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तकनीकी और वित्तीय सहायता

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  1. मछली पालन के लिए पट्टे पर गांव के तालाबों को प्राप्त करने में सहायता ।
  2. मछली संस्कृति इकाई के निर्माण के लिए ऋण के लिए सहायता ।
  3. प्रशिक्षण और पुनश्चर्या पाठ्यक्रम सीमा तकनीकी विश्लेषण की व्यवस्था करना
  4. तालाब साइटों की मिट्टी और पानी का विश्लेषण
  5. योजना और तालाबों के अनुमानों की तैयारी
  6. गुणवत्ता वाले बीज और फ़ीड की आपूर्ति
  7. मछली के विकास की जांच
  8. मछली रोगों की जांच
  9. मछली फसल काटने की मशीन में सहायता
  10. मछली परिवहन और विपणन में सहायता

मत्स्य पालन विभाग हरियाणा मत्स्य पालन क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों को लेने के लिए मछली किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। वित्तीय सहायता प्रदान की एक योजना-वार विवरण निम्नानुसार है : :-

नीचे दिए गए गहन मत्स्य विकास कार्यक्रम की योजना के तहत मछली किसानों को वित्तीय सहायता: -

सीमा तकनीकी विश्लेषण
क्रमांक गतिविधि का नाम वित्तीय सहायता
1. एरियटर की स्थापना पर अनुदान वास्तविक लागत सीमा 30,000 रूपये प्रति हैक्टेयर ( समान्य वर्ग के लिए अनुदान की सीमा 40 प्रतिषत तथा कमजोर वर्ग/ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति/महिला तथा सहकारी समितिओं के लिए 60 प्रतिषत अनुदान लाभार्थिओं का अनुदान प्रदान किया जायेगा)
2. गहरा नलकूप की स्थापना पर अनुदान वास्तविक लागत सीमा 2 लाख सीमा तकनीकी विश्लेषण रूपये प्रति हैक्टेयर ( समान्य वर्ग क े लिए अनुदान की सीमा 40 प्रतिषत तथा कमजोर वर्ग/ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति/महिला तथा सहकारी समितिओं के लिए 60 प्रतिषत अनुदान लाभार्थिओं का अनुदान प्रदान किया जायेगा )
3. उथला (कम गहरा) नलकूप की स्थापना पर अनुदान । वास्तविक लागत सीमा 50,000 रूपये प्रति हैक्टेयर ( समान्य वर्ग के लिए अनुदान की सीमा 40 प्रतिषत तथा कमजोर वर्ग/ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति/महिला तथा सहकारी समितिओं के लिए 60 प्रतिषत अनुदान लाभार्थिओं का अनुदान प्रदान किया जायेगा)
4. अधिसूचित जल की नीलामी राशि पर वित्तीय सहायता 4,00,000 / -रुपये की अधिकतम सीमा के साथ वास्तविक नीलामी की राशि का 25% अनुदान।

मछली पालन क्षेत्र में अनुसूचित जाति परिवारों के लिए योजना योजना कल्याण के तहत मछली किसानों को वित्तीय सहायता नीचे दी गई है:-

