• व्यापार में माल खरीदने जाते समय प्रस्थान से पूर्व 21 रुपये किसी गुप्त स्थान पर रखकर जाएं। यात्रा से वापस आने के पश्चात वे उन रखे हुए 21 रुपये से किसी साधू, फकीर या पंडित को खाना खिला दें या दान दे दें। यात्रा सफल होगी, व्यापार में लाभ होगा।
  • कपूर और कुमकुम मिलाकर जलाएं तथा दीपावली के दिन उसकी भस्म को कागज में बांधकर एक पुड़िया बना लें। उस पुड़िया को अपने गल्ले में रखें, मान्यता है कि व्यापार पर से अगर नजर दोष है तो नष्ट हो जाता है।
  • दुकान पर पहला ग्राफ आता है तो उसे कभी भी वापस न जाने दें। चाहे उस समय आप सफाई, पूजा आदि ही क्यों न कर रहे हों। पहले ग्राहक को जरूर कुछ न कुछ सामान दें। भले ही पहला ग्राहक कम लाभ दे लेकिन प्रयास रहे कि उसे खाली हाथ न जाने दें।
  • आपका कोई स्थाई ग्राहक अगर दूसरी जगह जा रहा हो तो गेंदे का फूल पीसकर माथे पर तिलक लगाकर उस व्यक्ति से बात करें। मान्यता है कि पुराना ग्राहक भी आपसे नहीं टूटेगा। ये तिलक प्रतिदिन भी लगाया जा सकता है।
  • थोड़ा सा कच्चा सूत ले और शुद्ध केसर से रंग लें। इस रंगे हुए कच्चे सूत को व्यापारिक स्थल या अपने प्रतिष्ठान पर बांध दें। व्यापार में तरक्की के योग बनेंगे।
  • दुकान में प्रतिष्ठान में संध्या वंदना अवश्य करें दीपक एवं अगरबत्ती प्रज्वलित करें।
  • यदि आप यह महसूस कर रहे हैं कि कई टोने-टोटके या उपाय कर लिए लेकिन कुछ असर नहीं हुआ तो यह उपाय जरूर आजमाएं। गुरुवार के दिन श्यामा तुलसी के चारों ओर उगाई खरपतवार को किसी पीले वस्त्र में बांधकर व्यापार स्थल या प्रतिष्ठान पर रख दें। ध्यान रहे कि यह क्रिया केवल गुरुवार के दिन ही करनी है।

व्‍यापार में घाटे से बचा सकते हैं ये ज्‍योतिषीय उपाय

व्‍यापार सही चलेगा तो आपकी समृद्धि बनी रहेगी और आपके जीवन में खुशियां बनी रहती हैं लेकिन अगर व्‍यापार में कोई नुकसान हो जाए या घाटा हो तो कर्ज या आर्थिक संकट की स्थिति बन जाती है। व्‍यापार के ज्‍योतिषीय उपाय आपको इस परेशानी से बचा सकते हैं।

अगर आपके भी बिजनेस में मुनाफा या बरकत नहीं हो रही है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि ज्‍योतिष शास्‍त्र में मनुष्‍य की हर समस्‍या का हल है। ज्‍योतिष शास्‍त्र के कुछ चमत्‍कारिक उपाय और टोटकों से आप अपने बिजनेस में बरकत ला सकते हैं। तो आइए जानते हैं व्‍यापार में वृद्धि और बरकत के उपाय -:

गोमती चक्र का उपाय

यदि आप अपने व्‍यापार में वृद्धि करना चाहते हैं या अपने ग्राहकों की संख्‍या बढ़ाना चाहते हैं तो एक लाल रंग के कपड़े में 12 गोमती चक्र बांधकर अपने ऑफिस या दुकान के मेन गेट पर लटका दें। इस उपाय से आपको अवश्‍य ही फायदा होगा।

व्‍यापार के ज्‍योतिषीय उपाय

अगर किसी ने आपके कारोबार पर टोना-टोटका कर दिया है और इस वजह से आपको बस नुकसान ही हो रहा है तो इससे बचने के लिए आप रविवार के दिन पांच नींबू को काटकर उसके साथ एक मुट्ठी कालीमिर्च और पीली सरसों अपने व्‍यापारिक प्रतिष्‍ठान में रख दें। अगले दिन प्रात: काल जब ऑफिस या दुकान का दरवाज़ा खोलें तो इस सामग्री को उठाकर किसी सुनसान जगह पर रख आएं।

