क्रिप्टो करेंसी में निवेश ठीक है या डूबेगी लुटिया? (File Photo)

Cryptocurrency News: सिर्फ गिरावट ही नहीं गलत सूचनाएं भी पहुंचा रही हैं नुकसान, क्रिप्टोकरंसी को लेकर हो जाएं सतर्क

Cryptomarket News: स्टेबल क्वाइन टेरा लूना में जो गिरावट आई उसकी किसी निवेशक ने उम्मीद ही नहीं की थी, लेकिन यह देखते ही देखते 100 पर्सेंट तक टूट गई. इसके बाद आनन-फानन में कई एक्सचेंज से ये हटा दी गई.

By: ABP Live | Updated at : 27 May 2022 09:42 AM (IST)

Cryptocurrency News Update: भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) भले ही लीगल टेंडर नहीं है, लेकिन फिर भी देश में डिजिटल करेंसी (Digital Currency) में निवेश करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सरकार के सख्त रुख के बावजूद पिछले दिनों आई रिपोर्ट की मानें तो पहली बार क्रिप्टो में पैसा लगाने वाले निवेशकों के मामले में भारत अव्वल रहा. गौरतलब है कि क्रिप्टो बाजार (Crypto Market) बेहद उतार-चढ़ाव वाला मार्केट है और इसमें कब निवेशक आसमान पर पहुंच जाए और कब एक झटके में गिरकर जमीन पर आ गिरे, कहा नहीं जा सकता. पिछले दिनों टेरा लूना का हश्र इसका हालिया उदाहरण है. ऐसे में निवेशकों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है.

आपको जानकारी के लिए बता दें कि टेरा लूना में जो गिरावट आई उसकी किसी निवेशक ने उम्मीद ही नहीं की थी, लेकिन यह देखते ही देखते 100 पर्सेंट तक टूट गई. बाद में आनन-फानन में कई एक्सचेंज ने इसे अपने प्लेटफॉर्म से ही हटा दिया. बिनांस क्वाइन क्रिप्टोएक्सचेंज के सीईओ और फाउंडर चांगपेंग झाओ को तो लूना ने ऐसा झटका दिया कि उनके लिए उबरना भी मुश्किल हो गया.

यहां भी आई बंपर गिरावट

झाऊ को एक झटके में करीब एक अरब डॉलर का नुकसान हो गया. उनके नुकसान का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उन्होंने खुद बयान देकर कह दिया कि 'मैं फिर से गरीब हो गया'. झाऊ के अलावा एक रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि सोशल मीडिया पर केएसआई (KSI) के नाम से मशहूर ओलाजिदे ओलायिंका विलियम्स नामक चर्चित यूट्यूबर ने करीब 21 करोड़ रुपये से अधिक गंवा दिए. ऐसे ही न जानें कितने निवेशक इस गिरवट से बुरी तरह कंगाल हो गए.

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क्रिप्टो पर और टैक्स की तैयारी

वहीं भारत में क्रिप्टो के प्रति सख्त रुख अख्तियार करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सरकार दोनों ने निवेशकों को हमेशा से ही इससे Crypto Market में निवेश करने वाले सावधान रहे होने वाले नुकसान के प्रति आगाह किया है. हालांकि, देश में क्रिप्टो प्रतिबंध नहीं लगाया गया लेकिन सरकार ने बजट 2022 में इस पर भारी भरकम Crypto Market में निवेश करने वाले सावधान रहे 30 पर्सेंट टैक्स लागू कर दिया जो कि एक अप्रैल से प्रभावी है.

साथ ही किसी भी डिजिटल एसेट के ट्रांजैक्शन पर एक पर्सेंट की दर से टीडीएस का नियम भी लागू है. वहीं अब इसे जीएसटी (GST) के दायरे में लाकर पहले से लागू टैक्स के अतिरिक्त 28 पर्सेंट और टैक्स लगाने की कवायद शुरू कर दी गई है. जिसके चलते क्रिप्टो निवेशकों में भारी बेचैनी है.

जागरुकता की कमी से बढ़ रहे इसमें घोटाले

क्रिप्टो बाजार में आजकल कई तरह के घोटाले भी सामने आते रहते हैं. क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स के सीईओ और संस्थापक निश्चल शेट्टी की मानें तो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर सामने आने वाले अधिकांश घोटालों की अब भी बड़ी वजह गलत सूचनाएं ही सामने आई हैं. उनका कहना है कि क्रिप्टो में अपनी गाढ़ी कमाई लगाने के दौरान निवेशकों को जागरूक रहने की जरूरत है, जागरूकता की कमी ही उन्हें नुकसान पहुंचाने का कारण बन जाती है.

