Representations of cryptocurrency Bitcoin are seen in this picture illustration taken June 7, 2021. REUTERS/Edgar Su/Illustration

Cryptocurrency Kya Hoti Hai

Cryptocurrency Kya Hoti Hai :- नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका आज का हमारी इस लेख में आज हम आपके लिए लेकर आए हैं की Cryptocurrency Kya Hoti Hai आज हम आपको क्रिप्टो करेंसी के बारे में यहां पर जानकारी देंगे आप लोगों को बता दूं कि प्रत्येक देश की अपनी अपनी करेंसी होती हैं अर्थात प्रत्येक देश की अपनी एक मुद्रा होती हैं और उस करेंसी का नाम भी होता है।

जैसे अमेरिका में डॉलर भारत में रुपया आदि इन सब करेंसी को आप अपने पास रख भी सकते हैं लेकिन वर्तमान समय में डिजिटल दुनिया है, और इस डिजिटल दुनिया में एक नई करेंसी आ गई है।

जिसे cryptocurrency कहते हैं इस क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार करेंसी को हम न तो देख सकते हैं और न ही इस करेंसी को छू सकते हैं क्योंकि यह करेंसी डिजिटल फॉर्मेट क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार में हैं।

आज इस लेकर में हम आपको cryptocurrency के बारे में जानकारी देंगे और आपको बताएंगे कि क्रिप्टो Cryptocurrency Kya Hoti Hai, cryptocurrency के प्रकार कौन-कौन से हैं।

cryptocurrency का नाम क्या है इन सब की जानकारी आज आपको इस लेख के माध्यम से दी जाएगी तो चलिए दोस्तों बिना देरी किए इस आर्टिकल पर आगे बढ़ते हैं और क्रिप्टो करेंसी के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

Table of Contents

Cryptocurrency Kya Hoti Hai

Cryptocurrency Kya Hoti Hai

Cryptocurrency Kya Hoti Hai :- क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल मुद्रा होती है जो ब्लॉकचेन के सिद्धांत पर कार्य करती हैं यह कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती हैं इस करेंसी में क्रिप्टोग्राफी का उपयोग होता है।

इसका उपयोग चीजों की खरीदारी या सर्विस के लिए किया जाता है दोस्तों यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं होता है आप लोगों को बता दूं कि सर्वप्रथम क्रिप्टोकरंसी की शुरुआत सन 2009 में हुई थी जो कि बिटकॉइन के रूप में हुई थी।

इसका निर्माण सतोशी नाकामोतो ने की थी शुरुआत में इसका इतना प्रचलन नहीं था लेकिन धीरे-धीरे इसका प्रचलन होने लगा वर्तमान समय में अनेक प्रकार की क्रिप्टो करेंसी बाजार में मौजूद हैं।

क्रिप्टो करेंसी को हम ना तो देख सकते हैं और ना ही क्रिप्टोकरंसी को छू सकते हैं यह peer to peer इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम के रूप में कार्य करती हैं।

Cryptocurrency के प्रकार ?

वर्तमान समय में क्रिप्टोकरंसी के अनेक प्रकार हैं और लगभग 1000 प्रकार की क्रिप्टोकरंसी बाजार में उपलब्ध हैं लेकिन इनमें से कुछ महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरंसी इस प्रकार है जिनका उपयोग अधिक किया जाता है क्रिप्टो करेंसी के प्रकार निम्न प्रकार हैं –

(1‌.) सियाकॉइन (siya coin)

सियाकॉइन एक ऐसी क्रिप्टोकरंसी हैं जो बाजार में उपलब्ध हैं सियाकॉइन को एससी के नाम से भी जाना जाता है वर्तमान समय में इस क्रिप्टोकरंसी की अच्छी ग्रोथ हैं और यह ग्रोथ के मामले में बिटकॉइन के बाद दूसरे स्थान पर आती हैं वर्तमान समय में इसके ग्रोथ लगातार बढ़ती जा रही हैं

(2). बिटकॉइन (Bitcoin)

बिटकॉइन तो आपने नाम सुना ही होगा यह एक ऐसी क्रिप्टोकरंसी हैं जो सबसे महंगी होती हैं वर्तमान समय में बिटकॉइन का उपयोग बड़े-बड़े सौदे करने में किया जाता है इसका उपयोग हथियारों की खरीददारी में काले धन की लेन-देन में आदि में बिटकॉइन का उपयोग किया जाता है

