क्रिप्टोकरेंसी पर 30% टैक्स, वर्चुअल करेंसी पर 1% TDS, लॉन्च होगा RBI का 'डिजिटल रुपी'

आम बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने RBI डिजिटल करेंसी को लेकर बड़ा एलान कर दिया है. आरबीआई की डिजिटल करेंसी 'डिजिटल रुपी' जल्द लांच होगी. इसका मकसद क्रिप्टो करेंसी के बिटकॉइन की चुनौती और डिजिटल करेंसी जोखिम को कम करना और डिजिटल करेंसी को रेगुलेट करना है. इस वित्त वर्ष में ही इसे लांच किया जाएगा. क्रिप्टो करेंसी से आमदनी पर 30% टैक्स भी देना होगा. वर्चुअल करेंसी पर भी 1 प्रतिशत का TDS लगाया जाएगा.

भोपाल। देश में सरकार ने डिजिटल करेंसी की राह साफ कर दी है. रिजर्व बैंक डिजिटल रुपया इस वित्त वर्ष में लांच करेगा. बिटकॉइन की चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार का यह क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है. ब्लैक चेन टेक्नॉलॉजी के आधार पर डिजिटल करेंसी को मार्केट में जारी किया जाएगा. इसके जरिए सरकार प्रायवेट निवेश को लाना चाहती है. साथ ही कोरोना के बाद इकॉनमी को सुधरना चाहती है. बजट भाषण में वित्त मंत्री ने RBI की डिजिटल करेंसी 'डिजिटल रुपी' को देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ा कदम बताया. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के साथ आएगा. यह डिजिटल इकनॉमी के लिए संजीवनी होगा.
डिजिटल करेंसी पर सरकार का प्लान
RBI पहले ही बता चुका है कि वह डिजिटल करेंसी लेकर आ रहा है. इसे चरणबद्ध रुप में लाया जाएगा. सेंट्रल बैंक इसे पायलट प्रोजेक्ट के रुप में थोक, खुदरा क्षेत्रों में लाएगा. इसका नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) है.

क्रिप्टोकरेंसी पर बिल नहीं आया था
केंद्र सरकार की पहले योजना थी कि क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक संसद में लेकर आए. इसके लिए 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिटकॉइन की चुनौती और डिजिटल करेंसी बिल, 2021' पेश किया जाना था. विधेयक में सभी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव था. कानून तोड़ने पर बिना वारंट गिरफ्तारी के प्रावधान की बिटकॉइन की चुनौती और डिजिटल करेंसी बात कही जा रही थी जिसमें जमानत न मिलने की बात भी है. RBI की ऑफिशियल डिजिटल करेंसी के लिए फ्रेमवर्क भी बनाया जाना था. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे संसद में लाया जाना था. पर ऐसा नहीं हो सका. मंत्रिमंडल में इस पर सहमति नहीं बन पाई. वजह क्रिप्टो एक्सेंजेस और एक्सपर्ट ने क्रिप्टो पर कोई बीच का रास्ता निकालने की मांग की थी.

RBI की डिजिटल करेंसी 'डिजिटल रुपी' की घोषणा का मार्केट पर असर

क्रिप्टो करेंसी से होने वाली आमदनी पर सरकार 30% टैक्स लगाएगी. स्थानीय क्रिप्‍टो एक्‍सचेंज में क्रिप्टो करेंसी में उछाल आया है. बिटकॉइन में 2.50% की जबरदस्त तेजी आई है. अब इसका दाम 30.50 लाख रुपए से उपर चला गया है. इधर इथेरियम में 8% से ज्‍यादा की तेजी आई है. इसका रेट 2.17 लाख रुपए तक पहुंच गया है.

क्रिप्टोकरेंसी पर 30% टैक्स, वर्चुअल करेंसी पर 1% TDS, लॉन्च होगा RBI का 'डिजिटल रुपी'

आम बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने RBI डिजिटल करेंसी को लेकर बड़ा एलान कर दिया है. आरबीआई की डिजिटल करेंसी 'डिजिटल रुपी' जल्द लांच होगी. इसका मकसद क्रिप्टो करेंसी के जोखिम को कम करना और डिजिटल करेंसी को रेगुलेट करना है. इस वित्त वर्ष में ही इसे लांच किया जाएगा. क्रिप्टो करेंसी से आमदनी पर 30% टैक्स भी देना होगा. वर्चुअल करेंसी पर भी 1 प्रतिशत का TDS लगाया जाएगा.

