PPF की मैच्योरिटी से पहले भी निकाल सकते हैं पैसे, जानिए क्या है नियम
अकाउंट ओपन करने के छठे फाइनेंशियल ईयर से आप पैसे निकाल सकते हैं। इसका मतलब है कि अगर आपने 1 फरवरी, 2020 को पीपीएफ अकाउंट खोला है तो फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के बाद से आप पैसा निकाल सकते हैं
PPF में एक फाइनेंशियल ईयर में मैक्सिमस 1.5 लाख रुपये जमा किया जा सकता है। आप बैंक या पोस्ट ऑफिस में पीपीएफ अकाउंट ओपन कर सकते हैं।
PPF अकाउंट कई लोग इसलिए नहीं ओपन करते कि इसमें लिक्विडिटी नहीं है। उन्हें लगता है कि एक बार अकाउंट ओपन करने के 15 साल बाद ही पैसा हाथ में आएगा। दरअसल, पीपीएफ का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है। लेकिन, ऐसा नहीं है। 15 साल से पहले भी पीपीएफ से पैसे निकाले जा सकते हैं। किसी तरह की इमर्जेंसी जैसे इलाज, बेटी की शादी, पढ़ाई IC Markets से पैसे निकालने में कितना समय लगता है आदि के लिए मैच्योरिटी से पहले भी पीपीएफ से पैसे निकाले जा सकते हैं। आइए मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने के नियम के बारे में जानते हैं।
क्या है पैसे निकालने का नियम?
अकाउंट ओपन करने के छठे फाइनेंशियल ईयर से आप पैसे निकाल सकते हैं। इसका मतलब है कि अगर आपने 1 फरवरी, 2020 को पीपीएफ अकाउंट खोला है तो फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के बाद से आप पैसा निकाल सकते हैं।
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कितने पैसे निकाल सकते हैं?
अच्छी बात यह है कि अगर आप मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालते हैं तो भी उस पर आपको टैक्स नहीं देना होगा। एक फाइनेंशियल ईयर में आप सिर्फ एक बार अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं। पीपीएफ के नियमों के मुताबिक, आप करेंट फाइनेंशियल ईयर से पहले वाले फाइनेंशियल ईयर के अंत में अपने अकाउंट में जमा 50 फीसदी तक पैसा निकाल सकते हैं।
क्या है पैसा निकालने का प्रोसेस?
आपको विड्रॉल फॉर्म भरना पड़ता है, जिसे फॉर्म सी कहते हैं। इस फॉर्म को भरने के बाद आपको पीपीएफ पासबुक की कॉपी इसके साथ लगानी होगी। आपका अप्लिकेशन प्रोसेस हो जाने के बाद पैसा आपके सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है। आप चाहें तो डिमांड ड्राफ्ट के जरिए भी पैसा ले सकते हैं।
PPF के क्या हैं फायदे?
PPF रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए बहुत जरूरी है। अगर इसमें हर साल इनवेस्ट किया जाए तो मैच्योरिटी तक अच्छा फंड तैयार हो जाता है। इसलिए यह आपके फाइनेंशियल गोल (Financial Goal) को हासिल करने में भी मददगार हो सकता है।
PPF की कई खासियतें हैं। पहला, इसमें इनवेस्टमेंट पर आपको इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है। सिर्फ यहीं नहीं, इसमें एग्जेम्पट-एग्जेम्पट-एग्जेम्पट (EEE) बेनिफिट भी मिलता है। इसका मतलब है कि आपके कंट्रिब्यूशन पर टैक्स नहीं लगता है। आपके डिपॉजिट पर मिलने वाले इंट्रेस्ट पर टैक्स नहीं लगता है। आखिर में मैच्योरिटी पर मिलने वाला IC Markets से पैसे निकालने में कितना समय लगता है टोटल अमाउंट पर भी किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है। ऐसे बहुत कम इनवेस्टमेंट ऑप्शन हैं, जिनमें EEE का बेनिफिट मिलता है।
एक साल में कितना जमा किया जा सकता है?
PPF में एक फाइनेंशियल ईयर में मैक्सिमस 1.5 लाख रुपये जमा किया जा सकता है। आप बैंक या पोस्ट ऑफिस में पीपीएफ अकाउंट ओपन कर सकते हैं। अच्छी बात यह है कि इसमें आप मंथली या एनुअली पैसा IC Markets से पैसे निकालने में कितना समय लगता है जमा कर सकते हैं। हर साल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त आप पीपीएफ IC Markets से पैसे निकालने में कितना समय लगता है में जमा रकम पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इसकी आपकी टैक्स लायबिलिटी कम हो जाएगी।
MoneyControl News
First Published: Apr 12, 2022 1:58 PM
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Premature Withdrawal Of Fixed Deposit: समय से पहले तोड़नी है FD, कितना होगा नुकसान? ऐसे करें कैलकुलेट
Premature Withdrawal Of FD: भारत में फिक्स्ड रिटर्न देने वाले निवेश विकल्प लोग पसंद करते हैं. इनमें भी फिक्स्ड डिपॉजिट बेहद पॉपुलर हैं.
FD Pre Mature Withdrawal: भारत में फिक्स्ड रिटर्न देने वाले निवेश विकल्प लोग पसंद करते हैं. इनमें भी फिक्स्ड डिपॉजिट बेहद पॉपुलर हैं.
