Best Investment During Inflation

Bullion Market फिर चमकेगा गोल्ड, चांदी से ज्यादा सोने में कमाई

मुंबई: कीमती पीली धातु (Gold) सोना एक सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है। इसलिए भारतीयों का तो सदियों से गोल्ड के प्रति विशेष आकर्षण रहा है। अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, ब्रिटेन और भारत सहित दुनिया के सभी बड़े केंद्रीय बैंक अपने मुद्रा भंडार में भी सोने की मात्रा लगातार बढ़ा रहे हैं। इस तरह यह एक तरह से वैश्विक मुद्रा भी है। गोल्ड ने लॉन्ग टर्म (Long Term) में हमेशा निवेशकों की वेल्थ सृजित की है। पिछले साल निगेटिव रिटर्न देने के बाद इस साल अब तक भारत में सोने ने पांच प्रतिशत का पॉजिटिव रिटर्न (चांदी में निवेश के हैं कई कारण Positive Return) दिया है। इसका कारण डॉलर के मुकाबले रुपया 11.5 प्रतिशत कमजोर होना है।

यदि विगत 11 वर्षों के आंकड़े देखें तो सोने में कुल 86 प्रतिशत फायदा और 5.80 प्रतिशत का औसत वार्षिक प्रतिफल (सीएजीआर) प्राप्त हुआ है। इस तरह लॉन्ग टर्म नजरिए से सोना निश्चित रूप से सुरक्षित और बढ़िया निवेश माध्यम है।

इस साल भारी उतार-चढ़ाव

सोने और चांदी के दाम साथ-साथ घटते-बढ़ते हैं, परंतु लंबी अवधि में सोने ने ही अधिक फायदा दिया है। विगत 11 वर्षों में चांदी ने मात्र 1.10 प्रतिशत का मामूली औसत वार्षिक रिटर्न दिया है। हालांकि ग्लोबल मार्केट में इस साल सोना 7 प्रतिशत नुकसान में रहा है। चांदी में भी 19 प्रतिशत का नुकसान है। इसका कारण अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ना और अमेरिकी मुद्रा डॉलर का महंगा होना है। जब-जब ब्याज दरें बढ़ती हैं और डॉलर महंगा होता है। तब सोने की कीमतों पर दबाव बन जाता है। इसी वजह से इस साल सोना और चांदी में भारी उतार-चढ़ाव आया है। रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने पर 6 मार्च 2022 को सोना ऊंचे में 1,973 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचा था, लेकिन बाद में युद्ध का असर कम होने और डॉलर महंगा होने से भाव गिरने लगे। वर्तमान में भाव 1,662 डॉलर पर है, जबकि नीचे में सोना 1,618 डॉलर तक गिरा है, जो कि विगत 31 महीनों का न्यूनतम स्तर चांदी में निवेश के हैं कई कारण है। इस साल उच्च स्तर से 311 डॉलर यानी 16 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज हुई है। यही हाल चांदी का है।

उच्च स्तर से चांदी में 29 प्रतिशत की भारी गिरावट

इस साल चांदी के दाम अपने उच्च स्तर 27.40 डॉलर से गिरकर अब 19.40 डॉलर प्रति औंस पर हैं। यानी ऊपरी स्तर से 8 डॉलर यानी 29 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। इस साल का निचला स्तर 17.64 डॉलर का रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि डॉलर इंडेक्स में इस साल 19 प्रतिशत की बड़ी तेजी आई है। इतनी बड़ी तेजी 21 वर्षों के बाद पहली बार देखी जा रही है। अब अमेरिकी केंद्रीय बैंक पर ब्याज दरें और ज्यादा नहीं बढ़ाने का वैश्विक दबाव बढ़ता जा रहा है। इस कारण उम्मीद है कि ब्याज दर वृद्धि और डॉलर इंडेक्स की तेजी पर इस साल के अंत तक विराम लग जाएगा। तब सोने में फिर तेजी का रूख बन सकता है।

