Demat Account: क्या है डीमैट अकाउंट, जानें खाता खोलने के लिए कौन से दस्तावेज हैं जरूरी
Tips To Open Demat Account: अगर आप भी सीधे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खोलने की जरूरत होगी। आइए जानते हैं डीमैट अकाउंट खोलने के लिए कौन से दस्तावेज जरूरी हैं।
- जानिए ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट क्या है डीमैट अकाउंट।
- यह ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करते हैं।
- जानें डीमैट अकाउंट खोलने के लिए कौन से दस्तावेज हैं जरूरी हैं।
शेयर बाजार में स्टॉक खरीदना और बेचना है तो उसके लिए डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है। डीमैट अकाउंट एक तरह से आपके बैंक अकाउंट की तरह होता है। अगर आप ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल रहे हैं तो आपको डीपी(ब्रोकर/बैंक) की वेबसाइट पर लॉगिन कर के अपना पैन कार्ड और एड्रेस प्रूफ अपलोड करना होगा। आवश्यक डॉक्यूमेंट बैंकों और अन्य वित्तीय संगठनों में आम हैं जो ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करते हैं। स्टॉक मार्केट के मामले में डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल एक ऐसे अकाउंट और लॉकर के रूप में किया जाता है, जहां आप खरीदे गए शेयर्स को जमा कर सकें। डीमैट अकाउंट खोलने से पहले आपको पर्सनल और इनकम डीटेल शेयर करने होते हैं।
डीमैट अकाउंट खोलने की प्रक्रिया वित्तीय संस्थानों में काफी समान है जिसे आपके ब्रोकर की मदद से शेयरों बाजार में खरीदारी करने से पहले डॉक्यूमेंट के एक मानक सेट की आवश्यकता होती है। आइए जानते हैं डीमैट अकाउंट खोलने के लिए किन-किन डॉक्यूमेंट्स की आवश्यकता होती है।
पहचान पत्र के दस्तावेज
- पैन कार्ड से छूट के अलावा यह हर निवेशक के लिए अनिवार्य है। पहचान का एक स्वीकार्य प्रमाण उस पर आवेदक की एक वैलिड तस्वीर होनी चाहिए।
- यूआईडी या विशिष्ट पहचान संख्या। यह आपका आधार या पासपोर्ट या मतदाता कार्ड हो सकता है।
- निम्नलिखित में से किसी भी एजेंसी द्वारा जारी किए गए डॉक्यूमेंट को पहचानने वाले (आवेदक की फोटो के साथ): केंद्र या राज्य सरकार
- नियामक निकाय
- पीएसयू कंपनियां
- अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक या सार्वजनिक वित्तीय कंपनियां
- विश्वविद्यालयों
- प्रोफेशनल बॉडी जैसे आईसीएआई, आईसीडब्ल्यूएआई, अन्य अपने सदस्यों के लिए इसे जारी ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट कर सकते हैं।
एड्रेस प्रूफ के तौर पर आवश्यक डॉक्यूमेंट
- पते का सबूत
- पते के प्रमाण के रूप में स्वीकार्य डॉक्यूमेंट में शामिल हैं:
- पासपोर्ट
- वोटर आईडी कार्ड ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट
