Xplained: जानिए कैसे दूसरे देशों में क्रिप्टोकरेंसी को किया जाता है रेग्युलेट
Xplained: दुनिया के कई देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को Legal Tender के तौर पर मान्यता दे रखी है. तो कुछ मान्यता देने को लेकर उहापोह की स्थिति में है. भारत क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा कदम बढ़ाने जा रहा है.
By: ABP Live | Updated at : 25 Nov 2021 08:06 PM (IST)
Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) पर नकेल कसने के लिये सरकार संसद के क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी शीतकालीन सत्र में 'The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 लेकर आ रही है. इस बिल को संसद से मंजूरी मिलने के बाद ये कानून का शक्ल लेगा जिसके तहत देश में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त डिजिटल करेंसी ( Digital Currency) को लॉन्च किये जाने का फ्रेमवर्क तैयार हो जाएगा.
क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) को लेकर पेश किया जाने वाले बिल में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी ( Private Cryptocurrency ) पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है. हालांकि कुछ क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने और ट्रेड करने की सरकार इजाजत दे सकती है. क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिये बिल लाने की खबर के बाद स्थानीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी के भाव में बड़ी गिरावट देखने को मिली. माना जा रहा है बैन लगने के डर से पैनिक में आकर क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करने वाले निवेशक बिकवाली करने लगे. भारत में क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने को लेकर कोई प्रावधान नहीं है. हालांकि कुछ देशों में इसे क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी लेकर जरुर नियम बनाये गये हैं आइए डालते हैं नजर.
कैसे दुनिया के अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट किया जाता है?
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर देशों और रेग्युलेटरों का अलग अलग रुख रहा है. कुछ इन एसेट्स पर पूरी तरह प्रतिबंध के पक्षधर रहे हैं तो कुछ इन्हें रेग्युलेशन के साथ ऑपरेट करने दिये जाने के पक्ष में है. कुछ देश किसी गाइडलाइंस के अभाव में इन वर्चुअल करेंसी की ट्रेडिंग को जारी रखने के पक्ष में है.
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सरकार और रेग्युलेटर्स में मतभेद
क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी माना जाये या फाइनैंसिल एसेट इसे लेकर सरकारें और रेग्युलेटर्स के बीच भारी मतभेद है. साथ ही इनके ऑपरेशंस पर कैसे नियंत्रण रखा जाये इसे लेकर भी आपसी सहमति नहीं है. El Salvador जैसे देश ने बिट्कॉइन को लीगल करेंसी की इजाजत दे दी है तो चीन ने पूरी तरह से इस पर प्रतिबंध लगा रखा है. चीन ने क्रिप्टोकरेंसी और उसकी सेवाएं देने वालों के खिलाफ कड़े नियम बना रखे हैं.
भारत अभी उलझन में
भारत जैसे देश अभी भी उलझन में हैं और बीच की नीति अपनाना चाहते हैं. भारत क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने के साथ पॉलिसी बनाकर उसे इजाजत दिये जाने के पक्ष में है. अमेरिका और यूरोपियन यूनियन में रेग्युलेटरी मैनडेट को दरकिनार करते हुये इसे लेकर चर्चा जारी है.
कनाडा ने क्रिप्टो को अपनाया
जिन देशों ने विस्तृत नियम जारी नहीं किए हैं, उनमें कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने इन करेंसी को पहचाना और परिभाषित भी किया है. उदाहरण के लिये कनाडा Money Laundering और Terrorist Financing Regulations के तहत इस प्रकार क्रिप्टोकरेंसी को परिभाषित करता है. इस साल जून में थॉमसन रॉयटर्स इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा क्रिप्टो के शुरुआती अपनाने वालों में से एक रहा है, और कनाडा राजस्व प्राधिकरण (सीआरए) आम तौर पर देश के आयकर अधिनियम के प्रयोजनों के लिए क्रिप्टोकरेंसी को एक वस्तु की तरह मानता है.
