फंडामेंटल की जांच जरूर करें
किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले इसका फंडामेंटल जरूर जांच लें। फंड के पोर्टफोलियो में देख लें कि यह कितना मजबूत है और इसका पैसा सभी सेक्टर्स की टॉप कंपनियों में लगा है या नहीं। कमजोर फंडामेंटल वाले फंड में निवेश से शॉर्ट टर्म में थोड़ा मुनाफा हो सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में बड़ा घाटा उठाना पड़ सकता है। -अतुल गर्ग, निवेश सलाहकार

म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले ये ‘सुपर-7’ बातें जाननी जरूरी

रोज 167 रुपये बचाएंगे तो रिटायरमेंट पर मिलेंगे 11.33 करोड़! आप जानते हैं ये तरीका?क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए

Mutual Funds 167

Mutual Funds: अगर आप रोजाना 167 रुपये बचाते हैं, तो रिटायरमेंट पर आपको 11.33 करोड़ रुपये मिलेंगे! क्या आप यह तरीका जानते हैं?

Mutual Fund SIP Investment: SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करके आप लंबी अवधि में करोड़ों रुपये कमा सकते हैं। याद रखें कि म्यूचुअल फंड में निवेश लक्ष्य आधारित होता है। मतलब जहां आपको जीवन के कई पड़ावों में पैसे की जरूरत हो, वहां आपको इस लक्ष्य को सामने रखते हुए निवेश करना चाहिए।

Mutual Fund SIP: पैसा कमाना कई तरह से आसान है, लेकिन पैसे बचाना और सही जगह पर निवेश करना सबसे मुश्किल काम है। निवेश के कुछ बुनियादी सिद्धांतों में से, जल्द से जल्द निवेश शुरू करना सबसे महत्वपूर्ण है। Mutual Fund विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि जिस दिन से आप नौकरी में शामिल हों, उसी दिन से आप सेवानिवृत्ति की योजना बनाना शुरू कर दें।

छोटी सी उम्र से ही निवेश की शुरुआत करें

कई निवेश विकल्प हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशेषता और महत्व है। निवेश सलाहकार हमेशा कम उम्र से निवेश शुरू करने की सलाह देते हैं, क्योंकि यह आपको एक लंबा निवेश क्षितिज और साथ ही अधिक जोखिम उठाने की क्षमता देता है। म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए निवेश करके आप लंबी अवधि में करोड़ों रुपये कमा सकते हैं.क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए

ध्यान रखें कि Mutual Fund में निवेश लक्ष्य आधारित होता है। मतलब जहां आपको जीवन के कई पड़ावों में पैसे की जरूरत हो, वहां आपको इस लक्ष्य को सामने रखते हुए निवेश करना चाहिए। जैसे घर खरीदना, शादी करना, कार खरीदना, बच्चों की शिक्षा और फिर उनकी शादी आदि। अगर आप विदेश जाना चाहते हैं तो उसके लिए भी आपको SIP के जरिए निवेश करना चाहिए।

म्यूचुअल फंड्स में SIP से बनेंगे करोड़पति

अभी के लिए, हम आपको एक मोटा हिसाब दिखा रहे हैं। मान लीजिए आपने 25 साल की उम्र में SIP के जरिए निवेश करना शुरू किया था। अगर आप हर महीने 5000 रुपये यानि 167 रुपये प्रति दिन की बचत करते हैं और SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो रिटायरमेंट यानी 60 साल की उम्र में आपके पास 11.33 करोड़ रुपये की मोटी रकम होगी। . याद रहे कि SIP में भी आपको सालाना 10% की बढ़ोतरी करते रहना होता है। इस गणना को समझें

मंथली निवेश 5000 रुपये
अनुमानित रिटर्न 14%
सालाना SIP बढ़ोतरी 10%
कुल निवेश अवधि 35 साल
कुल निवेश 1.62 करोड़ रुपये
कुल रिटर्न 9.70 करोड़ रुपये
मैच्योरिटी अमाउंट 11.33 करोड़ रुपये

Bank New Rules: क्रेडिट-डेबिट कार्ड में पेमेंट से लेकर ब्याज दरों में हाल ही में हुए 5 बड़े बदलाव, आप भी जान लें

Bank New Rules: क्रेडिट-डेबिट कार्ड में पेमेंट से लेकर ब्याज दरों में हाल ही में हुए 5 बड़े बदलाव, आप भी जान लें

वित्तीय लेन देन में क्रेडिट कार्ड से लेकर डीमैट अकाउंट, म्यूचुअल फंड और रोज जरूरत की चीजों में सरकार बड़े बदलाव कर रही हैं. नए नियम 1 अक्टूबर 2022 से लागू हुए. इसके अन्तर्गत क्रेडिट कार्ड /डेबिट कार्ड, अटल पेंशन योजना, डीमैट अकाउंट, सेविंग स्कीम, म्यूचुअल फंड में बदलाव कियागया. इसके लिए सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है. आइए जानते है 1अक्टूबर से सरकार द्वारा लागू किए जा रहे नए नियमों को.

1. क्रेडिट और डेबिट कार्ड से पेमेंट में बदलाव: आज से क्रेडिट / डेबिट कार्ड से पेमेंट में बदलाव होने जा रहा है. साइबर मामलों पर रोक लगाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कार्ड टोकेनाइजेशन सिस्टम लागू करने जा रही है. सभी पेमेंट कंपनियां अब ग्राहकों को कार्ड की जगह टोकन देना शुरु कर देंगी और कार्ड की जगह टोकन से काम होगा. कार्ड से पेमेंट करने पर मर्जेंट वेबसाइट पर सीवीवी नंबर और कार्ड नंबर के जगह टोकन नंबर डालना पड़ेगा.