उन्होंने ये भी बताया है कि प्लेटफॉर्म पर इस तरह के फ्रॉड की शिकायतों के बाद 17,218 खाते लॉक कर दिए गए, जो अप्रैल-सितंबर 2021 की तुलना में 19 Crypto Market में निवेश करने वाले सावधान रहे Crypto Market में निवेश करने वाले सावधान रहे पर्सेंट की वृद्धि दर्शाता है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो से संबंधित धोखाधड़ी के 95 पर्सेंट से अधिक मामले ब्लॉकचैन ईकोसिस्टम के बाहर आधारित हैं.

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Published at : 27 May 2022 09:42 AM (IST) Tags: Money Cryptocurrency RBI fraud हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

Crypto Currencies: आप भी क्रिप्टो में लगाते हैं पैसा तो ठहरिए, जान लीजिए इस बारे में क्या कहते हैं विशेषज्ञ

क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currencies) के बारे में इन दिनों ढेर सारी बातें जानने को मिल रही हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि इसमें कमाई का शानदार अवसर है। शेयर बाजार में जितना रिटर्न (Share Market Return) नहीं मिल रहा है, उससे ज्यादा रिटर्न (Crypto Return) यहां मिलता हैं। वहीं दूसरी तरफ निवेश की दुनिया के विशेषज्ञ (Investment Specialist) इस मामले Crypto Market में निवेश करने वाले सावधान रहे में लोगों को अक्सर सचेत करते रहते हैं।

Is investing in crypto currency good? (File Photo)

क्रिप्टो करेंसी में निवेश ठीक है या डूबेगी लुटिया? (File Photo)

हाइलाइट्स

  • क्या क्रिप्टो से हो सकती है शानदार कमाई?
  • या फिर यह है काल्प्निक दुनिया की फ्यूज लाइट?
  • सरकार भी क्रिप्टो करेंसी को बढ़ावा देने के पक्ष में नहीं दिखती है

पता भी Crypto Market में निवेश करने वाले सावधान रहे नहीं चलता, आपका पैसा कहां गया
उनका कहना है- "मेरा तर्क काफी सरल है: क्रिप्टो करेंसी एक ऐसा सिस्टम है जिसमें बड़ी मात्रा में धन को देश की सीमाओं के पार, बिना किसी निशान (trace) के और किसी भी कारणों से स्थानांतरित करने की सहूलियत है। मैं ऐसे किसी वैध कमर्शियल इंटरप्राइज़ के बारे में नहीं जानता जिसे ऐसी सुविधा की आवश्यकता हो। और छोटे निवेशकों को, जो इन गैर-कानूनी उद्यमों के साथ सह-निवेश (co-invest) कर रहे हैं, उन्हें देर सबेर झटका लगने ही वाला था।"

सरकार ने भी लिया है संज्ञान
भारत सरकार ने भी इस पर संज्ञान लिया है। परंतु किसी एक देश की सरकार द्वारा इसे अवैध करार देने से सिर्फ़ उस देश के छोटे निवेशकों को हानि की संभावना ज्यादा है। शायद इसीलिये भारत सरकार ने नाजायज उद्यमों और धारकों (illegitimate holders) के लिये, दंड-स्वरूप, क्रिप्टो संपत्ति पर हुए प्रॉफ़िट पर टैक्स लगाने का फैसला किया। यह कदम सही भी साबित हुआ। क्रिप्टो सिस्टम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले हर जगह बढ़ते ही जा रहे हैं और प्रवर्तन एजेंसियों के यहाँ ऐसे मामलों का अंबार लगा है। यह छोटे निवेशकों को क्रिप्टो से सावधान भी कर रहा है। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले सैकड़ों करोड़ से लेकर हजारों करोड़ के सामने आ रहे हैं। असली संख्या का अंदाजा लगाना मुश्किल है। लेकिन हर कोई जानता है कि यह नंबर काफी बड़े हैं और छोटे निवेशकों की मुश्किल ऐसे 'नाजायज़ निवेशकों' के साथ रहने मात्र से ही बढ़ जाती है।