- घर की रजिस्टर बिक्री या पट्टे का समझौता
- ड्राइविंग लाइसेंस
- मेंटेनेंस बिल
- इंश्योरेंस पेपर
- उपयोगिता या टेलीफोन बिल
- बिजली बिल (3 महीने से अधिक पुराने हो)
- पासबुक और बैंक अकाउंट स्टेटमेंट
- अनुसूचित बैंकों, अनुसूचित सहकारी बैंकों, राजपत्र अधिकारी, नोटरी पब्लिक, विधान सभाओं या संसद के निर्वाचित प्रतिनिधियों के बैंक प्रबंधकों द्वारा सत्यापित पते का प्रमाण
- डॉक्यूमेंट जारी किए गए: केंद्र या राज्य सरकार
- नियामक निकाय
- पीएसयू कंपनियां
- अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक या सार्वजनिक वित्तीय कंपनियां
- अधिकृत विश्वविद्यालय
- प्रोफेशनल बॉडी जैसे आईसीएआई, आईसीडब्ल्यूएआई, अन्य अपने सदस्यों के लिए इसे जारी कर सकते हैं
Contact-free ATM cash withdrawals : एटीएम छुए बिना एटीएम से निकाल सकते हैं रुपए, बस अपनाना होगा ये तरीका
आय का प्रमाण
- आईटीआर कॉपी
- ऑडिट किए गए एनुअल अकाउंट की फोटोकॉपी (योग्य सीए द्वारा ऑडिट की जानी चाहिए)
- सैलरी स्लीप
- वैध डीपी के साथ डीमैट खाते की डिटेल
- कैंसल्ड पर्सनलाइज्ड चेक
- पिछले 6 महीनों के लिए बैंक अकाउंट डिटेल
- संपत्ति के स्वामित्व को प्रमाणित करने के लिए डॉक्यूमेंट
- पॉवर ऑफ अटॉर्नी
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।
Demat aur Trading account kya hota hai?
आइए इसे उदाहरण से समझते हैं | मान लीजिए – आप ने अपने पर्स से कुछ पैसे निकाल कर दुकानदार को दिए | तो अब आप देखेंगे कि आपका पर्स एक डीमैट अकाउंट की तरह काम कर रहा है, और आपने पैसे दिए इसलिए आप एक ट्रेडिंग अकाउंट की तरह काम कर रहे हैं | अब इसी में अगर हम दुकानदार को देखें तो दुकानदार एक ट्रेडिंग अकाउंट जैसा काम कर रहा है, क्योंकि वह पैसे ले रहा है | वही दुकानदार का गल्ला डिमैट अकाउंट की तरह काम कर रहा है |
Demat अकाउंट कहां ओपन होता है?
जैसे बैंक अकाउंट बैंक में ओपन होता है | उसी तरह डिमैट अकाउंट डिपॉजिटरी कंपनी में ओपन होता है | भारत में दो ही डिपॉजिटरी कंपनी है | सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विस लिमिटेड (CDSL) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) |
ध्यान दें – हम बैंक अकाउंट की तरह डायरेक्टली डिपॉजिटरी में अकाउंट, नहीं ओपन कर सकते | डिमैट अकाउंट किसी ब्रोकरेज फर्म के द्वारा ही ओपन होता हैं | भारत में हजारों ब्रोकरेज फर्म है, जैसे – Zerodha, Groww आदि | जो किसी-न-किसी डिपॉजिटरी कंपनी से लिंक होते है |
ब्रोकरेज फर्म क्या होता है?
खरीदार और बेचने वाले के बीच में ब्रोकरेज फर्म मिडिल मैन (बिचौलिया) का काम करते हैं |
ब्रोकरेज फर्म के प्रकार?