क्रमांक वस्तुओं का विवरण मूल्यांकन
1 अधिसूचित जल की नीलामी राशि पर वित्तीय सहायता 4,00,000 / -रुपये की अधिकतम सीमा के साथ वास्तविक नीलामी की राशि का 25% अनुदान।
2 तालाब की लीज राशि पर सहायता। वास्तविक नीलामी राशि का 50% अनुदान या रु। 50,000 / - प्रति हेक्टेयर। जो भी 2,00,000 /रुपये की अधिकतम सीमा के साथ कम है।
3 इनपुट्स पर सब्सिडी (फीड की गई फीड) लाभार्थी को इस अनुदान मद 1.50 लाख रू0 /हैक्टेयर खर्च मे 60 प्रतिशत की दर से धनराशि 90,000/- रूपयें प्रति हैक्टेयर के अनुसार अनुदान प्रदान किया जायेगा, जिसकी अधिकतम सीमा 1.80 लाख रू0 होगी ।
4 मछली किसानों को प्रशिक्षण वजीफा मत्स्य किसानों को 10 दिन का प्रशिक्षण दिया जायेगा इसके लिए 100/- रूपये प्रतिदिन तथा 100/- रूपये एक मुश्त प्रति व्यक्ति आने जाने का किराया प्रदान किया जायेगा ।
5 मछली पकड़ने के जाल की खरीद पर सब्सिडी धनराशि 15000/- रू0 के मछली जाल खरीद पर 50 प्रतिशत की दर से वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी व अनुदान की अधिकतम सीमा 7500/- रूपयें होगी। ।
6 मछली मंडी मे थोक एवं खुदरा मछली दुकान के किराये पर अनुदान सहायता 1. लाभार्थी को थोक मछली दुकान हेतु 50 प्रतिशत की दरे से 5000/- रू0 प्रति माह एवं वास्तवित किराये का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो अनुदान प्रदान किया जाये । 2. लाभार्थी को प्रचून मछली दुकान हेतु 50 प्रतिशत की दरे से 3000/- रू0 प्रति माह एवं वास्तवित किराये का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो अनुदान प्रदान किया जाये ।
7. रंगीन मछली की लघु एवं मध्यम वर्गीय बेकर्याड हैचरी युनिट की स्थापना हेतु अनुदान सहायता 1. लघु वर्गीय रंगीन मछलियों की बैकयार्ड हैचरी की प्रति ईकाई 25,000/- रू0 के अनुसार 50 प्रतिशत की दर से 12,500/- रूपये प्रति सीमा तकनीकी विश्लेषण व्यक्ति को अनुदान प्रदान जायेगा । 2. मध्यम वर्गीय रंगीन मछलियों की बैकयार्ड हैचरी की प्रति ईकाई 2,00,000/- रू0 के अनुसार 50 प्रतिशत की दर से 100000/- रूपये प्रति व्यक्ति को अनुदान प्रदान जायेगा

Stock Market Tips: किसी शेयर में निवेश से पहले आप खुद भी करें रिसर्च, जानें फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस का फर्क और अहमियत

Stock Market Tips: किसी शेयर में निवेश से पहले आप खुद भी करें रिसर्च, जानें फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस का फर्क और अहमियत

फंडामेंटल तौर पर मजबूत स्टॉक की पहचान काफी आसान होता है क्योंकि आप इसे लंबे समय में करते हैं. वहीं टेक्निकल एनालिसिस में एकाएक उतार-चढ़ाव को एनालिसिस करना होता है. (Image- Pixabay)

Stock Market Tips: स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए बेहतरीन शेयरों का चयन करना पहला स्टेप होता है. इसके लिए मुख्य रूप से दो तरीकों से एनालिसिस किया सीमा तकनीकी विश्लेषण जाता है जैसे कि फंडामेंटल एनालिसिस या टेक्निकल एनालिसिस. हालांकि कभी-कभी कंफ्यूजन होती है कि इन दोनों ही एनालिसिस के जरिए शेयरों का चयन किया जाए या किसी एक एनालिसिस के सहारे स्टॉक मार्केट से मुनाफे की रणनीति अपनाई जाए.

Fundamental Analysis

इसमें कंपनी के फाइनेंशियल्स और P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को देखते हैं. इसके अलावा और भी रेशियो को एनालाइज करते हैं. अब अगर जैसे पीई रेशियो की बात करें तो इसकी वैल्यू अगर कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की काफी गुंजाइश है जब पीबी रेशियो कम है तो इसका मतलब हुआ कि स्टॉक अंडरवैल्यूड है. इसके अलावा फंडामेंटल एनालिसिस में बीटा को भी देखते हैं जो अगर एक से अधिक है सीमा तकनीकी विश्लेषण तो इसका मतलब हुआ कि मार्केट की तुलना में यह अधिक वोलेटाइल है. जो कंपनियां हाई डिविडेंड यील्ड वाली हैं और कर्ज मुक्त हैं, वे फंडामेंटली रूप से बहुत मजबूत हैं.

टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस की तुलना में थोड़ा अधिक कांप्लेक्स है. इसके तहत रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), बोलिंजर बैंड्स (Bollinger Bands) जैसे 30-40 टेक्निकल इंडिकेटर्स का एनालिसिस किया सीमा तकनीकी विश्लेषण सीमा तकनीकी विश्लेषण जा सकता है. इस एनालिसिस में स्टॉक की मजबूती और रूझानों का अनुमान लगाया जाता है.

Fundamental vs Technical Analysis

फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस को कुछ फैक्टर पर किया जााता है जैसे कि समय, रिस्क और ट्रैकिंग.