कुछ देशों ने दी है मान्यता
इजरायल ने अपने फाइनैंशियल सर्विस कानून के तहत फाइनैंशियल एसेट्स के तौर पर वर्चुअल करेंसी को शामिल कर लिया है. इजरायल ने सिक्य़ोरिटी रेग्युलेटर ने क्रिप्टोकरेंसी को सुरक्षा से जुड़ा वस्तु मानता है. वहीं इजरायल के टैक्स अथॉरिटी ने क्रिप्टोकरेंसी को फाइनैंशियल एसेट मानते हुये उसपर 25 फीसदी कै कैपिटल गेन टैक्स लगा दिया है.
जर्मनी के फाइनैंशियल सुपरवाइजरी अथॉरिटी ने ने वर्चुअल करेंसी को फाइनैंशियल इंस्ट्रूमेंट मानते हुये यूनिट्स ऑफ अकाउंट माना है. The Bundesbank बिटकॉइन को क्रिप्टो टोकन मानता है जो कि करेंसी की तरह काम नहीं करता. हालांकि देश के नागरिक या कोई legal entities क्रिप्टोकरेंसी की खरीद बिक्री कर सकता है. हालांकि ये एक्सचेंज या फिर German Federal Financial Supervisory Authority से लाइसेंस प्राप्त लोगों के जरिये ही किया जा सकता है.
अमेरिकी सरकार ने नहीं दी है मान्यता
UNITED KINGDOM में क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी या मुद्रा के तौर पर मान्यता हासिल नहीं है. इसलिये उसे किसी भी प्रकार के निवेश के तरीके या पेमेंट करने के तौर मान्यता हासिल नहीं है. अमेरिका में अलग अलग राज्यों ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अलग अलग तरीके से परिभाषित किया है. अमेरिकी सरकार ने अब तक क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दिया है. हालांकि कुछ राज्यों ने जरुर उसे मान्यता अपनी ओर से दिया हुआ है.
थाइलैंड में डिजिटल एसेट्स में कारोबार करने के लिये लाइसेंस लेना होता है और उसे financial institutions का क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी दर्जा भी हासिल है. इस महीने की शुरूआत में थाईलैंड के सबसे पुराने बैंक Siam Commercial Bank ने Bitkub Online जो कि स्थानीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है उसमें 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया है.
इनमें से ज्यादातर देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को legal tender नहीं माना है. हालांकि वे इस बात से पूरी तरह वाकिफ हैं कि आज की तारीख में इनकी कितनी वैल्यू है. इसलिये ये इन्हें एक्सचेंज का माध्यम या फिर यूनिट्स ऑफ अकाउंट मानते हैं. भारत की तरह कई देशों ने अपने सेंट्रल बैंक के जरिये डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं.
कैसे काम करेगा डिजिटल करेंसी
आरबीआई अपना डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की योजना बना रहा है. वॉलेट के जरिये ब्लॉकचेन की माध्यम इनका ट्रांजैक्शन किया जा सकेगा. आरबीआई इसे रेग्युलेट करेगा. डिजिटल करेंसी का कॉसेप्ट पूरी तरह बिट्कॉइन से प्रेरित है. हालांकि ये डिसेंट्राईज्ड वर्चुअल करेंसी और क्रिप्टो एसेट्स से अलग है. डिसेंट्राईज्ड वर्चुअल करेंसी और क्रिप्टो एसेट्स किसी देश द्वारा जारी नहीं किया गया है और उसे मान्यता भी हासिल नहीं है.
सेंट्रल बैंक द्वारा मान्यता प्राप्त डिजिटल करेंसी को निवेशक देश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के बाहर भी इसका ट्रांजैक्शन कर सकेंगे. इसके लिये कोई तीसरा पक्ष या बैंक की जरुरत नहीं होगी. कई देश इसे लेकर पॉयलट प्रोजेक्ट चला रहे हैं. भारत यदि अपना डिजिटल करेंसी लॉन्च करता है तो इंटरनेशनल फाइनैंशियल मार्केट में रुपये की वैल्यू बढ़ाने में मदद मिलेगी. डिजिटल करेंसी भी वर्चुअल करेंसी ही होगा लेकिन प्राइवेट डिजिटल करेंसी से अलग.