ब्रोकरेज फर्म के तीन प्रकार होते हैं –
फुल सर्विस ब्रोकरेज फॉर्म | बैंक | डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म |
फुल सर्विस ब्रोकरेज फॉर्म इन्हें कहा जाता है, क्योंकि यह बहुत सारी सर्विस देते हैं | जैसे रिलेशनशिप मैनेजर, कॉल एंड ट्रेड, रिकमेंडेशन टिप्स आदि | जिसके बदले में ये फर्म ज्यादा फीस चार्ज करते हैं | उदाहरण के लिए – Sharekhan, Motilal Oswal आदि | | बैंक बेसिकली 3-इन-1 अकाउंट खोलते हैं | लेकिन बैंक के ब्रोकरेज चार्ज बहुत ही ज्यादा होते हैं | | डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म में कोई रिलेशनशिप मैनेजर और रिकमेंडेशन टिप्स नहीं मिलती | अगर आपको कोई परेशानी आती है, तो फिर आप को उनके सर्विस सेंटर या फिर उनको ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट ईमेल करना होगा | इसलिए डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म के ब्रोकरेज चार्ज कम होते हैं | उदाहरण के लिए – 5paisa, Upstox, Zerodha आदि | ज्यादातर डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म कॉल एंड ट्रेड करने का भी चार्ज लेते हैं | |
ध्यान दें – फुल सर्विस ब्रोकरेज फर्म और डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म दो अकाउंट खोलते हैं डीमैट और ट्रेडिंग |
ध्यान दें – किसी भी ब्रोकर के यहां अकाउंट खोलने से पहले ब्रोकरेज चार्ज / फीस के बारे में जरूर जान ले नहीं तो आगे चलकर आपका नुकसान भी हो सकता है |
मेरी राय से हमें अपना डिमैट अकाउंट डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म में ही खोलना चाहिए |
DP चार्ज क्या होता है?
DP चार्ज का फुल फॉर्म डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट चार्ज होता है | मान लीजिए – हम जब भी ब्रोकर के जरिए शेयर्स को खरीदते और बेचते हैं | अगर उस ब्रोकर का बिजनेस बंद हो गया, तो हम डायरेक्टली CDSL या NSDL से अपने शेयर को एक्सेस कर सकते हैं | इस तरह डिपॉजिटरी हमारी इन्वेस्टमेंट को सेफ रखने का काम करती है | जिसके बदले में डिपॉजिटरी छोटी सी फीस लेती है, जिसे डीपी चार्ज कहते हैं |
ध्यान दें – ब्रोकरेज फर्म भी DP चार्ज ले सकते हैं | क्योंकि उन्हें भी डिपॉजिटरी को कई तरह के चार्ज देने होते हैं |
CDSL vs NSDL?
CDSL | NSDL |
CDSL का फुल फॉर्म सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विस लिमिटेड होता है | यह भारत का दूसरा इलेक्ट्रॉनिक डिपॉजिटरी है | जिसकी स्थापना फरवरी 1999 में हुई थी | CDSL डिपॉजिटरी BSE के लिए काम करती है | अगर आपका डिमैट अकाउंट CDSL में है, तो आपकी ID में 16 नंबर होंगे | | NSDL का फुल फॉर्म नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड होता है | यह भारत का पहला इलेक्ट्रॉनिक डिपॉजिटरी है | जिसकी स्थापना 8 नवंबर 1996 मैं हुई थी | NSDL डिपॉजिटरी NSE के लिए काम करती है | अगर आपका डिमैट अकाउंट NSDL में है, तो आपकी आईडी की शुरुआत IN से होगी और इसमें 14 नंबर होंगे | इसके साथ ही NSDL PAN कार्ड भी जारी करती है | |
ध्यान दें – दोनों डिपॉजिटरी का मुख्यालय मुंबई में स्थित है |
Demat vs Trading Account : डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? दोनों के उपयोग क्या हैं?
Demat vs Trading Account : शेयर बाजार के निवेशकों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट (Demat and Trading Account) के बारे में तो बहुत सुना है, लेकिन ज्यादातर लोगों को इन दोनों खातों में अंतर नहीं पता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं कि डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है?
Table of Contents
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए दोनों का डीमैट अकाउंट होना जरूरी है।
आपको बता दें कि इक्विटी मार्केट (Equity Market ) में निवेश करने के लिए पहली शर्त किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट होना है। एक अन्य खाता डीमैट खाते से जुड़ा होता है जिसे ट्रेडिंग खाता कहा जाता है।
दोनों निवेशक जरूरत के हिसाब से दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग खाते दोनों अलग-अलग प्रकार के खाते हैं।
डीमैट खाता एक ऐसा खाता है जिसमें आप अपनी संपत्ति या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। दूसरी ओर, ट्रेडिंग खाता वह खाता है जिसके उपयोग से आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।
डीमैट खाता क्या है?
