UNCTAD ने विश्व व्यापार संगठन में और मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) में महामारी से सम्बन्धित सरकारी कार्यों पर एक अस्थायी "शान्ति खण्ड" का प्रस्ताव दिया है, जो देशों को बौद्धिक सम्पदा, डेटा और सूचना अवरोधों को दूर करने के लिये आपातकालीन उपाय जल्द अपनाने और उपयोग करने में सक्षम करेगा.

आईटीआई हरियाणा

कौशल विकास और व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग, हरियाणा सरकार के 166 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (133 (को.एड.)जीआईटीआई और महिलाओं के लिए 33 जीआईटीआई) और शिल्पकार प्रशिक्षण योजना के तहत 242 निजी आईटीआई नेटवर्क के माध्यम से राज्य के बेरोजगार युवाओं को कौशल आधारित प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (133 (सह-एड।) जीआईटीआई और महिलाओं के लिए 33 जीआईटीआई) और शिल्पकार प्रशिक्षण योजना के तहत 242 निजी आईटीआ | इन संस्थानों में एक और दो साल की अवधि के इंजीनियरिंग और गैर-इंजीनियरिंग व्यापार पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं | चालू शैक्षिक वर्ष 2018-19 के दौरान, जीआईटीआई में प्रवेश के लिए 3540 व्यापार इकाइयों में 60544 मंजूर सीटें जारी की गई हैं और निजी आईटीआई में प्रवेश के लिए 2274 व्यापार इकाइयों में 38604 स्वीकृत सीटें जारी की गई हैं । सत्र 2017-18 में 72293 उम्मीदवार सरकारी और निजी आईटीआई में भर्ती हुए और सत्र 2018-19 के लिए प्रवेश प्रक्रिया में हैं |

व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी


व्‍यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के सरकार के एजेन्‍डा के अनुसार सभी हितधारकों को निरन्‍तर प्रोत्‍साहन देने एवं सहायता करने के लिए केन्‍द्रीय अप्रत्‍यक्ष कर एवं सीमाशुल्‍क बोर्ड के अधीन एक फील्‍ड संरचना के नाते दिल्‍ली सीमाशुल्‍क जोन वचनबद्ध है। लागू टैरिफ तथा व्‍यापार नीतियों के अनुसार न्‍याय संगत एवं पारदर्शी तरीके से राजस्‍व वसूली के लिए हम प्रयासरत हैं। हमारी कार्य योजना के हिस्‍से के रूप में, एक ओर हम व्‍यवसायियों को उनकी लागत प्रतिस्‍पर्द्धात्‍मकता को बढ़ाने, स्‍वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्‍साहित करने तथा परस्‍पर विश्‍वास का निर्माण करने में उनकी मदद करने का प्रयत्‍न करते हैं और वहीं दूसरी ओर शुल्‍क चोरी, वाणिज्यिक धोखाधड़ी तथा तस्‍करी गतिविधियों को रोकने के उपाय करने के लिए भी संघर्षरत हैं । पूर्ण संदेश यहां पढ़ें

मुख्‍य आयुक्‍त की डेस्‍क से –

व्‍यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के सरकार के एजेन्‍डा के अनुसार सभी हितधारकों को निरन्‍तर प्रोत्‍साहन देने एवं सहायता करने के लिए केन्‍द्रीय अप्रत्‍यक्ष कर एवं सीमाशुल्‍क बोर्ड के अधीन एक फील्‍ड संरचना के नाते दिल्‍ली सीमाशुल्‍क जोन वचनबद्ध है। लागू टैरिफ तथा व्‍यापार नीतियों के अनुसार न्‍याय संगत एवं पारदर्शी तरीके से राजस्‍व वसूली के लिए हम प्रयासरत हैं। हमारी कार्य योजना के हिस्‍से के रूप में, एक ओर हम व्‍यवसायियों को उनकी लागत प्रतिस्‍पर्द्धात्‍मकता को बढ़ाने, स्‍वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्‍साहित करने तथा परस्‍पर विश्‍वास का निर्माण करने में उनकी मदद करने का प्रयत्‍न करते हैं और वहीं दूसरी ओर शुल्‍क चोरी, वाणिज्यिक धोखाधड़ी तथा तस्‍करी गतिविधियों को रोकने के उपाय करने के लिए भी संघर्षरत हैं ।