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Published at : 25 Nov 2021 07:50 PM (IST) Tags: Cryptocurrency Bitcoin RBI parliament session parliament of india digital currency Explainer Xplained India to bring law on cryptocurrency Private Digital Currency to be banned Explaining हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई? समझें Crypto Currency पर सरकार के फैसले के मायने
अब भारत में डिजिटल करेंसी से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल करेंसी में 100 रुपये निवेश करता है और उसे इस पर 10 रुपये का फायदा होता है, तो उन 10 रुपये में से 3 रुपये उसे टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.
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नई दिल्ली: मंगलवार को जब वित्त मंत्र निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया तब एक प्वॉइंट ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. वो है डिजिटल करेंसी या Crypto Currency पर सरकार द्वारा लगाया गया नया टैक्स. अब भारत में डिजिटल करेंसी से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल करेंसी में 100 रुपये निवेश करता है और उसे इस पर 10 रुपये का फायदा होता है, तो उन 10 रुपये में से 3 रुपये उसे टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.
सरकार लेगी TDS
इसके अलावा डिजिटल करेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से एक प्रतिशत TDS सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी व्यक्ति ने किसी डिजिटल करेंसी में निवेश किया हुआ है. ये निवेश उसका Asset है. अब अगर ये व्यक्ति इस Asset को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS का मतलब होता है Tax deduction at source. यानी वो टैक्स, जो किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. यानी कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम Source मान रही है और इसकी कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स भी लगा दिया गया है.
क्या वैध है क्रिप्टो करेंसी?
बहुत सारे लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? तो इसका जवाब हां और नहीं दोनों में है. दरअसल, सरकार केवल उसी डिजिटल करेंसी को लीगल यानी वैध मान रही है, जो करेंसी Reserve Bank of India द्वारा जारी की जाएगी. इसका मतलब ये हुआ कि अभी जो Crypto Currency है, जैसे Bitcoin, उसे डिजिटल करेंसी नहीं माना जाएगा. बल्कि उसे डिजिटल Asset माना जाएगा. अगर आपको ये सब जटिल लग रहा है तो इसे ऐसे समझिए कि आप जो सोना खरीदते हैं या जो आपका घर है, वो आपके Assets हैं. यानी आपकी सम्पत्ति है, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी, और इस पर लोगों से क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी टैक्स वसूला जाएगा. इसलिए अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल मान लिया गया है तो ये तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं होगा. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
टैक्स के पीछे ये है सरकार की मंशा
अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में डिजिटल करेंसी पर इसी तरह से वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं, जिसकी वजह से इन देशों में इस करेंसी को लीगल यानी वैध क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी माना जाता है. हालांकि कुछ देशों में इस पर अपवाद की भी स्थिति है. भारत सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने Crypto Currency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8 प्रतिशत हैं. इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपये इस समय ऐसी Digital Currency के रूप में दांव पर लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में Crypto Currency का इस्तेमाल करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपये के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए. दूसरी बात, सरकार ये जानती है कि उसके इस फैसले के बाद लोग डिजिटल करेंसी में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे. इसलिए उसने एक और विकल्प तैयार किया है.
RBI लॉन्च करेगा अपनी करेंसी
इसके तहत वर्ष 2023 तक Reserve Bank of India यानी RBI अलग से अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा, जो बाकी करेंसी के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी और स्थिर होगी. सरल भाषा में कहें तो जैसे RBI, कागज की करेंसी छापता है, ठीक वैसे ही उसकी मुहर वाली डिजिटल करेंसी भी आ जाएगी, जिससे लोग इसमें निवेश कर पाएंगे. इस बजट में एक और बात पर ज्यादा लोगों ने ध्यान नहीं दिया और वो ये है कि, अगर कोई व्यक्ति, किसी दूसरे व्यक्ति को बतौर Gift डिजिटल करेंसी भेजता है, तब ऐसी स्थिति में जिस व्यक्ति को ये करेंसी मिलेगी, उसे 30 प्रतिशत टैक्स क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी भरना ही होगा.
भारत में क्रिप्टो करेंसी legal हैं या illegal क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंध है.
