कुछ महीने पहले, हमने tfipost में यह स्टार्टअप में निवेश कैसे करें बताया था कि कैसे भारतीय स्टार्टअप विदेशी पूंजीपतियों द्वारा हड़पे जा रहे हैं और इसके कारण आने वाले दशकों में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा होंगी। ये मुद्दे न केवल डेटा चोरी के हैं बल्कि आर्थिक उपनिवेशवाद का है। ऐसा लगता स्टार्टअप में निवेश कैसे करें स्टार्टअप में निवेश कैसे करें है कि मोदी सरकार ने आवाज सुनी है और अब केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल स्टार्टअप में निवेश कैसे करें इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं। यह देश में एक चिंताजनक स्थिति है क्योंकि भारतीय स्टार्टअप के उपनिवेशिकरण के माध्यम से, विदेशी निवेशक उपभोक्ताओं और साथ ही कंपनी के संस्थापकों को भविष्य में पूरी तरह से अपने कब्जे में कर लेंगे। संस्थापकों को कंपनी से बाहर निकाल दिया जाएगा, जैसे स्टार्टअप में निवेश कैसे करें सचिन और बिन्नी बंसल को फ्लिपकार्ट से बाहर स्टार्टअप में निवेश कैसे करें कर दिया गया था। कुछ साल पहले, अमेरिका स्थित वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट को पूरी तरह से खरीद लिया था जो भारत का सबसे पहला लोकप्रिय इंटरनेट स्टार्टअप था। आज के दौर में Zomato, Swiggy, Ola, Policybazaar, Paytm, PhonePe जैसी लगभग सभी भारतीय कंपनियों में प्रमुख निवेशक विदेशी उद्यम पूंजी फर्म हैं। अमेरिका स्थित Tiger Global management कंपनी ने लगभग हर दूसरे या तीसरे प्रमुख स्टार्टअप में निवेश किया हुआ है। Byju और Unacademy जैसे edtech सेक्टर के स्टार्टअप्स में भी विदेशी कंपनियों के महत्वपूर्ण निवेश है। यही नहीं Inshorts जैसी ऑनलाइन मीडिया क्षेत्र की कई कंपनियों में भी महत्वपूर्ण विदेशी निवेश किया है।

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स्टार्टअप इंडिया योजना

भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया स्टार्टअप इंडिया, जनवरी 2016 में शुरू की गई एक प्रमुख पहल है। यह पहल भारत सरकार ने भारत में नवाचार और स्टार्टअप के लिए स्टार्टअप स्टार्टअप में निवेश कैसे करें इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए शुरू की है।

स्टार्टअप इंडिया इनिशिएटिव्स के फायदे निम्नलिखित हैं

स्टार्टअप्स को तीन साल का कर लाभ मिलेगा।

स्टार्टअप को नौ श्रम कानूनों और पर्यावरण कानूनों के अनुपालन को स्व-प्रमाणित करने की अनुमति होगी। श्रम कानूनों के मामले में, तीन साल की अवधि के लिए कोई निरीक्षण नहीं किया जाएगा।

स्टार्टअप इंडिया कंपनियों को अपने मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से पंजीकरण करने और संबंधित दस्तावेज अपलोड करने में सक्षम बनाता है। स्वीकृतियों, पंजीकरणों और अन्य चीजों के अनुपालन के दाखिलों के लिए एकल खिड़की की मंजूरी भी होगी।

पेटेंट फाइलिंग दृष्टिकोण को सरल बनाया जाएगा। स्टार्टअप पेटेंट आवेदन में शुल्क का स्टार्टअप में निवेश कैसे करें 80% की छूट का आनंद लेगा। स्टार्टअप केवल वैधानिक शुल्क वहन करेगा और सरकार सभी सुविधा शुल्क वहन करेगी।

स्टार्टअप इंडिया पंजीकरण

भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए, आपको स्टार्टअप इंडिया वेबसाइट में पंजीकरण करना होगा। स्टार्टअप इंडिया पोर्टल में पंजीकरण करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें।