डीमैट खाता (Demat account) वह खाता है जिसके माध्यम से आप इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में अपनी इक्विटी हिस्सेदारी रखते हैं। डीमैट खाता भौतिक शेयरों (Physical Shares) को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करता है।
डीमैट खाता खोलने पर आपको एक डीमैट खाता संख्या दी जाती है जहां आप अपने इक्विटी शेयर रखते हैं। डीमैट अकाउंट काफी हद तक बैंक अकाउंट की तरह काम करता है।
यहां से आप इक्विटी मार्केट में किए गए अपने निवेश को जमा और निकाल सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि डीमैट खाता खोलने के लिए आपके पास कोई शेयर हो। खाते में जीरो बैलेंस होने पर भी आप डीमैट खाता खोल सकते हैं।
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है?
यदि आप इक्विटी शेयरों को खाते में रखने के बजाय व्यापार करना चाहते हैं, तो आपको एक ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट है।
अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयर खरीदना और बेचना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है?
जहां एक डीमैट खाता (Demat Account) आपके शेयरों या प्रतिभूतियों को डीमैटरियलाइज्ड तरीके से रखने वाला खाता है, वहीं दूसरी ओर, एक ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट ट्रेडिंग खाता आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी है।
डीमैट खाते में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है, इसमें कोई लेन-देन नहीं है। ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) का इस्तेमाल शेयरों की ट्रेडिंग के लिए किया जाता है।
निवेशकों को डीमैट खाते पर सालाना कुछ शुल्क (Some Annual Fee) देना पड़ता है। लेकिन ट्रेडिंग खाता आमतौर पर मुफ्त होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता आपसे शुल्क लेगा या नहीं।
क्या मैं केवल डीमैट या ट्रेडिंग खाता रख सकता हूँ?
आमतौर पर डीमैट और ट्रेडिंग खाते एक साथ खोले जाते हैं। शेयरों में निवेश के लिए दोनों तरह के खाते जरूरी हैं। जब आप शेयर खरीदते हैं और उन्हें लंबे समय तक रखना चाहते हैं, तो आपको एक डीमैट खाते की आवश्यकता होती है।
दूसरी ओर, यदि आप केवल शेयरों का व्यापार करना चाहते हैं तो आपको एक ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता है। यदि आप केवल इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग (Intraday Share Trading, Futures Trading, Options Trading and Currency Trading) करना चाहते हैं तो आपको केवल एक डीमैट खाता चाहिए। आप चाहें तो एक दूसरे के बिना भी दोनों तरह के अकाउंट रख सकते हैं।
Indore News: भारत में मंदी की आशंका नहीं, क्रिप्टो करेंसी के लालच से बचें, देश के मशहूर वित्तीय सलाहकार सुशांत बिंदल बोले
Indore News: देश के मशहूर वित्तीय सलाहकार सुशांत बिंदल ने नईदुनिया से की खास बात बोले सोने में अब उच्च स्तर की उम्मीद नहीं। सोशल मीडिया पर फर्जी मैसेज आते हैं। लोग टिप दे रहे हैं और प्रभावित ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट होकर युवा पैसा लगा रहे हैं और फंस रहे है।
Indore News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। देश में युवा वित्तीय सलाहकार के रूप में प्रसिद्धी हासिल करने वाले सुशांत बिंदल ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर चेतावनी जारी की है। साथ ही उन्हें नहीं लगता कि सोने के दाम अब ऊंचाई पर पहुंचेंगे। इंदौर चार्टर्ड अकाउंटेंट एसोसिएशन के विशेष ट्रेनिंग कार्यक्रम में पहुंचे सुशांत से नईदुनिया ने खास बात की। इंटरनेट मीडिया पर लाखों फालोअर बना चुके और देशभर में वित्तीय सलाह के लिए सेमिनार करने वाले सुशांत ने नईदुनिया से बात करते हुए हर मुद्दे पर बेबाक राय रखी।
प्रश्न: रुस-यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देश मंदी से जूझ रहे हैं। चीन में औद्योगिक उत्पादन गिर चुका है। इस बीच आरबीआइ के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने कहा है कि अगले वर्ष 5 प्रतिशत की दर से जीडीपी वृद्धि हासिल करना ही देश के लिए संभव होगा। क्या भारत की अर्थव्यवस्था पर भी मंदी का खतरा है?
