शेयरधारकों के पास एक कंपनी में इक्विटी के शेयर होते हैं। वे शेयर खरीदते हैं और लाभांश अर्जित करते हैं, इस पर निर्भर करता है कि उनके पास कितने शेयर हैं। उनके पास अपने शेयरों के आधार पर मतदान का अधिकार होता है।
Capital Account क्या है? हिंदी में
मैक्रोइकॉनॉमिक्स और अंतर्राष्ट्रीय वित्त में, पूंजी खाता एक अर्थव्यवस्था में निवेश लेनदेन के शुद्ध प्रवाह को रिकॉर्ड करता है। यह भुगतान संतुलन के दो प्राथमिक घटकों में से एक है, दूसरा चालू खाता (Current Account) है।
अंतरराष्ट्रीय मैक्रोइकॉनॉमिक्स में पूंजी खाता, भुगतान संतुलन का हिस्सा है जो एक देश में संस्थाओं के बीच शेष दुनिया में संस्थाओं के साथ किए गए सभी लेनदेन को रिकॉर्ड करता है। इन लेन-देन में माल, सेवाओं, पूंजी के आयात और निर्यात और विदेशी सहायता और प्रेषण जैसे हस्तांतरण भुगतान शामिल हैं। भुगतान संतुलन एक पूंजी खाते और एक चालू खाते के प्रकार क्या हैं चालू खाते से बना होता है - हालांकि एक संकीर्ण परिभाषा पूंजी खाते को एक वित्तीय खाते और एक पूंजी खाते में विभाजित करती है। पूंजी खाता संपत्ति (capital account asset) के राष्ट्रीय स्वामित्व में परिवर्तन को मापता है, जबकि चालू खाता देश की शुद्ध आय को मापता है।
'पूंजीगत खाता' की परिभाषा [Definition of "Capital Account"] [In Hindi]
Capital Account को किसी राष्ट्र के भुगतान संतुलन के प्राथमिक घटकों में से एक माना जा सकता है। यह किसी देश के लिए पूंजीगत व्यय और आय का सारांश देता है।
एक अकेला मालिक 100% व्यवसाय का मालिक होता है। मालिक के पूंजी खाते को कंपनी की बैलेंस शीट में मालिक के रूप में दिखाया गया है।
एक कंपनी और सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) कंपनी में भागीदार पूंजी खाते रखते हैं। जब वे प्रवेश करते हैं, तो व्यक्ति व्यवसाय में निवेश करते हुए, व्यवसाय के लिए एक पूंजी प्रतिबद्धता बना रहा होता है। लाभ और हानि के भागीदार हिस्से की गणना साझेदारी समझौते या एलएलपी परिचालन समझौते में उनके पूंजी हिस्से के आधार पर की जाती है।
पूंजी खातों का महत्व [Importance of Account]
जब आप एक कंपनी शुरू करते हैं और बैंक ऋण चाहते हैं, तो बैंक यह देखना चाहेगा कि आपने व्यवसाय में कितना निवेश किया है। अगर मालिक को कंपनी में कोई दिलचस्पी नहीं है, तो वह दूर जा सकता है और पैसे रखने वाले बैग को छोड़ सकता है।
यदि आप एक कंपनी शुरू करते हैं, तो आपको शुरू करने के लिए कुछ पैसे निवेश करने होंगे। कंपनी में निवेश के रूप में उपयोग किए जाने वाले धन को प्राप्त करने के चालू खाते के प्रकार क्या हैं लिए आपको व्यक्तिगत ऋण लेने की आवश्यकता हो सकती है।
बैंक खातों के कितने प्रकार होते है? और उनके क्या फायदे होते है?
जब भी आप बैंक में जाते है तो आपके मन में ये सवाल जरूर आता होगा की बैंक खातों के कितने प्रकार होते है? , आपको बैंक में कौनसा खाता खोलवाना चाहिए? और उन खातों से आपको कितना लाभ और नुकसान होगा? तो चलिए इसके बारे में विस्तार में जानते है।
बैंक क्या है?
Table of Contents
बैंक एक तरह का वित्तीय संस्थान है जो आपको आपके पैसे लेने और देने का कार्य करता है। बैंक में आप अपना पैसे सुरक्षित रख सकते है और बैंक आपको उस पैसों का ब्याज भी देता है। यदि आपको कभी पैसों को सख़्त जरूत पड़ गई तो आप बैंक से उधर भी ले सकते है। और उस पैसों को आप ब्याज के साथ किस्तों में चुका चालू खाते के प्रकार क्या हैं सकते है।
बैंक खातों किसे कहते है?
बैंक खाते में ही आप अपने पैसे सुरक्षित रख सकते है। बैंक जाने पर बैंक वाले आपका पैसा जमा या देने के लिए आपका बैंक अकाउंट खोलते है ताकि आप अपने पैसों की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सके।
बैंक खातों कितने प्रकार होते है?
बैंक खातों चार प्रकार के होते है?
