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Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे? किसमें निवेश फायदेमंद, कौन डुबाएगा लुटिया

Cryptocurrency vs Digital Currency: अगर आप डिजिटल करेंसी को भी क्रिप्टोकरेंसी समझने की भुल करते हैं तो आपको जान लेना चाहिए कि दोनों में क्या अंतर है और डिजिटल करेंसी किन मायनों में क्रिप्टोकरेंसी से अलग है।

Vikash Tiwary

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: November 06, 2022 19:38 IST

Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे?- India TV Hindi

Photo:INDIA TV Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे?

Cryptocurrency vs Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है। पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, और उसका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।

सीबीडीसी डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य

क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं। मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल टोकन

सीबीडीसी या भारतीय ई-रुपया आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है। ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना टोकन और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर टोकन और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर है कि क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है, जिसके चलते दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।

सीबीडीसी के ये हैं बड़े फायदे

सीबीडीसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार लेनदेन लागत में कटौती करता है और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में ये है अंतर

केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी अपने मौजूदा स्वरूप में डिजिटल मुद्राओं के उपयोग से जुड़े खतरों को भी कम करती है। दूसरी ओर क्रिप्टोकरेंसी बहुत अस्थिर है, उनका मूल्य हर समय बदलता रहता है। उपयोग के मामलों के संदर्भ में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति और मुद्रा दोनों के रूप में वगीर्कृत किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस पर अटकलें लगाने के लिए व्यक्ति निवेश बाजारों में हिस्सा ले सकता है। वे खुद को मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता से बचाने के लिए बिटकॉइन जैसी विशेष परियोजनाओं का भी उपयोग कर सकते हैं।

बिटकॉइन और एथेरियम का उपयोग कोई भी लेनदेन और टोकन और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर भुगतान करने के लिए कर सकता है। काउंसिल के अनुसार, आज पहले से कहीं अधिक व्यापारी और स्टोर क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट स्वीकार करते हैं। सीबीडीसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच कई विरोधाभास हैं।

Crypto Coin और Crypto Token में क्या अंतर है? Crypto Coin Vs Crypto Token in हिंदी ( Latest 2022 )

Crypto Coin Vs Crypto Token Detailed Analysis in Hindi.

Crypto Coin और Crypto Token में क्या अंतर है?

Crypto coin और Crypto Token में क्या अंतर है?

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे इस वेबसाइट Cryptokhabr.com में। आज हम जानेगे Crypto Coin और Crypto Token में क्या अंतर है ? Cryptocurrency आजकल लोगों के बीच एक चर्चा का विषय बन गया है ज्यादातर लोग क्रिप्टोकरेंसी पर दिलचस्पी लेने लगे है साथ ही इसमें Invest भी करने लगे है। Investers हमेशा Crypto Coin या Crypto Token को एक ही मान लेते है जबकि Crypto Coin और Token दोनों अलग है।

Crypto Coin Vs Crypto Token in Hindi: Cryptocurrency पिछले कुछ सालों में निवेश के तौर पर लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प बनकर सामने आया है खासतौर पर युवा बड़ी संख्या में इस पर पैसे लगा रहे है इसलिए युवाओं के रुझान और Crypto के कैपबिलिटी को देख कर हमारी भी यह कोशिश रहती है की हम आपके लिए Crypto से जुडी हर छोटी से बड़ी जानकारी और क्रिप्टो खबर आपतक पहुंचाते रहें तो इसलिए आज के इस पोस्ट में हम आपके लिए लेकर कर आएं है एक ऐसी जानकारी जो ज्यादातर निवेशकों को नहीं पता।

जी हाँ आज हम इस पोस्ट में बतायंगे की Crypto Coin क्या है और Crypto Token क्या है? क्यूंकि अगर आप Cryptocurrency यूज़ करते है या आपने Cryptocurrencies खरीद रखी है तो आपको Crypto Coin और Crypto Token में क्या अंतर है, Crypto Coin Vs Token in Hindi के बारे में जरूर जानना चाहिए। अगर आप इन दोनों के बारे में पूरी जानकारी चाहते है तो आप इस पोस्ट को अंत तक पढ़ें।

Crypto Coin क्या है? (What is Crypto Coin in Hindi)

Crypto Coin: एक क्रिप्टो कॉइन ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित होती है और ब्लॉकचैन उन सभी लेन देन का हिसाब रखता है जिसमें उसका क्रिप्टो सिक्का शामिल होता है। जैसे मान लीजिये Ethereum है Ethereum की ब्लॉकचैन है खुद की और उसका जो कॉइन चलता है वो है Ether, इसी तरह Bitcoin के साथ भी है अब क्या होता है की जब भी Bitcoin या Ethereum का लेन-देन होता है तो उसकी रिसीप्ट उसके खुद के ब्लॉकचैन को जाती है।