आधुनिक जोखिम आधारित प्रबन्‍धन प्रणाली तथा गैर घुसपैठ जॉच तकनीक के प्रयोग के माध्‍यम से व्‍यापार सुविधा को बढा़ने की सरकार की समग्र नीति निर्देशों के हिस्‍से के रूप में सीमाशुल्‍क ड्यूटी संग्रहण, तस्‍करी एवं कर धोखाधड़ी की रोकथाम तथा सीमा नियंत्रण उपायों को लागू करने से संबंधित प्राथमिक कार्य को जोन में कार्यान्वित किया जा रहा है । आस्‍थगित शुल्‍क भुगतान, 24*7 निकासी, व्‍यापार सुविधा के लिए सिंगल विन्‍डो इन्‍टरफेस (स्विफ्ट) जैसे उपायों द्वारा कार्गो के प्रवास समय(ड्वेल टाइम) में कमी, निर्यात प्रक्रियाओं के सरलीकरण, ऑथराइज्‍ड इकोनोमिक आपरेटर्स(एईओ) योजना, बिल ऑफ एन्‍ट्री को अग्रिम दायर करना, कम डॉक्‍यूमेंटेशन तथा ई-संचित के माध्‍यम से दस्‍तावेजों को ऑन लाईन दायर करना और अन्‍य आधुनिक व्‍यापार प्रथाऍं आयात एवं निर्यात वस्‍तुओं की शीघ्र निकासी को सुगम बनाने के साधन के रूप में काम करते हैं। इसी प्रकार से, इंदिरा गॉधी अन्‍तर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डा ,दिल्‍ली के आगमन एवं प्रस्‍थान टर्मिनल में यात्रियों एवं बैगेज की सीमाशुल्‍क निकासी को सुगम बनाने एवं विनियमित करने के लिए , हम अन्‍तर्राष्‍ट्रीय यात्रियों की पात्रता के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म के उपयोग के साथ-साथ जोखिम आधारित यात्री प्रोफाईलिंग का अधिक से अधिक प्रयोग कर रहे हैं ।

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हरियाणा के कृषि विभाग से संबंधित जानकारी प्राप्त करें। आप इसकी विभिन्न योजनाओं, जैसे – चीनी विकास योजना, भूमि-जल प्रकोष्‍ठ योजना, राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना इत्यादि के बारे में जानकारी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। आप कीटनाशक उत्पाद के निर्माण हेतु लाइसेंस प्राप्त करने, कीटनाशक उत्पाद को बेचने हेतु लाइसेंस इत्यादि के लिए आवेदन प्रपत्र यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं। मृदा संरक्षण, मृदा परीक्षण.

भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र की वेबसाइट

भारतीय राष्ट्रीय केंद्र द्वारा महासागर सूचना सेवा के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई है। उपयोगकर्ता महासागर प्रेक्षण, सलाहकार सेवाएं, सागर मॉडलिंग, डाटा बैंक, उपग्रह समुद्र विज्ञान से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के कृषि मौसम विज्ञान प्रभाग (एग्रीमेट) पर जानकारी प्राप्त करें। मौसम का पूर्वानुमान और गंभीर मौसम चेतावनी प्रदान की गई हैं। जिले वार वर्षा नक्शे, मौसम के मानदण्डों, साप्ताहिक वर्षा की संभावना का विवरण भी दिया गया है। प्रयोक्‍ता राज्यों और जिलों के लिए एसएमएस सलाहकार, राज्यों के लिए अलर्ट / चेतावनी, सूखा शुष्कता विसंगति की रिपोर्ट आदि जैसी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।.

कृषि मौसम-विज्ञान विभाग द्वारा कृषि जलवायु पर जानकारी

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के प्रभाग कृषि मौसम-विज्ञान द्वारा कृषि जलवायु से सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध कराई गई है। कृषि जलवायु वर्गीकरण, वाष्पीकरण, मिट्टी के तापमान, घास उगाने के लिए न्यूनतम तापमान जैसे विभिन्न कृषि विषयों से संबंधित विस्तृत जानकारी, प्रदान की गई है।

आप चेन्नई के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र की वेबसाइट देख सकते हैं। भूकंप-विज्ञान, खगोल-विज्ञान, मौसम संबंधी सेवाओं, मौसम के पूर्वानुमान एवं आज के मौसम की स्थिति, मौसम संबंधी चेतावनी, नेटवर्क इत्यादि से संबंधित जानकारी इस वेबसाइट पर उपलब्ध है। आप मानसून, बारिश, मौसम, चक्रवात इत्यादि से संबंधित जानकारी भी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं।

UNCTAD: वैश्विक महामारी से उबरने में सभी की समृद्धि का रास्ता.

