बॉण्ड यील्ड में वृद्धि: आर्थिक संवृद्धि के लिये चुनौती

(प्रारंभिक परीक्षा: विषय- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, आर्थिक और सामाजिक विकास) (मुख्य परीक्षा: विषय- भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय)

संदर्भ

अमेरिका एवं जापान जैसे विकसित देशों तथा भारत में सरकारी प्रतिभूतियों या बॉण्ड्स पर बढ़ती बॉण्ड यील्ड पर भारतीय रिज़र्व बैंक ने चिंता व्यक्त करते हुए इसे अर्थव्यवस्था की संवृद्धि में बाधक बताया है।

क्या है बॉण्ड यील्ड?

  • बॉण्ड यील्ड, किसी सरकारी प्रतिभूतियों की चिंता किसे? निवेशक को उसके बॉण्ड या सरकारी प्रतिभूति पर मिलने वाला एक प्रतिफल (Return) है।
  • ब्याज दरों में वृद्धि के कारण बॉण्ड की कीमतें सरकारी प्रतिभूतियों की चिंता किसे? गिरने लगती हैं तथा बॉण्ड यील्ड बढ़ जाती है, जबकि ब्याज दर सरकारी प्रतिभूतियों की चिंता किसे? कम होने पर बॉण्ड की कीमतें बढ़ने से बॉण्ड यील्ड में गिरावट आती है।
  • केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति, विशेष रूप से ब्याज दरों सरकारी प्रतिभूतियों की चिंता किसे? के संदर्भ में बॉण्ड यील्ड को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक है। इसके अतिरिक्त, सरकार की राजकोषीय स्थिति, सरकारी उधारियाँ, वैश्विक बाज़ार तथा मुद्रास्फीति जैसे कारक भी इसे प्रभावित करते हैं।

बॉण्ड यील्ड में बढ़ोतरी से संबंधित चिंताएँ

  • भारतीय रिज़र्व के अनुसार, बॉण्ड यील्ड में बढ़ोतरी कोविड-19 के सरकारी प्रतिभूतियों की चिंता किसे? कारण सरकारी प्रतिभूतियों की चिंता किसे? कमज़ोर वैश्विक अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में किये जा रहे सुधारों को बाधित कर सकती है।
  • उच्च बॉण्ड यील्ड केंद्रीय बैंकों को अधिक मात्रा में बॉण्ड खरीदने के लिये प्रेरित कर सकती है। इससे ब्याज दरों में वृद्धि होती है, परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में तरलता में कमी आती है तथा उत्पादन एवं उपभोग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
  • हालाँकि, यह ‘यील्ड कर्व’ के क्रमिक विकास को सुनिश्चित करता है किंतु इससे वित्तीय बाज़ारों को अस्थिरता का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, यह उभरते बाज़ारों से पूँजी निर्गमन (Capital Outflow) को बढ़ा सकता है।
  • बजट 2021-22 में केंद्र सरकार द्वारा वर्तमान वित्त वर्ष के लिये 80,000 करोड़ रुपए और आगामी वित्त वर्ष के लिये 12.सरकारी प्रतिभूतियों की चिंता किसे? 80 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त उधारी के कारण घरेलू बॉण्ड यील्ड में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। आर.बी.आई. द्वारा बॉण्ड यील्ड पर 6% की उच्चतम सीमा आरोपित किये जाने के बावजूद 10 वर्ष के बेंचमार्क बॉण्ड पर बॉण्ड यील्ड में लगातार वृद्धि हो रही है।
  • वर्तमान समय भारत द्वारा आर्थिक संवृद्धि को पुनः प्राप्त करने की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है, ऐसे में बॉण्ड बाज़ार अनेक उपायों के बावजूद लाभहीन बना हुआ है।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था में एक तरफ जहाँ पूँजीगत व्यय में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हो रहा है और कॉर्पोरेट से प्राप्त आय भी उम्मीदों के अनुरूप है; वहीं दूसरी तरफ, उच्च मुद्रास्फीति के कारण दबाव की स्थिति बनी हुई है।
  • ऐसे समय में जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 5.8-6.4% की दर के साथ मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण की अधिकतम सीमा को पार करने की दिशा में बढ़ रही है, बॉण्ड यील्ड में वृद्धि अर्थव्यवस्था की संवृद्धि को प्रभावित करेगी।
  • बॉण्ड यील्ड में वृद्धि से सरकार की उधारियों में वृद्धि होती है, जो बैंक प्रणाली में उपलब्ध निम्न तरलता को प्रभावित करती हैं। इसके चलते अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में भारतीय बॉण्ड की क्रेडिट रेटिंग भी कमज़ोर होगी।
  • इसके अतिरिक्त, बॉण्ड यील्ड में नवीनतम वृद्धि अन्य विदेशी मुद्राओं की तुलना में रुपए को मज़बूती प्रदान करेगी, जो वित्तीय बाज़ार को प्रभावित करेगा। साथ ही, इससे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बहिर्प्रवाह की गति भी बढ़ेगी।
  • इससे निवेशक अधिक जोखिम के कारण दीर्घावधिक के निवेश फंड की बजाय अल्पावधिक फंड में निवेश करेंगे, जिससे दीर्घावधिक विकास परियोजनाएँ प्रभावित होंगी।

