18. सीपीएओ को पेंशन और पेंशन में संशोधन करने के लिए भी प्राधिकार।
कार्य आबंटन
उर्वरक विभाग के लेखा संगठन का नेतृत्व मुख्य लेखा नियंत्रक करते हैं। वह लेखा नियंत्रक / उप लेखा नियंत्रक और 2 पीएओ और 3 एएओ की सहायता से अपने कर्तव्यों का पालन करता है और न्यूनतम निवेश बजट मुख्य लेखा नियंत्रक के प्रभार के तहत एक पीएओ और एक एएओ न्यूनतम निवेश बजट से मिलकर एक आंतरिक लेखा परीक्षा विंग है।
इसके निम् न कर्तव् न्यूनतम निवेश बजट य हैं :
1. उर्वरक विभाग और एफआईसीसी के व् यक् तिगत दावों / राजसहायता दावों / ऋण और निवेश से संबंधित सभी भुगतान की व् यवस् था करना।
2. उर्वरक विभाग और एफआईसीसी के अधिकारियों और कर्मचारियों को पेंशन और अन् य सेवानिवृत् ति लाभों के भुगतान की व् यवस् था करना।
3. विभाग के सभी भुगतानों और प्राप् तियों का लेखा - जोखा रखना और विनियोजन लेखा , वित् त लेखा और केन् द्रीय लेनदेन के विवरण को मासिक और वार्षिक आधार पर समेकित करना।
4. उचत खाते के तहत न् यूनतम बकाया राशि के साथ जीएफआर के प्रावधानों के संदर्भ में खातों का प्रभावी ढंग से रखरखाव करना।
बजट में पेंशनधारकों को मिलने वाली है खुशखबरी! इतने रुपये बढ़ सकती है पेंशन
- केंद्रीय बजट से है बुजुर्गों की उम्मीद
- बुजुर्गों की पेंशन बढ़ाने की मांग
- प्रधानमंत्री स्व-रोजगार योजना का भी दिया सुझाव
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बुजुर्गों के लिए कई सुविधाओं की मांग
ये मांगें आय, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और वृद्धावस्था देखभाल के क्षेत्रों से लेकर बुजुर्गों के लिए कौशल प्रशिक्षण और वृद्ध लोगों के लिए उपकरण केंद्र स्थापित करने पर जोर देती हैं. इसके अलावा बुजुर्गों के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना, बुजुर्गों न्यूनतम निवेश बजट द्वारा उपयोग किए जाने वाले उत्पादों जैसे वयस्क डायपर, दवाएं और स्वास्थ्य उपकरण जैसे व्हीलचेयर, वॉकर आदि पर जीएसटी छूट प्रदान करना शामिल है.
पेंशन बढ़ाने की भी है मांग
जरूरतमंद लोगों के लिए न्यूनतम स्वास्थ्य सुरक्षा लाने के लिए प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) में सराहनीय रूप से किया गया है. उम्मीद है कि केंद्र देश भर में गरीब बुजुर्गों के लिए प्रति माह 3,000 रुपये की न्यूनतम न्यूनतम सामाजिक पेंशन स्थापित करने न्यूनतम निवेश बजट में पहल करेगा. इसके अलावा केंद्रीय योगदान को 200 रुपये (14 साल के लिए अपरिवर्तित) से बढ़ाकर कम से कम 1,000 रुपये प्रति माह तक करने की दिशा में भी काम किया जाए.
नवरात्रि के नौ रंगों से सीखें 9 वित्तीय सबक
नवरात्रि नौ दिनों का त्योहार है और इसे देवी दुर्गा की उपासना में मनाया जाता है जिन्होंने राक्षस महिषासुर से लड़ते हुए विभिन्न अवतार लिए थे। नवरात्रि के प्रत्येक दिन का अपना महत्व और रंग होता है। इस वर्ष, नवरात्रि के नौ रंगों का पोशाक पहनने के साथ, आप उन नौ वित्तीय सीखों पर भी एक नजर न्यूनतम निवेश बजट क्यों नहीं डालते जिनका आप अनुसरण कर सकते हैं? यहां उन नौ रंगों की सूची दी गई है और यह बताया गया है कि आप उनसे क्या सीख सकते हैं:
1. पीला - पीला चमक-दमक, कदम उठाने और शक्ति का रंग होने के साथ जागृति का प्रतीक है। आपको अपनी आय, व्यय और बचत के बारे में जागरूकता होनी चाहिए। विवेकपूर्ण बजट बनाना उचित है क्योंकि इससे आपको निवेश योग्य बड़ी रकम मिलती है, जिसे विभिन्न निवेश विकल्पों में (बेहतर रिटर्न के लिए) निवेश किया जा सकता है और जिसकी मदद से आप वांछित वित्तीय लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं। आपके द्वारा निर्धारित वित्तीय लक्ष्य S.M.A.R.T (विशिष्ट, मापने योग्य, समायोज्य, यथार्थवादी और समयबद्ध) होने चाहिए।
जम्मू और कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा की वेबसाइट
प्रयोक्ता जम्मू और कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। एफआईआर की स्थिति, शिकायत, साइबर अपराध एवं नकली नोट आदि के बारे में विवरण दिए गए हैं। गुमशुदा और फरार व्यक्तियों के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई है।