गोल्ड-सिल्वर में तेजी के आसार: सौरभ गाडगिल

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के निदेशक और पीएनजी ज्वैलर्स के अध्यक्ष सौरभ गाडगिल का कहना है कि विश्व स्तर पर अस्थिरता का आलम है और करेंसी कमजोर हो रही है। यह गोल्ड के लिए बड़ा पॉजिटिव फैक्टर है क्योंकि सोना ही सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट है। केंद्रीय बैंक अपनी खरीद बढ़ा रहे हैं। भारत सबसे बड़ा उपभोक्ता है। इन कारणों से अब डिमांड तेज होने की उम्मीद है। इसके अलावा विश्व स्तर पर कमोडिटी कीमतों में गिरावट आने से अमेरिका और अन्य देशों में महंगाई दर में अब आगे कमी आने के आसार हैं। जिससे ब्याज दरों और डॉलर में वृद्धि पर विराम लगेगा। तब गोल्ड में निवेश बढ़ेगा। हमारा मानना है कि गोल्ड-सिल्वर दोनों की कीमतें लगभग बॉटम पर हैं। इससे अधिक घटने की संभावना नहीं है। सिल्वर में औद्योगिक मांग बढ़ रही है। सिल्वर की कुल वैश्विक मांग में भारत का हिस्सा 35 प्रतिशत हो गया है। लोगों की खरीद क्षमता बढ़ने से गोल्ड ज्वैलरी और सिल्वरवेयर की मांग बढ़ रही है। कुल मिलाकर दोनों कीमती धातुओं में इस दिवाली पर निवेश का सबसे अच्छा मौका है।

सोने में निवेश का ‘सुनहरा’ अवसर: संजय शाह

ज्वैलमेकर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष और नाइन डीएम के प्रबंध निदेशक संजय शाह का कहना है कि सोने के दाम अब लगभग बॉटम पर आ गए हैं। इससे ज्यादा गिरने की गुंजाइश ना के बराबर है। यही कारण है कि भारतीय रिजर्व बैंक अपने रिजर्व में सोने की मात्रा बढ़ाने लगा है। दूसरे बड़े देशों के बैंक भी फिर खरीदी करने लगे हैं। आज विश्व स्तर पर आर्थिक मंदी का माहौल बन रहा है और मुद्राएं कमजोर हो रही हैं। ऐसे में लोगों का भरोसा सोने पर ही होगा। दुनिया में सोना ही एक ऐसी चीज है, जिसकी संकटपूर्ण समय और आर्थिक मंदी में वैल्यू बढ़ती है। अब डॉलर इंडेक्स ‘टॉप आउट’ होने की संभावना है। जैसे ही इसमें गिरावट आएगी, गोल्ड में तेजी शुरू हो जाएगी। इसलिए यह दिवाली सोने में निवेश का ‘सुनहरा’ अवसर है। अगले एक साल में आसानी से 8 से 10 प्रतिशत तेजी की उम्मीद की जा सकती है।

देश-दुनिया पर मंडराया मंदी का खतरा, Inflation से कैसे बचाएं अपने खून-पसीने का पैसा

Best Investment During Inflation: मंदी-महंगाई के दौर के बीच ऐसे कई तरीके हैं जहां आपका पैसा अच्छे रिटर्न दे सकता है. अगर आप ऐसी जगह निवेश करना चाहते हैं जहां आपका पैसा इन्फ्लेशन को मात देने के साथ-साथ अच्छी कमाई करा कर दे, तो आगे पढ़ते रहें.