एकाक्षी नारियल का उपाय

व्‍यापार में उन्‍नति और वृद्धि के लिए एक एकाक्षी नारियल को अपने ऑफिस के मंदिर में स्‍थापित करें। इस एकाक्षी नारियल को रोज़ धूप-दीप दें।

तस्‍वीर का रखें ध्‍यान

धन के देवता कुबेर उत्तर दिशा के स्‍वामी हैं। इसलिए ऑफिस या दुकान की उत्तर दिशा को दोष मुक्‍त रखना चाहिए। अपने कारोबार में वृद्धि के लिए उत्तर दिशा की दीवार पर केवल हरे रंग के तोते की तस्‍वीर लगाएं। इससे आपके कारोबार में बरकत होगी।

लक्ष्‍मी जी का स्‍वरूप

अगर आपको अपने व्‍यापार में धन की हानि हो रही है तो आप अपने ऑफिस या दुकान में झाडू को किसी ऐसी जगह पर रखें जहां किसी बाहर वाले व्‍यक्‍ति की इस पर नज़र न पड़े। झाडू को लक्ष्‍मी जी का स्‍वरूप कहा जाता है। यदि आप झाडू को किसी ऐसे स्‍थान पर रखते हैं जहां लोगों की सीधी नज़र उस पर पड़े तो आपके घर या ऑफिस में दरिद्रता का वास होता है।

पहली रोटी गाय की

यदि आप अपने व्‍यापार में सफलता पाना चाहते हैं तो घर में बनने वाली पहली रोटी गाय को दें। पक्षियों को दाना देने से भी धन लाभ के मार्ग खुलते हैं।

व्‍यापार के ज्‍योतिषीय उपाय

– ध्‍यान रखें जिस घर में शाम के समय लोग सोए रहते हैं वहां पर दरिद्रता का वास होता है। शाम के समय भगवान का स्‍मरण करें और अपनी दुकान में घी का दीया जलाएं।

– अगर आप अपना कारोबार बढ़ाना चाहते हैं तो हर शुक्रवार के दिन गरीबों में गुड़-चना बांटें। वहीं बुधवार के दिन एक कटोरी चावल किसी गरीब या जरूरतमंद को दान करें। इस उपाय से मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होती हैं और आपके व्‍यापार में बरकत देती हैं।

प्रयास हो रहे हैं असफल

अगर आपको अनेक प्रयासों और मेहनत के बाद भी अपने काम में सफलता आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? नहीं मिल रही है या कई कोशिशों के बाद भी आपको कोई नया ऑर्डर नहीं मिल रहा है तो आप शुक्‍ल पक्ष के गुरुवार के दिन किसी मंदिर में अपने आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? साथ पीले रंग का कपड़ा लेकर जाएं। मंदिर में लगी श्‍यामा तुलसी के चारों ओर फैली खरपतवार को उस पीले रंग के कपड़े में लपेटकर अपने साथ ले आएं। इसे आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? अपने ऑफिस या कार्यस्‍थल में किसी स्‍वच्‍छ स्‍थान में रख दें और रोज़ इसके आगे धूप और दीप दें।

चमत्‍कारी है व्‍यापार वृद्धि यंत्र

व्‍यापार वृद्धि यंत्र को विशेष रूप से व्‍यापार आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? से जुड़ी समस्‍याओं के निवारण और व्‍यापार में वृद्धि के लिए बनाया गया है। हर व्‍यापारी को अपने ऑफिस या दुकान में व्‍यापार वृद्धि यंत्र की स्‍थापना कर इसकी पूजा करनी चाहिए। अगर आपको व्‍यापार में पैसों का नुकसान हो रहा है तो इस व्‍यापार वृद्धि यंत्र को अपने कैश काउंटर या तिजोरी में रखें।

किसी भी जानकारी के लिए Call करें : 8882540540

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दुकान में नहीं आ रहे ग्राहक तो यह करें उपाय

अच्छे बाजार में दुकान होने के बाद भी अगर व्यापार में लाभ के अवसर कम मिल रहे हैं तो कहीं वास्तु दोष इसके लिए जिम्मेदार तो नहीं। आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? ऐसे में दुकान या शोरूम की व्यवस्था पर अवश्य ध्यान दें। दुकान हमारा.

