क्या हैं कारण
’कंप्यूटर और मोबाइल के लगातार इस्तेमाल से मांसपेशियों में खिंचाव आ जाना।
’पढ़ते या काम करते समय गर्दन का पॉस्चर सही न रखना।
’उम्र बढ़ने के साथ गर्दन के जोड़ों में
टूट-फूट होना।
’ऑस्टियोआथ्र्राइटिस के कारण गर्दन की हड्डियां क्षतिग्रस्त हो जाना।
’दुर्घटना या चोट लगने के कारण मांसपेशियों और ऊतकों में खिंचाव आ जाना या कशेरुकाएं विकृत हो जाना।
. तो डॉक्टर से संपर्क करें

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कंधे में दर्द - Shoulder Pain in Hindi

कंधे के हिलने-ढुलने व घूमने की सीमा रोटेटर कफ (कंधों को घुमानेवाली पेशी) द्वारा निर्धारित की जाती है। रोटेटर कफ चार टेंडन्स से मिलकर बना होता है। टेंडन वे रेशेदार ऊतक होते हैं, जो हड्डियों को मांसपेशियों से जोड़ते हैं। अगर रोटेटर कफ के आस-पास के टेंडन्स क्षतिग्रस्त या उनमें सूजन आई हुई है, तो बाजुओं को सिर को ऊपर की तरफ उठाने में दर्द या कठिनाई अनुभव हो सकती है।

कंधे किसी भी प्रकार के शारीरिक श्रम से क्षति ग्रस्त हो सकते हैं, जैसे खेल-कूद, काफी देर तक या बार-बार एक ही मूवमेंट करना। कुछ ऐसे रोग भी हैं, जिनसे कंधों में दर्द होने लगता है। इनमें गर्दन की सरवाइकल हड्डियां, साथ ही लिवर, हृदय या पित्ताश्य संबंधी रोग शामिल हैं।

उम्र बढ़ने के साथ-साथ कंधों में दर्द होने की संभावना भी बढ़ जाती है। विशेष रूप से 60 साल से ज़्यादा उम्र में यह समस्या आम हो जाती है, क्योंकि उम्र के साथ-साथ कंधे के आस-पास के ऊतक नष्ट या खराब होने लगते हैं।

क्या आप कंधे की जकड़न से पीड़ित हैं? आइए अपने दर्द को कम करने के लिए खिंचाव (स्ट्रेचिंग) देने और मजबूती प्रदान करने वाले कुछ प्रभावी व्यायामों के बारे में जानें।

हम दिन भर भारी वजन उठाते हैं, अपनी डेस्क इत्यादि पर झुककर काम करते हैं और बिना अपने शरीर की सुध लिए बिना लगातार अपने कंप्यूटर पर टाइप किए जाते हैं। इससे हमें अत्यधिक खिंचाव (ओवरस्ट्रेचिंग) या कंधे की जकड़न जैसी समस्या घेर सकती है।

यदि कंधे में सामान्य अवधि से ज्यादा समय तक दर्द, जकड़न की समस्या बनी रहती है और कंधे की गतिशीलता भी मुश्किल हो जाती सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है है तो इस समस्या को कंधे की जकड़न (फ्रोजन शोल्डर) या ऐड्हीसिव कैप्सूलाइटिस कहा जाता है। इस समस्या के कारण दांतों पर ब्रश करने, कपड़े पहनने या स्नान करने जैसे नियमित कार्य करना सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है भी कठिन हो सकता है।

यद्यपि बाजार में अस्थायी राहत के लिए कई तरह के उपाय उपलब्ध हैं, फिर भी उक्त लक्षणों की अनदेखी करना उचित नहीं होता है, और इसलिए तुरंत ही किसी सुयोग्य चिकित्सक से परामर्श करना हितकर रहता है।

कंधे की जकड़न के कारण

कंधे की जकड़न की समस्या किसी शल्यक्रिया (सर्जरी), चोट या हृदयरोग या तपेदिक, पार्किंसंस जैसी किसी अन्य बीमारी के कारण उत्पन्न होती है। यदि आप कोई चोट लगने के बाद कंधे के दर्द के लिए सुझाए गए व्यायाम नहीं करते हैं तो कंधे की जकड़न होने का जोखिम बढ़ जाता है।

मोटापा, बहुत अधिक बैठे रहने की आवश्यकता वाली जीवन शैली या हार्मोनों का असंतुलन भी कंधे की जकड़न का कारण बन सकते हैं।

कंधे की जकड़न का उपचार

आपका चिकित्सक कंधे के दर्द के लिए खिंचाव (स्ट्रेचिंग) देने और सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है मजबूती प्रदान करने वाले व्यायाम करने की सलाह दे सकता है। यहां विशेषज्ञों द्वारा अनुशंसित कुछ व्यायामों की सूची दी गई है, जो आपके कंधे के दर्द को कम करने में अत्यधिक सहायक सिद्ध हो सकते हैं-