क्रिप्टो जैसी वैकल्पिक मुद्राओं (Alternate currencies) की वास्तविक आवश्यकता क्या है?
यह संभव है कि दुनिया के तमाम बड़े निवेशकों ने यह देखते हुए कि पिछले 14-15 वर्षों में विश्व अर्थव्यवस्था में बहुत ही बड़ी मात्रा में प्रमुख संप्रभु मुद्राओं (sovereign currencies) की सपलाई बढ़ी है, Crypto Market में निवेश करने वाले सावधान रहे अपने पोर्टफोलियो में तेजी से गिरावट का अनुमान लगाया होगा, क्योंकि अब हर जगह केंद्रीय बैंक (Central Banks) महंगाई पर लगाम लगाने के लिए इंफ्यूजन की वापसी को लागू कर रहे हैं। और जैसे जैसे मुद्राओं की वापसी तेजी पकड़ती है निवेशकों के पोर्टफोलियो मार खाते हैं। ऐसे समय में निवेशक वैकल्पिक ऐसी मुद्राओं की तलाश करते हैं जो वैश्विक मुद्राओं से जुड़ी न हों और उनके निवेश को सुरक्षित छुपा कर रखें। अतीत में, स्वर्ण हमेशा ही सार्वभौमिक वैश्विक विकल्प मुद्रा रहा है। किन्सोतु आजकल सोना महंगा है। और जहां तक क्रिप्टो का सवाल है वह उनके लिये एकदम सही है क्योंकि एक और नया क्रिप्टो ब्रांड बनाने के लिए उन्हें वास्तविक लागत की आवश्यकता नहीं पड़ती है। जाहिर है कि सभी निवेशकों ने क्रिप्टो को नहीं चुना है, बहुतों ने सोने को भी चुना है। यहां तक कि विश्व के सभी सेंट्रल बैंकों ने बड़ी मात्रा में सोने की खरीद भी की है, इससे सोने में भी तेजी आई है। लेकिन, यह पर्याप्त नहीं है क्योंकि सोने में आने वाली बहुत सी लिक्विडिटी इसके बजाय क्रिप्टो मुद्राओं में चली गई है। क्रिप्टो ने मनी लॉन्ड्रर्स को कई सुविधाएं प्रदान की है जो सोना नहीं कर सका। लेकिन क्रिप्टो ने कई नये सिरदर्द भी पैदा किए हैं। पहला तो इसमें अस्थिरता और दूसरा नियामक एजेंसियों के रडार पर आना। संभावना है कि क्रिप्टो कम हो रहा है और जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा यह और लड़खड़ाएगा। संप्रभु लोग या देश (sovereigns), पैसा प्रिन्ट करने के अपने पूर्ण अधिकार को कभी छोड़ने वाले नहीं हैं और सोना 10,000 से अधिक वर्षों से मनुष्य जाति का एकमात्र सार्वभौमिक मुद्रा (universal currency) रहा है और यह भी अपना दावा छोड़ने वाला नहीं है।

करेंसी की लड़ाई होगी तेज
लगता यही है कि अब करेंसी की लड़ाई होने जा रही है। स्पष्ट रूप से अमेरिकी डॉलर विश्व व्यापार पर अपना दबदबा जारी रखने वाला है तथा दूसरी तरफ क्रिप्टो वाले उसकी अस्पष्टता को बरकरार रखने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे, और सोना भी आगे यूं ही चमकता रहेगा। यहां तक कि जब आप इन तीन चलती नावों के बीच एक मुश्किल संतुलन साधने की कोशिश करते हैं, तो बहुत कुछ चबाना पड़ता है। आधुनिक विश्व इतिहास में लगभग हर बार जब सोने के अलावा अन्य संप्रभु मुद्राएं (sovereign currencies) लड़खड़ाईं, तो सोने पर फिर से भरोसा लगाना अनिवार्य हो गया। लेकिन दुर्भाग्य से एक बड़े युद्ध से पहले मुद्राओं की पारस्परिक मान्यता रद्द (mutual de-recognition) करना नामुमकिन है, और इसलिए सोने जैसे सार्वभौमिक एसेट की आवश्यकता पड़ी। हालांकि यह एक पूर्वानुमान लग सकता है: युद्ध पहले से ही हमारे सर पर है। हमें बस इंतजार करना होगा और देखना होगा कि क्या स्वतंत्र दुनिया के सभी संप्रभु नेता (sovereign leaders) उतने ही स्मार्ट हैं जितने कि वे निर्णायक हैं। किसी भी हालत में - चाहे युद्ध की परिस्थिति बढ़े या घटे, क्रिप्टो की नैया तो डूबती ही नज़र आती है।

Crypto Currencies: आप भी क्रिप्टो में लगाते हैं पैसा तो ठहरिए, जान लीजिए इस बारे में क्या कहते हैं विशेषज्ञ