Best Investment During Inflation

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gnttv.com

  • नई दिल्ली ,
  • 12 अक्टूबर 2022,
  • (Updated 12 अक्टूबर 2022, 3:33 PM IST)

मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा कवच रियल एस्टेट

देश-दुनिया में इन दिनों मंदी और महंगाई की खूब चर्चा हो रही है. वैश्विक स्तर पर मंदी की आहट सुनाई देने लगी है. मंदी के कई कारण हो सकते हैं जिसमें एक महंगाई भी है. बढ़ती कीमतों के चलते लोग अपने खर्च में कमी करते हैं जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर दिखता है. अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ने लगती है और फिर मंदी का दौर दस्तक देने लगता है. इस दौर में आपकी क्रय शक्ति (Purchasing Power) कम हो जाती है. इस दौर में निवेशकों के लिए बड़ा चैलेंज ये होता है कि उनकी इन्वेस्टमेंट उन्हें महंगाई दर से ज्यादा या कम से कम उसके बराबर का रिटर्न दे.

यहां हम आपको कुछ ऐसे एसेट क्लास बता रहें जिसमें आपकी इन्वेस्टमेंट इन्फ्लेशन-प्रूफ रह सकती है.

1. रियल एस्टेट (Real Estate)

रियल एस्टेट को मुद्रास्फीति (Inflation) के खिलाफ एक ढाल माना जाता है. यहां तक कि इस दौर में इस क्षेत्र से अच्छी कमाई का मौका हो सकता है. जैसे-जैसे बाजार में महंगाई बढ़ेगी वैसे-वैसे आपकी प्रॉपर्टी की कीमत भी बढ़ेगी. और तो और, जिसने निश्चित ब्याज दर (Fixed Interest Rate) पर लोन लेकर कोई संपत्ति खरीदी है तो उसको भी इस दौर में फायदा होगा. क्योंकि आप लोन का भुगतान उस पैसे से कर रहे हैं जिसकी कीमत या मूल्य बाजार में कम होता जा रहा है जबकि मुद्रास्फीति से आपकी उसी संपत्ति की कीमत बढ़ रही है.


2. कीमती धातुओं में निवेश (Metals Investment)

कागजी रुपयों की तरह आप सोना या चांदी अपने हिसाब से नहीं छाप सकते. इसकी सप्लाई हमेशा सीमित रहने वाली है. यहां तक की जब करेंसी (जैसे रुपया) की कीमत कम हो रही हो तब भी ये धातु अपना मूल्य बरकरार रखती हैं. कमी और अनेकों आधुनिक उपयोगों के कारण सोने का अपना मूल्य है. इसी तरह चांदी भी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में उपयोग में आती है. दोनों ही मेटल आभूषण के अलावा, विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग के चलते अत्यधिक मूल्यवान हो जाते हैं. इनकी भारी डिमांड के चलते इन दोनों मेटल्स की वैल्यू बढ़ जाती है.

खासकर मंदी और महंगाई के दौर में निवेशक ठोस और स्थिर इन्वेस्टमेंट की ओर रुख करते हैं और अपनी धन-संपत्ति को सोने और चांदी के रूप में सुरक्षित रखते हैं. ऐसे दौर में इस बढ़ती डिमांड के चलते कीमती धातु की कीमतों में तेजी आती है और जो बढ़ती महंगाई के दौर में निवेशकों के लिए सुरक्षा कवच का काम करती है.

3. इक्विटी में निवेश (Equity-Stock Market)

आमतौर पर मुद्रास्फीति के खिलाफ इक्विटी को अच्छा माना जाता है. क्योंकि जब महंगाई बढ़ती है यानि जब चीजों की कीमतें बढ़ती हैं तब कंपनी के उत्पादों की कीमतों में भी वृद्धि होती है, जिससे उस कंपनी का राजस्व और मुनाफा बढ़ता है और जिसका असर उसके शेयर प्राइस चांदी में निवेश के हैं कई कारण में देखने को मिलता है. शेयर प्राइस बढ़ने से निवेशक मालामाल होता है. लेकिन मंदी और महंगाई के दौर में ऐसा हर सेक्टर में देखने को नहीं मिलता.

