ग्लोबल ट्रेडिंग के द्वार खुलेंगे
वेस्टेड फाइनेंस के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, विरम शाह का कहना है कि इस साझेदारी से भारतीय खुदरा निवेशकों का दायरा बढ़ेगा। ऐसा देखा गया है कि अब उनकी रूचि दीर्घकालिक निवेश हेतु भौगोलिक रूप भारत में बैठ कर कीजिए अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश से डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने में है। उन्हें दृढ़ विश्वास है कि इस प्लेटफॉर्म से अनेक भारतीय निवेशकों के लिए ग्लोबल ट्रेडिंग के द्वार खुलेंगे। इस प्रोडक्ट से विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा और निवेशकों को सीधे यूएस स्टॉक बाजार में निवेश करने की असाधारण क्षमता प्राप्त होगी।
भारत में बैठ कर कीजिए अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश
अमेरिकी स्टॉक में करें निवेश एक डॉलर से
- शून्य ब्रोकरेज फीस के साथ यूएस स्टॉक्स में असीमित ट्रांजेक्शंस कर सकेंगे भारतीय निवेशक
- एक से भी भारत में बैठ कर कीजिए अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश कम शेयर में निवेश करने की सुविधा
- ऐमजॉन, भारत में बैठ कर कीजिए अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश गूगल या बर्कशायर हैथवे जैसे ऊंची कीमतों वाले शेयर्स में भी न्यूनतम 200 से निवेश शुरू कर सकते हैं
- प्रोफेशनल्स द्वारा तैयार किये गये पोर्टफोलियोज और स्टॉकस व ईटीएफ के थीम-आधारित बास्केट्स में मिलेगा निवेश का मौका
कुछ क्लिक में हो जाएगा यूएस स्टॉक में निवेश
अब निवेशक मात्र कुछ ही क्लिक्स में फेसबुक, एप्पल, नेटफ्लिक्स, गूगल व अन्य कंपनियों के शेयर्स की खरीद/बिक्री कर सकते हैं; या भारत में बैठ कर कीजिए अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश थीम-आधारित बाजारों या ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं। विशाल वैश्विक बाजार की आसान उपलब्धता के साथ, निवेशक न केवल भौगोलिक डाइवर्सिफिकेशन का लाभ ले सकते हैं बल्कि अपने पोर्टफोलियो को एक देश और एक मुद्रा के जोखिम से बचा सकते हैं। यह विशिष्ट समाधान, प्रोफेशनल्स द्वारा तैयार किये गये पोर्टफोलियो और थीम-आधारित स्टॉक्स व ईटीएफ उपलब्ध कराता है, जिसे लेने से लेकर फंड ट्रांसफर की पूरी प्रक्रिया डिजिटल है और इस प्रकार, यह सुनिश्चित करता है कि ग्लोबल इन्वेस्टिंग #सिम्पल है।
कितना बड़ा है US स्टॉक मार्केट?
अमेरिकी शेयर बाजार दुनिया का सबसे बड़ा इक्विटी मार्केट है. US के दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और नैस्डैक में अमेजन, टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, इत्यादि विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों के शेयर लिस्टेड हैं. अमेरिकी बाजार से जुड़े विभिन्न इंडेक्स जैसे S&P 500 इंडेक्स, डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज और नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्सों का इस्तेमाल निवेशकों की दृष्टि से US और विश्व की अर्थव्यस्था को समझने के लिए किया जाता है. साथ ही दुनिया के दूसरे बाजारों पर भी इनकी दिशा का बड़ा असर होता है. दूसरे देशों की कंपनियां भी विभिन्न वजहों से अपनी लिस्टिंग US बाजार में करवाती है.
निवेशक हमेशा रिस्क को कम करने के लिए अपने पोर्टफोलियो में विभिन्न सेक्टर और अलग अलग तरह के स्टॉक्स रखना चाहते हैं. इस दृष्टि से किसी भी बाहरी बाजार में निवेश नए विकल्पों को खोल देता है. US बाजार में कई दूसरे भारत में बैठ कर कीजिए अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश देशों की कंपनियों भी खुद को लिस्ट करवाती है.
कैसे कर सकते हैं निवेश शुरु?
US बाजार में निवेश के दो रास्ते हैं.
पहला तरीका सीधे निवेश का है. इसमें निवेशक भारतीय बाजार की तरह ही ब्रोकर के साथ रजिस्ट्रेशन कर स्टॉक्स में खरीद बिक्री कर सकता है. आजकल भारतीय ब्रोकरेज कंपनियां भी अमेरिकी ब्रोकरेज हाउस के साथ करार कर निवेशकों को आसान निवेश की सुविधा देती हैं. निवेशक जरूरी पैन कार्ड, घर के पते को सत्यापित करने वाले ID के साथ सीधे अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी के साथ भी बाजार में व्यापार के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
दूसरा तरीका म्यूचुअल फंड के रास्ते निवेश का हो सकता है. भारत में अनेकों म्यूचुअल फंड US बाजार आधारित फंड चलाते हैं. ऐसे फंड या तो सीधा अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड शेयरों में निवेश करते हैं या ऐसे बाजारों से जुड़े दूसरे म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. इस प्रक्रिया में किसी अलग तरह के रजिस्ट्रेशन और बाजार के गहरी समझ की जरूरत नहीं है.
पैसों के लेनदेन की क्या है प्रक्रिया?
अमेरिकी बाजार में निवेश के लिए भारतीय करेंसी को US डॉलर में बदलना होता है. फॉरेन एक्सचेंज संबंधी गतिविधि होने के कारण यहां RBI के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के नियमों का पालन जरूरी है. नियमों के तहत एक व्यक्ति बिना विशेष अनुमति के एक वित्तीय वर्ष में 2,50,000 डॉलर यानी करीब 1 करोड़ 80 लाख रूपये भारतीय सीमा के बाहर निवेश कर सकता है.
किसी भी बाजार में निवेश से बनाए पैसे पर भारत में बैठ कर कीजिए अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश भारत सरकार टैक्स लगाती है. नियमों के अनुसार अवधि के मुताबिक शार्ट या लांग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगाया जा सकता है. हालांकि डिविडेंड पर टैक्स US गवर्नमेंट लगाती है.
निवेश से पहले किन बातों को समझना जरूरी?
US या अन्य विदेशी बाजारों में निवेश से पहले इन्वेस्टमेंट से जुड़े विभिन्न तरह की फीस और चार्ज को समझना काफी जरूरी है. रुपये को डॉलर में कन्वर्ट करने की प्रक्रिया से लेकर म्यूचुअल फंड द्वारा चार्ज की जाने वाली एक्स्ट्रा फीस कमाई पर असर डाल सकती है. ब्रोकरेज कंपनियां भी स्पेशल दरों पर ब्रोकरेज चार्ज करती है. ऐसे में बेहतर है कि शार्ट टर्म के लिए और ज्यादा समझ के बिना निवेश ना करें. लंबे समय के निवेश ज्यादा रिटर्न दिला सकता है. ज्यादा रिस्क से बचने के लिए इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड में निवेश बेहतर हो सकता है.
बाइडेन ने कर दी नोटों की बौछार, क्या करेंगे हमारे शेयर बाजार?
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 265