भोपाल। देश में सरकार ने डिजिटल करेंसी की राह साफ कर दी है. रिजर्व बैंक डिजिटल रुपया इस वित्त वर्ष बिटकॉइन की चुनौती और डिजिटल करेंसी में लांच करेगा. बिटकॉइन की चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार का यह क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है. ब्लैक चेन टेक्नॉलॉजी के आधार पर डिजिटल करेंसी को मार्केट में जारी किया जाएगा. इसके जरिए सरकार प्रायवेट निवेश को लाना चाहती है. साथ ही कोरोना के बाद इकॉनमी को सुधरना चाहती है. बजट भाषण में वित्त मंत्री ने RBI की डिजिटल करेंसी 'डिजिटल रुपी' को देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ा कदम बताया. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के साथ आएगा. यह डिजिटल इकनॉमी के लिए संजीवनी होगा.
डिजिटल करेंसी पर सरकार का प्लान
RBI पहले ही बता चुका है कि वह डिजिटल करेंसी लेकर आ रहा है. इसे चरणबद्ध रुप में लाया जाएगा. सेंट्रल बैंक इसे पायलट प्रोजेक्ट के रुप में थोक, खुदरा क्षेत्रों में लाएगा. इसका नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) है.

क्रिप्टोकरेंसी पर बिल नहीं आया था
केंद्र सरकार की पहले योजना थी कि क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक संसद में लेकर आए. इसके लिए 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' पेश किया जाना था. विधेयक में सभी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव था. कानून तोड़ने पर बिना वारंट गिरफ्तारी के प्रावधान की बात कही जा रही थी जिसमें जमानत न मिलने की बात भी है. RBI की ऑफिशियल डिजिटल करेंसी के लिए फ्रेमवर्क भी बनाया जाना था. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे संसद में लाया जाना था. पर ऐसा नहीं हो सका. मंत्रिमंडल में इस पर सहमति नहीं बन पाई. वजह क्रिप्टो एक्सेंजेस और एक्सपर्ट ने क्रिप्टो पर कोई बीच का रास्ता निकालने की मांग की थी.

RBI की डिजिटल करेंसी 'डिजिटल रुपी' की घोषणा का मार्केट पर असर

क्रिप्टो करेंसी से होने वाली आमदनी पर सरकार 30% टैक्स लगाएगी. स्थानीय क्रिप्‍टो एक्‍सचेंज में क्रिप्टो करेंसी में उछाल आया है. बिटकॉइन में 2.50% की जबरदस्त तेजी आई है. अब इसका दाम 30.50 लाख रुपए से उपर चला गया है. इधर इथेरियम में 8% से ज्‍यादा की तेजी आई है. इसका रेट 2.17 लाख रुपए तक पहुंच गया है.

आ गया डिजिटल रुपया

आ गया डिजिटल रुपया

आखिरकार भारत में डिजिटल करेंसी यानि वर्चुअल करेंसी की शुरूआत हो गई। आरबीआई ने अभी इसे पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर शुरू किया है। अभी डिजिटल रूपी का इस्तेमाल थोक लेनदेन में होगा। डिजिटल रुपी अब आप की पॉकेट में नहीं होगा लेकिन वर्चुअल वर्ल्ड में इसका इस्तेमाल आप कर सकेंगे। दुनिया भर में बि​टकाॅइन और दूसरी क्रिप्टो करेंसी के उदय के कारण तमाम वित्तीय संस्थान डिजिटल करेंसी लाने को विवश हुए हैं। कुछ लोग डिजिटल करेंसी को क्रिप्टो करेंसी की काट मान रहे हैं। लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं। सैंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी मूल रूप से एक वर्चुअल करेंसी है जो केन्द्रीय बैंक द्वारा टेंडर के रूप में जारी की जाती है। यह एक कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त करेंसी है और इसे देश की सरकार द्वारा जारी किया जाता है, जबकि क्रिप्टो को किसी भी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। क्रिप्टो करेंसी डिजिटल वॉलेट में रखी जाती है। क्रिप्टो करेंसी में जबरदस्त उतार-चढ़ाव होते हैं जबकि डिजिटल करेंसी में उतार-चढ़ाव नहीं होते। पायलट प्रोजैक्ट की शुरूआत के समय कई बड़े बैंकों ने भाग लिया और काफी बड़े लेनदेन किए। पायलट प्रोजैक्ट फिलहाल चुुने हुए ग्राहकों और कारोबारियों के बीच एक महीने तक चलेगा। बाद में इसे डिजिटल रुपए के तौर पर शुरू किया जाएगा। आरबबीआई की तरफ से डिजिटल मुद्रा जारी करने वाला भारत पहला देश बन गया है। इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात, रूस, स्वीडन, जापान, ऐस्टोनिया और वेनेजुएला जैसे देश खुद की क्रिप्टो करेंसी लांच कर चुके हैं।

