30 नवंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने राज्यसभा में प्रश्नकाल सत्र के दौरान क्रिप्टोकुरेंसी पर कहा, “यह एक जोखिम भरा क्षेत्र है और पूर्ण नियामक ढांचे में नहीं है. इसके विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया था. आरबीआई (RBI) और सेबी (SEBI) के माध्यम से जागरुकता पैदा करने के लिए कदम उठाए गए हैं. सरकार जल्द ही एक विधेयक पेश करेगी.”

 बनेगी एनवायरमेंट फ्रेंडली

क्रिप्टोकरेंसी बनाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, जानें क्या है इनमें अंतर और क्या है नफा-नुकसान

भारत में क्रिप्टो मालिकों की संख्या 10.07 करोड़ है जो दुनिया भर में सबसे अधिक है.

भारत में Coinbase में क्या अंतर हैं क्रिप्टो मालिकों की संख्या 10.07 करोड़ है जो दुनिया भर में सबसे अधिक है.

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) डिसेंट्रलाइज्ड Coinbase में क्या अंतर हैं है और भारत में किसी भी नियामक प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित नहीं की गई है. च . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : December 02, 2021, 13:03 IST

Cryptocurrency News Today: भारत में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी को लेकर खूब घमासान मचा हुआ है. दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में क्रिप्टो का कारोबार होने के बाद इस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. सरकार इसे असुरक्षित मानते हुए इसके नियमन को लेकर संसद में बिल लाने की तैयारी कर रही है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बढ़ते चलन को देखते हुए सरकार खुद अपनी डिजिटल करेंसी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लाने की कवायद में जुटी हुई है.

आखिर क्यों है क्रिप्टो पर इतना विवाद और क्या है Coinbase में क्या अंतर हैं सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), इन मुद्दों पर विस्तार से बात कर रही हैं फाइनेंशियल एडवाइजर ममता गोदियाल. ममता गोदियाल (Mamta Godiyal) का बैंकिंग सेक्टर में लंबा अनुभव रहा है. अब वह निजी तौर पर पर्सनल फाइनेंस को लेकर लोगों को खासकर महिलाओं को जागरुक कर रही हैं. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर उनसे लंबी चर्चा हुई. बातचीत में उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी और भारत सरकार की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के बारे में कई पहलुओं पर रोशनी डाली.

Bitcoin इतना महंगा क्यों है? जानिए क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चल रहे सवालों के जवाब

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क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई लोगों के मन में सवाल उठते हैं. क्रिप्टोकरेंसी काफी दिनों से न्यूज में भी बना हुआ है. कई लोगों को मानना है आने वाले टाइम में सरकार भी इसे अप्रूव कर देगी. लेकिन सवाल उठता है क्रिप्टोकरेंसी इतनी महंगी कैसे है? इसकी तुलना हमलोग गोल्ड या पेपर वाले करेंसी से कर सकते हैं या नहीं?

Cryptocurrency

मनी का कांसेप्ट काफी पुराना है. इस सिस्टम को barter सिस्टम के बाद लाया गया था. पहले सामान के बदले सामान एक्सचेंज किया जाता था. इसके बाद पैसों का कॉन्सेप्ट आया. इसमें महंगे मेटल्स को यूज किया जाने लगा. अब तो डिजिटल पेमेंट चल रहा है जिससे आप एक स्वाइप में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं.

भविष्य में ये क्रिप्टोकरेंसी हो सकती है नंबर-1, है बिटकॉइन को पछाड़ने का दम?

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बीते कुछ महीनों में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बहुत ज्यादा उथल-पुथल रही है. इस दौरान बिटकॉइन जैसी मजबूत क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू में 50% तक की गिरावट देखी गई है. इसके बाद से एक्सपर्ट्स को चिंता सताने लगी है कि क्या बिटकॉइन क्रिप्टो मार्केट की सरताज बनी रहेगी. (All Photos : File/Getty/Reuters)

बिटकॉइन हुआ धराशायी

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में हाल के उतार-चढ़ाव के दौरान बिटकॉइन की वैल्यू ने Coinbase में क्या अंतर हैं 65,000 डॉलर के ऑल-टाइम हाई लेवल को छुआ, लेकिन ये डिजिटल करेंसी इस लेवल पर ज्यादा देर टिक नहीं सकी. इसकी वैल्यू ने लगभग 50% का गोता लगाया और ये 30,000 डॉलर प्रति बिटकॉइन रह गई.