Crypto Coin एक Currency के रूप में काम करता है आप कॉइन को एक्सचेंज करके कोई भी चीज़ Buy या Purchase कर सकते है। Bitcoin वर्ल्ड का पहला Crypto Coin था क्यूंकि इसमें वो सारे गुण मौजूद है जो एक क्रिप्टो कॉइन में होना चाहिए।

Crypto Token क्या है? (What is Crypto Token in Hindi)

Crypto Token: क्रिप्टो टोकन की बात करें तो Crypto Coin की तरह इसका अपना ब्लॉकचैन नहीं होता यह क्रिप्टो कॉइन के ब्लॉकचैन पर ही बने होते है। टोकन को एसेट के रूप में यूज़ किये जा सकते है। एक ब्लॉकचैन पर हजारों Crypto Tokens को होस्ट कर सकते है। अगर देखा जाये तो एक तरह से Crypto Coin और Crypto Token दोनों फ़ण्डामेंटली एक ही है यानि क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो टोकन में बहुत कुछ समान होता है लेकिन यह एक दूसरे से अलग भी है। चलिए अब हम Crypto Coin और Crypto Token के बीच अंतर को Detail में समझते है Crypto Coin और Crypto Token के बीच फर्क को समझने के लिए आप आगे पढ़ें।

क्रिप्टोकरेंसी से बिलकुल अलग है आरबीआई की डिजिटल करेंसी, जानिए दोनों के बीच का मुख्य अंतर और खासियत

Digital Currency: आरबीआई रिटेल और होलसेल सेगमेंट में इस्तेमाल के लिए फेजवाइज तरीके से डिजिटल करेंसी पेश करेगा। इसकी शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के जरिए होगी।

क्रिप्टोकरेंसी से बिलकुल अलग है आरबीआई की डिजिटल करेंसी, जानिए दोनों के बीच का मुख्य अंतर और खासियत

Representations of cryptocurrency Bitcoin are seen in this picture illustration taken June 7, 2021. REUTERS/Edgar Su/Illustration

भारत को जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी मिलने वाली है। इसको लेकर भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने अपनी योजना का खुलासा किया है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबि शंकर ने गुरुवार को कहा कि रिजर्व बैंक फेसवाइज तरीके से डिजिटल करेंसी पेश करने की योजना बना रहा है। सबसे पहले डिजिटल करेंसी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया जाएगा।

देश में डिजिटल करेंसी को लेकर लंबे समय से तैयारी चल रही है। आरबीआई भी काफी समय से डिजिटल करेंसी लाने की बात कर रहा है। इसको लेकर कई बार संकेत दिए जा चुके हैं। दुनिया के कई अन्य देश भी डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी कर रहे हैं। आज हम आपको डिजिटल करेंसी के बारे वह सबकुछ बताने जा रहे हैं जो आप जानना चाहते हैं। साथ ही हम आपको डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर भी बताएंगे..

क्या होती है डिजिटल करेंसी?: यह एक प्रकार से प्रचलित करेंसी का वर्चुअल रूप होता है। इसको केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) भी कहा जाता है। डिजिटल करेंसी को केवल केंद्रीय बैंक जारी करता है। इसे सरकार की मान्यता प्राप्त होती है। फिजिकल करेंसी के मुकाबले इसकी वैल्यू में कोई अंतर नहीं होता है। उदाहरण के लिए 10 रुपए के नोट और 10 रुपए की डिजिटल करेंसी की वैल्यू बराबर होगी। डिजिटल करेंसी में बिना किसी रुकावट लेन-देन भी किया जा सकता है।

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क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?: क्रिप्टोकरेंसी एक अलग प्रकार की करेंसी होती है। यह अलग-अलग प्रकार की होती है। इसे वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है। सभी क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू अलग-अलग होती है और इसकी कीमतों में उतार चढ़ाव होता रहता है। क्रिप्टोकरेंसी मान्यता प्राप्त नहीं है। पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी का चलन बढ़ा है। इस समय पूरी दुनिया में करीब 4 हजार क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं। इसमें बिटकॉइन सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है। भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी का चलन तेजी से बढ़ा है।

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में प्रमुख अंतर

  • डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक जारी करता है। क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के जरिए तैयार की जाती है।
  • डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक और उस देश की सरकार से मान्यता प्राप्त होती है। टोकन और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर क्रिप्टोकरेंसी के पास केंद्रीय बैंक या सरकार की मान्यता नहीं होती है।
  • डिजिटल करेंसी की वैल्यू स्थिर रहती है। क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू में बहुत उतार-चढ़ाव होता है।
  • डिजिटल करेंसी को संबंधित देश की मुद्रा में बदला जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी में ऐसा नहीं हो पाता है।

