डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयरों और संबंधित डॉक्युमेंट्स के रखरखाव की परेशानियों दूर हो जाती हैं।

डीमैट अकाउंट का अर्थ हम एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप कंपनी X का शेयर खरीदना चाहते है, शेयर खरीदने के साथ का वह आपके नाम पर ट्रांसफर भी होंगे। पहले आपको अपने नाम के साथ शेयर सर्टिफिकेट भी मिलते थे। जिसमें पेपर वर्क की कार्रवाई भी शामिल है। जितनी बार कोई शेयर खरीदा या बेचा जाता था तो उतनी बार सर्टिफिकेट बनाने पड़ते थे। इस कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए भारत ने एनएसई पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली की शुरुआत की।

आज के समय में कोई पेपर वर्क नहीं होती है और न ही कोई भैतिक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसलिए जब आप कंपनी X के शेयर खरीदते हैं, तो आपको जो भी मिलता है, वह आपके डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में एंटर हो जाता है। डीमैट एकाउंट को ऐसे ही आसान शब्दों में आप समझ गए होंगे।

यदि आप आज शेयर बाजार (एनएसई और बीएसई) या किसी अन्य सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो डीमैट अकाउंट अनिवार्य है. आपके द्वारा किए जाने वाले ट्रेड और लेनदेन के इलेक्ट्रॉनिक सेटेलमेंट के लिए डीमैट अकाउंट नंबर अनिवार्य है.

डीमैट अकाउंट कैसे प्राप्त करें?

जब आप डीमैट अकाउंट के बारे में जान गए हैं, तो आइए जानते है डीमैट अकाउंट कैसे खोला जा सकता है। आप डीमैट अकाउंट नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL ) या सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CSDL) के साथ खोल सकते हैं। ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) एजेंट नियुक्त करती हैं, जो स्वंय और इन्वेस्टर्स के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करती है। उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैंक एक डीपी है, जिसके साथ आप डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं। स्टॉकब्रोकर और फाइनेंसियल इंस्टीटूशन भी डीपी है। आप उनके साथ भी डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।

जिस तरह से एक बैंक अकाउंट में पैसा होता है, उसी तरह से एक डीमैट अकाउंट आपके इन्वेस्टमेंट को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखता है, जो लैपटॉप या स्मार्ट डिवाइस और इंटरनेट के साथ आसानी से एक्सेस हो सकता है। जिसको एक्सेस करने के लिए आपके पास एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड होना चाहिए। हालांकि, बैंक अकाउंट के विपरीत, आपके डीमैट अकाउंट में किसी भी प्रकार का 'न्यूनतम बैलेंस' होना आवश्यक नहीं है।

आप किसी भी डिपॉजिटर्स की वेबसाइट पर जाकर उनकी डीपी की सूची प्राप्त कर सकते है। जिसके साथ आप डीमैट एकाउंट खोलना चाहते है। डीपी का चुनाव उनके वार्षिक शुल्क पर निर्भर होना चाहिए।

यह ध्यान देना चाहिए कि आप एक से अधिक डीमैट एकाउंट को एक डीपी के साथ न जोड़े। क्योंकि एक पैन कार्ड को कई डीमैट अकाउंट के साथ जोड़ा जा सकता है।

डीमैट अकाउंट का विवरण

आपका डीमैट अकाउंट खुलने के बाद सुनिश्चित करें, कि आपको अपने डीपी से निम्न विवरण प्राप्त किया :

डीमैट अकाउंट नंबर : सीडीएलएस के तहत यह बेनिफिशियरी आईडी' के रूप में जाना जाता है। यह मुख्यत 16 कैरेक्टर का मिश्रण है।

डीपी आईडी : यह आईडी डिपॉजिटर प्रतिभागी को दी जाती है। जो आपके डीमैट अकाउंट नंबर का हिस्सा है।

पीओए नंबर : यह पावर ऑफ अटॉर्नी एग्रीमेंट का हिस्सा है, जहां एक इन्वेस्टर दिए गए निर्देशों के अनुसार स्टॉक ब्रोकर को अपने अकाउंट को संचालित करने की अनुमति देता है।

ऑनलाइन एक्सेस के लिए आपको अपने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट्स पर एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड भी मिलेगा।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट

डीमैट अकाउंट एक ट्रेडिंग अकाउंट के साथ होता है. जो शेयर बाजार में शेयर खरीदने औऱ बेचने Share market में अकाउंट कैसे खोलें? के लिए जरूरी है. उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैक का एक डीमैट अकाउंट 3 इन 1 होता है, जिसमें सेविंग, डीमैट और ट्रेडिंग तीनों को जोड़ा जाता है.

