गोरखपुर ब्यूरो
Updated Mon, 05 Dec 2022 11:58 PM IST

अवैध व्यापार रोधी प्रकोष्ठ

मानव के अवैध व्यापार-रोधी बेहतरीन प्रक्रियाओं का कानून प्रवर्तन करने वाली एजेंसियों द्वारा संकलन

मानव के अवैध व्यापार-रोधी क्रियाकलाप करते समय विभिन्न राज्यों में कई पुलिस व्यापारी टिप्पणी पदाधिकारियों द्वारा की गई कई अच्छी पहलें जानकारी में आई हैं। तथापि, कुछ दृष्टांतों को छोड़ कर ऐसी पहलों को दस्तावेज का रूप नहीं दिया गया और काफी हद तक वे अज्ञात ही रहीं। उक्त संकलन, मानव के अवैध व्यापार को रोकने और नियंत्रित करने में राज्य पुलिस पदाधिकारियों द्वारा की गई सकारात्मक कार्रवाइयों को रिकार्ड करने और उन्हें मान्यता देने का एक प्रयास है।

“लोगों के अवैध व्यापार के विरुद्ध प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से भारत में कानून प्रवर्तन कार्रवाई को सुदृढ़ बनाए जाने” के संबंध में परियोजना:

भारत सरकार ने गृह मंत्रालय में युनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्ज एंड क्राइम (यू एन ओ डी सी) के साथ मिल कर मानव के अवैध व्यापार के संबंध में कानून प्रवर्तन अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए चार राज्यों नामत: महाराष्ट्र, गोवा, पश्चिम बंगाल और आन्ध्र प्रदेश में दो वर्षीय परियोजना शुरु की है। परियोजना के संचालन, मार्गर्शन और निगरानी के लिए परियोजना कार्य संचालन समिति का गठन किया गया व्यापारी टिप्पणी है। प्रशिक्षण कार्यक्रमों की श्रृंखला के माध्यम से यह परियोजना, मानव के अवैध व्यापार की समस्या के संबंध में कानून प्रवर्तन अधिकारियों (पुलिस और अभियोजक) की जागरुकता बढाएगा और अपराध की बेहतर ढंग से जांच-पड़ताल करने में उनकी क्षमता और बढ़ेगी और ऐसे अपराध करने वाले अपराधियों पर मुकदमा चलाएंगे। इस परियोजना के तहत चुने हुए राज्यों में राज्य स्तर पर मानव के अवैध व्यापार-रोधी (ए एच टी यू) कुछ यूनिटें विकसित करने या सुदृढ़ बनाए जाने का भी प्रस्ताव है। मानव के अवैध व्यापार-रोधी यूनिट (ए एच टी यू) का मुख्य कार्य, कानून प्रवर्तन करना होगा और यह पीड़ितों की देख-रेख करने और पुनर्वास के लिए अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ संबंध स्थापित करेगी।

मानव के अवैध व्यापार को रोकने की निगरानी कार्रवाई के लिए नोडल प्रकोष्ठ

मानव के अवैध व्यापार से संबंधित मामलों पर कार्रवाई करने के लिए गृह मंत्रालय ने नोडल प्रकोष्ठ स्थापित किया है। यह प्रकोष्ठ अन्य बातों के साथ-साथ राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों से अवैध व्यापार संबंधी आंकड़े एकत्र करने और विश्लेषण करने, समस्या क्षेत्रों का पता लगाने और उनके स्रोत/ट्रांजिट/गंतव्य क्षेत्र होने के कारणों का विश्लेषण करने, अपराध रोकने के लिए राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों द्वारा की गई कार्रवाई पर नजर रखने और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के नोडल पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय बैठकें आयो‍जित करने के लिए जिम्मेदार है।