Premature Withdrawal Of Fixed Deposit: भारत में फिक्स्ड रिटर्न देने वाले निवेश विकल्प लोग पसंद करते हैं. इनमें भी फिक्स्ड डिपॉजिट बेहद पॉपुलर हैं. इसमें एक तो जोखिम कम होता है, वहीं रिटर्न की गारंटी मिलती है. एफडी में निवेश मार्केट से लिंक नहीं होता है, इसलिए इसमें बाजार के उतार चढ़ाव का असर नहीं होता है. वैसे तो एफडी की एक मेच्योरिटी अवधि होती है कि आपको इतने साल के लिए पैसा जमा करना होगा. लेकिन इसफा फायदा यह भी है कि जरूरत पड़ने पर समय से पहले भी पैसा निकाला जा सकता है. हालांकि मेच्योरिटी से पहले एफडी तोड़ने पर आपको ब्याज का नुकसान होता है, इस पर कुछ पेनल्टी भी देनी होती है. जो अलग अलग बैंकों में अलग अलग है. ऐसे में आपको जानना चाहिए कि समय से पहले एफडी तोड़ने पर ब्याज का कैलकुलेशन कैसे होता है.
क्या होता है प्रीमेच्योर बिद्ड्रॉल
एफडी में प्रीमेच्योर बिद्ड्रॉल निवेशकों को जरूरत पड़ने पर मेच्योरिटी से पहले निवेश का पैसा निकालने की सुविधा देता है. ज्यादातर ऐसा इमरजेंसी में होता है, जब अचानक से पैसों की जरूरत पड़ती है. इसके लिए निवेशकों को पेनल्टी के रूप में एक तय अमाउंट बैंक को देना होता है. यह अमूमन 0.5 फीसदी से 1 फीसदी की रेंज में होता है. हालांकि कुछ बैंक जीरो पेनल्टी पर भी इसकी सुविधा देते हैं. वहीं, अगर मेच्योरिटी से सिर्फ 7 दिन पहले एफडी तोड़ते हैं तो कई बैंक इस पर कोई चार्ज नहीं लेते हैं.
कैसे कैलकुलेट होता है ब्याज
केस—1: जब मेच्योरिटी पीरियड पर मिलने वाला ब्याज, एफडी तोड़ने वाले समय से ज्यादा हो.
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उदाहरण: 5 साल की मेच्योरिटी, लेकिन 1 साल में निकालना है पैसा. यहां समय से पहले पैसे निकालने पर 1 फीसदी पेनल्टी है.
निवेश: 1 लाख रुपये
एफडी की अवधि: 5 साल
5 साल पर ब्याज: 7 फीसदी
1 साल पर ब्याज: 6.5 फीसदी
7 फीसदी की दर से 1 साल पर अमाउंट: 1,07,186 रुपये
अगर 1 साल बाद निकलते हैं तो प्रभावी ब्याज दर 6.5 फीसदी मानी जाएगी. वहीं, इस पर 1 फीसदी पेनल्टी भी लगेगी. यानी आपको यहां 5.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा.
आपको मिलने वाली रकम: 1,05,614 रुपये
केस—2: जब मेच्योरिटी पीरियड पर मिलने वाला ब्याज, एफडी तोड़ने वाले समय से कम हो.
उदाहरण: 2 साल की मेच्योरिटी, लेकिन 1 साल में निकालना है पैसा. लेकिन 2 साल की एफडी पर ब्याज 1 साल की एफडी से कम है. यहां भी समय से पहले पैसे निकालने पर 1 फीसदी पेनल्टी है.
निवेश: 1 लाख रुपये
एफडी की अवधि: 2 साल
2 साल पर ब्याज: 6 फीसदी
1 साल पर ब्याज: 7 फीसदी
6 फीसदी की दर से 1 साल पर अमाउंट: 1,06,136 रुपये
अगर 1 साल बाद निकलते हैं तो प्रभावी ब्याज दर 6 फीसदी ही मानी जाएगी. वहीं, इस पर 1 फीसदी पेनल्टी भी लगेगी. यानी आपको यहां 5 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा.
आपको मिलने वाली रकम: 1,05,095 रुपये
एसबीआई: एफडी तुड़वाने पर ये चार्ज
-5 लाख रुपये तक के रिटेल टर्म डिपॉजिट पर प्रीमेच्योर विदड्रॉल पर 0.50 फीसदी पेनाल्टी है.
-5 लाख रुपये से ज्यादा लेकिन 1 करोड़ रुपये से कम पर 1 फीसदी पेनाल्टी लागू है.
ICICI बैंक: एफडी तुड़वाने पर ये चार्ज
5 करोड़ से कम या ज्यादा की एफडी पर 1 साल से पहले विद्ड्रॉल पर 0.5 फीसदी पेनल्टी लगती है.
5 करोड़ से कम या ज्यादा की एफडी को 1 साल से 5 IC Markets से पैसे निकालने में कितना समय लगता है साल के पहले तोड़ने पर 1 फीसदी पेनल्टी.
5 करोड़ से कम और 5 करोड़ से ज्यादा की 10 साल की एफडी को 5 साल बाद और 10 साल से पहले तोड़ने पर 1 फीसदी और 1.5 फीसदी ब्याज लगता है.
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