E Commerce क्या है ? कितने प्रकार का होता है ? इसके फायदे और नुकसान
What is E Commerce Full Information in Hindi:- क्या आप जानते है की E Commerce क्या होता है ? अगर नहीं तो आपको ई-कॉमर्स के बारे में पता होना जरूरी है। क्योंकि वर्तमान समय में ई-कॉमर्स का इस्तेमाल बहुत ही ज्यादा होने लगा है। हो सकता है कि आप भी ई-कॉमर्स सर्विसेज का इस्तेमाल करते हो। या अगर ना भी करते हो तो आपने ई-कॉमर्स शब्द को भी कहीं ना कहीं जरूर सुना होगा।
इसलिए आपको पता होना चाहिए कि आखिर की ई-कॉमर्स क्या होता है ? इसका मतलब क्या होता है ? ई-कॉमर्स की फुल फॉर्म क्या है ? ई कॉमर्स कितने प्रकार का होता है ? ई कॉमर्स के फायदे और नुकसान क्या है ? तो अगर आप इन सवालों के जवाब जानना चाहते हैं ? तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं। यहां पर आपको ई-कॉमर्स के बारे ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? में पूरी जानकारी हिंदी में मिलने वाली है।
E- Commerce क्या है ? इसकी Full Form क्या है ?
E- Commerce का पूरा नाम Electronic Commerce होता है। ई-कॉमर्स का मतलब होता है इंटरनेट के माध्यम से कोई भी सामान ऑनलाइन खरीदना और बेचना। यानी कि हम अपने मोबाइल और कंप्यूटर से ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से जब भी कुछ सामान या सर्विस खरीदते हैं या बेचते हैं, तो उसी को E- Commerce कहते हैं। Amazon, Flipkart जैसी सभी कंपनियां जो की ऑनलाइन सामान बेचती और खरीदती है, वे सभी ई-कॉमर्स कंपनियां ही है।
E Commerce कितने प्रकार है ? Types of E Commerce
ई-कॉमर्स चार प्रकार के होते हैं। चलिये हम आपको बारी बारी से इनके बारे में बता देते है।
1. Business to Consumer (B2C)
इसमें व्यापारी डायरेक्ट अपने ग्राहकों को समान बेचता है। जैसे कि मान लीजिये की कोई मोबाइल बेचने वाली कंपनी है जोकि एक व्यापारी कंपनी है और वह अपने मोबाइल को ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से अपने ग्राहकों को बेचती है। कोई भी ग्राहक ऑनलाइन उनकी वेबसाइट पर जाकर उनके मोबाइल को ऑनलाइन खरीद सकता है। Amazon, Flipkart इसके सबसे अच्छे उदाहरण है।
2. Business to Business (B2B)
इस प्रकार के ई कॉमर्स में एक व्यापारी दूसरे व्यापारी को ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से कुछ सामान बेचता है या खरीदता है। जैसे कि आपने देखा होगा कि बहुत सी बार बड़ी-बड़ी कंपनियां आपस में कॉन्ट्रैक्ट करती हैं और एक दूसरे से सामान खरीदती और भेजती हैं। जैसे की Intel एक प्रॉसेसर बनाने वाली कंपनी जो की बहुत सी मोबाइल और कंप्यूटर बनाने वाले कंपनियों को अपना सामान बेचती है।
3. Consumer to Consumer (C2C)
जब ग्राहक डायरेक्ट दूसरे ग्राहक को ऑनलाइन कोई समान बेचता है तो उसी को Consumer to Consumer E Commerce कहते हैं। जैसे कि मान लीजिये की आपके पास कोई पुरानी कार है, जिसे आप बेचना चाहते हैं। आप इंटरनेट पर ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? अपनी कार की डिटेल डाल सकते है, उसके बाद जिस ग्राहक को आपकी कार पसन्द आएगी, वो आपकी कार खरीद सकता है। OLX ऐसा ही एक प्लेटफॉर्म है, जिसकी मदद से एक ग्राहक दूसरे ग्राहक को सामान बेच सकता है।
4. Consumer to Business (C2B)
जब एक ग्राहक किसी व्यापारी या कंपनी को अपना सामान या सर्विस बेचता है, तो उसको Consumer to Business ई-कॉमर्स कहते हैं। चलिये इसको एक उदाहरण से समझते है। एक सामान्य व्यक्ति है जो कि काफी अच्छी फोटो एडिटिंग और एनीमेटेड वीडियो बनाता हैं, तो वह व्यक्ति किसी भी बड़ी कंपनी के लिए कोई भी फोटो यह वीडियो बना सकता हैं और उस कंपनी को बेच सकता हैं। यही C2B E Commerce होता है।
Benifits of E Commerce, ई-कॉमर्स के फायदे
:- व्यापारियों के लिए ई कॉमर्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि वह अपने सामान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बेच सकते हैं। अगर हम ऑफलाइन अपना सामान बेचे तो सिर्फ अपने आसपास के एरिया के लोगों को ही अपना सामान बेच सकते हैं। लेकिन अगर हम ई कॉमर्स के माध्यम से अपना सामान बेचे, तो हमारे सामान को देश और विदेशों के लोग भी खरीद सकते हैं। जिससे व्यापारियों का ज्यादा से सामान ज्यादा बिकता है और उनका मुनाफा भी ज्यादा होता है।
:- अगर हम ऑनलाइन किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट से कोई सामान खरीदें तो हमें सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि हम सामान खरीदने से पहले ही हम उस सामान के रिव्यू पढ़कर उस सामान की क्वालिटी के बारे में जान सकते हैं। इससे हमें सामान खरीदने से पहले ही उस प्रोडक्ट के बारे में एक अंदाजा हो जाता है कि वह प्रोडक्ट कैसा होगा।
