेस्टर करीब 12 सालों में जुड़े, जबकि महज दो सालों में ही 5 करोड़ और इन्वेस्टर जुड़ गए. यानी अब शेयर बाजार में पैसे लगाने वाले बहुत अधिक बढ़ चुके हैं. ऐसे में ये जानना भी बहुत जरूरी है कि शेयर बाजार से जो कमाई होती है, उस पर कितना इनकम टैक्स (Taxation on Share Market Earning) लगता है.

सबसे पहले बात इंट्रा-डे की

कोरोना काल में ऐसे बहुत सारे लोग शेयर बाजार से जुड़े, जिनका मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि ट्रेडिंग करना था. बता दें जब लोग शेयर बाजार में कम समय के लिए पैसे लगाते हैं और मुनाफा मिलते ही उन्हें बेच देते हैं, उसे ट्रेडिंग कहते हैं. यह ट्रेडिंग एक दिन से लेकर कुछ दिनों, हफ्तों या महीनों तक के लिए भी की जाती है. अगर कोई शख्स एक ही दिन में शेयर को खरीदकर उसे बेच भी देता है, तो इसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं. अगर आप इंट्रा-डे ट्रेडिंग करते हैं तो आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा. यानी अगर आपकी कुल कमाई 2.5 लाख रुपये से भी कम है तो आप पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जबकि इससे ऊपर की कमाई पर आपको स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ेगा.

अगर आप फ्यूचर या ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं तो भी आप पर इंट्रा डे की तरह ही टैक्स लगेगा. यानी फ्यूचर या ऑप्शन ट्रेडिंग से आपको जो मुनाफा होगा, उस पर आपको खुद पर लगने वाले टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा. बता दें कि फ्यूचर-ऑप्शन ट्रेडिंग के तहत आप बाद की यानी आने वाले दिनों की किसी इंट्रा डे कहां से सीखें? तारीख के लिए डील फाइनल करते हैं. फ्यूचर के तहत अगर आप कोई स्टॉक लेते हैं तो आपको उस डील में फायदा हो या नुकसान, आप समय से पहले उससे बाहर नहीं निकल सकते. वहीं ऑप्शन ट्रेडिंग में आपको अगर नुकसान होने लगता है तो आप डील छोड़ सकते हैं. इनका इस्तेमाल सबसे ज्यादा हेजिंग के लिए होता है, लेकिन बहुत से ट्रेडर इसे मुनाफा कमाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं.

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर कैसे लगता है टैक्स?

अगर आप किसी शेयर को अपने पोर्टफोलियो में कम से कम 1 दिन या अधिक से अधिक 364 दिन मतलिब 1 साल से कम तक रखते हैं तो उसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स कहा जाता है. इस पर आपको फ्लैट 15 फीसदी का टैक्स देना होता है. हालांकि, इंट्रा डे कहां से सीखें? अगर आपकी कमाई 2.5 लाख रुपये से कम है तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन कमाई उससे ऊपर बढ़ते ही फ्लैट 15 फीसदी टैक्स लगेगा, भले ही आप किसी भी स्लैब के दायरे में आते हों.

ऐसे भी बहुत सारे लोग हैं जो शेयर बाजार में 1 साल से अधिक की अवधि के लिए शेयर खरीदते हैं. इसे ही निवेश कहा जाता है. बड़े-बड़े दिग्गज निवेशक हर किसी को निवेश की सलाह ही देते हैं. अगर आपको कैपिटल गेन होता है तो उस पर आपको 1 लाख रुपये तक पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा. वहीं अगर आपकी कमाई इससे अधिक होती है तो उस पर फ्लैट 10 फीसदी टैक्स चुकाना होगा. इसमें भी इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस टैक्स स्लैब में आते हैं. हालांकि, अगर आपकी कमाई 2.5 रुपये तक ही है तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा.

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