रजिस्टर पर क्लिक करें

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साइट में रजिस्टर करने के लिए अपना नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पासवर्ड डालें।

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DPIIT द्वारा स्टार्टअप मान्यता

उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभाग (DPIIT) एक नोडल एजेंसी है जो भारत में औद्योगिक विकास और उत्पादन को बढ़ावा देता है और नियंत्रित करता है। यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तत्वावधान स्टार्टअप में निवेश कैसे करें में आता है।

स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत, पात्र कंपनियों को डीपीआईआईटी द्वारा स्टार्टअप के रूप में मान्यता प्राप्त हो सकती है, ताकि कर लाभ, आसान अनुपालन, आईपीआर फास्ट-ट्रैकिंग और अधिक के एक मेजबान तक पहुंच प्राप्त हो सके।

सी4डी पार्टनर्स को भारतीय स्टार्टअप में निवेश के लिए सेबी की मंजूरी मिली

नवभारत टाइम्स लोगो

नवभारत टाइम्स 28-11-2022

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) नीदरलैंड स्थित सी4डी पार्टनर्स ने सोमवार को कहा कि उसे बाजार नियामक सेबी से भारतीय स्टार्टअप में निवेश के लिए पांच करोड़ डॉलर (करीब 408 करोड़ रुपये) का कोष शुरू करने की मंजूरी मिल गई है।

सी4डी स्टार्टअप में निवेश कैसे करें पार्टनर्स ने इससे पहले 2018 में 3.03 करोड़ डॉलर का अपना एशिया फंड पूरा किया था।

सी4डी पार्टनर्स ने एक बयान में कहा, ''कंपनी को हाल ही में भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) से पांच करोड़ अमेरिकी डॉलर के अपने पहले भारत फंड की मंजूरी मिली है।''

पीयूष गोयल ने दिया बड़े उद्योगों को संदेश, भारतीय स्टार्टअप्स में करें निवेश

पीयूष गोयल

विश्व की बड़ी कंपनियों द्वारा लगातार भारतीय स्टार्टअप्स के लीलने के कारण केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने देश के उद्योगपतियों से स्टार्टअप्स की मदद के लिए आगे आने को कहा है। केंद्रीय मंत्री का कहना है कि शुरुआती मदद से ही नए उद्यमियों को वह फायदा मिलेगा, जिसकी उन्हें सख्त जरूरत है। इसके लिए देश के बड़े उद्योगपति अपनी संपत्ति का एक भाग नए बिजनेस पर लगाने के लिए अलग रख सकते हैं।

केन्द्रीय मंत्री का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्टार्टअप्स के लिए 1,000 करोड़ रुपये के Seed Fund की घोषणा करने के कुछ दिनों बाद आया है।

बुधवार को TiECon इवेंट में बोलते हुए, गोयल ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप को पर्याप्त घरेलू पूंजी भी नहीं मिल पाई है, हालाँकि सरकार ने Seed Fund के साथ-साथ गारंटी बैंको के माध्यम से प्रदान करने की कोशिश की है।

लाइव लर्निंग प्लेटफॉर्म Growth School ने Sequoia और Owl Ventures से हासिल किया स्टार्टअप में निवेश कैसे करें लगभग ₹38 करोड़ का निवेश

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Image Credit: Growth School

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स्पेस-टेक स्टार्टअप Skyroot Aerospace ने हासिल किया ₹34 करोड़ का निवेश
आशुतोष कुमार सिंह

जैसे-जैसे भारत के एडटेक क्षेत्र बढ़ रहा है, इसमें नए विचारों और इनोवेशंस को भी भरपूर जगह मिलती नज़र आ रही है, जिस वजह से इसका स्वरूप भी बदल रहा है। और अब ऐसा ही एक नया उदाहरण सामने आया है Growth School के रूप में।

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