Kushinagar News: ब्राह्मण और व्यापारी समाज पर हुई टिप्पणी की निंदा

Gorakhpur Bureau

गोरखपुर ब्यूरो
Updated Mon, 05 Dec 2022 11:58 PM IST

बुद्ध पीजी कॉलेज गेट पर पुतला फूंकते अभाविप कार्यकर्ता।

ब्राह्मण और व्यापारी समाज पर हुई टिप्पणी की निंदा
अभाविप कार्यकर्ताओं ने निंदा करने वाले वामपंथी नेताओं का जलाया पुतला
कसया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को बुद्ध पीजी कॉलेज के मुख्य गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। इसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में चल रही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के खिलाफ नारेबाजी कर वामपंथी नेताओं का पुतला जलाया गया।
संगठन के नगर मंत्री प्रशांत राय ने कहा कि एबीपीएस राष्ट्रवादी संगठन है। स्थापना काल से ही छात्र और समाज हित के साथ राष्ट्र हित के लिए कार्य करती है, लेकिन कुछ संगठन ऐसे हैं, जो देश को तोड़ने का कार्य करते हैं। जेएनयू की दीवारों पर वामपंथी विचारधारा रखने वाले लोग ब्राह्मण और बनिया समाज के लोगों पर भारत से बाहर जाने की बात लिखी है। परिषद ने इसकी घोर निंदा करते हुए मामले की जांच की मांग उठाई। इस दौरान जिला संगठन मंत्री अमन गोंड़, तनुज पाठक, राजन मद्धेशिया, संदीप मौर्य, तनुज जायसवाल, सौरभ राव और दीपक तिवारी आदि मौजूद रहे।


अभाविप कार्यकर्ताओं ने निंदा करने वाले वामपंथी नेताओं का जलाया पुतला
कसया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को बुद्ध पीजी कॉलेज के मुख्य गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। इसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में चल रही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के खिलाफ नारेबाजी कर वामपंथी नेताओं का पुतला जलाया गया।
संगठन के नगर मंत्री प्रशांत राय ने कहा कि एबीपीएस राष्ट्रवादी संगठन है। स्थापना काल से ही छात्र और समाज हित के साथ राष्ट्र हित के लिए कार्य करती है, लेकिन कुछ संगठन ऐसे हैं, जो देश को तोड़ने का कार्य करते हैं। जेएनयू की दीवारों पर वामपंथी विचारधारा रखने वाले लोग ब्राह्मण और बनिया समाज के लोगों पर भारत से बाहर जाने की बात लिखी है। परिषद व्यापारी टिप्पणी ने इसकी घोर निंदा करते हुए मामले की जांच की मांग उठाई। इस दौरान जिला संगठन मंत्री अमन गोंड़, तनुज पाठक, राजन मद्धेशिया, संदीप मौर्य, तनुज जायसवाल, सौरभ राव और दीपक तिवारी आदि मौजूद रहे।

राज्यपाल की टिप्पणी के खिलाफ विपक्षी दलों के ‘‘पुणे बंद’’ का समर्थन करेगा व्यापारी संघ

कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे नीत), संभाजी ब्रिगेड और कुछ अन्य संगठनों ने बंद का आह्वान किया है।

Image: PTI

महाराष्ट्र के पुणे शहर में व्यापारियों के एक संगठन ने मराठा योद्धा छत्रपति पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की टिप्पणी के विरोध में विपक्षी दलों द्वारा आहूत 13 दिसंबर के बंद का समर्थन करने का फैसला किया है।

कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे नीत), संभाजी ब्रिगेड और कुछ अन्य संगठनों ने बंद का आह्वान किया है।

‘फेडरेशन ऑफ ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ पुणे’ (एफएटीपी) के अध्यक्ष फतेहचंद रांका ने बृहस्पतिवार व्यापारी टिप्पणी को जारी एक बयान में कहा कि तीनों दलों के पदाधिकारियों और संभाजी ब्रिगेड ने राज्यपाल के बयानों की निंदा करने के लिए बुलाए गए बंद का समर्थन करने के लिए व्यापारी संघ से अपील की थी।

रांका ने कहा, ‘‘ व्यापारी टिप्पणी दलों की अपील के बाद संघ के सदस्यों ने एक बैठक की, जिसमें बंद का समर्थन करते हुए मंगलवार दोपहर तीन बजे तक दुकानें बंद रखने का फैसला किया गया है।’’