लोग कभी-कभी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच कंफ्यूज होते हैं कि वे एक जैसे नहीं हैं। एक डीमैट एकाउंट में आपके नाम के शेयरों और अन्य सिक्योरिटीज का विवरण होता है। शेयर खरीदने और बेचने के लिए, आपको एक ट्रेडिंग एकाउंट खोलना होगा। कई बैंक और ब्रोकर ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधाओं के साथ ट्रेडिंग एकाउंट की पेशकश करते हैं, जिससे आम इन्वेस्टर्स के लिए शेयर मार्केट में भाग लेना आसान हो जाता है।

डीमैट अकाउंट के प्रकार

अब हम डीमैट अकाउंट की परिभाषा समझ गए हैं। तो आइए डीमैट अकाउंट के प्रकारों को देखें। यह मुख्य रूप से तीन प्रकार हैं:

रेगुलर डीमैट अकाउंट: यह उन भारतीय नागरिकों के लिए है जो, देश में रहते हैं।

रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: इस तरह का डीमैट अकाउंट प्रवासी भारतीयों (NRI) के लिए है, जो विदेशों में फंड ट्रांसफर करने सक्षम बनाता है। हालांकि, इस तरह के डीमैट अकाउंट को एनआरई बैंक अकाउंट से लिंक करने की जरूरत है।

नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: यह भी एनआरआई के लिए है, लेकिन इस प्रकार के डीमैट अकाउंट के साथ, विदेशों में फंड ट्रांसफर करना संभव नहीं है। साथ ही इसे एनआरओ बैंक अकाउंट से भी लिंक कराना होगा।

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* इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य है और यह केवल सूचना के प्रयोजनों के लिए है। यह आपकी अपनी परिस्थितियों में विशिष्ट सलाह का विकल्प नहीं है।

Share Market Account Kaise Khole 2022 | शेयर मार्केट अकाउंट कैसे खोलें

Share Market Account Kaise Khole 2022 | शेयर मार्केट अकाउंट कैसे खोलें , नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का एक बार फिर हमारी Website Be Ro B oCo में , आज एक बार हम फिर हाजिर हैं आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी को लेकर जिसे हम Share Market Account Kaise Khole 2022 | शेयर मार्केट अकाउंट कैसे खोलें के नाम से जानते हैं।

दोस्तो क्या आपने भी Trading Account Kaise Khole, Demat Account Kaise Khole, शेयर मार्केट अकाउंट क्या है और Share Market Account Open Hindi आदि के बारे में Search किया है और आपको निराशा हाथ लगी है ऐसे में आप बहुत सही जगह आ गए है , आइये Share Market Account Opening Process, Share Market Account Name In Hindi, ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोले और डीमेट अकाउंट कैसे खोले ​आदि के बारे में बुनियादी बाते जानते है।

दोस्तो अगर आपने पानी मे तैरा कैसे जाए से सम्बंधित बहुत सी किताबे पढ़ ली और कभी पानी मे उतरे ही नही या फिर साइकिल कैसे चलाये के ऊपर बहुत सारी किताबे पढ़ ली लेकिन कभी साईकिल पर सवार ही नही हुए तो आपको क्या लगता है कि बिना Practical किये ये सब चीजें आपको आने वाली है ?

इसीतरह Share Market को आप चाहे कितना भी बड़े – बड़े Mentor से सीख ले या फिर चाहे कितनी भी Share Market के ऊपर Books पढ़ ले , आप निपुण तभी बनेंगे जब आप इसको Practically सीखेंगे।

क्योंकि जो Emotions Trading के दौरान पैदा होते है उन्हें किसी Video को देखकर या किताब पढ़कर पैदा नही किया जा सकता है। ऐसे में आपको Shares के लेनदेन के लिए Share Market में Account की जरूरत होगी जिसे हम Demat Account कहते है।

अगर आप Share Market Me Account Kaise Khole से संबंधित जानकारी को पाने के लिए मेरे इस लेख पर आ गए है तो लेख के अंत तक बने रहे आपको Share Market Me Account Kaise Khole ( शेयर मार्केट में अकाउंट कैसे खोलें) से संबंधित पूरी और सटीक जानकारी यहाँ पर मिलेगी। आप beroboco.com पर है।