भारत में क्रिप्टो करेंसी का सफर किसी रोलर कोस्टर राइड से कम नहीं रहा है। क्रिप्टो करेंसी का प्रचलन बढ़ने से काले धन समेत कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बिट कॉयन में पिछले तीन वर्षों से निवेश का ट्रैंड बढ़ा। आंकड़ों से पता चलता है कि 1.5 करोड़ भारतीयों ने इसमें निवेश किया। क्रिप्टो करेंसी आने से लोगों के निवेश का तरीका बदल गया। जो लोग सोने में निवेश करते थे, उन्होंने इसमें निवेश करना शुरू कर दिया। वर्ष 2008 में सातोशी नाकामोटो के छद्म नाम से एक डिवेलपर ने बिटकॉइन की शुरूआत की थी। धीरे-धीरे कुछ अन्य क्रिप्टो करेंसी भी सामने आई। इसमें किसने कितना निवेश किया, इसका कोई आंकड़ा सामने नहीं आता। भारत में क्रिप्टो करेंसी को लेकर बहुत शोर मचा तो आरबीआई ने सर्कुलर जारी करके वर्चुअल करेंसी को लेकर अपनी आशंकाएं जाहिर की और वित्त मंत्रालय ने चेतावनी जारी की कि वर्चुअल करेंसी लीगल टेंडर नहीं है। मार्च 2018 में सीबीडीटी ने वित्त मंत्रालय का वर्चुअल करेंसी पर प्रतिबंध के लिए एक ड्राफ्ट सौंपा। इससे हड़कम्प मच गया। क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगा दी गई, प्रतिबंध एक बड़ा झटका था। इसके चलते क्रिप्टो एक्सचेंजस ने सुप्रीम कोर्ट में रिट फाइल की। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को रद्द कर दिया और आरबीआई के सर्कुलर को गैर कानूनी घोषित कर दिया। बाद में यह फैसला लिया गया कि क्रिप्टो करेंसी का नियमन किया जाएगा। फ्रॉड रोकने के लिए और सीमा पार लेन-देन की निगरानी के​ बिटकॉइन की चुनौती और डिजिटल करेंसी लिए भी कदम उठाए जा सकते हैं।

29 जनवरी, 2021 को भारत सरकार ने घोषणा की कि वह स्वयं की डिजिटल मुद्रा शुरू करेगी और बाद में निजी क्रिप्टो करेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगा देगी। नवम्बर 2021 में वित्त मंत्रालय की स्थायी समिति ने क्रिप्टो करेंसी के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और निष्कर्ष निकाला कि क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा बल्कि इसे विनियमित किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2022 का बजट पेश करते हुए डिजिटल ​करेंसी जारी करने का ऐलान किया था। सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि इससे फायदा क्या होगा? वर्चुअल करेंसी लाने की बड़ी वजह मनी लॉड्रिंग और हवाला पर शिकंजा कसना है क्योंकि क्रिप्टो करेंसी हवाला कारोबार करने और ब्लैकमनी जमा करने का जरिया बन गया है। इसके साथ ही हर वर्चुअल करेंसी जो ऐप और अन्य माध्यम से चल रही है उसकी निगरानी आसान होगी।