  • समय- फंडामेंटल एनालिसिस आमतौर पर ऐसे समय में किया जाता है जब आपको लंबे समय के लिए किसी स्टॉक को होल्ड करना है. इसके तहत ऐसे स्टॉक की पहचान की जाती है जो समय के साथ और मजबूत होंगे. इसके विपरीत टेक्निकल एनालिसिस को शॉर्ट टर्म में किसी स्टॉक में पैसे लगाने के लिए किया जाता है. इसमें बुलिश स्टॉक की पहचान की जाती है.
  • रिस्क- फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयरों में निवेश पर रिस्क कम होता है जबकि टेक्निकल वैरिएबल्स में ऐसा दावा नहीं किया जा सकता है.
  • ट्रैकिंग- फंडामेंटल तौर पर मजबूत स्टॉक की पहचान काफी आसान होता है क्योंकि आप इसे लंबे समय में करते हैं. वहीं टेक्निकल एनालिसिस में एकाएक उतार-चढ़ाव को एनालिसिस करना होता है.
  • वैल्यू: फंडामेंटल एनालिसिस में किसी कंपनी के कारोबार, इंडस्ट्री और मार्केट के साथ घरेलू व अंतरराष्ट्रीय माहौल का आकलन करते हुए फेयर वैल्यू डेवलप करते हैं. वहीं टेक्निकल में हिस्टोरिकल रिटर्न और भाव में बदलाव के जरिए आगे कीमतों में उतार-चढ़ाव का आकलन किया जाता है.

एथेरियम क्लासिक [ETC] और इसका तकनीकी विश्लेषण आपको इस महीने जानना आवश्यक है

Ethereum Classic [ETC] and its technical analysis you need to know this month

एथेरियम क्लासिक [ETC] 2022 की दूसरी छमाही में अल्पकालिक व्यापारियों के लिए सबसे अच्छी क्रिप्टोकरेंसी में से एक हो सकती है। इसकी कीमत की कार्रवाई अगस्त से एक समर्थन और प्रतिरोध सीमा के भीतर चल रही है, जो दिसंबर के पहले सप्ताह में इसके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है।

हालांकि, ईटीसी नेटवर्क में सबसे उल्लेखनीय घटनाओं में से एक पिछले कुछ महीनों में इसकी बढ़ती हैश दर रही है, जो इसकी कीमत कार्रवाई में हाथ हो सकती है।

एथेरियम मर्ज के परिणामस्वरूप ईटीसी में माइनर शिफ्ट हो गया, जिसने बाद में नेटवर्क की क्षमता, नेटवर्क के लिए निवेशकों की उम्मीदों और क्रिप्टोकरंसी की मांग को बढ़ाया।

ईटीसी किसी भी तरह से स्विंग कर सकता है

ईटीसी का आरएसआई लेखन के समय 50% के स्तर पर बंद हो रहा था, जिसने ऐतिहासिक रूप से एक रैली के दौरान लाभ-लाभ क्षेत्र के रूप में कार्य किया है। यदि यह परिणाम वास्तविकता बन जाता है, तो यह लघु विक्रेताओं के लिए अल्पावधि अवसर प्रस्तुत कर सकता है। एक रिट्रेसमेंट संभावित रूप से कीमत को $18.5 मूल्य सीमा तक नीचे धकेल सकता सीमा तकनीकी विश्लेषण है।

उपरोक्त उम्मीदें इस धारणा पर आधारित हैं कि एथेरियम क्लासिक की कीमत कार्रवाई समर्थन और प्रतिरोध सीमा के लिए बाध्य रहेगी। एक पैटर्न ब्रेकआउट भी संभावित है, खासकर अगर बाजार की धारणा तेजी के पक्ष में सुधार जारी रखती है।

ETC का वॉल्यूम दिसंबर में मामूली गिरावट के साथ शुरू हुआ। इस प्रकार, यह दर्शाता है कि उल्टा अपनी गति खो सकता है।

एथेरियम क्लासिक वॉल्यूम

गैलरी

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अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के दिनांक 17.05.2010 के ज्ञापन संख्या 296/93/2009-सीएक्स-9 के संबंध में निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय का एक निश्चित कार्य एवं कार्य-क्षेत्र है जिसके अनुसार प्रत्येक सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं सेवा कर आयुक्तालय का निरीक्षण प्रत्येक तीन वर्ष में एक बार किया जाना है।

अन्य बातों के साथ-साथ, निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय सीबीआईसी की निम्नलिखित क्षेत्रों में मदद करता है:

