Priyanka Chopra के साथ बॉलीवुड में हुआ था भेदभाव! बोलीं- मुझे काली बिल्ली और सांवली कहते थे
Priyanka Chopra: बीबीसी की ‘100 वीमन’ लिस्ट में प्रियंका चोपड़ा ने अपना नाम दर्ज करवाया. वो साल 2022 की सबसे प्रभावशाली महिलाओं में से एक बनी हैं. ऐसे में उन्होंने अपने नए इंटरव्यू में बॉलीवुड और उसमें होने वाले रंगभेद को लेकर बात की.
प्रियंका चोपड़ा (फोटो)
Priyanka Chopra: प्रियंका चोपड़ा ने एक इंटरव्यू में फिल्म इंडस्ट्री में मेल और फीमेल एक्टर्स के बीच सैलेरी गेप और बॉडी शेमिंग जैसे मुद्दों पर बातचीत की है. प्रियंका ने कहा है कि उन्हें करियर के शुरुआती दिनों में बॉडी शेमिंग से गुजरना करना पड़ा था. लोग उन्हें डस्की, काली बिल्ली और न जाने क्या क्या कहते थे. प्रियंका का कहना है कि उन्हें उन लोगों की तुलना में ज्यादा काम करना पड़ा जिनके स्किन का रंग गोरा था. प्रियंका ने इसके अलावा ये भी कहा है कि उन्हें पूरे करियर में कभी भी मेल एक्टर के बराबर फीस नहीं मिली.
मुझे काली बिल्ली कहा गया- प्रियंका
प्रियंका ने बॉडी शेमिंग पर भी बात करते हुए कहा – ‘मुझे ब्लैक कैट कहा गया. मुझे डस्की, सांवली भी कहा गया. मुझे समझ नहीं आता था कि लोग मुझे डस्की क्यों बोलते थे क्योंकि इस देश में अधिकतर जनसंख्या ब्राउन लोगों की ही है. मुझे लगता था कि टैलेंटेड होने के बावजूद उन लोगों की तुलना में मुझे ज्यादा मेहनत करनी पड़ी जिनका स्किन गोरा था. खैर उस समय ये सब बातें सही लगती थी क्योंकि लगता था कि जो हो रहा है वो सब नॉर्मल है’.
मेल एक्टर्स के 10% जितनी भी फीस नहीं मिलती थी
मीडिया को दिए रिसेंट इंटरव्यू में प्रियंका चोपड़ा ने फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कुछ कड़वे सच को उजागर किया है. प्रियंका ने कहा -‘मुझे कभी भी मेल एक्टर जितनी फीस नहीं मिली. मैंने करीब 60 फिल्मों में काम किया है लेकिन किसी फिल्म में मेल एक्टर की तुलना में 10% भी फीस नहीं मिली. ये काफी बड़ा गैप है और आज भी जो लड़कियां बॉलीवुड में काम कर रही हैं उन्हें भी ये असमानता झेलना ही होगा. अगर मैं आज के डेट में मैं बॉलीवुड में काम करती हूं तो मुझे भी ये झेलना ही पड़ेगा’.
रंगभेद झेलने के बावजूद मैं सफल रही
चीजों को बदलने को लेकर प्रियंका ने कहा – ‘मैं कोई पॉलिटिशियन नहीं हूं मैं एक एंटरटेनर हूं. मैं कानून नहीं बना सकती लेकिन लोगों को इन्फ्लुएंस जरूर कर सकती हूं. मैं महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है? चाहती हूं कि अपने लाइफ में कुछ ऐसा करूं जिसका असर दूसरों के भी लाइफ पर पड़े. मैं अपने आपको खुशनसीब समझती हूं क्योंकि इतनी कठिनाइयों के बाद भी मैं महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है? खुद के पैर पर खड़ी हो पाई. मुझे रंगभेद का सामना करना पड़ा साथ ही लोगों ने मेरे लिए बुरी-बुरी बातें भी कहीं लेकिन इन सब के बावजूद मैं सफल रही.
ग्लोबर स्टार बन चुकी हैं प्रियंका चोपड़ा
प्रियंका चोपड़ा आज बॉलीवुड ही नहीं बल्कि ग्लोबर स्टार हैं. उन्होंने 2000 में मिस इंडिया का खिताब जीतने के बाद बॉलीवुड में एंट्री लिया था. उन्होंने सनी देओल की फिल्म हीरो से फिल्मों में डेब्यू किया. उनको फिल्म फैशन के लिए नेशनल अवार्ड भी मिला था. बर्फी, सात खून माफ और एतराज जैसी फिल्मों ने उन्हें महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है? इंडस्ट्री में अलग पहचान दी. बॉलीवुड में नाम कमाने के बाद उन्होंने हॉलीवुड का रुख महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है? किया. वहां वो क्वांटिको जैसी कई बड़े प्रोजेक्ट का हिस्सा रहीं. 2018 में प्रियंका ने अमेरिकी सिंगर निक जोनस से शादी की और फिलहाल अमेरिका में ही रह रही हैं.