दुकान में नहीं आ रहे ग्राहक तो यह करें उपाय

अच्छे बाजार में दुकान होने के बाद भी अगर व्यापार में लाभ के अवसर कम मिल रहे हैं तो कहीं वास्तु दोष इसके लिए जिम्मेदार तो नहीं। ऐसे में दुकान या शोरूम की व्यवस्था पर अवश्य ध्यान दें। दुकान हमारा कार्यस्थल है जहां वास्तु उपाय होना बहुत आवश्यक है।

दुकान को हमेशा स्वच्छ रखें। दुकान के प्रवेश द्वार पर चौखट न बनाएं। दुकान के ठीक सामने बिजली या फोन का खंभा, पेड़ या सीढ़ी नहीं होना चाहिए। दुकान की सफाई करते समय कूड़ा सड़क पर न डालें, न ही इसे किसी दूसरी दुकान की ओर डालें। दुकान में बैठते समय अपना मुख सदैव उत्तर या पूर्व की ओर कर बैठें। सुबह-शाम दुकान में कर्पूर जलाएं। ऐसा करने से नकारात्मकता दूर हो जाती है। दुकान में प्रयुक्त होने वाले उपकरण आग्नेय कोण में रखें। दुकान मालिक को पश्चिम दिशा में बैठना चाहिए। तिजोरी की जगह के ऊपर कोई बीम नहीं होना चाहिए। तिजोरी में कुबेर यंत्र या श्रीयंत्र अवश्य रखें। नगद पेटिका को कभी खाली न रखें। गद्दी पर बैठकर कभी भोजन न करें। न ही सोएं। मेज पर पैर रखकर कभी न बैठें। दुकान खोलते समय और शाम को बिजली जलाने के बाद दान न दें। दुकान में कुल देवता या इष्ट देवी-देवता की तस्वीर लगाएं। दुकान के प्रवेश द्वार के ऊपर भगवान श्रीगणेश की मूर्ति लगाए। यह मूर्ति दीवार के आगे-पीछे दोनों तरफ लगाएं। सूर्य यंत्र भी लगा सकते हैं।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

इन छोटे-छोटे टोटकों और उपायों से व्यापार में होगा लाभ ही लाभ

व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों के सामने व्यापार नहीं चलने की समस्या आए दिन आती रहती है। व्यापारियों का केवल एक ही उद्देश्य होता है कि उनके व्यापार में आशातीत उन्नति हो। व्यवसाय चलाने तथा धन लाभ प्राप्त.

इन छोटे-छोटे टोटकों और उपायों से व्यापार में होगा लाभ ही लाभ

व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों के सामने व्यापार नहीं चलने की समस्या आए दिन आती रहती है। व्यापारियों का केवल एक ही उद्देश्य होता है कि उनके व्यापार में आशातीत उन्नति हो। व्यवसाय चलाने तथा धन लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि अत्याधिक कठिन परिश्रम किया जाए। परिश्रम के साथ-साथ और बहुत सी छोटी-छोटी बातें हैं जो अपनाने से व्यवसाय या व्यापार में लाभ होता है।

आप कुशल व्यवसाई हैं, व्यवसाय चलाने का अनुभव भी आपके पास है लेकिन अच्छे भले चलते व्यवसाय में अचानक रुकावट आ जाती है। अच्छा माल बेचते हैं, व्यवहार कुशल भी हैं लेकिन इतना सब होते हुए भी व्यापार निरंतर घाटे में चला जाता है। पहले बिक्री खूब अच्छी होती थी किंतु अचानक उस में गिरावट आ जाती है। लाभ का प्रतिशत भी घट जाता है और समस्या विकट हो जाती है।

आप सोचते हैं कि इसी प्रतिद्वंदी ने कुछ करा दिया है या शायद ग्रह चाल ठीक नहीं चल रहे हैं। वहीं अगर किसी ने ऋण लेकर व्यवसाय किया है तो ऋण उतारने की समस्या हमेशा उसके सामने बाहें पसारे खड़ी रहती है। कोई भी व्यवसाय या आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? व्यापार करने वाले लोग अगर कुछ टोटके या उपाय अपना लें तो वे सभी दोष से मुक्त हो सकते हैं और व्यापार में निरंतर लाभ की प्राप्ति भी कर सकते हैं। दोष समाप्ति के बाद व्यवसाय पहले जैसा ही तेजी से चलने लगेगा।