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इन दिनों डीमैट अकाउंट (Demat Account) खुलवाने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. आजकल इक्विटी मार्केट (Equity Market) . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 26, 2020, 05:44 IST

नई दिल्ली: इन दिनों डीमैट अकाउंट (Demat Account) खुलवाने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. आजकल इक्विटी मार्केट (Equity Market) में लोगों का इंट्रस्ट काफी बढ़ता जा रहा है. बता दें इस अकाउंट के Share market में अकाउंट कैसे खोलें? जरिए लोग बाजार में पैसा लगाकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. इस खाते को खुलवाने और पैसा लगाने के लिए आप फाइनेंशियल प्लानर की भी मदद ले सकते हैं. आज हम आपको वो आसान 9 स्टेप्स बताएंगे जिसके जरिए आप आसानी से भारतीय ऑनलाइन इंवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म ग्रो (Groww) में अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं.

आइए जानते हैं कैसे खोलें ऑनलाइन इंवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म ग्रो (Groww) में डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं-

स्टेप-1. सबसे पहले आप 'ग्रो' एप को 'लॉग इन' करें. 'स्टॉक टैब' में जाकर 'कंप्लीट सेटप' पर क्लिक करें.

स्टेप-2. आगे बढ़ने के लिए आप 'ओपन स्टॉक अकाउंट' पर क्लिक करें. बता दें कि 'ग्रो' पर डीमैट अकाउंट खोलने के लिए कोई शु्ल्क नहीं लिया जाता है.

स्टेप-3. इसके बाद 'केवाईसी' की प्रक्रिया को पूरा करें. इसमें काम, इनकम, माता-पिता का नाम जैसी जरूरी जानकारी भरें और फिर 'नेक्स्ट' (Next) पर क्लिक करें.

स्टेप-4. नेक्स्ट पर क्लिक करने के बाद 'ड्रॉप डाउन लिस्ट' में जाएं.

स्टेप-5. इसमें आपको 'आधार नंबर' और 'ई-साइन' जमा करने होंगे. फिर आपको आधार में रजिस्टर्ड नंबर पर एक 'ओटीपी' मिलेगा. ई-साइन के लिए आपको 'ई-साइन एओएफ' पर क्लिक करना होगा.

स्टेप-6. अगर आपका मोबाइल नंबर 'आधार' से लिंक है तो आप उसमें ओटीपी नंबर डाले फिर 'सब्मिट' (Submit) पर क्लिक करें.

स्टेप-7. अगली जानकारी को ध्यान से पढ़ने के बाद 'साइन नाउ' पर क्लिक करें.

स्टेप-8. आपको NSDL इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर सेवा के लिए निर्देश मिलेगा. आपको इसमें 'आधार नबंर' और 'आधार वर्चुअल आईडी' देनी होगी. फिर आप 'सेंड ओटीपी टैब' पर क्लिक करें. 'ई-साइन प्रोसेस' को पूरा करने के लिए आपको 'ओटीपी नंबर' फीड करना होगा.

स्टेप-9. अंत में आपको स्क्रीन पर 'साइन्ड सक्सेसफुली' का संदेश नजर आएगा. जिसका मतलब है कि अब आप ग्रो कंपनी में निवेश कर सकते हैं. इसके लिए आपको 'लेट्स स्टार्ट' टैब पर क्लिक करना होगा. वहीं, 24 घंटे के अंदर 'वेरिफिकेशन प्रकियाट पूरी हो जाएगी. इसके बाद आप कंपनी 'ग्रो' के साथ अपना पैसा निवेश कर सकते हैं.

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Share Trading Account कैसे खोलें?

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए Demat Share market में अकाउंट कैसे खोलें? Account के साथ-साथ आपका ट्रेडिंग अकाउंट भी होना अति आवश्यक है. अगर आप शेयर मार्केट से शेयर खरीद करके उससे ट्रेडिंग करना चाहते हैं. तो आप केवल डिमैट अकाउंट खोल करके ऐसा नहीं कर सकते हैं. आपको शेयर की ट्रेडिंग के लिए ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है. आज हम अपने इस लेख में आप लोगों को यह बताएंगे कि Share Trading Account कैसे खोलें? How to Open Share Trading Account in Hindi इसी के साथ ही, ट्रेडिंग अकाउंट से संबंधित आपको बेसिक जानकारी भी उपलब्ध करा रहे हैं.