(3). वॉइस कॉइन (voice coin)

इसके नाम से ही पता चल जाता है कि इसका उपयोग किसमें किया जाता है वॉइस कॉइन क्रिप्टो करेंसी का उपयोग सिंगर्स के काम का मूल्य सेट क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार करने के लिए किया जाता है इस क्रिप्टो करेंसी का महत्वपूर्ण कार्य होता है कि इसमें कलाकारों का मोनेटाइजेशन किया जाता है इस क्रिप्टोकरंसी से कलाकारों को समर्थन भी मिलता है

(4). एसवाईएस कॉइन (sys coin)

यह क्रिप्टोकरंसी बहुत अधिक तेजी से कार्य करती हैं इस क्रिप्टो करेंसी का उपयोग पैसों की लेनदेन में किया जाता है इस क्रिप्टो करेंसी को बिटकॉइन का ही रूप माना जाता है इसका महत्व पूर्ण उपयोग संपत्ति को बेचने या खरीदने में किया जाता है

(5). मॉनेरो (monero)

मॉनेरो को भी क्रिप्टोकरंसी का ही एक कॉइन माना जाता है जिसमें एक अलग प्रकार की सुरक्षा का प्रयोग किया जाता है वर्तमान समय में इसका उपयोग ब्लॉक मार्केट में किया जाता है इस क्रिप्टोकरंसी की मदद से इस स्मगलिंग भी की जाती है इस क्रिप्टो करेंसी का महत्वपूर्ण कार्य ब्लॉक मार्केटिंग करना होता है

(6) लाइट कॉइन (light coin)

यह क्रिप्टो करेंसी बाकी क्रिप्टो करेंसी से अलग प्रकार की हैं यह क्रिप्टोकरंसी सन 2011 में बनाई गई थी इस क्रिप्टोकरंसी का आविष्कार Charles lee द्वारा किया गया था इस क्रिप्टो करेंसी का ब्लॉक जनरेशन बाकी करेंसी से कम होता है इसी वजह से इस करंसी का ट्रांजैक्शन बहुत जल्द पूरा हो जाता है।

तो कुछ इस प्रकार हमने आपको क्रिप्टोकरंसी के प्रकार यहां पर बताए हैं जो आपको मार्केट में उपलब्ध होती हैं हमने आपको क्रिप्टोकरंसी के प्रकार की जानकारी भी दे दी है तो बिल्कुल आप जान गए होंगे।

क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने पर हो सकती है 10 साल तक की जेल

यूटिलिटी डेस्क. भारत में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा हर काम अपराध कहलाएगा। क्रिप्टोकरेंसी बेचने-खरीदने या रखने से लेकर जुड़ी किसी भी प्रकार की गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर एक से लेकर दस साल तक की जेल हो सकती है। साथ ही, लाखों रुपए का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के लिए कानून ला क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार सकती है। इस मामले में इंटर-मिनिस्ट्रियल कमेटी ने रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को सौंप दी है।

इसके मुताबिक फरवरी, 2018 तक देश में क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार के कारोबार में 50 लाख ट्रेडर्स तो 24 एक्सचेंज सक्रिय थे। कमेटी ने सरकार से बैनिंग ऑफ क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2019 लाने की सिफारिश की है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में डिजिटल करेंसी लांच करने की भी सिफारिश की है।

क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार

धन महोत्सव

पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी में अंतर

  • Post author: धन महोत्सव
  • Post category: क्रिप्टो
  • Reading time: 3 mins read

वर्तमान समय में निवेश की दृष्टि से क्रिप्टोकरेंसी सबसे लोकप्रिय शब्द है। क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानने के लिए हर कोई उत्सुक है।

क्रिप्टो में निवेश करने के कई तरीके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी दो मुख्य प्रकार की होती है, यदि नहीं तो यह क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार पोस्ट आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।

ऑनलाइन बिटकॉइन कमाने के बेहतरीन तरीके के बारे में जानकर आप क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन कमा सकते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार (Types of Cryptocurrencies)

मुख्य रूप से दो प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी होती है सार्वजनिक और निजी (Public और Private Cryptocurrency)क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार

निवेश के लिए इन दोनों में अंतर जानना आपके लिए बहुत जरूरी है क्योंकि भविष्य में आपके निवेश का रिटर्न इसी पर निर्भर करता है।

आइए जानते हैं निजी और सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर के बारे में।

सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी (Public Cryptocurrency)

सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मुद्राएं हैं जिसके लेनदेन एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं और पूरी तरह से पारदर्शी होते हैं।

सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी में यह पता लगाया जा सकता है कि मुद्रा किस-किस के पास से होकर गुजरी है, ताकि कोई कर (टैक्स) चोरी और काले धन की कालाबाजारी ना कर सके।

सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी में आपका निवेश भी इसकी पारदर्शिता के कारण सुरक्षित माना जाता है।

निजी क्रिप्टोकरेंसी (Private Cryptocurrency)

निजी क्रिप्टोकरेंसी वह डिजिटल मुद्राएं हैं जिसके लेनदेन सार्वजनिक रूप से नहीं किए जाते हैं और पारदर्शी नहीं होते हैं।

आपस में लिंक नहीं होने से पैसों की कालाबाजारी हो सकती है। लेन-देन के मामले में निजी सिक्के अधिक निजी और गोपनीय होते हैं, इसलिए उन पर कानूनी नजर रखना लगभग असंभव है।

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी में कर चोरी और अन्य धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है लेकिन यह आपकी प्राइवेसी के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है।

पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरण

क्रिप्टो करेंसी के बढ़ते चलन के चलते बाजार में हर दिन नई क्रिप्टोकरेंसी लिस्ट हो रही है।

हम आपको पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी के कुछ उदाहरण (Examples of public and private cryptocurrencies) बता रहे हैं जो आपके क्रिप्टो निवेश के लिए लाभदायक हो सकते है।

पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरण

  1. बिटकॉइन (Bitcoin)
  2. ईथर (Ether)
  3. एक्सआरपी (XRP)
  4. कार्डानो (Cardano)
  5. टेलर (Taylor)
  6. लाइटकॉइन (Litecoin)

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरण

  1. मोनेरो (Monero)
  2. दश (Dash)
  3. ज़कैश (Zcash)
  4. वर्ज (Verge)
  5. बीम (Beam)
  6. बाइटकोइन (Bytecoin)
  7. फ़िरो (Firo)
  8. बीटीसीएक्स इंडिया (BTCX India)
  9. डेल्टा (Delta)
  10. यूकोइन (Ucoin)

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की विशेषताएं (Features of Private Cryptocurrency)

  • उपयोगकर्ता की गोपनीयता बनी रहती है और डेटा सुरक्षित रहता है।
  • निवेशक सुरक्षा के लिहाज से निजी क्रिप्टोकरेंसी को बहुत अच्छा माना जाता है।
  • ये उपयोगकर्ता के निवेश और पते का खुलासा करने की अनुमति नहीं देते हैं।
  • निजी क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक निजी ब्लॉकचेन के आधार पर चलती है।
  • निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्राइवेट टोकन भी कहा जाता है।
  • निजी क्रिप्टोकरेंसी काले धन को बढ़ावा दे सकती है।
  • सरकार का पूर्ण नियंत्रण न होने से धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।
  • इसलिए सरकार इसे नियंत्रित करना चाहती है और लोगों के लिए इसे आसान बनाना चाहती है।

क्रिप्टो करेंसी दो प्रकार की होती हैं, सार्वजनिक और निजी, दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले उनके बारे में विस्तार से जान लेना चाहिए।

आप इनके बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं

हम आशा करते हैं कि यह पोस्ट आपके लिए क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित जानकारी के लिए उपयोगी साबित होगी।

क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने पर हो सकती है 10 साल तक की जेल

यूटिलिटी डेस्क. भारत में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा हर काम अपराध कहलाएगा। क्रिप्टोकरेंसी बेचने-खरीदने या रखने से लेकर जुड़ी किसी भी प्रकार की गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर एक से लेकर दस साल तक की जेल हो सकती है। साथ ही, लाखों रुपए का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के लिए कानून ला सकती है। इस मामले में इंटर-मिनिस्ट्रियल कमेटी ने रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को सौंप दी है।