निजी दुकानों पर डीएपी और सहकारी समितियों पर पहुंची यूरिया
संतकबीरनगर। संतकबीरनगर में निजी क्षेत्र की दुकानों पर डीएपी खाद की आपूर्ति हुई। तीन.
संतकबीरनगर। संतकबीरनगर में निजी क्षेत्र की दुकानों पर डीएपी खाद की आपूर्ति हुई। तीन कंपनियों की 675 एमटी खाद मिल गई है। इसी के साथ जिले में फास्फेटिक खाद का संकट समाप्त होता नजर आ रहा है। वहीं दूसरी ओर साधन सहकारी समितियों पर 34 हजार बोरी और यूरिया भेजी जा रही है। पूर्व में गेहूं की बोआई करने वाले किसान पहली सिंचाई के बाद टाप ड्रेसिंग के लिए समितियों से यूरिया की खरीददारी कर सकते हैं।
जिला कृषि अधिकरी पीसी विश्वकर्मा ने बताया कि कोरोमंडल कंपनी की 250 एमटी डीएपी खाद दुकानों पर भेजा जा चुका है। इसके अलावा बस्ती जिले से बीपीएल की 250 एमटी और देवरिया जिले से आईपीएल कंपनी की 225 एमटी डीएपी निजी दुकानों पर भेजी जा चुकी है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि सोमवार को खलीलाबाद खलीलाबाद स्टेशन पर आईपीएल की एक रैक और लग रही है। इस रैक से जिले को 350 एमटी डीएपी मिलेगी।
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि इफको कंपनी की रैक रेलवे स्टेशन पर महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है? लग चुकी है। इससे 34 हजार बोरी यूरिया साधन सहकारी समितियों पर भेजी जा रही है। किसान समितियों से यूरिया खाद की खरीददारी कर सकते हैं।
अस्पताल में ड्यूटी के दौरान महिला कर्मी ने काटी हाथ की नस, कर्मचारियों व PMO पर लगाए प्रताड़ना के आरोप
रेवाड़ी (महेंद्र) : रेवाडी़ जिले के नागरिक अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी ने ड्यूटी के दौरान ब्लेड से हाथ की नस काटकर खुदकुशी करने का प्रयास किया है। जिससे अस्पताल में हड़कंप मच गया। अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों ने महिला को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया।
बताया जा रहा है कि महिला नागरिक अस्पताल की 107 नंबर फिजिशियन ओपीडी में धारूहेड़ा निवासी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद पर तैनात है। महिला ने हाथ की नस क्यों काटी अभी इसका खुलासा नहीं हो पाया है।
नागरिक अस्पताल के सीएमओ डॉ डॉक्टर सुदर्शन पंवार को पीड़ित महिलाकर्मी द्वारा एक शिकायत में अस्पताल के ही कुछ कर्मचारियों और पीएमओ पर प्रताड़ना के आरोप की शिकायत दी है। शिकायत मिलने के बाद अब सीएमओ डॉ सुधा सिंह पवार पूरे मामले की जांच करने की बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक महिला कर्मचारी को यह कदम उठाना पड़ा। इससे लगता है कि कोई गंभीर मामला होगा।
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बताया जा रहा है कि महिला नागरिक अस्पताल की 107 नंबर फिजिशियन ओपीडी में धारूहेड़ा निवासी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद पर तैनात है। महिला ने हाथ की नस क्यों काटी अभी इसका खुलासा नहीं हो पाया है।
नागरिक अस्पताल के सीएमओ डॉ डॉक्टर सुदर्शन पंवार को पीड़ित महिलाकर्मी द्वारा एक शिकायत में अस्पताल के ही कुछ कर्मचारियों और पीएमओ पर प्रताड़ना के आरोप की शिकायत दी है। शिकायत मिलने के बाद अब सीएमओ डॉ सुधा सिंह पवार पूरे मामले की जांच करने की बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक महिला कर्मचारी को यह कदम उठाना पड़ा। इससे लगता है कि कोई गंभीर मामला होगा।
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