देश में हजारों करोड़ रुपए के नोट छापने में भी करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। दस साल पहले वर्ष 2012-13 में नोट छापने में 2872 करोड़ रुपए खर्च हुए थे, वहीं पिछले साल 2021-22 में यह खर्च बढ़कर 4984 करोड़ रुपए हो गया। वहीं नोटबंदी वाले साल में नोट छापने का खर्च 7965 करोड़ रुपए हो गया था। पिछले वर्ष 997 कराेड़ रुपए के नोट खराब हो गए थे। डिजिटल रुपया आने से भारतीय मुद्रा की छपाई में कमी आएगी। दूसरे देशों को पैसा भेजने के शुल्क में 2 फीसदी तक कमी आएगी जो मौजूदा समय में 7 फीसदी से अधिक भुगतान करना पड़ता बिटकॉइन की चुनौती और डिजिटल करेंसी है। सरकार की योजना इसे भविष्य में यूपीआई से जोड़ने की है। डिजिटल रुपए में कई ऐसे फीचर होंगे, जिनसे ग्राहकों को फायदा होगा। जैसे मौजूदा समय क्रेडिट कार्ड पर ई-कॉमर्स कम्पनियां खरीद पर छूट की स्कीम देती हैं, वैसे ही डिजिटल रुपए पर मिलेगी। इसके इस्तेमाल के लिए किसी बैंक खाते की जरूरत नहीं होगी। विभिन्न स्तरों पर निवेश के लिए इसको इस्तेमाल में लाया जा सकेगा, जिसमे सरकार द्वारा डिजिटल रुपए के निवेश करने पर फायदे या छूट मुहैया होगी। इसके अलावा सेटलमेंट यानी किसी मामले में दो पक्षकार के बीच लेन-देन आसान होगा। यही नहीं, ग्राहकों के लिए इस्तेमाल में सहूलियत होगी। कॉन्सेप्ट नोट के मुताबिक, डिजिटल रुपया रखने की एक निर्धारित सीमा होगी। हालांकि यह मुमकिन है कि सीबीडीसी रखने के लिए बैंक खाता रखने की जरूरत नहीं होगी।

महीने भर के ट्रायल में कई खामियां भी नजर आएंगी। साइबर अपराध रोकने के लिए भी आरबीआई को पुख्ता व्यवस्था करनी होगी। चीन और दक्षिण कोरिया समेत कई देश डिजिटल मुद्रा पेश करने की तैयारी में हैं। 60 देशों की दिलचस्पी भी डिजिटल रुपया लांच करने में है। भारत ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिया है। आज की डिजिटल दुनिया में यह जरूरी भी है।

RBI Digital Rupee आज से होगा यूज, कैश रखने की नहीं पड़ेगी जरूरत!

RBI आज यानी 1 नवंबर को होलसेल सेगमेंट के CBDC यानी डिजिटल करेंसी (Digital Rupee) को लॉन्च करेगा। इस पायलट यूज केस को मुख्य तौर पर होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए लाया जाएगा। सरकार जल्द डिजिटल रूपी को रिटेल सेगमेंट के लिए भी रोल आउट करेगी।

  • Harshit Harsh
  • @HarshitKHarshHarshit Harsh -->
  • Published: October 31, 2022 7:26 PM IST

Highlights

  • RBI की यह डिटिजल रूपी वर्चुअल करेंसी जैसे कि Bitcoin को चुनौती देगा।
  • इसे भारतीय रिजर्व बैंक लीगल टेंडर के तौर पर जारी करेगा।
  • इसे मौजूदा कैश की तरह डिजिटली इस्तेमाल किया जा सकेगा।

Digital-Rupee

RBI आज यानी 1 नवंबर को डिजिटल रूपी (Digital Rupee) लॉन्च करेगा। भारतीय रिजर्व बैंक इस डिजिटल रूपी को पहले पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर होलसेल सेगमेंट में लॉन्च करेगा। रिजर्व बैंक रिटेल सेगमेंट के डिजिटल रूपी को अगले महीने लॉन्च कर सकता है। रिटेल सेगमेंट के डिजिटल रूपी को चुनिंदा लोकेशन और क्लोज ग्रुप कस्टमर्स और मर्चेंट के लिए लाया जाएगा। इस साल पेश हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहली बार Digital Rupee का जिक्र किया था। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा था कि डिजिटल रूपी को इस वित्त वर्ष में रोल आउट किया जाएगा। Also Read - RBI ने किया ऐलान, जल्द शुरू होगा E-Rupee का पायलट प्रोजेक्ट

