अर्थशास्त्रियों ने कहा, इससे उनकी बचत में कमी आई और एक ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई जब खर्च आय से अधिक हो गया। ऐसी स्थिति भी आई जब आय का साधन न होने के बावजूद खर्च शेयरों में निवेश मिटाए महंगाई की मार बढ़ गया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार घरेलू बचत के आंकड़े 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद के 2.5 प्रतिशत तक गिर गए, जबकि बीमा, भविष्य निधि और पेंशन फंड जैसे अन्य बचत राशियों का हिस्सा सकल वित्तीय बचत का 40 प्रतिशत तक चला गया।

बजट 2014

ग्लोबल हेल्थ के इश्यू को 26 और बीकाजी को 67 फीसदी रिस्पांस मिला

मुंबई- बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल लिमिटेड के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को पेशकश के पहले दिन बृहस्पतिवार को 67 प्रतिशत अभिदान प्राप्त हुआ। एनएसई पर उपलब्ध आंकड़ों शेयरों में निवेश मिटाए महंगाई की मार के अनुसार, स्नैक्स और मिठाई बनाने वाली कंपनी के आईपीओ को अच्छा खासा रिस्पांस मिला।

खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों (आरआईआई) के हिस्से को 1.09 गुना, गैर-संस्थागत निवेशकों को 58 प्रतिशत और पात्र संस्थागत खरीदार श्रेणी को (क्यूआईबी) को एक प्रतिशत अभिदान मिला। कंपनी का आईपीओ पूरी तरह बिक्री पेशकश (ओएफएस) पर आधारित है। आईपीओ के तहत 2,93,73,984 इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) की है और इसके लिए मूल्य दायरा 285 से 300 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है।

इससे पहले बीकाजी फूड्स ने एंकर निवेशकों से 262 करोड़ रुपये जुटाए थे। कंपनी का आईपीओ सात नवंबर को बंद होगा। यह आईपीओ पूरी तरह से ओएफएस है, इसलिए कंपनी को निर्गम से कोई आय नहीं मिलेगी। वहीं, कीमत के ऊपरी छोर पर आईपीओ से 881.22 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।

शेयर बाजार समीक्षाः अगले सप्ताह वैश्विक बाजार तय करेंगे चाल

Share Market

मुंबई। अगले सप्ताह शेयर बाजार की चाल भारत और चीन के बीच चल रही व्यापार वार्ता के नतीजे, घरेलू और वैश्विक बाजारों के व्यापक आर्थिक आंकड़े, प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजे, मॉनसून की चाल, वैश्विक बाजारों के रुख, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थापक निवेशकों (डीआईआई) द्वारा शेयरों में निवेश मिटाए महंगाई की मार किए गए निवेश, डॉलर के खिलाफ रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों का प्रदर्शन मिलकर तय करेंगे। देश के शेयर बाजार बुधवार (22 अगस्त) को बकरीद के अवसर पर बंद रहेंगे। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अपनी 16 अगस्त को जारी रिपोर्ट में कहा कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दौरान 1 जून से 15 अगस्त तक कुल बारिश दीर्घकालिक औसत (एलपीए) से 9 फीसदी कम रही है।

न तो खरा और न ही खोटा है अरुण जेटली का पहला बजट

  • नई दिल्ली,शेयरों में निवेश मिटाए महंगाई की मार
  • 15 जुलाई 2014,
  • (अपडेटेड 21 जुलाई 2014, 12:36 PM IST)

इसका संबंध कुछ हद तक नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक जीत से हो सकता है. इसकी एक वजह भी हो सकती है कि वे किसी भी कीमत पर यूपीए के हर निशान को मिटा देने को बेताब हैं या फिर इससे अधिक दिलेर रेल बजट पेश किया जा चुका है और केंद्रीय बजट से पहले पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में नई सरकार की सोच साफ झलकती है.

सही वजह जो भी हो, लेकिन अधिकतर लोग 10 जुलाई को वित्त मंत्री अरुण जेटली से ऐसे जानदार बजट की उम्मीद कर रहे थे जो रातोरात भारत को अच्छे दिनों में पहुंचा देता.

अपेक्षाओं के दबाव में भावनाएं कदमों को पीछे छोड़ रही थीं. जनवरी से शुरू होकर मोदी सरकार के शपथ लेने से पहले ही बीएसई सेंसेक्स 14 प्रतिशत उड़ान भर चुका था. कंसल्टेंसी कंपनियों ने इस उम्मीद में नए कर्मचारियों को नौकरी पर बुलाने की तारीखें पहले कर ली थीं कि नया निवेश जल्द आने लगेगा. कारोबारी सर्वेक्षण जुलाई की तिमाही से नौकरियों और निवेश में तेजी के संकेत दे रहे थे.

भारतीय परिवारों की बचत पांच साल के निचले स्तर पर पहुंची, बढ़ती महंगाई ने मध्य वर्ग की क्रय शक्ति को कुंद किया

फोटोः IANS

नवजीवन डेस्क

भारतीय परिवारों की बचत चालू वित्त वर्ष 2021-22 में पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। बढ़ती महंगाई ने मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति को कुंद कर दिया। इसके अलावा कोरोना वायरस-प्रेरित लॉकडाउन के कारण लोगों को अपनी बचत में सेंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा। महामारी के कारण आई बेरोजगारी और आय की कमी के कारण लोगों घर चलाने के लिए बचत का इस्तेमाल ही अंतिम उपाय था।

साल 2020-21 में 15.9 प्रतिशत की तुलना में 2021-22 में परिवारों की सकल वित्तीय बचत 10.8 प्रतिशत रही। तीन वित्तीय वर्षों में यह 12 फीसदी थी। हालांकि शुरू में लॉकडाउन के दौरान लोगों ने स्वास्थ्य पर खर्च करने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अपने धन को बचाया। लेकिन एक बार प्रतिबंधों में ढील के बाद वे खर्च करने में लग गए, जिसे अर्थशास्त्रियों ने बदला खर्च कहा।

Baba Ramdev की इस कंपनी ने Corona Era में बनाया Millionaire

ruchi soya.jpg

नई दिल्ली। कोरोनिल दवा बनाने के बाद बाबा रामदेव ( Baba Ramdev ) और पतंजलि आयुर्वेद ( Patanjali Ayurved ) काफी विवादों में आ गए हैं। यहां तक कि उन पर मुकदमा भी दर्ज हो गया है। वहीं दूसरी ओर उनकी ऐसी कंपनी भी, जिसको खरीदने के लिए बाबा रामदेव को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी थी। आज उसी कंपनी ने उसके शेयर खरीदने वालों को करोड़पति बना दिया है। यह कंपनी और कोई नहीं बल्कि रुचि सोया ( Ruchi Soya ) है। 27 जनवरी को जब इस कंपनी को दोबारा से बाजार में रिलिस्ट किया गया था तब इसके शेयर की कीमत ( Ruchi Soya Share Price ) मात्र 16.90 रुपए थी। आज इसकी कीमत में 91 फीसदी का इजाफा देखने को मिल चख्ुका है। खास बात तो ये है कि कंपनी के शेयरों में इजाफा उस कोरोना काल शेयरों में निवेश मिटाए महंगाई की मार में हुआ जब रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ तमाम कंपनियों के शेयर डूब रहे थे, वहीं आज सोमवार को शेयरों में निवेश मिटाए महंगाई की मार कंपनी के शेयर 52 हफ्तों की ऊंचाई पर पहुंच गए हैं।

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