बहुत सारे लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? तो इसका जवाब हां और नहीं दोनों में है. दरअसल, क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी सरकार केवल उसी डिजिटल करेंसी को लीगल यानी वैध मान रही है, जो करेंसी Reserve Bank of India द्वारा जारी की जाएगी. इसका मतलब ये हुआ कि अभी जो Crypto Currency है, जैसे Bitcoin, उसे डिजिटल करेंसी नहीं माना जाएगा. बल्कि उसे डिजिटल Asset माना जाएगा. अगर आपको ये सब जटिल लग रहा है तो इसे ऐसे समझिए कि आप जो सोना खरीदते हैं या जो आपका घर है, वो आपके Assets हैं. यानी आपकी सम्पत्ति है, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी, और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. इसलिए अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल मान लिया गया है तो ये तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं होगा. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
साल 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रि प्टोकरेंसी पर बैन लगा के illegal बता दि या था, और क्रि प्टोकरेंसी में ट्रेडि गं या इन्वेस्ट करने वालों के लिए 10 साल जेल की सजा का प्रस्ताव रखा गया था।
लेकि न सुप्रीम कोर्ट में जब उसकी सुनवाई चली तो हाईकोर्ट ने मार्च 2020 में क्रिप्टो करेंसी के लिए एक आदेश जारी कि या। जो की लोगों के हत में था। अपने आदेश में कहा कि वर्चुअल करेंसी या क्रि प्टो करेंसी का कानूनीरूप से लेनदेन कि या जा सकता है। मतलब की पहले ये हमारे देश में illegal माना जाता था लेकि न अभी के टाइम पे आप इसमें ट्रेंडि गं कर सकते हो। लेकिन इसकी मदद से सामना sell या buy नहीं कर सकते हैं।
भारतीय न्यूज पेपर्स के मुताबि क़ RBI बैंक के द्वारा बहुत ही जल्द डिजिटल करेंसी लॉन्च की जाएगी। शायद भारत में RBI बैंक खुद की डिजि टल करेंसी लांच कर सकता है।
Note : किसी भी प्रकार का नि वेश करने से पहले वो कंपनी या app के बारे में अच्छे से खुद से एक बार पता लगा ले। अगर कोई गलत कंपनी में इन्वेस्ट कर लिया और आपके साथ scam या fraud कुछ हुए तो उसके जिम्मेदार हम नहीं रहेंगे।
क्रिप्टोकरेंसी के लिए कानून की तैयारी पूरी, डेढ़ साल की सजा और 20 करोड़ तक जुर्माना का होगा प्रावधान
क्रिप्टो करेंसी को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में इसके लिए कानून बनाएगी और वो तैयारी पूरी होती दिख रही है। सूत्र कह रहे कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए कानून की तैयारी पूरी हो चुकी है। इस कानून के तहत लेन-देन करने पर गैर जमानती धाराओं में बिना वारंट गिरफ्तारी कर जेल भेजा जा सकता है। इसके अलावा ₹20 करोड़ रुपये तक के जुर्माना का भी प्रावधान होगा।
इस मामले से जुड़े अधिकारी ने बताया कि संसद में पेश होने वाले बिल में क्रिप्टो करेंसी की खरीदी बिक्री, जमा करने, होल्ड करने का काम क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी सिर्फ एक्सचेंज के जरिए होगा। इसमें नियमों का उल्लंघन करने पर बिना वारंट गिरफ्तारी होगी क्योंकि धाराएं गैर जमानती होगी।
माना जा रहा है कि सरकार 20 करोड़ तक जुर्माना और डेढ़ साल तक की सजा के साथ साथ अंधाधुन विज्ञापनों पर भी रोक होगी और गलत जानकारी देकर उकसाने की शिकायत यदि मिलती है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्रिप्टोकरंसी को होल्ड करने वाले वॉलेट पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इसकी छूट सिर्फ एक्सचेंज के जरिए होगी।
एक अनुमान के मुताबिक करीब 2 करोड़ भारतीयों ने क्रिप्टोकरंसी में 45,000 करोड़ का निवेश किया है इसलिए भी सरकार इस पर कानून लाने जा रही है और उस कानून में सख्त धाराएं और प्रावधान होंगे।
सूत्र यह भी कह रहे हैं कि बाजार नियामक सेबी को क्रिप्टो क्रिप्टो करेंसी का जिम्मा सौंपा जाएगा। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार जून 2021 तक भारत में क्रिप्टोकरंसी का बाजार 641 फ़ीसदी बढ़ चुका है।
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