म्यूचुअल फंड: निवेश पर घटा सकते हैं जोखिम, लॉन्ग टर्म रिटर्न के हिसाब से करें किसी भी फंड का चुनाव

म्यूचुअल फंड (सांकेतिक तस्वीर)

बीपीएन फिनकैप के निदेशक एके निगम का कहना है कि इक्विटी बाजार की तरह म्यूचुअल फंडों में निवेश पर भी जोखिम रहता है। इस जोखिम के कई कारण होते हैं। इनमें घरेलू के साथ वैश्विक कारण भी होते हैं, जिससे म्यूचुअल फंड में निवेश पर प्रतिकूल असर पड़ता है। हालांकि, फंड मैनेजरों की मदद से और अपनी निवेश रणनीति बदलकर इस जोखिम को कम किया जा सकता है। बाजार में म्यूचुअल फंड की कई योजनाएं उपलब्ध हैं, जिसमें अपने लिए बेहतर का चयन कर निवेश कर सकते हैं।

  • एके निगम का कहना है कि अगर रिटर्न के हिसाब से अपने लिए किसी म्यूचुअल फंड योजना का चुनाव कर रहे हैं तो हमेशा लॉन्ग टर्न रिटर्न देखें।
  • लॉन्ग टर्म यानी 8-10 साल के ट्रैक रिकॉर्ड को देखें तो इससे लिवाली और बिकवाली दोनों परिस्थितियों में फंड के प्रदर्शन को समझने में मदद मिलती है।
  • 10 साल का ट्रैक रिकॉर्ड देखें, फंड के पूरे प्रदर्शन को समझने में मिलती है मदद।
  • ऐसे फंड का चयन करें, जिसने कम-से-कम 2-3 साल की अवधि में लगातार बेहतर प्रदर्शन किया हो

विस्तार

बीपीएन फिनकैप के निदेशक एके निगम का कहना है कि इक्विटी बाजार की तरह म्यूचुअल फंडों में निवेश पर भी जोखिम रहता है। इस जोखिम के कई कारण होते हैं। इनमें घरेलू के साथ वैश्विक कारण भी होते हैं, जिससे म्यूचुअल फंड में निवेश पर प्रतिकूल असर पड़ता है। हालांकि, फंड मैनेजरों की मदद से और अपनी निवेश रणनीति बदलकर इस जोखिम को कम किया जा सकता है। बाजार में म्यूचुअल फंड की कई योजनाएं उपलब्ध हैं, जिसमें अपने लिए बेहतर का चयन कर निवेश कर सकते हैं।

  • एके निगम का कहना है कि अगर रिटर्न के हिसाब से अपने लिए किसी म्यूचुअल फंड योजना का चुनाव कर रहे हैं तो हमेशा लॉन्ग टर्न रिटर्न देखें।

अपने जोखिम का आकलन करें
सेबी के मुताबिक, एसेट मैनेजमेंट कंपनी को अपने सभी फंड के लिए रिस्क-ओ-मोटर दिखाना होता है। इसमें म्यूचुअल फंड से जुड़े सभी जोखिम के स्तर के बारे में जानकारी देनी होती है। इससे पहले रिस्क-ओ-मीटर में किसी खास श्रेणी से जुड़े जोखिम को दिखाया जाता था, लेकिन अब किसी फंड में निवेश से पहले इस मीटर से जांच लें कि क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए किस फंड से जुड़ा जोखिम आपकी क्षमता के अनुकूल है। इसका स्तर लिक्विडिटी, क्रेडिट, ब्याज दर, बाजार पूंजीकरण और उतार-चढ़ाव जैसे जोखिमों के आधार पर तय होती है।

आइए जानते हैं इन Mutual Fund Terminology के बारे में

क्या है अल्फा?

अल्फा फंड मैनेजर की ओर से आपके फंड के लिए जोड़े जाने वाले वैल्यू को कहते हैं. उदाहरण के लिए अगर निफ्टी 10 फीसदी का रिटर्न देता है और फंड मैनेजर आपको इससे ज्यादा रिटर्न दिला क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए रहा है तो यह बढ़ा हुआ रिटर्न ही अल्फा है. कहने का मतलब है कि बेंचमार्क रिटर्न से ज्यादा मिलने वाला फायदा ही अल्फा है.

क्या है बीटा?

अगर आपका बीटा 1 फीसदी से ज्यादा है तो यह ज्यादा माना जाएगा. अगर एक फीसदी से कम है तो यह कम माना जाएगा. मार्केट के पास एक फीसदी बीटा है. अगर किसी फंड या स्ट्रेटजी का बीटा 1.2 है तो इसका मतलब है जब मार्केट एक फीसदी ज्यादा चढ़ेगा तो आपका फंड 1.2 फीसदी चढ़ेगा. अगर मार्केट एक फीसदी नीचे जाता है तो आपका फंड 1.2 फीसदी नीचे जाएगा.

इसका मतलब यह है कि आपका फंड शेयर मार्केट से 20 फीसदी जोखिम वाला या आक्रामक हो सकता है. अगर शेयर बाजार गिरता है तो हाई बीटा वाला फंड और ज्यादा गिरेगा और चढ़ेगा तो यह और ज्यादा चढ़ेगा.

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