Crypto Tax India vs US: भारत और अमेरिका में क्रिप्टो कमाई पर टैक्स के तय हैं नियम, जानिए क्या है अंतर

Crypto Tax India vs US: भारत और अमेरिका में क्रिप्टो कमाई पर टैक्स के तय हैं नियम, जानिए क्या है अंतर

दुनिया भर में क्रिप्टो को लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुई है. हालांकि भारत समेत कुछ देशों में इस पर टैक्स का प्रावधान कर दिया है. (Image- Pixabay)

Crypto Tax India vs US: दुनिया भर में क्रिप्टो को लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुई है. हालांकि भारत समेत कुछ देशों में इस पर टैक्स का प्रावधान कर दिया है. केंद्रीय बजट 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहली बार भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स प्रावधानों का ऐलान किया. वहीं अमेरिका में इंटरनल रेवेन्यू सर्विस (IRS) ने पहली बार 2014 में क्रिप्टो को लेकर टैक्स से जुडे प्रावधान तय किए. दोनों देशों में बिटक्वाइन (BitCoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर टैक्स नियमों में काफी अंतर है और मूल रूप से इनकी प्रकृति ही अलग है जैसे कि क्रिप्टो को किस प्रकार का एसेट समझा जाए, इसे लेकर दोनों देशों में अलग-अलग प्रावधान हैं.

क्रिप्टो एसेट्स का वर्गीकरण

इस साल के बजट में भारत सरकार ने क्रिप्टो एसेट् को वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के तौर पर माना. हालांकि इन्हें एसेट्स माना गया है लेकिन वर्चुअल डिजिटल एसेट्स टैक्स के मामले में अन्य प्रकार के एसेट्स से अलग हैं. केंद्रीय बजट 2022 के मुताबिक वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से मुनाफे पर फ्लैट 30 फीसदी का टैक्स चुकाना होगा. वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी में क्रिप्टोकरेंसीज को कैपिटल एसेट्स माना जाता है. ऐसे में जब क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री पर मुनाफा होता है तो इस पर लांग टर्म क्रिप्टो एसेट्स या शॉर्ट टर्म क्रिप्टो एसेट्स के आधार पर टैक्स चुकाना होता है. अमेरिकी कानून के मुताबिक एक साल से कम की एसेट होल्डिंग शॉर्ट टर्म है.

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नुकसान एडजस्ट करने का प्रावधान

भारत में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर एक्विजिशन कॉस्ट को छोड़कर Coinbase में क्या अंतर हैं डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता है और अगर नुकसान हुआ है तो इसे सेट ऑफ या कैरी फारवर्ड नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा अन्य प्रकार के कैपिटल एसेट्स (वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को छोड़) की बिक्री पर नुकसान हुआ है तो कुछ शर्तों के साथ कैपिटल एसेट्स गेन के साथ सेट ऑफ किया जा सकता है और अगर नहीं कर पा रहे हैं तो इसे अगले आठ साल तक इसे कैपिटल गेन के साथ एडजस्ट कर सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी इनकम टैक्स कानून के तहत क्रिप्टो एसेट्स में निवेश पर अगर नुकसान हआ है तो इसे आय के अन्य स्रोत से सेट ऑफ कर सकते हैं. अगर इस नुकसान को एडजस्ट नहीं कर पा रहे हैं तो इसे आगे निवेश से हुए मुनाफे से सेट ऑफ के लिए कैरी फारवर्ड भी कर सकेंगे.

बजट 2022 में केंद्र सरकार ने एक सीमा से अधिक बिक्री वैल्यू के वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर पर 1 फीसदी टीडीएस का प्रावधान किया है. वहीं गिफ्ट में अगर क्रिप्टो मिलता है तो इस पर भी टैक्स चुकाना होगा, अगर इसकी फेयर मार्केट वैल्यू एक थ्रेसहोल्ड लिमिट के ऊपर होती है लेकिन रिश्तेदारों व खास मौके पर मिले गिफ्ट पर एग्जेम्प्शन मिलेगा. वहीं दूसरी तरफ अमेरिका की बात करें तो क्रिप्टो एसेट्स एसेट्स में पेमेंट पर कोई विदहोल्ड टैक्स नहीं है. इसके अलावा गिफ्ट मिलने पर कोई टैक्स नहीं देना होगा लेकिन अगर भविष्य में इसकी बिक्री करते हैं तो कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होगा. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि जिस शख्स ने क्रिप्टो गिफ्ट में दिया है, उसकी जानकारी सरकार को दे, अगर इसकी वैल्यू एक लिमिट के ऊपर है.

कारोबारी लेन-देन में प्रावधान

अगर किसी गुड्स या सर्विसेज के बदले में क्रिप्टो से भुगतान मिला है तो टैक्सपेयर को इस पर कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा यानी कि शुरुआती खरीद भाव और मौजूदा भाव के अंतर पर. वहीं जिसे पेमेंट मिला है, उसे आय मानते हुए रेगुलर टैक्स रेट्स के हिसाब से टैक्स देना होगा. वहीं दूसरी तरफ भारत में बजट 2022 में सरकार ने इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं किया है कि जब इसका इस्तेमाल करेंसी के तौर पर किया जाएगा तो कैसे टैक्स देनदारी बनेगी. यहां अभी ‘ट्रांसफर’ को लेकर स्पष्टता की जरूरत है.