उच्च मुद्रास्फीति के समय में निवेश करने के लिए सही कंपनियों का चुनाव करना महत्वपूर्ण होता है. ऐसे समय में उन कंपनियों में निवेश करना उचित होगा जो मुद्रास्फीति की दर (जैसे एफएमसीजी-FMCG और एनर्जी स्टॉक) के साथ-साथ अपनी कीमतें बढ़ाने में सक्षम हों. जिससे उनका मुनाफा बरकरार रहे और उसका फायदा निवेशकों को हो.

Disclaimer: यह लेख केवल सूचना मात्र के लिए है. इसे निवेश की सलाह न समझा जाए.

महंगाई के बावजूद आपको पोर्टफोलियो में क्यों रखना चाहिए गोल्ड, आइए जानें

ग्लोबल मार्केट में दिखाई दे रहे भारी उतार-चढ़ाव से भी गोल्ड की सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प वाली अपील बढ़ रही है

बॉन्ड और दूसरे फिक्स्ड इनकम की यील्ड में बढ़ोतरी हो रही है। बॉन्ड और दूसरे फिक्स इनकम निवेश विकल्पों के यील्ड में बढ़ोतरी के कारण सोने की चमक फीकी पड़ी है

जिन लोगों ने साल 2018 से 2021 के दौरान सोने में शानदार रिटर्न को देखते हुए निवेश किया था। उनको इस समय कुछ निराशा हो रही होगी। बढ़ती महंगाई के बावजूद सोने की कीमतों में हाल में आई गिरावट, चिंता का विषय रही है। सोने की कीमतें मार्च 2022 में 2,071 डॉलर के शिखर से काफी फिसल गई हैं। तमाम लोगों का अनुमान था कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा तनाव दुनिया की तमाम अर्थव्यवस्थाओं को अपने दायरे में ले लेगा। लेकिन स्थितियां उतनी नहीं बिगड़ी, जितने का अनुमान लगाया जा रहा था। ऐसे में सोने पर दबाव देखने को मिल रहा है। सवाल यह है कि क्या आपको सोने में निवेश करना चाहिए?

गौरतलब है कि दुनिया भर में महंगाई चरम पर है। अमेरिका में यह अपने 40 साल से रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। महंगाई बढ़ने के कई कारण हैं। कोविड इन्फेक्शन फैलने के कारण दुनिया के तमाम देशों में लॉकडाउन जैसी स्थिति बनी। जिसके कारण सप्लाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। इसके अलावा महामारी काल में सरकारों ने इकॉनॉमी को बूस्ट देने के लिए राहत पैकेजों का ऐलान किया। जिससे लिक्विडिटी में बढ़ोतरी हुई। इसके बाद यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के चलते कच्चे माल की कीमतों में भारी तेजी आई। कच्चे तेल और तमाम कमोडिटीज के भाव महंगाई बढ़ाने में लीडिंग भूमिका में दिखे।

अब इस महंगाई से निपटने के लिए दुनिया भर के केंद्रीय चांदी में निवेश के हैं कई कारण बैंक अपनी मौद्रिक नीतियों में कड़ाई ला रहे हैं और ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं। जिसके चलते बॉन्ड और दूसरे फिक्स्ड इनकम की यील्ड में बढ़ोतरी हो रही है। बॉन्ड और दूसरे फिक्स इनकम निवेश विकल्पों के यील्ड में बढ़ोतरी के कारण सोने की चमक फीकी पड़ी है। जिससे सोने के भाव में गिरावट देखने को मिल रही है।

देश-दुनिया पर मंडराया मंदी का खतरा, Inflation से कैसे बचाएं अपने खून-पसीने का पैसा

Best Investment During Inflation: मंदी-महंगाई के दौर के बीच ऐसे कई तरीके हैं जहां आपका पैसा अच्छे रिटर्न दे सकता है. अगर आप ऐसी जगह निवेश करना चाहते हैं जहां आपका पैसा इन्फ्लेशन को मात देने के साथ-साथ अच्छी कमाई करा कर दे, तो आगे पढ़ते रहें.