इसके मुताबिक फरवरी, 2018 तक देश में क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार में 50 लाख ट्रेडर्स तो 24 एक्सचेंज सक्रिय थे। कमेटी ने सरकार से बैनिंग ऑफ क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2019 लाने की सिफारिश की है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में डिजिटल करेंसी लांच करने की भी सिफारिश की है।

क्रिप्टोकरेंसी से बिलकुल अलग है आरबीआई की डिजिटल करेंसी, जानिए दोनों के बीच का मुख्य अंतर और खासियत

Digital Currency: आरबीआई रिटेल और होलसेल सेगमेंट में इस्तेमाल के लिए फेजवाइज तरीके से डिजिटल करेंसी पेश करेगा। इसकी शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के जरिए होगी।

क्रिप्टोकरेंसी से बिलकुल अलग है आरबीआई की डिजिटल करेंसी, जानिए दोनों के बीच का मुख्य अंतर और खासियत

Representations of cryptocurrency Bitcoin are seen in this picture illustration taken June 7, 2021. REUTERS/Edgar Su/Illustration

भारत को जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी मिलने वाली है। इसको लेकर भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने अपनी योजना का खुलासा किया है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबि शंकर ने गुरुवार को कहा कि रिजर्व बैंक फेसवाइज तरीके से डिजिटल करेंसी पेश करने की योजना बना रहा है। सबसे पहले डिजिटल करेंसी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया जाएगा।

देश में डिजिटल करेंसी को लेकर लंबे समय से तैयारी चल रही है। आरबीआई भी काफी समय से डिजिटल करेंसी लाने की बात कर रहा है। इसको लेकर कई बार संकेत दिए जा चुके हैं। दुनिया के कई अन्य देश भी डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी कर रहे हैं। आज हम आपको डिजिटल करेंसी के बारे वह सबकुछ बताने जा रहे हैं जो आप जानना चाहते हैं। साथ ही हम आपको डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर भी बताएंगे..

क्या होती है डिजिटल करेंसी?: यह एक प्रकार से प्रचलित करेंसी का वर्चुअल रूप होता है। इसको केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) भी कहा जाता है। डिजिटल करेंसी को केवल केंद्रीय बैंक जारी करता है। इसे सरकार की मान्यता प्राप्त होती है। फिजिकल करेंसी के मुकाबले इसकी वैल्यू में कोई अंतर नहीं क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार होता है। उदाहरण के लिए 10 रुपए के नोट और 10 रुपए की डिजिटल करेंसी की वैल्यू बराबर होगी। डिजिटल करेंसी में बिना किसी रुकावट लेन-देन भी किया जा सकता है।

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क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?: क्रिप्टोकरेंसी एक अलग प्रकार की करेंसी होती है। यह अलग-अलग प्रकार की होती है। इसे वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है। सभी क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू अलग-अलग होती है और इसकी कीमतों में उतार चढ़ाव होता रहता है। क्रिप्टोकरेंसी मान्यता प्राप्त नहीं है। पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी का चलन बढ़ा है। इस समय पूरी दुनिया में करीब 4 हजार क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं। इसमें बिटकॉइन सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है। भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी का चलन तेजी से बढ़ा है।

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में प्रमुख अंतर

  • डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक जारी करता है। क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के जरिए तैयार की जाती है।
  • डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक और उस देश क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार की सरकार से मान्यता प्राप्त होती है। क्रिप्टोकरेंसी के पास केंद्रीय बैंक या सरकार की मान्यता नहीं होती है।
  • डिजिटल करेंसी की क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार वैल्यू स्थिर रहती है। क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू में बहुत उतार-चढ़ाव होता है।
  • डिजिटल करेंसी को संबंधित देश की मुद्रा में बदला जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी में ऐसा नहीं हो पाता है।

अंतरमंत्रालीय समिति ने की थी डिजिटल करेंसी की सिफारिश: वित्त मंत्रालय ने 2017 में एक उच्च स्तरीय अंतरमंत्रालयी समिति की सिफारिश की थी। इस समिति को वर्चुअल या क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी पॉलिसी और कानूनी फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए कहा गया था। इस समिति ने देश में फिजिकल करेंसी की तरह डिजिटल करेंसी लाने की सिफारिश की थी।

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