भारत में केंद्रीय बजट 2022 में स्टेकिंग, माइनिंग, लेंडिंग, बॉरोइंग, एयरड्रॉप्स, फोर्क्स, वॉलेट ट्रांसफर्स, पी2पी ट्रांसफर्स, गेमिंग, गिफ्टिंग, डोनेशंस इत्यादि से हुई आय को लेकर कोई प्रावधान नहीं तय किए हैं. वहीं अमेरिका में अगर आप माइनिंग, किसी गुड्स या सर्विसेज के प्रमोशन या पेमेंट के लिए क्रिप्टो पाते हैं तो इसे रेगुलर टैक्सेबल इनकम माना जाता है. इस पर जिस दिन इसे प्राप्त किया है, उस दिन के बाजार भाव पर अपने रेगुलर इनकम टैक्स रेट के हिसाब से टैक्स चुकाना होता है.

Highlights

  • मास्टरकार्ड और वीजा नेक्रिप्टोकरेंसी क्रेडिट कार्ड पेश किए हैं
  • क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड का उपयोग भी आप शॉपिंग कर सकते हैं
  • आपको क्रेडिट कार्ड की तरह ही शॉपिंग करने पर रिवॉर्ड मिलते हैं

Crypto Credit Cards: 2021 में जो शब्द सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है वह है क्रिप्टो करेंसी। बीते साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देश में एक बार फिर से किप्टो की खरीद बिक्री की शुरुआत हुई, जिसके बाद इस साल धड़ाधड़ क्रिप्टो एक्सचेंज भी अस्तित्व में आ गए। अब इससे एक कदम आग बढ़ते हुए बाजार में क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड (cryptocurrency credit cards)की चर्चा शुरू हो गई है।

दरअसल दुनिया की दो सबसे बड़ी पेमेंट कंपनियां मास्टरकार्ड और वीजा ने कुछ क्रिप्टो कंपनियों के साथ मिलकर क्रिप्टोकरेंसी क्रेडिट कार्ड पेश किए हैं। अरबों के क्रिप्टो करेंसी के बाजार में लॉन्च होते ही क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड पर चर्चा शुरू हो गई है। जिस तरह आप बैंकों के क्रेडिट कार्ड को कैश की तरह इस्तेमाल करते हैं, वैसे ही क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड का उपयोग भी आप शॉपिंग या फिर पेमेंट के लिए कर सकते हैं। यहां आपको क्रेडिट कार्ड की तरह ही शॉपिंग करने पर रिवॉर्ड और कैशबैक मिलते हैं।

क्या है crypto credit card?

क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड ठीक आपके बैंक के क्रेडिट कार्ड के समान होता है। बस अंतर यही है कि बैंकों के क्रेडिट या डेबिट कार्ड में नोट करंसी या कॉइन करंसी का इस्तेमाल होता है, लेकिन क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड का पूरी तरह से डिजिटल करंसी या क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा होता है। आम क्रेडिट के ट्रांजेक्शन में जैसे हम कैश की जगह कार्ड का प्रयोग करते हैं, वैसे ही क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड में भी हमें बिटकॉइन, इथीरियम या डोजकॉइन देने की जरूरत नहीं होगी।

क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड के जरिये पहले क्रिप्टोकरंसी को उस देश की करंसी में बदला जाता है। फिर पेमेंट करने वाले को दिया जाएगा। इस काम में भी उतना ही समय लगेगा जितना बैंकों के कार्ड से लगता है क्योंकि यह सबकुछ ऑनलाइन हाईटेक सुविधाओं से लैस है।

मिलते हैं रिवॉर्ड पॉइंट

अलग-अलग क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड्स यूजर को अलग-अलग रिवार्ड देते हैं। जेमिनी क्रेडिट कार्ड शॉपिंग करने पर 3% तक का रिवार्ड देता है। लेकिन यह रिवॉर्ड बिटकॉइन में मिलता है। इसे तुरंत यूजर के जेमिनी अकाउंट में जमा कर दिया जाता है। वहीं एक अन्य कार्ड ब्लॉकफाई क्रेडिट कार्ड यूजर को बिटकॉइन और इथेरियम सहित 10 तरह की क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट पर 1.5 फीसदी तक का रिवार्ड देता है।

दुनिया की बड़ी पेमेंट कंपनियां वीसा या मास्टरकार्ड के जरिये क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड बनाए जाते हैं। इसके लिए आपको किसी क्रिप्टो ऑर्गेनाइजेशन से क्रिप्टो क्रेडिट कार्ड जारी कराना होगा। क्रिप्टो में डील करने वाली कंपनियां एक्सचेंज इस तरह के कार्ड जारी करते हैं।

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