आर.बी.आई. द्वारा किये गए उपाय

शेयर बाजार के कार्य, विशेषताएँ, लाभ, सीमाये/दोष

शेयर बाजार से आशय उस बाजार से है जहां नियमित कम्पनीयों के अंशपत्र, ऋणपत्र, प्रतिभूति, बाण्ड्स आदि का क्रय विक्रय होता है। शेयर बाजार एक संघ, संगठन या व्यक्तियों की संस्था है जो प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय या लेनदेन के उद्देश्य हेतु सहायक नियमन व नियंत्रण के लिए स्थापित किया जाता है फिर चाहे वह निर्गमीत हो या न हो।

शेयर बाजार के कार्य

1. अनवरत बाजार उपलब्ध कराना- शेयर बाजार सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के नियमित एवं सुविधापूर्ण क्रय-विक्रय के लिए एक स्थान है। शेयर बाजार विभिन्न अंशों, ऋणपत्रों, बॉण्ड्स एवं सरकारी प्रतिभूतियों के लिए तात्कालिक एवं अनवरत बाजार उपलब्ध कराता है इसके माध्यम से प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय मे उच्च कोटि की तरलता पाई जाती हैं क्योंकि इसके धारक जब भी चाहें, अपनी प्रतिभूतियों का नकद भुगतान प्राप्त कर सकते हैं।


2. मूल्य एवं विक्रय सम्बन्धी सूचना प्रदान करना-एक शेयर बाजार विभिन्न प्रतिभूतियो के दिन-प्रतिदिन के लेने देन का पूर्ण विवरण रखता है और मूल्य एवं विक्रय की मात्रा की नियमित सूचना प्रेस एवं अन्य संचार सरकारी प्रतिभूतियों की चिंता किसे? माध्यमों को देता रहता है वास्तव मे आजकल आप टी.वी. चैनल जैसे-सी.एन.बी.सी. जी न्यूज, एन.डी.टी.वी. और मुख्य खबरों (हेड लाइन) के माध्यम से विशिष्ट अंशों के विक्रय की मात्रा एवं मूल्यों के सम्बन्ध मे मिनट-मिनट की जानकारी प्राप्तर कर सकते है। यह निवेशकों को उन प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय के सम्बन्ध में शीघ्र निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करता है जिनके लेनदेन में वे इच्छुक है।

3. लेनदेन एवं निवेश में सुरक्षा प्रदान करना- शेयर बाजार में लनेदेन केवल उनके सदस्यों के मध्य पर्याप्त पारदर्शिता एवं नियमों विनियमों के कठोर मापदंड के अंतर्गत, जिसमें सुपुर्दगी व भुगतान का समय और प्रक्रिया भी निश्चित होती है, संपन्न होते है। यह शेयर बाजार में हुए लेनदेनों को उच्च कोटि की सुरक्षा प्रदान।

4. बचत की गतिशीलता एवं पॅूंजी नियंत्रण में सहायक- शेयर बाजार का कुशल कार्यप्रणाली एक सक्रिय एवं विकासशील प्राथमिक बाजार के लिए उपयोगी वातावरण का सृजन करती है स्कंध बाजार का अच्छा कार्य निष्पादन और अंशों के प्रति रूख नये निर्गमन बाजार को तेजी प्रदान करता है जिससे बचत को व्यावसायिक एवं औद्योगिक उपक्रमो में निवेश करने में गतिशीलता आती है केवल यही नहीं, बल्कि शेयर बाजार अंशों व ऋण-पत्रो के निवेश एवं लेनदेन में तरलता एवं लाभप्रदता प्रदान करता है।

5. कोष का उचित आबंटन- शेयर बाजार लेनदेन प्रक्रिया के फलस्वरूप कोषों का प्रवाह कम लाभ के उपक्रमों से अधिक लाभ के उपक्रमों की ओर होता है और उन्हें विकास का अधिक अवसर प्राप्त होता है अर्थव्यवस्था के वित्तीय स्त्रोतों का इस प्रकार से श्रेष्ठ आबंटन होता है।

उम्मीद है जेट एयरवेज, एतिहाद, ऋणदाता किसी सहमति पर पहुंच जायेंगे: सरकारी अधिकारी

मुंबई, 16 जनवरी (भाषा) जेट एयरवेज की वित्तीय सेहत को लेकर चिंता के बीच नागर विमानन मंत्रालय ने उम्मीद सरकारी प्रतिभूतियों की चिंता किसे? जताई है कि एयरलाइन, रणनीतिक भागीदार एतिहाद, उसके ऋणदाता स्थिति से निपटने के लिए किसी साझा योजना पर सहमत हो जाएंगे। जेट एयरवेज समय पर ऋण भुगतान में असफल रही है। एयरलाइन धन जुटाने के लिये प्रयास कर रही है और इसके लिये वह एतिहाद और ऋणदाताओं के साथ बातचीत कर रही है। प्रस्ताव है कि पूर्ण सेवाप्रदाता विमानन कंपनी जेट एयरवेज में एतिहाद अपनी हिस्सेदारी मौजूदा 24 प्रतिशत से और आगे बढ़ाये। नागर विमानन सचिव आर

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