कंधे की जकड़न के लिए खिंचाव (स्ट्रेचिंग) देने का व्यायाम

  1. बिस्तर पर लेट जाएं और अपने प्रभावित हाथ को ऊपर उठाने का प्रयास करें। यदि सहज अनुभव हो तो अपने हाथ को सिर से ऊपर उठाने का प्रयास भी कर सकते हैं। कुछ सेकंड के लिए हाथ को ऊपर उठाकर रखें और फिर धीरे-धीरे नीचे लाएं।
  2. बैठ जाएं या अपनी पीठ के सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है बल लेटें। अब प्रभावित हाथ को उठाएं, अपने घुटनों को मोड़ें, हाथ को फैलाएं और फिर सीधा करें।
  3. दीवार के सामने खड़े हो जाएं और अपनी बांह को उठाएं। अब अपनी कोहनी को मोड़कर अपनी उंगलियों को दीवार पर चलाने का प्रयास करें। इससे सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है आपको कंधे के दर्द में राहत मिलेगी।
  4. आराम से बैठ जाएं या खड़े हो जाएं। अब अपनी प्रभावित बांह को ऊपर उठाएं और इसे अपनी स्वस्थ बांह के कंधे तक लाए। कोमलता से दबाव बनाए रखते हुए अपनी प्रभावित बांह को सीधा रखें।
  5. सीधे खड़े हो जाएं। अब अपने कंधों को आराम दें और फिर अपनी बांह को छोटे-छोटे घेरे बनाते हुए घुमाएं। ऐसा 10 बार करें।

Migraine Neck Pain: गर्दन तक पहुंच सकता है माइग्रेन का दर्द, इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज

aajtak.in

माइग्रेन में सिर में एक सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है तरफ तेज दर्द होता है जिसे बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल होता है. माइग्रेन सिर्फ सिर दर्द तक ही सीमित नहीं रहता है. 4 से 72 घंटे के बीच ये दर्द शरीर के कुछ और हिस्सों में भी महसूस हो सकता है. इसकी वजह से कुछ लोगों को मिचली या उल्टी भी होने लगती है. कुछ लोगों को माइग्रेन का दर्द होने पर आवाज और तेज रौशनी से भी दिक्कत होती है.

माइग्रेन

पुरुषों की तुलना में महिलाओं को माइग्रेन की समस्या ज्यादा होती है. अमेरिका के एक सर्वे के मुताबिक माइग्रेन के 69 फीसद लोगों को सिर के साथ गर्दन में भी तेज दर्द होता है. एक रिसर्च में पाया गया है कि गर्दन का दर्द माइग्रेन का एक लक्षण हो सकता है.

गर्दन की दाईं तरफ होने वाला दर्द हो सकता सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है है खतरनाक, गंभीर बीमारी का है लक्षण

neck pain signs, symptoms, causes (Photo Credit: Getty Images)

  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2022,
  • (अपडेटेड 20 जून 2022, 7:50 AM सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है IST)
  • गर्दन में दर्द का कारण
  • गंभीर बीमारी का हो सकता है संकेत
  • लक्षणों को ना करें नजरअंदाज

गर्दन, शरीर का एक जरूरी हिस्सा है जिसमें स्पाइनल बोन्स, मांसपेशियां और कई तरह के टिशूज शामिल होते हैं. शरीर के कुछ अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों के विपरीत, गर्दन ढकी हुई नहीं होती जिस कारण इसमें चोट लगने का खतरा होता है. गर्दन में खिंचाव की समस्या भी आम है और इसकी वजह से में दर्द का सामना करना पड़ता है.

गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है गर्दन का दर्द, जानें कारण, लक्षण और बचाव

गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है गर्दन का दर्द, जानें कारण, लक्षण और बचाव

गर्दन में दर्द की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। शरीर का पॉस्चर ठीक न होने की सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है वजह से गर्दन की मांसपेशियों र्में ंखचाव आ जाता है। कंप्यूटर के लगातार बढ़ते प्रचलन ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है, क्योंकि लोग लगातार घंटों कंप्यूटर पर झुककर काम करते सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है रहते हैं। समय रहते उपचार न कराया जाए, तो सर्वाइकल पेन केवल गर्दन तक ही सीमित नहीं रहता है, बल्कि शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाता है। सर्वाइकल यानी गर्दन में दर्द की शिकायत करने वालों की संख्या आजकल तेजी से बढ़ रही है। इसे नजरअंदाज किया गया, तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। इससे बचाव के बारे में बता रहे हैं मनोज शर्मा

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