शेयर ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. शेयर मार्केट में निवेश के लिए Demat Account के साथ-साथ ट्रेडिंग अकाउंट भी होना आवश्यक होता है. बिना ट्रेडिंग अकाउंट के आप शेयर की खरीद बिक्री नहीं कर सकते हैं. इसलिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की पूरी जानकारी होना भी बहुत जरूरी है.

Share Trading account क्या होता है?

शेयर ट्रेडिंग अकाउंट (Share trading account) ब्रोकर के साथ खोला जाता है. शेयर ट्रेडिंग के लिए पैसों का भुगतान आप चेक, NEFT, RTGS के माध्यम से कर सकते हैं. जो आपके बचत बैंक खाते किशोरियों होता है. जो भी आप अपने शेयर को खरीदते या बेचते हैं तब आपको आपके ब्रोकर को ब्रोकरेज Brokerage देनी होती है. अगर आप शेयर मार्केट से शेयर खरीदते हैं तो 2 दिन (T+2 रोलिंग टाइम सेटलमेंट) यानी कि 2 दिन के भीतर आपके डिमैट अकाउंट पर शेयर ट्रांसफर हो जाते हैं. वहीं अगर आप शेयर बेचना चाहते हैं तो तीसरे दिन आपके अकाउंट में पैसे भी आ जाते हैं. जब आप शेयर बेचते हैं तो डिमैट अकाउंट से ब्रोकर को शेयर ट्रांसफर करना होता है.

शेयर बेचते वक्त, से ट्रांसफर करने के लिए कई बार आपको ब्लॉक कर पावर ऑफ अटॉर्नी भी साइन करनी होती है. जिससे ब्रोकर खुद-ब-खुद आपके डिमैट अकाउंट से ब्रोकर के डिमैट अकाउंट पर शेयर ट्रांसफर कर लेता है.

वहीं अगर हम Mutual Funds और ETF मे भी अगर निवेश करना चाहते हैं, तो उसके लिए भी हमारे पास में डिमैट अकाउंट होना जरूरी होता है. इसके अलावा ट्रेडिंग अकाउंट f&o, करंसी ट्रेडिंग और कॉमेडीटी के लिए भी जरूरी होता है.

जो भी आप ट्रेडिंग अकाउंट खोलने से पहले आपको इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान रखना चाहिए. सबसे पहले सही ब्रोकर का चुनाव करें. उसके बाद में ब्रोकर के चार्जेस और सर्विसेस का पता कर ले. आप चाहे तो आपने ब्रोकर से Brokerage और Charges की Bargaining भी कर सकते हैं. ब्रोकर एग्रीमेंट को साइन करने से पहले ध्यान पूर्वक उसे पढ़ लेना जरूरी होता है.

आपको यह बात भी ध्यान रखनी होती है कि यह एग्रीमेंट मुंबई स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के लिए अलग अलग हो सकती है. आपका ब्रोकर आपकी बिना मर्जी से किसी भी एग्रीमेंट में कोई भी बदलाव नहीं कर सकता है.

Share Trading Account कैसे खोलें?

Share Trading ( शेयर ट्रेडिंग) अकाउंट खोलने के लिए आपको वही सारे डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है. जो कि आप किसी बैंक में अपना खाता खुलवाने के लिए जाते हैं. तब आपसे जो डॉक्यूमेंट मांगा जाता है. शेयर ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आपको निम्नलिखित डॉक्यूमेंट की आवश्यकता पड़ सकती है, जिसकी एक सूची हमने नीचे बनाई है:- How to Open Share Trading account in Hindi

  1. एड्रेस प्रूफ और आईडी प्रूफ जिसमें आप वोटर आईडी, पासपोर्ट या फिर आधार कार्ड दे सकते हैं.
  2. पैन कार्ड देना जरूरी होता है.
  3. बैंक स्टेटमेंट बैंक स्टेटमेंट को आप एड्रेस प्रूफ में भी दे सकते हैं.
  4. डिमैट अकाउंट स्टेटमेंट
  5. अकाउंट होल्डर की दो फोटो
  6. नॉमिनी की डिटेल और एक फोटोग्राफ