कोविड महामारी के कारण घटता व्यापार.

संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) की वर्ष 2020 की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी ने अत्यधिक वैश्वीकृत विश्व की कमियों को उजागर कर दिया है जो 1980 के दशक में शुरू हुआ था. इसमें असमानता के उच्च स्तर, किरायों का एकीकृत होना, श्रम बाज़ार का कम होता हिस्सा, अनौपचारिक सैक्टर का बढ़ता दायरा और क़र्ज़ का बढ़ता स्तर और देशों की घटती भूमिका जैसी ख़ामियाँ शामिल हैं. संगठन के वैश्वीकरण और विकास रणनीति विभाग में आर्थिक मामलों की वरिष्ठ अधिकारी रश्मि बाँगा का ब्लॉग.

विश्व अर्थव्यवस्था

वैश्विक अर्थव्यवस्था के कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप इस वर्ष 4 प्रतिशत से अधिक सिकुड़ने का अनुमान है जिसमें अनुमानित 6.8 प्रतिशत अंकों की गिरावट के कारण साल के अन्त तक वैश्विक उत्पाद में 6 खरब डॉलर से अधिक की कमी आएगी.

यूएनसीटीएडी के वैश्वीकरण और विकास रणनीति विभाग में आर्थिक मामलों की वरिष्ठ अधिकारी,रश्मि बाँगा

विश्व अर्थव्यवस्था "90% अर्थव्यवस्था" होगी, जो पहले की तुलना में छोटी व बहुत नाज़ुक होगी और अधिक असमान व भविष्य के झटकों के लिये अधिक असुरक्षित है. दुनिया "K" आकार की पुनर्बहाली (Recovery) का अनुभव करेगी, जिसमें असमान पुनर्बहाली और प्रगति होती है, धनी वर्ग के लिये "V-आकार" की पुनर्बहाली और बाक़ी सभी के लिये संघर्ष का दौर. "V" आकार व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी की पुनर्बहाली में मन्दी के बाद तेज़ी से हालात बेहतर हो जाते हैं.

व्यापार में संकुचन

व्यापार में इस वर्ष लगभग 20 प्रतिशत संकुचन होगा, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में लगभग 40 प्रतिशत की कमी आएगी, और विदेशों व अन्य स्थानों से अपनें घरों व मूल स्थानों को भेजी जाने वाली रक़म में 100 अरब डॉलर तक की कमी आएगी.

सबसे ज़्यादा कमी, वैसे तो विकसित दुनिया में होगी, मगर सबसे बड़े आर्थिक व सामाजिक नुक़सान विकासशील विश्व में होंगे जहाँ अनौपचारिक सैक्टर का स्तर बहुत ज़्यादा व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी है. विकासशील देशों में उपभोक्ता वस्तुएँ और पर्यटन विदेशी मुद्रा के मुख्य स्रोत हैं. वित्तीय क्षेत्र को भारी-भरकम क़र्ज़ ने दबा दिया है.

इस वर्ष विकसित दुनिया 5.8 व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी प्रतिशत तक सिकुड़ जाएगी और 2021 में वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत होगी, यानि खोया हुआ विकास पूरी तरह हासिल नहीं होगा.

हालाँकि विकासशील देश खोया हुआ विकास पुन: प्राप्त करने में सक्षम होंगे, लेकिन वो भी ज़्यादातर चीन की वजह से. भारत में 2021 में 5.9 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि बढ़कर 3.9 प्रतिशत होने की उम्मीद है.

डिजिटल नियम

उद्योग 4.0 ने विकासशील देशों के लि/s नई चुनौतियाँ पैदा की हैं. डिजिटल खाई को पाटने के लिये नीतिगत आज़ादी की ज़रूरत होगी. संयुक्त वक्तव्य पहल के तहत देशों के बीच डिजिटल नियमों जैसे नए मुद्दों पर चर्चा चल रही है, जो इस नीतिगत स्वतन्त्रता को गम्भीर रूप से सीमित कर सकता है.

इसलिये, ये नियम तब तक बहुपक्षीय नहीं बनाए जाने चाहियें, जब तक कि विकासशील देश अपने विकास के निहितार्थ को पूरी तरह समझ ना जाएँ.

बहुपक्षवाद की वास्तविक भावना को पुनर्जीवित करना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि व्यापार वैश्वीकरण और राष्ट्र व राज्य एक-दूसरे के मुक़ाबले प्रतिस्पर्धी न बनें, बल्कि पारस्परिक रूप से ख़ुद को सुदृढ़ करें.

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