प्रयोक्ता उपभोक्ता कार्य विभाग और जम्मू - कश्मीर की सार्वजनिक वितरण के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उपभोक्ता संरक्षण संगठन सेटअप, कानूनी मैट्रोलोजी, योजनाएं न्यूनतम निवेश बजट और अनाज आदि जारी करने पर सूचना दी गई है।
जम्मू और कश्मीर के झीलों पर जानकारी
राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा जम्मू और कश्मीर में झीलों न्यूनतम निवेश बजट के बारे में जानकारी प्रदान की गई है। डल झील, नागिन झील, वुलर झील, मानसबल आदि जम्मू में स्थित झीलों के बारे में जानकारी दी गई है। उपयोगकर्ता पैंगांग झील, सोमो-रीरी झील, मनसर झील और सुरिंसर झील आदि अन्य झीलों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
आप जम्मू एवं कश्मीर के उधमपुर जिले की विस्तृत जानकारी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। इस जिला एवं इसके प्रशासन के बारे में, यहाँ के पर्यटन स्थलों, कृषि, शिक्षा एवं स्वास्थ्य इत्यादि के बारे में जानकारी यहाँ उपलब्ध है। जिला के सरकारी अधिकारियों की संपर्क विवरणी भी यहाँ उपलब्ध है। आप जिला के आपदा प्रबंधन के बारे में भी जानकारी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं।
PPF Limit In Budget 2023 : खुशखबरी, अब 1.5 लाख से तीन लाख रुपये तक हो सकती है PPF लिमिट, जाने
PPF Limit In Budget 2023 : PPF ( Public Provident Fund ) के एक लेख के अनुसार, नया साल न्यूनतम निवेश बजट शुरू होने वाला है ! और नए साल में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय बजट भी पेश किया जाएगा ! देश के वित्त मंत्री द्वारा संसद में बजट पेश किया जाता है ! वहीं, मोदी सरकार की तरफ से बजट में कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं ! बजट से पहले वित्त मंत्रालय से बजट को लेकर तरह-तरह के सुझाव भी मांगे जाते हैं ! वहीं बजट को लेकर एक अहम सुझाव एक संस्था की तरफ से दिया गया है !
PPF Limit In Budget 2023
देश में सरकार की ओर से पब्लिक प्रॉविडेंट फंड PPF ( Public Provident Fund ) की स्कीम चलाई जा रही है ! इस योजना के माध्यम से लोगों को सरकार की ओर से न्यूनतम निवेश बजट बचत और निवेश करने का अवसर दिया जाता है ! साथ ही इस योजना ( PPF Scheme ) से कमाए गए पैसों पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है ! वहीं, बजट से पहले इस योजना को लेकर सरकार को एक अहम सुझाव दिया गया है !
पीपीएफ में जमा: पीपीएफ योजना निवेश
PPF ( Public Provident Fund ) में एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है ! ऐसे में अगर पीपीएफ खाते ( PPF Account ) में हर महीने 12500 रुपये जमा होते हैं ! तो सालाना 1.5 रुपये निवेश किया जा सकता है ! अब अगर 15 साल तक इस तरह निवेश किया जाए तो 15 साल में 22.50 लाख रुपये पीपीएफ में जमा हो जाएंगे!
इसके साथ ही वर्तमान में इस राशि पर पीपीएफ खाते ( PPF Account ) में जमा राशि के आधार पर 7.1 प्रतिशत ब्याज ( PPF Interest Rate ) भी दिया जाता है ! अगर 12500 रुपये हर महीने जमा किया जाता है या 1.5 लाख रुपये सालाना 15 साल तक ! और अगर पीपीएफ( Public Provident Fund ) पर 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है तो 15 साल में 18,18,209 रुपये का ब्याज मिलता है !
पीपीएफ की लिमिट बढ़ाने की मांग
दरअसल, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने प्री-बजट मेमोरेंडम 2023 सरकार को सौंप दिया है ! इसमें आईसीएआई के जरिए सरकार को कई सुझाव दिए गए हैं ! इसके साथ ही एक सुझाव पब्लिक प्रोविडेंट फंड ( Public Provident Fund ) से भी जुड़ा है ! उन्होंने पीपीएफ ( PPF Account ) में निवेश की सीमा बढ़ाने की मांग की है !
आईसीएआई द्वारा यह सुझाव दिया गया है ! कि सार्वजनिक भविष्य निधि ( PPF ) में निवेश की सीमा को मौजूदा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये प्रति वर्ष किया जाना चाहिए ! आपको बता दें कि मौजूदा समय में PPF ( Public Provident Fund ) में न्यूनतम निवेश 500 रुपये प्रति वर्ष से लेकर 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष तक किया जा सकता है !
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