घर बैठे विदेशी शेयर बाजारों में लगाएं पैसे, महज 1 डॉलर से कर सकते हैं शुरुआत!
आज की तारीख में निवेशक अपने पोर्टफोलियो में विदेशी कंपनियों के स्टॉक को भी शामिल करते हैं. ग्लोबल मार्केट में निवेश करने से जहां आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर सकते हैं. वहीं डायवर्सिफिकेशन के जरिए रिस्क को कम किया जा सकता है. जानकार मानते हैं कि इससे रिटर्न का संतुलन बना रहता है. (Photo: Getty Images)
भारतीयों को विदेशी शेयरों में सीधे निवेश करने की अनुमति मिले अब करीब 17 साल हो चुके हैं. लेकिन अभी जानकारी के अभाव में लोग विदेशी शेयर बाजारों में पैसे लगा नहीं पाते हैं. हमारे देश में अधिकतर लोगों का ये सवाल होता है कि विदेशी शेयर बाजारों में कैसे पैसे लगा सकते हैं? (Photo: Getty Images)
दरअसल आप घर बैठे गूगल, अमेजन, फेसबुक, टेस्ला और डॉमिनोज जैसे कई ब्लॉकबस्टर शेयरों में निवेश कर सकते हैं. इन कंपनियों का कारोबार दुनियाभर में है, और पिछले कुछ दशकों में इन कंपनियों ने निवेशकों को मालामाम कर दिया है. निवेश कई गुना बढ़ गया है. (Photo: Getty Images)
अमेरिकी समेत कई विदेशी मार्केट में पैसे लगाने से मुख्यतौर पर दो फायदे हैं. एक तो जैसे-जैसे कंपनियों का कारोबार बढ़ेगा, निवेशकों का उसी हिसाब से रिटर्न बढ़ता जाएगा. उदाहरण के तौर पर साल 2004 में गूगल का आईपीओ आया था, उस समय आईपीओ की कीमत 85 डॉलर थी. आज गूगल का एक शेयर 2,450 डॉलर का है. यानी करीब 28 गुना इजाफा हुआ है. (Photo: Getty Images)
इसके अलावा दूसरा बड़ा फायदा यह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के कारण तो रिटर्न और भी ज्यादा शानदार हो जाता है. पिछले कुछ वर्षों में डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हुआ है. फिलहाल एक डॉलर 74 रुपये के बराबर है. जबकि 2004 में एक डॉलर का भाव 46 रुपये था. यानी डॉलर मजबूत होने से रिटर्न और बढ़ जाता है.
लोगों के मन में एक बड़ा सवाल यह होता है कि विदेशी बड़ी कंपनियों के शेयर महंगे होते हैं. यह सच भी है. यूएस स्टॉक मार्केट दो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की तुलना करें दो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की तुलना करें में कुछ शेयर ऐसे हैं, जिनकी भारतीय रुपये में कीमत 1.5 से 2.5 लाख या इससे भी ज्यादा है. गूगल के एक शेयर की कीमत 181,000 रुपये है, जबकि अमेजन का एक शेयर 254,782 रुपये का है, वहीं फेसबुक का एक शेयर 26 हजार रुपये का है. (Photo: Getty Images)
लेकिन अब आप विदेशी बाजारों महज 1 डॉलर से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. इसके लिए बहुत ज्यादा कैश की जरूरत नहीं है. ऐसे कुछ प्लेटफॉर्म हैं, जहां से आप फ्रैक्शनल इंवेस्टिंग की सुविधा का लाभ उठा सकते हें. फ्रैक्शनल इंवेस्टिंग एक ऐसा तरीका है, जिससे यह काम आसानी से हो सकता है. इसके अलावा कई म्यूचुअल फंड्स हैं, जो विदेशी बाजारों में निवेश करते हैं. जहां आप घर बैठे निवेश कर सकते हैं.
हालांकि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय शेयर बाजारों ने दूसरे विदेशी बाजारों की तुलना दो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की तुलना करें में अच्छा किया है. जिससे विदेशी निवेशकों से तेजी से भारत का रुख किया है. हालांकि कहीं भी पैसे लगाने से पहले अपने वित्तीय सलाह की मदद जरूर लें.
कितना कर सकते हैं निवेश
आरबीआई की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) की गाइडलाइंस के मुताबिक कोई भारतीय विदेशी बाजारों में हर साल 2.50 लाख डॉलर तक निवेश कर सकता है. यह आरबीआई से अप्रूवल लिए बिना भी किया जा सकता है.
कैसे खुलेगा दो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की तुलना करें अकाउंट
इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी अकाउंट ओपनिंग की फ्री में सुविधा देते हैं. KYC प्रक्रिया पूरी करने के बाद कोई भी निवेशक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकता है. यह डीमैड अकाउंट की तरह होता है. अमेरिकी नियमों के अनुसार निवेशक को बर्थ सर्टिफिकेट, एड्रे प्रूफ और PAN कार्ड की स्कैन कॉपी लगानी दो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की तुलना करें जरूरी होती है.