राज्यपाल कोश्यारी ने औरंगाबाद में पिछले महीने एक कार्यक्रम में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज ‘‘पुराने जमाने’’ के आदर्श थे।

India-UK Trade Deal: ब्रिटिश गृह मंत्री की वीजा नीति पर सख्त टिप्पणी, भारत से व्यापार समझौता टूटने की कगार पर

‘द टाइम्स’ अखबार ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा कि भारत ब्रेवरमैन द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी से ‘हैरान और निराश’ है। गृह मंत्री ने एफटीए के तहत भारत के लिए ‘खुली सीमाओं’ की पेशकश किए जाने पर चिंता जताई थी। पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एफटीए के लिए इस साल दिवाली तक की समयसीमा तय की थी।

ब्रिटेन की गृहमंत्री सुएल ब्रेवरमैन (फाइल फोटो)।

ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन द्वारा वीजा ओवरस्टेयर्स पर कार्रवाई को लेकर की गई टिप्पणियों से भारत सरकार के नाराज होने के बाद भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) कथित तौर पर व्यापारी टिप्पणी टूटने की कगार पर है। ब्रिटेन की एक मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को यह दावा किया गया।

‘द टाइम्स’ अखबार ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा कि भारत ब्रेवरमैन द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी से ‘हैरान और निराश’ है। गृह मंत्री ने एफटीए के तहत भारत के लिए ‘खुली सीमाओं’ की पेशकश किए जाने पर चिंता जताई थी। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एफटीए के लिए इस साल दिवाली तक की समयसीमा तय की थी। हालांकि, अब इस समय तक समझौता होने की संभावना कम होती जा रही है।

समाचार पत्र ने एक सूत्र के हवाले से कहा कि ‘‘अभी भी काफी सद्भाव है, लेकिन ब्रिटेन सरकार में शामिल कुछ व्यक्ति अभी भी बने रहे, तो यह बातचीत टूट सकती है।’’ पोलिटिको की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एफटीए पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दीवाली तक ब्रिटेन की यात्रा की कोई भी योजना अब आगे बढ़ने की संभावना नहीं है। पिछले हफ्ते व्यापारी टिप्पणी भारतीय मूल की गृह मंत्री ब्रेवरमैन ने एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्हें डर है कि भारत के साथ व्यापार समझौते से ब्रिटेन में आने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ सकती है, जबकि पहले से ही वीजा ओवरस्टेयर्स के सबसे बड़े समूह के रूप में भारतीय शामिल हैं।

भारत के साथ खुली सीमाओं वाली आव्रजन नीति को लेकर आपत्ति: ब्रेवरमैन

ब्रेवरमैन ने साप्ताहिक समाचार पत्रिका द स्पेक्टेटर को बताया कि "मुझे भारत के साथ खुली सीमाओं वाली आव्रजन नीति को लेकर आपत्ति है क्योंकि मुझे नहीं लगता कि लोगों ने इसके लिए ब्रेक्जिट के पक्ष में मतदान किया था।’’

भारत-यूके एफटीए के तहत छात्रों और उद्यमियों के लिए वीजा में लचीलेपन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे कुछ आपत्तियां हैं। इस देश में प्रवासियों को देखें, तो ओवरस्टे करने वाले लोगों का जो सबसे बड़ा समूह है, वे भारतीय प्रवासी हैं। इस संबंध में बेहतर सहयोग को प्रोत्साहित करने और सुविधा प्रदान करने के लिए हमने पिछले साल भारत सरकार के साथ एक समझौता भी किया था। लेकिन जरूरी नहीं कि इसने बहुत अच्छा काम किया हो। ब्रेवरमैन ने पिछले साल मई में गृह मंत्रालय में अपने पूर्ववर्ती भारतीय मूल की पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच प्रवासन और मोबिलिटी साझेदारी (एमएमपी) का उल्लेख करते हुए यह बात कही।