अंतरमंत्रालीय समिति ने की थी डिजिटल करेंसी की सिफारिश: वित्त मंत्रालय ने 2017 में एक उच्च स्तरीय अंतरमंत्रालयी समिति की सिफारिश की थी। इस समिति को वर्चुअल या क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी पॉलिसी और कानूनी फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए कहा गया था। इस समिति ने देश में फिजिकल करेंसी की तरह डिजिटल करेंसी लाने की सिफारिश की थी।

NFT Explained : नॉन-फंजिबल टोकन क्या है? समझिये सरल भाषा में!

Non-Fungible Token : पिछले कुछ समय से NFT यानी ‘नॉन-फंजिबल टोकन’ की चर्चा हर ओर है। NFT एक तरह की डिजिटल असेट यानी संपत्ति है जिसे ब्लॉकचेन तकनीक के जरिये संभाला जाता है। इस तकनीक से तस्वीरें, जीआईएफ, वीडियो क्‍लि‍प्‍स, कोई पेंटिंग और अन्य कीमती डिजिटल संपत्तियों का मालिकाना हक तय होता है।

यह सारी चीजें आजकल डि‍जिटल असेट में आती हैं और इसकी खरीद – बिक्री सिर्फ और सिर्फ डिजिटल रूप में ही होती है। NFT इस बात का प्रमाण है कि दुनिया कितनी तेजी से डिजिटाइजेशन की ओर अग्रसर है।

NFT को और बेहतर समझने के लिए उदाहरण देखिये –

यदि कोई आर्ट-वर्क या फिर कोई ऐसी चीज, जिसकी दूसरी कॉपी दुनिया में है ही नहीं, उसे NFT कर के लोग पैसे कमा सकते हैं। NFT से जुड़ी एक और अहम बात यह भी है कि अगर आप ऑनलाइन एनएफटी में कोई पेंटिंग, जीआईएफ, वीडियो क्लिप्स आदि खरीदते हैं तो यह सभी चीजें आपको फिजिकल रूप में नहीं मिलेगी। इसके बजाए आपको एक तरह यूनिक टोकन दिया जाएगा जिसे एनएफटी कहा जाता है।

टोकन मिलने के बाद आप इन डि‍जिटल सामग्र‍ियों या असेट के मालिक हो जाएंगे। मालिक बनने के बाद आप इन्‍हें अपने नफा – नुकसान को ध्यान में रखते हुए इसे खरीद या बेच सकते हैं। और हाँ, एनएफटी आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ही की जाती है। मतलब अगर आप कुछ NFT करना चाहते हैं, तो उसके लिए जो ट्रांजैक्शन होगा, वो क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ही होगा।

NFT में किस तकनीक का इस्तेमाल होता है?

जैसा कि एनएफटी करने के लिए मात्र डि‍जिटल ही एक जरिया है, इसलिए इसमें एक खास तरह की तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इस तकनीक को ब्‍लॉकचेन तकनीक (Blockchain Technology) कहा जाता है।

इसमें भी आजकल एथरियम ब्‍लॉकचेन उपयोग किया जा रहा है, जिसमें एक बार एंट्री होने के बाद उसमें किसी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है।

ब्‍लॉकचेन और बिटक्वॉइन में क्या अंतर है?

ब्‍लॉकचेन तकनीक एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां ना सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्की किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका एक पूरा रिकॉर्ड रखा जा सकता है। वहीं दूसरी ओर बिटक्वॉइन एक डिजिटल माध्यम है, जिसे इस्तेमाल कर कोई भी अन्य कुछ चीजें बेच और खरीद सकता है।

क्या भारत में NFT का भविष्य है?

फिलहाल भारत में NFT का भविष्य उज्जवल नहीं है। इसका सबसे प्रमुख कारण है भारतीयों की बीच डिजिटल करेंसी को लेकर हिचकिचाहट। जो लोग शुरुआत से ही अपने पैसे को डिजिटली इंवेस्टर कर रहे हैं वो जाहिर तौर पर NFT के समर्थन में हैं। मगर ऐसे लोगों की तादाद काम है। ज्यादातर भारतीय अपने खून पसीने से कमाये पैसों को डिजिटली इंवेस्टर करने से बचते हैं। क्योंकि यह उनके लिये बि‍ल्‍कुल नया कांसेप्ट है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भी भारत में लोगों के बीच कई आशंकाएं थी, ठीक उसी तरह एनएफटी को लेकर भी अभी कई तरह की धारणाएं हैं जो शायद वक़्त के साथ खत्म हो जाये।

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