वहीं, इस महीने की शुरुआत में RBI ने 7 अक्टूबर को CBDC (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) को लेकर एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया था, जिसमें Digital Rupee बिटकॉइन की चुनौती और डिजिटल करेंसी के जल्द लाए जाने की बात कही थी। हालांकि, यह फिलहाल अभी पायलट लॉन्च है, जिसे चुनिंदा यूज केस के लिए रोल आउट किया जाएगा। Also Read - RBI ने जारी की 34 गैर-कानूनी Forex Trading प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट, यूजर्स को दी चेतावनी

RBI ने आज यानी 31 अक्टूबर को स्टेटमेंट जारी करके कहा कि पहला पायलट (होलसेल सेग्मेंट) यूज केस गवर्मेंट सिक्योरिटीज के तौर पर सेकेंडरी मार्केट ट्रांजेक्शन के सेटलमेंट के लिए लाया जाएगा। इसका इस्तेमाल इंटर-बैंक मार्केट के लिए प्रभावी हो सकता है। डिजिटल रूपी को भविष्य में इस पॉयलट के आधार पर होलसेल ट्रांजेक्शन, क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट आदि के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

भारतीय रिजर्व बैंक का यह पायलट यूज केस यूजर्स के बीच में डिजिटल रूपी के बारे में अवेयरनेस क्रिएट करेगा, ताकि इस तरह की करेंसी को भविष्य में इस्तेमाल करने में कोई दिक्कत न आए।

कैश में करा सकेंगे कन्वर्ट

RBI के मुताबिक, CBDC (डिजिटल रूपी) एक पेमेंट का मीडियम होगा, जिसे सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार एवं अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर लाया जाएगा। इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट (मौजूदा करेंसी) के बराबर होगी। यूजर्स इसे बैंक मनी और कैश में कन्वर्ट करा सकेंगे।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कहा था कि यह डिजिटल करेंसी मार्केट में मौजूद अन्य वर्चुअल करेंसी जैसे कि Bitcoin को खत्म कर देगा। केन्द्रीय बैंक Bitcoin जैसे क्रिप्टो और वर्चुअल करेंसी का शुरू से ही विरोध कर रही है।

ये 9 बैंक होंगे शामिल

RBI डिजिटल रुपी के इस पॉयलट प्रोजेक्ट के लिए कुल 9 बैंक सिलेक्ट किए गए हैं। इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), यूनियन बैंक, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC बैंक शामिल हैं।

CBDC (डिजिटल रूपी) के फायदे

सेंट्रल बैंक (RBI) ने डिजिटल करेंसी को दो कैटेगरी- CBDC-W और CBDC-R निर्धारित की है। CBDC-W को होलसेल करेंसी के तौर पर यूज किया जाएगा, वहीं CBDC-R को रिटेल करेंसी के तौर पर यूज कर सकेंगे। इसका इस्तेमाल सभी प्राइवेट, नॉन-फाइनेंशियल कंज्यूमर्स और बिजनेस कर सकेंगी। RBI का कहना है कि डिजिटल रूपी की वजह से भारत की डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा। इसकी वजह से बैंफिजिकल कैश मैनेजमेंट में होने वाले खर्चे को कम किया जा सकेगा। साथ ही, बिटकॉइन की चुनौती और डिजिटल करेंसी डिजिटल इकोनॉमी विकसित किया जा सकेगा।

  • Published Date: October 31, 2022 7:26 PM IST

दुनियाभर की लेटेस्ट tech news और reviews के साथ best recharge, पॉप्युलर मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव offers के लिए हमें फेसबुक, ट्विटर पर फॉलो करें। Also follow us on Facebook Messenger for latest updates.

रेटिंग: 4.97
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 721