Best Investment During Inflation

Best Investment During Inflation

gnttv.com

  • नई दिल्ली ,
  • 12 अक्टूबर 2022,
  • (Updated 12 अक्टूबर 2022, 3:33 PM IST)

मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा कवच रियल एस्टेट

देश-दुनिया में इन दिनों मंदी और महंगाई की खूब चर्चा हो रही है. वैश्विक स्तर पर मंदी की आहट सुनाई देने लगी है. मंदी के कई कारण हो सकते हैं जिसमें एक महंगाई भी है. बढ़ती कीमतों के चलते लोग अपने खर्च में कमी करते हैं जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर दिखता है. अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ने लगती है और फिर मंदी का दौर दस्तक देने लगता है. इस दौर में आपकी क्रय शक्ति (Purchasing Power) कम हो जाती है. इस दौर में निवेशकों के लिए बड़ा चैलेंज ये होता है कि उनकी इन्वेस्टमेंट उन्हें महंगाई दर से ज्यादा या कम से कम उसके बराबर का रिटर्न दे.

यहां हम आपको कुछ ऐसे एसेट क्लास बता रहें जिसमें आपकी इन्वेस्टमेंट इन्फ्लेशन-प्रूफ रह सकती है.

1. रियल एस्टेट (Real Estate)

रियल एस्टेट को मुद्रास्फीति (Inflation) के खिलाफ एक ढाल माना जाता है. यहां तक कि इस दौर में इस क्षेत्र से अच्छी कमाई का मौका हो सकता है. जैसे-जैसे बाजार में महंगाई बढ़ेगी वैसे-वैसे आपकी प्रॉपर्टी की कीमत भी बढ़ेगी. और तो और, जिसने निश्चित ब्याज दर (Fixed Interest Rate) पर लोन लेकर कोई संपत्ति खरीदी है तो उसको भी इस दौर में फायदा होगा. क्योंकि आप लोन का भुगतान उस पैसे से कर रहे हैं जिसकी कीमत या मूल्य बाजार में कम होता जा रहा है जबकि मुद्रास्फीति से आपकी उसी संपत्ति की कीमत बढ़ रही है.


2. कीमती धातुओं में निवेश (Metals Investment)

कागजी रुपयों की तरह आप सोना या चांदी अपने हिसाब से नहीं छाप सकते. इसकी सप्लाई हमेशा सीमित रहने वाली है. यहां तक की जब करेंसी (जैसे रुपया) की कीमत कम हो रही हो तब भी ये धातु अपना मूल्य बरकरार रखती हैं. कमी और अनेकों आधुनिक उपयोगों के कारण सोने का अपना मूल्य है. इसी तरह चांदी भी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में उपयोग में आती है. दोनों ही मेटल आभूषण के अलावा, विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग के चलते अत्यधिक मूल्यवान हो जाते हैं. इनकी भारी डिमांड के चलते इन दोनों मेटल्स की वैल्यू बढ़ जाती है.

खासकर मंदी और महंगाई के दौर में निवेशक ठोस और स्थिर इन्वेस्टमेंट की ओर रुख करते हैं और अपनी धन-संपत्ति को सोने और चांदी के रूप में सुरक्षित रखते हैं. ऐसे दौर में इस बढ़ती डिमांड के चलते कीमती धातु की कीमतों में तेजी आती है और जो बढ़ती महंगाई के दौर में निवेशकों के लिए सुरक्षा कवच का काम करती है.

3. इक्विटी में निवेश (Equity-Stock Market)

आमतौर पर मुद्रास्फीति के खिलाफ इक्विटी को अच्छा माना जाता है. क्योंकि जब महंगाई बढ़ती है यानि जब चीजों की कीमतें बढ़ती हैं तब कंपनी के उत्पादों की कीमतों में भी वृद्धि होती है, जिससे उस कंपनी का राजस्व और मुनाफा बढ़ता है और जिसका असर उसके शेयर प्राइस में देखने को मिलता है. शेयर प्राइस बढ़ने से निवेशक मालामाल होता है. लेकिन मंदी और महंगाई के दौर में ऐसा हर सेक्टर में देखने को नहीं मिलता.