- बचत खाता (Saving Account)
- चालू खाता (Current Account)
- सावधि जमा खाता (Fixed Deposit Account)
- अवधि जमा खाता (Recurring Deposit Account)
बचत खाता (Saving Account):-
बचत खाता अर्थात saving account होता है। जहां आप अपने कमाई के पैसे में से की गई बचत राशि को आप बचत खाता में रख सकते है। बैंक आपके पैसों पर ब्याज भी देता है। ब्याज दर हर बैंक द्वारा अलग अलग होती है। इसकी ब्याज दर 3 से 5% के बीच ही होती है।
इस खाते में दो तरह के खाते खुलते है एक ज़ीरो बैलेंस खाता और दूसरा मिनिमम अकाउंट बैलेंस। ज़ीरो बैलेंस खाते में मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य नहीं होता है। जबकि चालू खाते के प्रकार क्या हैं चालू खाते के प्रकार क्या हैं मिनिमम बैलेंस अकाउंट में बैंक द्वारा न्यूनतम राशि रखना अनिवार्य होता है। जो हर बैंक अलग अलग राशि की मांग रखता है अगर आप ये राशि खाते में नहीं रख पाते है तो बैंक आपसे चार्ज वसूल करता है।
बैंक खाते कितने प्रकार के होते है?
इस प्रकार का खाता मुख्य रूप से उद्यमी, फर्म और कंपनियों के लिए होता है। जिसके अकाउंट में पैसे की चालू खाते के प्रकार क्या हैं लेन देन सबसे ज्यादा होती है उनके पास चालू खाता होता है। ऐसे अकाउंट में लाखों रुपए आते हैं और निकालें भी जाते हैं। यानी कि अकाउंट पैसों के आदान-प्रदान में कार्यरत रहता है। इस प्रकार के खाते की खास बात यह है कि इसमें जमा करने या फिर पैसे निकालने के चालू खाते के प्रकार क्या हैं लिए किसी भी प्रकार की सीमा नहीं होती। चालू खाते के खाताधारक को उसके अकाउंट में पड़ी राशि का इंटरेस्ट नहीं मिलता।
नाम सुनते ही आपको समझ में आ गया होगा कि सेविंग अकाउंट बचत करने के लिए खोला जाता चालू खाते के प्रकार क्या हैं है। यदि आप चाहते हैं कि आपके बचाए हुए पैसे पर इंटरेस्ट मिले तो आपको भी अपना बचत खाता खुलवाना पड़ता है। आप कितने पैसे जमा करवाएंगे उतना ही आपके लिए फायदेमंद रहेगा। कोई भी सामान्य व्यक्ति, कंपनी में काम करने वाला, सरकारी नौकरी करने वाला, पेंशन पर रहने वाला या फिर कोई विद्यार्थी हो जिसे अपने पैसों को बचा कर रखना हो वह सेविंग चालू खाते के प्रकार क्या हैं अकाउंट खोल सकता है। इस खाते में से आप कभी भी अपने पैसे निकाल सकते हो और खाते में पैसे जमा भी करवा सकते हो।
आवर्ती खाता:
इस प्रकार के खाते में वे लोग खाता खोलते हैं जो एक निश्चित राशि नियमित रूप से जमा करना चाहते हैं और जिसके जरिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा ब्याज मिले। इस प्रकार के अकाउंट में एक खास राशि निर्धारित की गई अवधि मे हर महीने अकाउंट में जमा करवानी पडती है। निर्धारित की गई समय अवधि के समाप्त हो जाने पर ब्याज के साथ धनराशि का भुगतान कर दिया जाता है। राशि जमा करने के लिए न्यूनतम अवधि 1 साल की और अधिकतम अवधि 10 साल की होती है। ब्याज का दर जमा किए गए धनराशि और जमा की अवधि के हिसाब से अलग-अलग प्लान मे अलग-अलग होती है। उदाहरण के स्वरूप में यदि आप 10,000 हर महीने जमा करवाते हो तो आपको ज्यादा ब्याज मिलेगा। और यदि आप 4000 जमा करवाते हो तो आपको कम ब्याज मिलेगा। वैसे ही यदि आप ज्यादा समय के लिए पैसे जमा करवाते हो तो आपको ज्यादा ब्याज मिलेगा और यदि आप कम समय के लिए पैसे जमा कराते हो तो आपको चालू खाते के प्रकार क्या हैं कम ब्याज मिलेगा।
सावधी जमा खाता:
इस प्रकार के खाते में एक खास अवधि के लिए एक विशेष धनराशि जमा की जाती है। यहां पर एक बार ही धनराशि जमा करानी होती है और एक बार ही निकाल सकते हो। इसमें भी आप समय से पहले पैसे नहीं निकाल सकते। आपको निर्धारित की गई अवधि के पहले पैसे निकलवाने हो तो आपको बैंक द्वारा निर्धारित की गई पेनल्टी देनी पड़ती है। इसके बाद से आपका अकाउंट हमेशा के लिए बंद कर दिया जाता है। फिक्स डिपॉजिट में खाताधारक को सबसे ज्यादा ब्याज मिलता है। ब्याज का दर जमा की अवधि और पैसे के आधार पर निर्धारित किया जाता है जो अधिकतर 10 सालों तक होती है।
Last Final Word
यह थी बैंक में पाए जाने वाले खाते के बारे में जानकारी। हम उम्मीद करते हैं कि हमारी जानकारी से आपको फायदा रहा होगा। यदि आपके मन में अभी भी कोई सवाल हो गया हो तो हमें कमेंट के माध्यम से बताइएगा। हमारा आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिए।
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