मोदी सरकार : डॉलर को टक्कर देने के लिए सरकार ने बनाया ये प्लान, जल्दी होगा इसपर काम शुरू
HR Breaking News, New Delhi : वर्तमान में अमेरिकी डॉलर (Dollar) की कीमत काफी महंगी है तो वहीं भारतीय रुपये की कीमत काफी सस्ती है. लेकिन अब भारतीय रुपया डॉलर से टक्कर लेने के लिए तैयार है. दरअसल, मोदी सरकार की ओर से हाल ही में कुछ ऐसे फैसले लिए गए हैं, जो कि रुपये को आने वाले सालों में डॉलर की तुलना में मजबूत भी कर सकते हैं. वहीं पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी गिरावट देखने को मिली है. जिसके बाद रुपये को मजबूत करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इन्हीं कदमों में से एक मोदी सरकार की ओर से इंटरनेशनल ट्रेड (International Trade) का फैसला भी लिया गया है.
जताई सहमति
दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती रही है. हालांकि अब मोदी सरकार ने इसी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर फैसला लिया है और भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भारतीय रुपये में करने की संभावना तलाश रहा है. इसके लिए भारत कुछ देशों से लगातार बातचीत भी कर रहा है. इस बीच कुछ देशों ने रुपये में व्यापार करने में सहमति भी जता दी है.
श्रीलंका सहमत
वहीं भारत उन देशों को तलाश रहा है, जिनके पास डॉलर की कमी है. इस क्रम में श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये का इस्तेमाल करने पर सहमत हो गया है. सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका (CBSL) ने कहा कि वह भारतीय रुपये को श्रीलंका की विदेशी मुद्रा के रूप में नामित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी का इंतजार कर रहा है.
भारतीय रुपये का इस्तेमाल
श्रीलंकाई बैंकों ने भारतीय रुपये में ट्रेडिंग के लिए कथित रूप से स्पेशल वोस्ट्रो रुपी अकाउंट्स या SVRA नामक स्पेशल रुपी ट्रेडिंग अकाउंट खोला है. इसके साथ ही श्रीलंका और भारत के नागरिक एक दूसरे के बीच अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन के लिए अमेरिकी डॉलर की बजाय भारतीय रुपये का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं भारत के इस कदम से अमेरिका भी हैरान है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जरूर भारत के इस फैसले पर नजर बनाकर रख सकते हैं.
अवसर तलाश रहा भारत
वहीं रूस भी उन देशों की लिस्ट में शामिल हो सकता है जो कि आने वाले दिनों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये का इस्तेमाल करे. इसके अलावा भारत ताजिकिस्तान, क्यूबा, लक्समबर्ग और सूडान समेत कई दूसरों देशों में भी रुपये में कारोबार करने के अवसर तलाश रहा है. वहीं रुपये के अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बनने से उम्मीद है कि भारत का व्यापार घाटा कम होगा और वैश्विक बाजार में इसे मजबूत करने में मदद मिलेगी.
इस देश में नेटफ्लिक्स या अमेजन प्राइम का पासवर्ड शेयर करने पर हो सकती है जेल
आमतौर पर यूजर्स नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम या अन्य OTT प्लेटफार्म के पासवर्ड को जानने वाले लोगों के साथ साझा कर देते हैं। इससे कंपनियों को राजस्व का नुकसान होता है। ऐसी समस्या से निपटने के लिए यूनाइटेड दो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की तुलना करें किंगडम (UK) में नेटफ्लिक्स, डिज्नी प्लस और अमेजन प्राइम वीडियो का पासवर्ड शेयर करना अवैध माना जा सकता है। ब्रिटिश बौद्धिक संपदा कार्यालय द्वारा कहा गया है कि स्ट्रीमिंग सेवाओं का पासवर्ड साझा करना कानूनी तौर पर कॉपीराइट कानून का उल्लंघन है।
पासवर्ड शेयरिंग पर नकेल कसने के प्रयास में नेटफ्लिक्स
पासवर्ड शेयरिंग की समस्या के कारण नेटफ्लिक्स को राजस्व में भारी नुकसान हुआ है। जिससे नेटफ्लिक्स अब पासवर्ड शेयरिंग पर नकेल कसने की कोशिश कर रहा है। नेटफ्लिक्स ने पहले घोषणा की थी कि वह अगले साल से पासवर्ड साझा करने वाले अकाउंट से अतिरिक्त चार्ज करना शुरू करेगी। वहीं, UK में नया नियम लागू होने के बाद, स्ट्रीमिंग सेवा पासवर्ड शेयर करने वालों पर धोखाधड़ी या कॉपीराइट कानून के उल्लंघन के आरोप में मुकदमा चलाया जा सकता है।
Currency: अमेरिकी डॉलर को टक्कर देने के लिए मोदी सरकार का मास्टर प्लान, बाइडेन भी भारत के इस फैसले से हैरान!