क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currencies) के बारे में इन दिनों ढेर सारी बातें जानने को मिल रही हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि इसमें कमाई का शानदार अवसर है। शेयर बाजार में जितना रिटर्न (Share Market Return) नहीं मिल रहा है, उससे ज्यादा रिटर्न (Crypto Return) यहां मिलता हैं। वहीं दूसरी तरफ निवेश की दुनिया के विशेषज्ञ (Investment Specialist) इस मामले में लोगों को अक्सर सचेत करते रहते हैं।

Is investing in crypto currency good? (File Photo)

क्रिप्टो करेंसी में निवेश ठीक है या डूबेगी लुटिया? (File Photo)

हाइलाइट्स

  • क्या क्रिप्टो से हो सकती है शानदार कमाई?
  • या फिर यह है काल्प्निक दुनिया की फ्यूज लाइट?
  • सरकार भी क्रिप्टो करेंसी को बढ़ावा देने के पक्ष में नहीं दिखती है

पता भी नहीं चलता, आपका पैसा कहां गया
उनका कहना है- "मेरा तर्क काफी सरल है: क्रिप्टो करेंसी एक ऐसा सिस्टम है जिसमें बड़ी मात्रा में धन को देश की सीमाओं के पार, बिना किसी निशान (trace) के और किसी भी कारणों से स्थानांतरित करने की सहूलियत है। मैं ऐसे किसी वैध कमर्शियल इंटरप्राइज़ के बारे में नहीं जानता जिसे ऐसी सुविधा की आवश्यकता हो। और छोटे निवेशकों को, जो इन गैर-कानूनी उद्यमों के Crypto Market में निवेश करने वाले सावधान रहे साथ सह-निवेश (co-invest) कर रहे हैं, उन्हें देर सबेर झटका लगने ही वाला था।"

सरकार ने भी लिया है संज्ञान
भारत सरकार ने भी इस पर संज्ञान लिया है। परंतु किसी एक देश की सरकार द्वारा इसे अवैध करार देने से सिर्फ़ उस देश के छोटे निवेशकों को हानि की संभावना ज्यादा है। शायद इसीलिये भारत सरकार ने नाजायज उद्यमों और धारकों (illegitimate holders) के लिये, दंड-स्वरूप, क्रिप्टो संपत्ति पर हुए प्रॉफ़िट पर टैक्स लगाने का फैसला किया। यह कदम सही भी साबित हुआ। क्रिप्टो सिस्टम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले हर जगह बढ़ते ही जा रहे हैं और प्रवर्तन एजेंसियों के यहाँ ऐसे मामलों का अंबार लगा है। यह छोटे निवेशकों को क्रिप्टो से सावधान भी कर रहा है। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले सैकड़ों करोड़ से लेकर हजारों करोड़ के सामने आ रहे हैं। असली संख्या का अंदाजा लगाना मुश्किल है। लेकिन हर कोई जानता है कि यह नंबर काफी बड़े हैं और छोटे निवेशकों की मुश्किल ऐसे 'नाजायज़ निवेशकों' के साथ रहने मात्र से ही बढ़ जाती है।

क्रिप्टो जैसी वैकल्पिक मुद्राओं (Alternate currencies) की वास्तविक आवश्यकता क्या है?
यह संभव है कि दुनिया के तमाम बड़े निवेशकों ने यह देखते हुए कि पिछले 14-15 वर्षों में विश्व अर्थव्यवस्था में बहुत ही बड़ी मात्रा में प्रमुख संप्रभु मुद्राओं (sovereign currencies) की सपलाई बढ़ी है, अपने पोर्टफोलियो में तेजी से गिरावट का अनुमान लगाया होगा, क्योंकि अब हर जगह केंद्रीय बैंक (Central Banks) महंगाई पर लगाम लगाने के लिए इंफ्यूजन की वापसी को लागू कर रहे हैं। और जैसे जैसे मुद्राओं की वापसी तेजी पकड़ती है निवेशकों के पोर्टफोलियो मार खाते हैं। ऐसे समय में निवेशक वैकल्पिक ऐसी मुद्राओं की तलाश करते हैं जो वैश्विक मुद्राओं से जुड़ी न हों और उनके निवेश को सुरक्षित छुपा कर रखें। अतीत में, स्वर्ण हमेशा ही सार्वभौमिक वैश्विक विकल्प मुद्रा रहा है। किन्सोतु आजकल सोना महंगा है। और जहां तक क्रिप्टो का सवाल है वह उनके लिये एकदम सही है क्योंकि एक और नया क्रिप्टो ब्रांड बनाने के लिए उन्हें वास्तविक लागत की आवश्यकता नहीं पड़ती है। जाहिर है कि सभी निवेशकों ने क्रिप्टो को नहीं चुना है, बहुतों ने सोने को भी चुना है। यहां तक कि विश्व के सभी सेंट्रल बैंकों ने बड़ी मात्रा में Crypto Market में निवेश करने वाले सावधान रहे सोने की खरीद भी की है, इससे सोने में भी तेजी आई है। लेकिन, यह पर्याप्त नहीं है क्योंकि सोने में आने वाली बहुत सी लिक्विडिटी इसके बजाय क्रिप्टो मुद्राओं में चली गई है। क्रिप्टो ने मनी लॉन्ड्रर्स को कई सुविधाएं प्रदान की है जो सोना नहीं कर सका। लेकिन क्रिप्टो ने कई नये सिरदर्द भी पैदा किए हैं। पहला तो इसमें अस्थिरता और दूसरा नियामक एजेंसियों के रडार पर आना। संभावना है कि क्रिप्टो कम हो रहा है और जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा यह और लड़खड़ाएगा। संप्रभु लोग या देश (sovereigns), पैसा प्रिन्ट करने के अपने पूर्ण अधिकार को कभी छोड़ने वाले नहीं हैं और सोना 10,000 से अधिक वर्षों से मनुष्य जाति का एकमात्र सार्वभौमिक मुद्रा (universal currency) रहा है और यह भी अपना दावा छोड़ने वाला नहीं है।