शेयर बाजार में खरीदारी के लिए हमें ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है. और यह हमें SEBI द्वारा रजिस्टर डिपॉजिटरी प्रतिभागी यानी शेयर ब्रोकर के पास में खुलवाना होता है. इसे बैंक खाते और डिमैट अकाउंट से लिंक किया जाता है. ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही शेयर की खरीद बिक्री की जाती है. इस ट्रेडिंग अकाउंट के बिना हम शेयर बाजार से खरीदने और बेचने का काम नहीं कर सकते हैं. प्रत्येक ट्रेडिंग अकाउंट के लिए एक अलग ट्रेडिंग यूजर आईडी और एक पासवर्ड होता है. इसके लिए एक इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम (Trading Terminal Software) होता है, जिससे हमें ब्रोकर उपलब्ध कराता है. जिसके इस्तेमाल से लेनदेन किया जाता है. जिससे आपको शेयर खरीदने और बेचने के लिए शारीरिक रूप से उपस्थित होने की जरूरत नहीं होती है. बल्कि हम कहीं से भी कंप्यूटर के माध्यम से आसानी से व्यापार या फिर ट्रेडिंग कर सकते हैं. सरल भाषा में अगर कहा जाए तो ट्रेडिंग अकाउंट ही शेयर बाजार में शेयरों के लेनदेन करने का एक साधन, माध्यम और एकमात्र जरिया है. How to Open Share Trading account in Hindi

लेकिन आज के डिजिटल युग में हमें अकाउंट खोलने के लिए शेयर ब्रोकर की वेबसाइट पर जाकर के ऑनलाइन अकाउंट खोलने का फॉर्म और केवाईसी डॉक्यूमेंट की प्रतिलिपि को अपलोड करना होता है, इसके बाद कोरियर या डाक की मदद से अपनी self-attested केवाईसी डॉक्यूमेंट और ओरिजिनल फॉर्म शेयर ब्रोकर के पास भेज देते हैं. इसके बाद शेयर ब्रोकर हमारे डॉक्यूमेंट को वेरीफाई करने के बाद हमारा ट्रेडिंग अकाउंट खोल देता है.

ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से जब भी हम शेयर बाजार से शेयर की खरीद बिक्री करते हैं तो हमारा शेयर ब्रोकर हमारे आर्डर को स्टॉक एक्सचेंज तक पहुंचाता है और हमारा आर्डर कंपलीट होने पर शेयर ब्रोकर हमें आर्डर कंपलीट होने का कन्फर्मेशन और जानकारी भेज देता है. खरीदे के शेयर हमारे डीमैट खाते में जमा हो जाती है. और शेयर के मूल्य के साथ-साथ टैक्स तथा ब्रोकरेज चार्ज भी हमारे अकाउंट से कट जाता है. वही शेयर बेचते वक्त शेयर हमारे डीमैट खाते से ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रांसफर हो जाते हैं. ट्रेडिंग के लिए पैसे की निकासी और जमा बैंक खाते के जरिए होता है.

मैं इस ब्लॉग का संस्थापक हूं. यहां पर मैं विभिन्न विषयों पर आधारित लेख लिखता हूं. हम यहां सरल शब्दों में आप सभी को जानकारी उपलब्ध कराने की कोशिश करते हैं.

शेयर मार्केट में अकाउंट कैसे खोलें

शेयर मार्केट के फायदे

शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए निम्न औपचारिकताओं को पूर्ण करना होता है:

स्टॉक ब्रोकर के साथ पंजीकरण

भारत में ट्रेडिंग के लिए मुख्यतः दो प्लेटफार्म बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) एवं एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) उपलब्ध है। परंतु निवेशक सीधे तौर पर उपलब्ध प्लेटफार्म पर ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। ट्रेडिंग आरंभ करने से पूर्व निवेशकों को स्टॉक ब्रोकर्स के साथ पंजीकरण करना अनिवार्य होता है। स्टॉक ब्रोकर्स निवेशक के प्रतिनिधि के रूप में सभी प्रकार की खरीद-फरोख्त करते हैं। स्टॉक ब्रोकर्स मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:

डिस्काउंट ब्रोकर्स: डिस्काउंट ब्रोकर्स जैसे कि जीरोधा, एंजल ब्रोकिंग का उपयोग निवेशकों द्वारा उस स्थिति में किया जाता है जब वे स्वयं ट्रेडिंग करना चाहते हैं जिसके कारण स्टॉक ब्रोकर्स निवेशकों पर बहुत कम ट्रांजैक्शन शुल्क एवं वार्षिक मेंटेनेंस शुल्क लागू करते हैं।