- बड़े-बड़े आर्थिक संस्थान गोल्डमैन साक्स हो या मार्गन स्टेनले सब कह रहे हैं कि अगला दशक भारत का है। हम विश्व की फैक्ट्री बन रहे हैं। यह साफ है कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के तमाम देशों से बेहतर ही रहेगी। वैश्विक प्रभाव से शार्ट टर्म में थोड़ा बहुत प्रभाव पड़ सकता है लेकिन कुल मिलाकर भारत की आर्थिक वृद्धि सकारात्मक ही रहने वाली है।
प्रश्न: कोविड काल में देश में डीमैट अकाउंट की संख्या तेजी से बड़ी, युवा बड़े पैमाने पर हर दिन और घंटों के आधार पर शेयर बाजार में खरीदी-बिक्री कर रहे हैं। क्या ये निवेश और रिटर्न कमाने का बेहतर तरीका है?
- लाकडाउन जब हुआ तो लोगों के पास काम नहीं था तो वे शेयर मार्केट में आ गए। उस दौरान कई लोगों के पैसे डबल हुए। उन्हें लगा उन्हें निवेश और शेयर के बारे में सब पता है और सीख चुके हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। ये जो हर दिन और घंटे खरीदी बिक्री कर रहे हैं ये ट्रेडिंग नहीं है ये असल में सट्टेबाजी है। दिन ब दिन की ट्रेडिंग से लोगों की पूंजी को खासा नुकसान होगा। सोशल मीडिया पर फर्जी मैसेज आते हैं। लोग टिप दे रहे हैं और प्रभावित होकर युवा पैसा लगा रहे हैं और अपना रोजगार छोड़कर लालच में फंस रहे हैं।
प्रश्न: आजकल चलन है कि लोग साफ्टवेयर और एल्गोरिथम आधारित निवेश करने की सलाह देकर साफ्टवेयर बेच रहे हैं। क्या से कानूनी और सही है?
- हमारे देश में ऐसा कहा जाता है कि जब तक कोई बात गैरकानूनी नहीं है तब तक वह कानूनी है। साफ्टवेयर खरीद कर लोग मानते हैं कि बैठे-बैठे इंवेस्टमेंट हो जाएगा और पैसा आ जाएगा। जबकि असल एल्गोरिथम के लिए रिसर्च कंपनियां पांच करोड़ का निवेश मांगती है। आम निवेशकों को एल्गोरिथम के नाम पर जो साफ्टवेयर बेचे जा रहे हैं वे सिर्फ ठगी है। साफ्टवेयर सिर्फ नुकसान पहुंचाएंगे। यदि ये इतने एडवांस होते तो इन्हें बेचने वाले खुद ही इनके जरिए पैसा लगा रहे होते। हर कोई आसानी से कमा पाता।
- ब्लाक चैन तकनीक के रूप में बहुत मजबूत है। इस तकनीक में सप्लाय चैन को ब्लाकचैन से लिंक किया तो यह अपरिवर्तित होता है और कोई हेर-फेर नहीं हो सकती। तकनीक सही है लेकिन पैसा कमाने के चक्कर में इस तकनीक का मिसयूज क्रिप्टो करेंसी में किया गया। इसमें परेशानी है और लोगों को इससे दूर होना चाहिए। क्रिप्टो करेंसी पर कोई नियंत्रण नहीं है न ही किसी की गारंटी है। ऐसे में यह सिर्फ रिस्क है।
- ये बातें हम वर्षों से सुनते आ रहे हैं कि सोना उस स्तर और चांदी उस स्तर पर जाएगा। यह वैश्विक प्रभाव पर निर्भर करता है। ताजा स्थिति में ऐसी उम्मीद मुझे नहीं दिखती। ये बात अलग है कि अलग वैश्विक स्तर पर भूराजनैतिक कोई बड़ा परिवर्तन होता है। महंगाई और अन्य असुरक्षा की स्थिति बनती है तो ही सोना-चांदी उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है। फिजिकल सोने की बजाय गोल्ड ईटीफी अच्छा माध्यम है। लांग टर्म निवेश के लिए यह अच्छा माध्यम है।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट ऑनलाइन कैसे खोले?