करेंसी की लड़ाई होगी तेज
लगता यही है कि अब करेंसी की लड़ाई होने जा रही है। स्पष्ट रूप से अमेरिकी डॉलर विश्व व्यापार पर अपना दबदबा Crypto Market में निवेश करने वाले सावधान रहे जारी रखने वाला है तथा दूसरी तरफ क्रिप्टो वाले उसकी अस्पष्टता को बरकरार रखने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे, और सोना भी आगे यूं ही चमकता रहेगा। यहां तक कि जब आप इन तीन चलती नावों के बीच एक मुश्किल संतुलन साधने की कोशिश करते हैं, तो बहुत कुछ चबाना पड़ता है। Crypto Market में निवेश करने वाले सावधान रहे आधुनिक विश्व इतिहास में लगभग हर बार जब सोने के अलावा अन्य संप्रभु मुद्राएं (sovereign currencies) लड़खड़ाईं, तो सोने पर फिर से भरोसा लगाना अनिवार्य हो गया। लेकिन दुर्भाग्य से एक बड़े युद्ध से पहले मुद्राओं की पारस्परिक मान्यता रद्द (mutual de-recognition) करना नामुमकिन है, और इसलिए सोने जैसे सार्वभौमिक एसेट की आवश्यकता पड़ी। हालांकि यह एक पूर्वानुमान लग सकता है: युद्ध पहले से ही हमारे सर पर है। हमें बस इंतजार करना होगा और देखना होगा कि क्या स्वतंत्र दुनिया के सभी संप्रभु नेता (sovereign leaders) उतने ही स्मार्ट हैं जितने कि वे निर्णायक हैं। किसी भी हालत में - चाहे युद्ध की परिस्थिति बढ़े या घटे, क्रिप्टो की नैया तो डूबती ही नज़र आती है।

'Bitcoin'

इस वर्ष की दूसरी तिमाही से क्रिप्टो मार्केट में गिरावट शुरू होने के बाद अल साल्वाडोर को बिटकॉइन में इनवेस्टमेंट पर भारी नुकसान हुआ है। अल साल्वाडोर के पास 2,381 बिटकॉइन हैं जिनका औसत प्राइस 43,357 डॉलर का है

स्टडी में कहा गया है कि प्राइसेज के बढ़ने पर रिटेल इनवेस्टर्स की ओर से बिटकॉइन में खरीदारी की जा रही थी, जबकि इसके व्हेल्स जैसे बड़े होल्डर्स बिकवाली कर प्रॉफिट कमा रहे थे

इस सप्ताह की शुरुआत में बड़ी संख्या में कस्टमर्स के अपनी रकम निकालने के बाद बहामास के इस एक्सचेंज ने बैंकरप्सी के लिए फाइलिंग की थी। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल Binance ने इसे खरीदने की पहल की थी लेकिन बाद में वह Crypto Market में निवेश करने वाले सावधान रहे पीछे हट गया था

Crypto एक्सचेंज BitMEX के पूर्व सीईओ ऑर्थर हेयस (Arthur Hayes) ने कहा है कि बिटकॉइन की कीमत 15 हजार डॉलर तक नीचे जा सकती है।

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