इन उपायों को करने से होता है व्यापार में लाभ

  • प्रत्येक मंगलवार को पीपल के 11 पत्ते लें और लाल चंदन से प्रत्येक पत्ते पर राम-राम लिखें। इसके बाद इन पत्तों को हनुमान जी के मंदिर में चढ़ा दें। व्यवसाय में कभी असफल नहीं होंगे। इस क्रिया को निरंतर एवं गोपनीय रखें। गोपनीयता का फल बहुत जल्द प्राप्त हो जाता है।
  • सोमवार को 11 बिल्वपत्र लें तथा उनपर केसर से 'ऊं नमः शिवाय' लिखकर भगवान शिव को निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए चढ़ाएं। सभी व्यवसायिक आपदा दूर हो जाएंगी। यह कार्य सिर्फ 16 सोमवार तक करना है।

त्रिदलं त्रिगुणांकारं त्रिनेत्रं च त्रयायुधम्।
त्रिजन्म पाप संहारं एक बिल्व शिवार्पणम्।।

  • व्यापार में माल खरीदने जाते समय प्रस्थान से पूर्व 21 रुपये किसी गुप्त स्थान पर रखकर जाएं। यात्रा से वापस आने के पश्चात वे उन रखे हुए 21 रुपये से किसी साधू, फकीर या पंडित को खाना खिला दें या दान दे दें। यात्रा सफल होगी, व्यापार में लाभ होगा।
  • कपूर और कुमकुम मिलाकर जलाएं तथा दीपावली के दिन उसकी भस्म को कागज में बांधकर एक पुड़िया बना लें। उस पुड़िया को अपने गल्ले में रखें, मान्यता है कि व्यापार पर से अगर नजर दोष है तो नष्ट हो जाता है।
  • आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए?
  • दुकान पर पहला ग्राफ आता है तो उसे कभी भी वापस न जाने दें। चाहे उस समय आप सफाई, पूजा आदि ही क्यों न कर रहे हों। पहले ग्राहक को जरूर कुछ न कुछ सामान दें। भले ही पहला ग्राहक कम लाभ दे लेकिन प्रयास रहे कि उसे खाली हाथ न जाने दें।
  • आपका कोई स्थाई ग्राहक अगर दूसरी जगह जा रहा हो तो गेंदे का फूल पीसकर माथे पर तिलक लगाकर उस व्यक्ति से बात करें। मान्यता है कि पुराना ग्राहक भी आपसे नहीं टूटेगा। ये तिलक प्रतिदिन भी लगाया जा सकता है।
  • थोड़ा सा कच्चा सूत ले और शुद्ध केसर से रंग लें। इस रंगे हुए कच्चे सूत को व्यापारिक स्थल या अपने प्रतिष्ठान पर बांध दें। व्यापार आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? में तरक्की के योग बनेंगे।
  • दुकान में प्रतिष्ठान में संध्या वंदना अवश्य करें दीपक एवं अगरबत्ती प्रज्वलित करें।
  • यदि आप यह महसूस कर रहे हैं कि कई टोने-टोटके या उपाय कर लिए लेकिन कुछ असर नहीं हुआ तो यह उपाय जरूर आजमाएं। गुरुवार के दिन श्यामा तुलसी के चारों ओर उगाई खरपतवार को किसी पीले वस्त्र में बांधकर व्यापार स्थल या प्रतिष्ठान पर रख दें। ध्यान रहे कि यह क्रिया केवल गुरुवार के दिन ही करनी है।

आपको आज ही एक पुनर्विक्रेता व्यवसाय क्यों शुरू करना चाहिए

पुनर्विक्रेता व्यवसाय

पुनर्विक्रेता व्यवसाय तब होता है जब व्यक्ति पैसे कमाने के लिए चीजों को दूसरों को बेचने के लिए खरीदते हैं। ऑनलाइन पुनर्विक्रेता व्यापार भारत में अवसरों में जबरदस्त वृद्धि हो रही है। पुनर्विक्रय व्यवसाय शुरू करना आसान है और इसके लिए किसी बड़े निवेश की आवश्यकता नहीं होती है। अधिकांश कंपनियों ने पुनर्विक्रय उत्पादों को वास्तविक व्यवसाय बना लिया है और अच्छी कमाई कर रही हैं।