International Trade: मोदी सरकार की ओर से हाल ही में कुछ ऐसे फैसले लिए गए हैं, जो कि रुपये को आने वाले सालों में डॉलर की तुलना में मजबूत भी कर सकते हैं. वहीं पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी गिरावट देखने को मिली है. जिसके बाद रुपये को मजबूत करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
Indian Currency: वर्तमान में अमेरिकी डॉलर (Dollar) की कीमत काफी महंगी है तो वहीं भारतीय रुपये की कीमत काफी सस्ती है. लेकिन अब भारतीय रुपया डॉलर से टक्कर लेने के लिए तैयार है. दरअसल, मोदी सरकार की ओर से हाल ही में कुछ ऐसे फैसले लिए गए हैं, जो कि रुपये को आने वाले सालों में डॉलर की तुलना में मजबूत भी कर सकते हैं. वहीं पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी गिरावट देखने को मिली है. जिसके बाद रुपये को मजबूत करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इन्हीं कदमों में से एक मोदी सरकार की ओर से इंटरनेशनल ट्रेड (International Trade) का फैसला भी लिया गया है.
जताई सहमति
दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती रही है. हालांकि अब मोदी सरकार दो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की तुलना करें ने इसी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर फैसला लिया है और भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भारतीय रुपये में करने की संभावना तलाश रहा है. इसके लिए भारत कुछ देशों से लगातार बातचीत भी कर रहा है. इस बीच कुछ देशों ने रुपये में व्यापार करने में सहमति भी जता दी है.
श्रीलंका सहमत
वहीं भारत उन देशों को तलाश रहा है, जिनके पास डॉलर की कमी है. इस क्रम में श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये का इस्तेमाल करने पर सहमत हो गया है. सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका (CBSL) ने कहा कि वह भारतीय रुपये को श्रीलंका की विदेशी मुद्रा के रूप में नामित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी का इंतजार कर रहा है.
भारतीय रुपये का इस्तेमाल
श्रीलंकाई बैंकों ने भारतीय रुपये में ट्रेडिंग के लिए कथित रूप से स्पेशल वोस्ट्रो रुपी अकाउंट्स या SVRA नामक स्पेशल रुपी ट्रेडिंग अकाउंट खोला है. इसके साथ ही श्रीलंका और भारत के नागरिक एक दूसरे के बीच अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन के लिए अमेरिकी डॉलर की बजाय भारतीय रुपये का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं भारत के इस कदम से अमेरिका भी हैरान है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जरूर भारत के इस फैसले पर नजर बनाकर रख सकते हैं.
अवसर तलाश रहा भारत
वहीं रूस भी उन देशों की लिस्ट में शामिल हो सकता है जो कि आने वाले दिनों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये का इस्तेमाल करे. इसके अलावा भारत ताजिकिस्तान, क्यूबा, लक्समबर्ग और सूडान समेत कई दूसरों देशों में भी रुपये में कारोबार करने के अवसर तलाश रहा है. वहीं रुपये के अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बनने से उम्मीद है कि भारत का व्यापार घाटा कम होगा और वैश्विक बाजार में इसे मजबूत करने में मदद मिलेगी.
