बता दें कि बीते खतौली विधानसभा (Khatauli Assembly) में कुल 69.65 प्रतिशत मतदान हुआ था। 80 फीसदी मतदान का आंकड़ा छूने वाले कई बूथ Bitcoin से जुड़ा दिलचस्प मामला थे। मुस्लिम बहुल गांव माने जाने वाले दाहखेड़ी के बूथ संख्या-एक पर 84.81 प्रतिशत मतदान हुआ था। बूथ संख्या दो पर 77.16 और बूथ संख्या तीन पर 76.94 प्रतिशत वोट पड़े थे। मुस्लिम बहुल माने जाने वाले फुलत गांव के बूथ संख्या एक पर भी 60.34 प्रतिशत वोट पड़े थे।
UP By-Election 2022 : बसपा ने छोड़ा मैदान, मुकाबला बना रोचक, अब मुस्लिम की चाल पर टिकी जीत-हार
UP By-Election 2022 : यूपी (UP) के मुजफ्फरनगर जिले (Muzaffarnagar District) में खतौली विधानसभा उपचुनाव (Khatauli Assembly By-Election)में मुस्लिम बहुल गांवों में मतदान के प्रतिशत पर सबकी निगाह टिकी है। मुख्य चुनाव में कई बूथों पर 80 Bitcoin से जुड़ा दिलचस्प मामला फीसदी मतदान हुआ था, लेकिन इस बार मुस्लिमों के मतदान की चाल पर सबकी निगाह टिकी है। सपा-रालोद-आसपा गठबंधन ने तो चुनाव आयोग को भाजपा पर आरोप लगाते हुए चिट्ठी भी लिख दी है।
UP By-Election 2022 : यूपी (UP) के मुजफ्फरनगर जिले (Muzaffarnagar District) में खतौली विधानसभा उपचुनाव (Khatauli Assembly By-Election)में मुस्लिम बहुल गांवों में मतदान के प्रतिशत पर सबकी निगाह टिकी है। मुख्य चुनाव में कई बूथों पर 80 फीसदी मतदान Bitcoin से जुड़ा दिलचस्प मामला हुआ था, लेकिन इस बार मुस्लिमों के मतदान की चाल पर सबकी निगाह टिकी है। सपा-रालोद-आसपा गठबंधन ने तो चुनाव आयोग को भाजपा पर आरोप लगाते हुए चिट्ठी भी लिख दी है।
इंटरनेट सुरक्षा कंपनी ने दी जानकारी
इंटरनेट सुरक्षा फर्म ESET ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि एंड्रॉयड और iOS यूजर्स के लिए मालिशियस क्रिप्टो वॉलेट्स बड़ा खतरा बने हैं। ये मालिशियस ऐप्स कॉइनबेस, इमटोकन, मेटामास्क, ट्रस्ट वॉलेट, बिटपाइ, टोकनपॉकेट और वनकी जैसे लोकप्रिय वॉलेट्स की पहचान चुरा रही हैं। Bitcoin से जुड़ा दिलचस्प मामला ऐसे ट्रोजनाइज्ड क्रिप्टो वॉलेट्स सबसे पहले मई, 2021 में सामने आए थे और चाइनीज यूजर्स को निशाना बना रहे थे। अब दुनियाभर में यूजर्स पर इनसे जुड़ा खतरा मंडरा रहा है।
ESET की ओर से की गई रिसर्च में किसी अटैकर की ओर से चलाई जा रही स्कीम का पता चला और लोकप्रिय क्रिप्टो वॉलेट्स की नकल करने वाली 40 से ज्यादा वेबसाइट्स सामने आई हैं। ये वेबसाइट्स मोबाइल यूजर्स और विजिटर्स को अलग-अलग तरीकों से मालिशियस वॉलेट ऐप्स डाउनलोड करने के लिए फंसा रही हैं। यूजर्स असली क्रिप्टो वॉलेट्स की वेबसाइट समझकर ये ऐप्स डाउनलोड कर लेते हैं और अटैक का शिकार बन जाते हैं।
सिर्फ चाइनीज यूजर्स तक सीमित नहीं है खतरा
शुरू में माना जा रहा था कि केवल चाइनीज यूजर्स नई मालिशियस ऐप्स का शिकार बन रहे हैं, लेकिन रिसर्च में सामने आया है कि नई स्कीम अंग्रेजी इस्तेमाल करने वाले सभी यूजर्स को प्रभावित कर रही है। ESET में मालवेयर एनालिस्ट लूकस स्टिफैंको ने बताया, "अटैकर्स सिर्फ चाइनीज यूजर्स को ही निशाना नहीं बना रहे, ज्यादातर फेक वेबसाइट्स अंग्रेजी में हैं और वे दुनिया के अलग-अलग हिस्सों वाले किसी भी यूजर को निशाना बना सकती हैं।"
रिसर्चर्स को पता चला है कि अटैकर्स यह मालवेयर फैलाने के लिए Bitcoin से जुड़ा दिलचस्प मामला लोगों को चोरी किए गए वॉलेट का 50 प्रतिशत कमीशन के तौर पर Bitcoin से जुड़ा दिलचस्प मामला भी दे रहे थे। इस तरह वे चाहते थे कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस मालवेयर को फैलाएं और इसका शिकार बनें। क्रिप्टो वॉलेट्स से जुड़े मालवेयर को फैलाने का विकल्प टेलीग्राम यूजर्स को दिया जा रहा था, हालांकि अलग-अलग Bitcoin से जुड़ा दिलचस्प मामला ऑपरेटिंग सिस्टम पर ये ऐप्स अलग तरह Bitcoin से जुड़ा दिलचस्प मामला से काम करती हैं।
गूगल प्ले स्टोर पर भी मिलीं मालिशियस ऐप्स
ESET रिसर्चर्स को को गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद 13 फेक वॉलेट ऐप्स का पता भी चला है। इन ऐप्स को गूगल ने इस साल जनवरी में प्लेटफॉर्म से हटा Bitcoin से जुड़ा दिलचस्प मामला दिया है, लेकिन इससे पहले उन्हें हजारों बार डाउनलोड किया गया। रिसर्चर्स ने केवल आधिकारिक सोर्स से ही ऐप्स डाउनलोड करने की सलाह दी है। इसके अलावा यूजर्स को मालिशियस लगने वाली ऐप्स अनइंस्टॉल करने के लिए भी कहा गया है।
मालवेयर वाली क्रिप्टो वॉलेट ऐप्स सीड फ्रेज चोरी कर सकती हैं, जिनकी मदद Bitcoin से जुड़ा दिलचस्प मामला से वॉलेट से जुड़े क्रिप्टो का ऐक्सेस अटैकर्स को मिल जाता है। ये फ्रेजेस सीक्रेट टेलीग्राम ग्रुप्स या फिर अटैकर के सर्वर पर शेयर किए जा सकते हैं।
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