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने इसका जवाब देते हुए कहा कि एमएमपी के तहत उससे संदर्भित सभी मामलों पर कार्रवाई शुरू कर व्यापारी टिप्पणी दी गई है। यूके सरकार के एक वरिष्ठ सूत्र ने 'द टाइम्स' को बताया कि मोबिलिटी भारत की प्रमुख मांग रही है और इसके अलावा अन्य जैसे वित्तीय सेवाएं, बैंकिंग, शिक्षा, व्हिस्की के उत्पत्ति के नियम आदि मोबिलिटी पर ही निर्भर करता है। और सुएला ने उसी मोबिलिटी की मांग पर सवाल उठा दिए हैं।

विस्तार

ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन व्यापारी टिप्पणी द्वारा वीजा ओवरस्टेयर्स पर कार्रवाई को लेकर की गई टिप्पणियों से भारत सरकार के नाराज होने के बाद भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) कथित तौर पर टूटने की कगार पर है। ब्रिटेन की एक मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को यह दावा किया गया।

‘द टाइम्स’ अखबार ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा कि भारत ब्रेवरमैन द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी से ‘हैरान और निराश’ है। गृह मंत्री ने एफटीए के तहत भारत के लिए ‘खुली सीमाओं’ की पेशकश किए जाने व्यापारी टिप्पणी पर चिंता जताई थी। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एफटीए के लिए इस साल दिवाली तक की समयसीमा व्यापारी टिप्पणी तय की थी। हालांकि, अब इस समय तक समझौता होने की संभावना कम होती जा रही है।

समाचार पत्र ने एक सूत्र के हवाले से कहा कि ‘‘अभी भी काफी सद्भाव है, लेकिन ब्रिटेन सरकार में शामिल कुछ व्यक्ति अभी भी बने रहे, तो यह बातचीत टूट सकती है।’’ पोलिटिको की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एफटीए पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दीवाली तक ब्रिटेन की यात्रा की कोई भी योजना अब आगे बढ़ने की संभावना नहीं है। पिछले हफ्ते भारतीय मूल की गृह मंत्री ब्रेवरमैन ने एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्हें डर है कि भारत के साथ व्यापार समझौते से ब्रिटेन में आने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ सकती है, जबकि पहले से ही वीजा ओवरस्टेयर्स के सबसे बड़े समूह के रूप में भारतीय शामिल हैं।

भारत के साथ खुली सीमाओं वाली आव्रजन नीति को लेकर आपत्ति: ब्रेवरमैन

ब्रेवरमैन ने साप्ताहिक समाचार पत्रिका द स्पेक्टेटर को बताया कि "मुझे भारत के साथ खुली सीमाओं वाली आव्रजन नीति को लेकर आपत्ति है क्योंकि मुझे नहीं लगता कि लोगों ने इसके लिए ब्रेक्जिट के पक्ष में मतदान किया था।’’

भारत-यूके एफटीए के तहत छात्रों और उद्यमियों के लिए वीजा में लचीलेपन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे कुछ आपत्तियां हैं। इस देश में प्रवासियों को देखें, तो ओवरस्टे करने वाले लोगों का जो सबसे बड़ा समूह है, वे भारतीय प्रवासी हैं। इस संबंध में बेहतर सहयोग को प्रोत्साहित करने और सुविधा प्रदान करने के लिए हमने पिछले साल भारत सरकार के साथ एक समझौता भी किया था। लेकिन जरूरी नहीं कि इसने बहुत अच्छा काम किया हो। ब्रेवरमैन ने पिछले साल मई में गृह मंत्रालय में अपने पूर्ववर्ती भारतीय मूल की पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच प्रवासन और मोबिलिटी साझेदारी (एमएमपी) का उल्लेख करते हुए यह बात कही।

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने इसका जवाब देते हुए कहा कि एमएमपी के तहत उससे संदर्भित व्यापारी टिप्पणी सभी मामलों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यूके सरकार के एक वरिष्ठ सूत्र ने 'द टाइम्स' को बताया कि मोबिलिटी भारत की प्रमुख मांग रही है और इसके अलावा अन्य जैसे वित्तीय सेवाएं, बैंकिंग, शिक्षा, व्हिस्की के उत्पत्ति के नियम आदि मोबिलिटी पर ही निर्भर करता है। और सुएला ने उसी मोबिलिटी की मांग पर सवाल उठा दिए हैं।

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