क्या IQ Option एक घोटाला और मूल्य हेरफेर प्रतिरोधी है? IQ Option बनाम Olymp Trade की तुलना करें
आप लोकप्रिय EUR/USD जोड़ी के साथ देखते हैं। 5 नंबर वाले कॉमा के बाद Olymp Trade राउंड्स अप करता है| जबकि IQ Option 6 संख्याओं में राउंड करता है। इसका मतलब यह है कि IQ Option के मूल्य विभाजन ऑलिम्प ट्रेड से 10 गुना छोटा है। यह एक टिप है जो आपके अच्छे परिणामों को कम करता है। Fixed Time Trade में, एक लाभकारी परिणाम है: जीत या ब्रेकइवन इसलिए, IQ Option जैसे 10-टाइम प्राइस डिवीजन के साथ, टूटे हुए ब्रेकइवन शायद ही कभी होंगे। वहीं, कॉमा के बाद छठे डेसिमल पर मूल्य में उतार-चढ़ाव को हेरफेर किया जा सकता है। बस थोड़ा सा बढ़ें, आपके खाते से पैसे खोने के लिए पर्याप्त है।
IQ Option मूल्य में उतार-चढ़ाव को रोकता है
हाल ही के कुछ सबूत बताते हैं कि IQ Option के पास कीमतों को रोकने के लिए कुछ समय सीमाएं हैं। इसका मतलब है कि IQ Option में कीमत एक तरफ से चलता है| जबकि अन्य ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर, विशेष रूप से एमटी 4 प्लेटफॉर्म पर कीमतें अभी भी बढ़ रही हैं।
23 अक्टूबर को EUR/JPY जोड़ी के विशिष्ट उदाहरण।
MT4 पर कीमत की तुलना में, आप आसानी से देख सकते हैं कि IQ Option ने 4 कैंडलस्टिक्स बंद कर दिए हैं। इसका मतलब यह है कि इस समय सभी अप या डाउन ट्रेडों का ब्रेकइवन होगा। तब भी जब आप मूल्य की सही दिशा की भविष्यवाणी करते हैं, मालिक आपको पैसे नहीं देता है। इस तरह के बदलावों को बाधित कर के, हालांकि आपको अपने खाते में पैसा नहीं खोना है, इस लेनदेन प्रक्रिया में निरोधात्मक मनोविज्ञान बनता है।
देखिए, IQ Option मालिक गहरे रंगों के इंटरफ़ेस (हॉट कलर गेमट) का उपयोग करता है। यदि आपकी भावनाएं प्रभावित होती हैं, तो आप आसानी से ट्रेड के चक्कर में बह जाएंगे।
IQ Option प्रत्यक्ष कुछ मुद्रा जोड़े की कीमतों में हेरफेर करता है
यह कुछ ऐसा है जो केवल कुछ व्यापारी ही समझता है| कई मुद्रा जोड़े ऐसे होंगे जिनकी कीमतों में 90% तक के पे आउट (भुक्तान) के स्तर के साथ बहुत अधिक उतार-चढ़ाव होता है, यहां तक कि 90% से भी अधिक। USD/TRY मुद्रा जोड़ी जैसे विशिष्ट उदाहरण।
इस प्रकार कि गतिविधि वास्तविक नहीं है। और यदि आप एक ट्रेड खोलते हैं, तो पैसे खोने की संभावना लगभग निश्चित है।
यह मत कहिए कि IQ Option मूल्य में हेरफेर नहीं करता है
सभी मौजूदा Fixed Time Trade प्लेटफॉर्म का समान बिंदु एक है। मालिक को कभी-कभी अपने लिए लाभकारी परिणाम लाने के लिए कीमत और लेनदेन के समय दोनों को प्रभावित करने की आवश्यकता होती है। Olymp Trade, बिनोमो, IQ Option… आपको ज्ञात सभी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के अपनी चालें होते हैं। इसलिए, यह न समझें कि IQ Option सबसे अच्छा है और अन्य प्लेटफार्मों का निंदा करें।
दो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की तुलना करें: Olymp Trade और IQ Option
Olymp Trade वर्तमान में IQ Option से बेहतर है। क्यों?
Fixed Time Trade में मनोवैज्ञानिक कारकों पर काबू पाएं
यदि आप नए हैं, तो Olymp Trade एक बेहतर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है। Olymp Trade में, आप 1 मिनट (60 के अंकों) से कम के आर्डर से बचेंगे।
IQ Option व्यापारियों को 30 के अंकों में दो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की तुलना करें व्यापार विकल्प की अनुमति देता है। यह बहुत महत्वपूर्ण है, आप ऐसे व्यापारी होने चाहिए जिनके पास अच्छा मनोविज्ञान हो, 1 मिनट से कम समय में व्यापार करने में सक्षम होने का लंबा अनुभव (जैसे कि 30 के अंकों)।
बेहतर ट्रेडिंग प्लैटफॉर्म
वर्तमान में Olymp Trade में ऑर्डर, सपोर्ट टूल और डेमो अकाउंट खोलने की क्षमता IQ Option के बराबर है। इसके अलावा, जब आप ऑर्डर खोलते हैं, तो आप आंशिक रूप से IQ Option में जैसे लेनदेन टैब बनाने की परेशानी से बच जाते हैं।
पे आउट के हिसाब से, आप देखेंगे कि यह सुरक्षित, कम अस्थिर बाजार के घंटों में IQ Option का पे आउट अपेक्षाकृत कम है, यहां तक कि Olymp Trade से कई दर्जन प्रतिशत तक कम है। लेकिन जब बाजार एक मजबूत अस्थिरता क्षेत्र में प्रवेश करता है, तो वे सक्रिय रूप से उन मुद्रा जोड़े पर अपना पे आउट बढ़ाएंगे जिनकी खबरें हैं या उच्च तीव्रता पर कारोबार किया जा रहा है।
क्या आप जानते हैं कि कौन सा प्लेटफॉर्म आप के लिए अच्छा है? कौन सा प्लेटफ़ॉर्म अधिक अनुकूल है, अधिक सुखद है और जीतने की उच्च संभावना देता है, आप इसे अपने स्टॉपओवर के रूप में चुन सकते हैं।
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