एक पुनर्विक्रेता व्यवसाय शुरू करने के लिए एक भौतिक आधार की आवश्यकता होती है और सूची स्टॉक. उत्पादों के विपणन के लिए, आपके विज्ञापनों को सुचारू रूप से और सफलतापूर्वक चलाने के लिए सोशल मीडिया सबसे अच्छा मंच है। ऑनलाइन पुनर्विक्रेता व्यवसाय शुरू करने का लाभ यह है कि इसके लिए स्टॉक की किसी पूर्व-खरीद की आवश्यकता नहीं होती है। आप जो कुछ भी फिर से बेचना चाहते हैं उसके साथ आप एक व्यवसाय शुरू कर सकते हैं जैसे कला के टुकड़े, हस्तशिल्प, कपड़े इत्यादि।

यदि आप एक पुनर्विक्रेता व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो इससे पहले कि आप इसमें गहराई से उतरें, योजना और शोध करना महत्वपूर्ण है। यह लेख पुनर्विक्रय व्यवसाय शुरू करने के लाभों पर चर्चा करेगा। यहां कुछ कारण दिए गए हैं कि आपको ऑनलाइन पुनर्विक्रेता क्यों बनना चाहिए:

अपना खुद का पुनर्विक्रेता व्यवसाय शुरू करने के 5 कारण

आपके व्यवसाय का आसान शुभारंभ

पुनर्विक्रेता व्यवसाय एक अच्छा विचार है क्योंकि यह आपको उसी दिन बिक्री शुरू करने की अनुमति देता है जिस दिन आप अपना व्यवसाय शुरू करते हैं। एक बार जब आपके पास अपने स्टोर में फिर से बेचने के लिए कुछ उत्पाद हों, तो आप उन्हें अपने व्यवसाय के लिए फिर से बेचना शुरू कर सकते हैं। आप कुछ ही मिनटों में अपना आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? पुनर्विक्रेता व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। अपनी पूर्व-योजना के लिए प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है सूची या कुछ भी प्रतीक्षा करें। आप उसी दिन अपना व्यवसाय स्थापित और लॉन्च कर सकते हैं।

उत्पादों की विविध रेंज

जब आप एक पुनर्विक्रेता बन जाते हैं, तो आप उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला बेचेंगे। उदाहरण के लिए, यदि आप गहनों की वस्तुओं का पुनर्विक्रय करते हैं, तो जैसे-जैसे आपका व्यवसाय बढ़ता है, आप एक्सेसरीज़, हैंडबैग या अन्य संबंधित उत्पादों को भी पुनर्विक्रय कर सकते हैं। अपने पुनर्विक्रेता ऑनलाइन दुकान पर अतिरिक्त उत्पाद बेचने पर आपको अधिक पैसे खर्च नहीं करने होंगे.

स्वचालित प्रक्रिया

एक पुनर्विक्रेता अपना सारा समय उस पर खर्च किए बिना एक व्यवसाय चला सकता है। अधिकांश प्रक्रियाएं स्वचालित हैं, जिससे आप अपने पुनर्विक्रेता व्यवसाय को आसानी से प्रबंधित कर सकते हैं। यह समय भी बचाता है क्योंकि आपको उत्पादों के भंडारण, पैकेजिंग या शिपिंग पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता नहीं है।

कम वित्तीय निवेश

पुनर्विक्रेता व्यवसाय शुरू करने का मुख्य लाभ यह है कि वित्तीय लागत कम है। आप ऐसा कर सकते हैं अपने उत्पादों की कीमत आपके उत्पाद रेंज के अनुसार। बजट के प्रति जागरूक, स्टार्टअप्स और नए उद्यमियों के लिए यह एकदम सही बिजनेस आइडिया है, आपको थोक इन्वेंट्री आइटम खरीदने में निवेश करने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए, व्यावसायिक स्थापना के लिए वित्तीय निवेश कम है। इसके अतिरिक्त, एक पुनर्विक्रेता अपना लाभ मार्जिन निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र है।

उत्पाद श्रेणियाँ

पुनर्विक्रेता बनने का सबसे अच्छा हिस्सा बाज़ार में पुनर्विक्रय करने के लिए कई उत्पाद श्रेणियां हैं जो आपको सामानों को फिर से बेचने की अनुमति देती हैं - जिससे यह नए उद्यमियों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बन जाता है। यहां तक ​​​​कि अगर आप एक विशिष्ट जगह से उत्पाद बेचते हैं, तब भी आप अपने स्टॉक में कई उत्पाद श्रेणियां जोड़कर लाभ कमा सकते हैं।