उच्च मुद्रास्फीति के समय में निवेश करने के लिए सही कंपनियों का चुनाव करना महत्वपूर्ण होता है. ऐसे समय में उन कंपनियों में निवेश करना उचित होगा जो मुद्रास्फीति की दर (जैसे एफएमसीजी-FMCG और एनर्जी स्टॉक) के साथ-साथ अपनी कीमतें बढ़ाने में सक्षम हों. जिससे उनका मुनाफा बरकरार रहे और उसका फायदा निवेशकों को हो.

Disclaimer: यह लेख केवल सूचना मात्र के लिए है. इसे निवेश की सलाह न समझा जाए.

Digital Gold Investment: सिर्फ 1 रुपये में खरीदें 24K गोल्ड, जानिए सभी डिटेल

Digital Gold Investment: गोल्ड ईटीएफ, बॉन्ड और गोल्ड फंड डिजिटल सोने में निवेश करने के तीन मुख्य तरीके हैं। सरकार समर्थित प्रतिभूतियों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के रूप में जाना जाता है। जिसे ग्राम में मापा जाता है।

Digital Gold Investment: सिर्फ 1 रुपये में खरीदें 24K गोल्ड, जानिए सभी डिटेल

Digital Gold Investment: सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में माना जाता है। खासकर वित्तीय बाजार में उतार-चढ़ाव के समय। इस तथ्य के कारण कि गोल्ड का स्टॉक और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों के साथ विपरीत संबंध है। जब धातु की कीमत बढ़ती है, तो अन्य प्रतिभूतियों के मूल्य में गिरावट आती है। निवेशक अपना पैसा गोल्ड में जमा करना शुरू कर रहे हैं, क्योंकि शेयर मार्केट व घरेलू मुद्रा मजबूत डॉलर और बढ़ती मुद्रास्फीति के दबाव में हैं। डिजिटल युग में सोने में निवेश करने के कई तरीके हैं। फिजिकल सोने के अलावा डिजिटल गोल्ड में पैसा जमा करना एक लोकप्रिय निवेश विकल्प है

डिजिटल गोल्ड में निवेश के तरीके

वहीं गोल्ड ईटीएफ, बॉन्ड और गोल्ड फंड डिजिटल सोने में निवेश करने के तीन मुख्य तरीके हैं। सरकार समर्थित प्रतिभूतियों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के रूप में जाना जाता है। जिसे ग्राम में मापा जाता है। कस्टोडियन संस्थानों की तिजोरियों में रखे गए सोने का उपयोग गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड को वापस करने के लिए किया जाता है। 1 ग्राम सोने के मूल्य का आवंटन हर इकाई का मूल्य निर्धारित करता है।

ऑनलाइन खरीद सकते हैं गोल्ड

24 कैरेट सोना डिजिटल भी खरीदा जा सकता है। जिसके लिए भौतिक कब्जे की आवश्यकता नहीं होती है। लेन-देन के लिए एक डिजिटल चालान विक्रेता द्वारा प्रदान किया जाएगा। जब आप ऑनलाइन भुगतान का उपयोग करते डिजिटल सोना खरीदते हैं।

एक रुपये से निवेश कर सकते हैं

डिजिटल गोल्ड का निवेश 1 रुपये से शुरू किया जा सकता है। घर बैठे डिजिटल सोना खरीद या बेच सकते हैं। हालांकि अधिकांश प्लेटफॉर्म डिजिटल गोल्ड में निवेश के लिए दो लाख रुपये की सीमा है। आप डिजिटल आइटम कुछ ही क्लिक में आसानी से खरीद सकते हैं। इसके अतिरिक्त, इसे ब्रोकर या डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बिना भी कर सकते हैं।

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