शेयर बाजार (Share Market) में तेजी का सिलसिला जारी है। इससे शेयरों (Shares) में निवेश करने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। शेयरों में निवेश करने के लिए डीमैंट (demat) और ट्रेडिंग अकाउंट (trading account) होना जरूरी है। आइए जानते हैं इसे कैसे ऑनलाइन (online) खोला जा सकता है।
हाइलाइट्स
- प्रमुख ब्रोकरेज कंपनियां (brokerage firms) ऑनलाइन डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की सुविधा देती हैं।
- 18 साल से ज्यादा उम्र का कोई व्यक्ति ब्रोकरेज फर्म में डीमैंट (demat) और ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकता है।
- ब्रोकरेज फर्म की वेबसाइट (website) के माध्यम से आपको जरूरी डॉक्युमेंट अपलोड करने होंगे।
भरना होगा डिजिटल फॉर्म
ब्रोकरेज कंपनियां डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की सुविधा देती हैं। करीब सभी प्रमुख ब्रोकरेज फर्में ग्राहकों को ऑनलाइन डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की फैसिलिटी देती हैं। आपको ब्रोकरेज फर्म की वेबसाइट पर जाना होगा। वहां अकाउंट ओपनिंग फॉर्म में आपको अपना नाम, पता, पैन और बैंक अकाउंट की जानकारी देनी होगी। आप को उस बैंक अकाउंट की जानकारी देनी होगी, जिसे आप डीमैंट और ट्रेडिंग अकाउंट से लिंक करना चाहते हैं। इसके बाद आपको अपनी जरूरत के मुताबिक ब्रोकरेज फर्म का कोई प्लान सेलेक्ट करना होगा।
ये डॉक्युमेंट अपलोड करने होंगे
आपको कुछ डॉक्युमेंट की स्कैन की हुई कॉपी ब्रोकरेज फर्म की वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। इनमें आधार, पैन, कैंसल किया गया बैंक चेक शामिल हैं। इसके अलावा आपको अपनी फोटो भी अपलोड करनी होगी।
वेरिफिकेशन की प्रक्रिया
ब्रोकरेज फर्में अकाउंट खोलने से पहले निवेशक का वेरिफिकेशन करती हैं। ब्रोकरेज फर्म डिजिटल कॉल या निवेशक की वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए यह काम करती हैं। इसके बारे में ब्रोकरेज फर्म निवेशक को पहले से बता देती है।
आधार ई-वेरिफिकेशन
निवेशक अपने फॉर्म को ध्यान से पढ़ने के बाद उसे सब्मिट कर सकता है। ओटीपी के माध्यम से आधार ऑथेंटिकेशन प्रोसेस से फॉर्म पर इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर होंगे। स्कैन किए हुए डॉक्युमेंट अपलोड सहित सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद आपका डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुल जाता है। इसके बाद आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट में फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। दूसरे डीमैंट अकाउंट में रखे सिक्योरिटी को भी आप नए डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 92