महत्वपूर्ण उपलब्दियां

एक पुनर्विक्रेता व्यवसाय के साथ, आप अपना स्वयं का उत्पाद आधार बेचेंगे और विकसित करेंगे। आपके स्टोर को न्यूनतम निवेश के साथ आपकी पसंद के अनुसार डिज़ाइन किया जा सकता है। आपको ग्राहकों के साथ मजबूत संबंध बनाने को मिलेंगे। आप प्रचार से लेकर बिक्री, विपणन और उत्पाद मूल्य निर्धारण तक सब कुछ करेंगे। एक पुनर्विक्रेता व्यवसाय आपको अपने ग्राहकों को आसानी से पुनर्विक्रय करने की अनुमति देता है। इस तरह आपका ब्रांड सफल होगा.

कारोबार में तरक्की और लाभ बढ़ाने के लिए आजमाकर देखें इन टोटकों को

अगर आपके भी कारोबार में तरक्‍की न हो रही हो या फिर लाभ न मिल रहा हो तो आप इन टोटकों को अपनाकर व्‍यापार में लाभ पा सकते हैं। इन उपायों से आपके व्‍यवसाय और नौकरी में आ रही समस्‍याएं दूर हो सकती हैं।

व्‍यापार ठीक न चल रहा हो तो

व्‍यापार ठीक न चल रहा हो तो

यदि आपका व्‍यापार ठीक न चल रहा हो तो शुक्ल पक्ष के किसी भी दिन से एक उपाय शुरू कर सकते हैं। आपको केवल अपने व्यापारिक स्थल के दरवाजे के बाहर की ओर दोनों ही तरफ गेहूं का एक- एक मुट्ठी आटा डालना है। ध्‍यान रहें यह उपाय लगातार 1माह 13 दिन तक करना होगा। इससे व्‍यापार में लाभ होने के योग बनते हैं।

यदि व्यापार में दिक्‍कतें आ रही हों तो

यदि व्यापार में दिक्‍कतें आ रही हों तो

यदि व्‍यापार में कोई समस्‍या आ रही है तो आप किसी ऐसे कारोबार में सफल व्यापारी के यहां से शनिवार के दिन कोई लोहे की वस्तु अपने यहां ले आएं। इसके बाद अपने व्यापार स्थल पर किसी भी जगह हल्दी का स्वास्तिक बनायें। इसके बाद उस पर थोड़े से काली वाली साबुत उड़द रखें और उसके ऊपर वह लोहे की वस्तु रखें जो आप व्‍यापारी के यहां से लाए हों। इसके बाद आपके व्यापार में भी तरक्‍की होने लगेगी।

कारोबार में नुकसान हो रहा हो तो

कारोबार में नुकसान हो रहा हो तो

यदि आपको व्‍यवसाय में लगातार कोई नुकसान हो रहा हो या फिर हमेशा आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? लड़ाई-झगड़ा होता रहता हो तो अपने वजन के बराबर कच्चा कोयला लें। उसको शनिवार के दिन बहते पानी में बहा दें। व्‍यवसाय में हो रहे नुकसान से छुटकारा मिल जाएगा।

व्‍यवसाय की बिक्री बढ़ानी हो तो

व्‍यवसाय आपको दिन का व्यापार क्यों नहीं करना चाहिए? की बिक्री बढ़ानी हो तो

अगर आपके व्‍यवसाय में बिक्री में नुकसान हो रहा हो तो ऐसी स्थिति में बिक्री बढ़ाने के लिये शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार को पांच गोमती चक्रलें। इसके बाद उसे लाल वस्त्र में बांध कर अपनी दुकान की चौखट से बांध दें। इसके बाद ईश्‍वर से बिक्री बढ़ाने की प्रार्थना करें।

कर्मचारी स्थिर न हो रहे हों तो

कर्मचारी स्थिर न हो रहे हों तो

यदि आपके कार्यालय या फिर व्‍यवसाय में कर्मचारी छोड़ कर चले जाते हों तो किसी शनिवार को रास्‍ते में पड़ी हुई कील उठा लें। इसके बाद उसे भैंस के मूत्र से धो लें और अपने व्यवसाय स्थल पर गाड़ दें। इसके बाद देखिए किस तरह से कर्मचारी पूरी निष्‍ठा और लगन से कार्य करने लगेगें और आपको व्‍यवसाय में लाभ होगा।

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