फुल सर्विस ब्रोकर्स: फुल सर्विस ब्रोकर्स अपने अनुभव एवं विश्लेषण के आधार पर निवेशकों को संपूर्ण सेवाएं प्रदान करते हैं। Share market में अकाउंट कैसे खोलें? उदाहरण के तौर पर उचित स्टॉक उचित समय पर चुनाव करना एवं चुने गए स्टॉक में निवेश की जाने वाली राशि को सुनिश्चित करना। फुल सर्विस ब्रोकर निवेशकों को और भी सेवाएं प्रदान करते हैं उदाहरण के तौर पर टैक्स संबंधी सुझाव, एस्टेट प्लैनिंग, कंस्ट्रक्शन, इनिशियल पब्लिक आफरिंग आदि। फुल सर्विस ब्रोकर निवेशकों के पोर्टफोलियो में निरंतर सुधार भी करते रहते हैं। इसी कारण फुल सर्विस ब्रोकर्स निवेशकों पर सामान्य से अधिक शुल्क लागू करते हैं।

आवेदन: उचित स्टॉक ब्रोकर के चुनाव के बाद निवेशक द्वारा स्टॉक ब्रोकर को संपूर्ण व्यक्तिगत जानकारी प्रदान की जाती है जिसके आधार पर निवेशक की सरकारी विनियमन के अंतर्गत जांच की जाती है एवं पंजीकरण किया जाता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट ऑनलाइन सिर्फ 15 मिनट में ही खो जाते हैं और उसके बाद आप अपनी ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।

ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करना

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग आरंभ करने के लिए स्टॉक ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करना अनिवार्य है। ट्रेडिंग अकाउंट निवेशक द्वारा की गई सभी प्रकार की खरीद-फरोख्त को दर्शाता है। ट्रेडिंग अकाउंट निवेशक के बैंक अकाउंट एवं डीमैट अकाउंट के मध्य संपर्क स्थापित करता है।

ट्रेडिंग अकाउंट के उपयोग द्वारा स्टॉक्स खरीदे जाने पर संबंधित राशि बैंक अकाउंट से डेबिट हो जाती है एवं इसके विपरीत स्टॉक्स के बेचे जाने पर जाने पर संबंधित राशि बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो जाती है।

ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने के लिए केवाईसी फॉर्म के साथ निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • वर्तमान बैंक अकाउंट से संबंधित कैंसल्ड चेक
  • आय प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ

डीमैट अकाउंट ओपन करना

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग आरंभ करने के लिए स्टॉक ब्रोकर के साथ डिमैट अकाउंट ओपन करना भी अनिवार्य है। डिमैट अकाउंट निवेशक द्वारा संग्रहित सभी प्रकार की सिक्योरिटी को दर्शाता है। डीमैट अकाउंट का उपयोग निवेशक द्वारा खरीदे गई सभी प्रकार की सिक्योरिटी को संग्रहित करने के लिए किया जाता है।

ट्रेडिंग अकाउंट के उपयोग द्वारा शेयर खरीदे जाने पर संबंधित शेयर की संख्या डिमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाती है एवं इसके विपरीत शेयर के बेचे जाने पर संबंधित शेयर की संख्या डीमैट अकाउंट से डेबिट हो जाती है।

डिमैट अकाउंट ओपन करने के लिए केवाईसी फॉर्म के साथ निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • आय प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ

बैंक अकाउंट लिंक करना

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग आरंभ करने के लिए बैंक अकाउंट का ट्रेडिंग अकाउंट के साथ लिंक होना अनिवार्य है। ट्रेडिंग अकाउंट का बैंक अकाउंट के साथ लिंक होना स्टॉक मार्केट में होने वाली खरीद-फरोख्त को सहज बनाता है।

ट्रेडिंग अकाउंट एवं डिमैट अकाउंट के सक्रिय होने एवं ट्रेडिंग अकाउंट एवं बैंक अकाउंट लिंक होने के बाद निवेशक ट्रेडिंग आरंभ कर सकते हैं। स्टॉक मार्केट में निवेश एक लाभप्रद विकल्प है एवं इसके पोर्टफोलियो को विविधीकरण प्रदान कर इसे अधिक लाभप्रद बनाया जा सकता है।

ध्यान दें बैंक अकाउंट लिंक करने के लिए आपको कुछ अलग से नहीं करना पड़ता है। ट्रेडिंग अकाउंट खोलते वक्त आपका बैंक अकाउंट खुद ब खुद आपके ट्रेडिंग अकाउंट के साथ लिंक कर दिया जाता है।

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