1. . पूरे देश में सीमा शुल्क, केंद्रीय माल और सेवा कर एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क तंत्र की कार्य प्रणाली का अध्ययन करना।

2. प्रभावी कार्यकरण हेतु क्रियाविधि निर्धारित कर एवं निरीक्षण के माध्यम से विभागीय तंत्र की दक्षता एवं महत्वपूर्ण प्रभावों में सुधार हेतु उपाय सुझाना।

महानिदेशक के डेस्क से

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सुश्री रेशमा लखानी
महानिदेशक, डीजीपीएम

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सी.बी.आई.सी) के निष्पादन मूल्यांकन स्कंध के रूप में, निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय का फील्ड कार्यालयों द्वारा हितधारकों को सुनिश्चित सेवाएं इष्टतम रूप से देने के लिए अपनाई जा रही प्रक्रियाओं का सीमा तकनीकी विश्लेषण सीमा तकनीकी विश्लेषण मूल्यांकन करने का प्रयास रहा है।
इस निदेशालय द्वारा फील्ड कार्यालयों की दक्षता की मापनीयता सुनिश्चित करने और कर प्रशासन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए लक्ष्य निर्धारण, रणनीतियां तैयार करने और निर्धारित मानकों के साथ वार्षिक कार्य योजनाओं को सुगम बनाने जैसे कार्य किए जाते हैं।
निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय मुख्यत: सीमा शुल्क एवं केंद्रीय माल और सेवा कर आयुक्तालयों के निरीक्षण करता है। सी.बी.आई.सी. के अधीन सभी 18 निदेशालयों का संवर्ग नियंत्रक प्राधिकरण होने के साथ-साथ यह बकाया कर की वसूली (टीएआर) हेतु और राजभाषा कार्यान्वयन हेतु नोडल कार्यालय भी है।
कोविड महामारी के दौरान, जवाबदेही और पारदर्शिता के साथ कागज-रहित कार्यालय की ओर बढ़ते हुए, निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय ने सी.बी.आई.सी के सभी कार्यालयों में ई-कार्यालय अनुप्रयोग को लागू किया है।
चूंकि सी.बी.आई.सी के अधीन सभी कार्यालयों के लिए, नई निष्पादन प्रबंधन प्रणाली - "आकलन" का क्रियान्वयन कर दिया गया है, निष्पादन प्रबंधन महानिदेशालय सिस्टम के तहत तीन बकेट अर्थात मासिक निष्पादन प्रबंधन के साथ जीएसटी/सीमा शुल्क के चयनित कार्यात्मक क्षेत्रों के लिए निष्पादन मेट्रिक्स; तिमाही "साधित" (स्व-मूल्यांकन और निपटान) लक्ष्य और उस पर निष्पादन; और आवधिक बैठकों और उसमें उठाए गए मुद्दों पर मासिक रिपोर्ट के संबंध में ज़ोन वार और निदेशालय वार डेटा के संग्रहण और तुलना के लिए उत्तरदायी है। परितुलित डेटा मासिक और त्रैमासिक आधार पर बोर्ड कार्यालय [सी.बी.आई.सी] को प्रस्तुत किया जाता है।
साइट हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है और प्रयास है कि इसे नियमित रूप से अद्यतन किया जाए।
किसी भी तरह के फीडबैक और सुझावों का स्वागत है। अपने फीडबैक और सुझाव dgpm-c[email protected] पर ई-मेल द्वारा भेज सकते हैं।

ट्विटर ने बढ़ाई शब्दों की सीमा, अब 280 कैरेक्टर्स में करें ट्वीट

ट्विटर ने शब्द सीमा बढ़ाई

  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2017,
  • (अपडेटेड 08 नवंबर 2017, 10:47 AM IST)

ट्विटर अपने यूजर्स के लिए 140 शब्दों में अपनी बात कहने की सीमा को खत्म करते हुए कैरेक्टर की सीमा दोगुनी यानी 280 कर दिया है. बहरहाल, चीनी, जापानी और कोरियाई भाषा में लिखने वाले लोगों के लिए अक्षरों की सीमा अभी भी 140 ही रहेगी क्योंकि इन भाषाओं में लिखने के लिए बेहद कम कैरेक्टर की जरूरत होती है.

ट्विटर ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अंग्रेजी भाषा में 9 फीसदी ट्वीट्स 140 कैरक्टर में लिखे जाते हैं, जिससे यूजर्स 140 कैरक्टर में अपने ट्विट को पूरा नहीं कर पाते हैं.

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