:- इंटरनेट के माध्यम से सामान खरीदने से हमारा कीमती समय बच जाता है और समय बहुत ही कीमती होता है। इसलिए ग्राहकों के लिए यह काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि अगर हम ऑफलाइन मार्केट से सामान खरीदें तो हमें उसमें काफी टाइम लग जाता है। लेकिन अगर हम ऑनलाइन सामान खरीदे तो हम सिर्फ 1 या 2 मिनट में अपने मोबाइल या कंप्यूटर से उस सामान को ऑनलाइन खरीद सकते हैं।
:- ई-कॉमर्स कंपनियां 24/7 कार्य करती हैं। यानी कि हम जब चाहे तब इन इ कॉमर्स कंपनियों से अपना सामान ऑर्डर कर सकते हैं।
:- ई-कॉमर्स के माध्यम से सामान खरीदने के लिए हमें बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। हम घर बैठे सिर्फ अपने मोबाइल से सामान ऑर्डर कर सकते हैं। सामान आर्डर करने के कुछ टाइम बाद वह सामान हमारे घर तक डिलीवर कर दिया जाता है।
Disadvantage of E- Commerce, ई-कॉमर्स के नुकसान
:- ई-कॉमर्स वेबसाइट से सामान खरीदने के लिए आपको इंटरनेट का ज्ञान होना जरूरी होता है। इसलिए अगर आपको इंटरनेट चलाने का ज्यादा ज्ञान नहीं है ? तो आप ई-कॉमर्स वेबसाइट से सामान नहीं खरीद सकते है। ई-कॉमर्स वेबसाइट से सामान खरीदने से हमें हमारा सामान तुरंत नहीं मिलता है। बल्कि सामान डिलीवर होने में 2 दिन से 10 दिन तक लग सकते हैं।
:- ऑनलाइन सामान खरीदते समय हमें अपनी सुरक्षा का कुछ ज्यादा ही ध्यान रखना पड़ता है। क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही से हमारा अकाउंट हैक हो सकता है।
:- ई-कॉमर्स वेबसाइट्स से सामान खरीदते समय कई बार ऐसा देखा गया है कि हम समान कुछ और मंगाते हैं, लेकिन हमें कोई दूसरा सामान डिलीवर कर दिया जाता है। इसके अलावा कई बार ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी भी हो जाती है।
- इंटरनेट क्या है ? कैसे चलता है ? इंटरनेट के फायदे और नुकसान
तो बस ई-कॉमर्स के बारे में यही कुछ जानकारी थी जो कि आज आपने इस लेख में जानी है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी E commerce kya hai ? E Commerce kitne types ka hota hai ? E Commerce ke fayde aur nuksan kya kya hai ? यह लेख पसंद आया होगा। अगर अभी भी आपका कोई सवाल यह सुझाव हो तो आप नीचे कमेंट करके हमें बता सकते हैं।
Exclusive: ई-कॉमर्स वेबसाइट पर फर्जी रिव्यू को रोकने के लिए सरकार उठा सकती है बड़ा कदम
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को उत्पादों और सेवाओं के लिए नकली रिव्यू की कई शिकायतें मिली हैं। पेड एंडोर्समेंट पर रोक लगाने के लिए भी कमेटी सुझाव दे ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? सकती है।
नई दिल्ली। ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म पर प्रोडक्ट्स और सर्विसेज के फर्जी रिव्यू को रोकने के लिए सरकार जल्द ही कमिटी बना सकती है। ईटी नाउ ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? के समीर दीक्षित को सूत्रों से मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के अनुसार, ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म से लेकर फूड एग्रीगेटर प्लैटफॉर्म पर जो फेक रिव्यू पोस्ट किए जाते हैं, इसपर रोक लगाने के लिए सरकार जल्द ही एक कमेटी का गठन कर सकती है। ये कमेटी पांच से छह सदस्यों की हो सकती है। इसका उद्देश्य होगा ऐसे कदम बताना, जिनका पालन करके तमाम प्लेटफॉर्म में फेक रिव्यू को पोस्ट करने से रोक लगाई जा सकेगी। ये कमेटी फ्रजी रिव्यू के असर का पता लगाएगी।
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Amazon, Flipkart जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए सरकार बनाएगी नए नियम, अब ग्राहकों को नहीं होगा ऐसा नुकसान
आज कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री की ओर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी की गई और कहा गया कि ई-कॉमर्स पोर्टल कंपनियों की बिजनेस एक्टिविटी पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी लेकिन फर्जीवाडे को रोकने के लिए नियमों में बदलाव जरुर किया जाएगा।
- Devesh Jha
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- Published: June 22, 2021 10:13 PM IST
Here's a look at the best deals available during Flipkart, Amazon Republic Day sales. (Image: Amazon, Flipkart)
भारत सरकार के कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने मंगलवार को कहा कि अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के ऑफर्स और फ्लैश सेल पर अभी कोई रोक नहीं लगाई जाएगी। इससे पहले खबर आई थी कि भारत सरकार अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी तमाम ई-कॉमर्स कंपनियों के मिस सेलिंग को बंद करने के लिए नियमों में कुछ बदलाव करने जा रही है। इससे सरकार का मकसद फ्लैश सेल और डिस्काउंट ऑफर वाले सिस्टम में होने वाली मिस-सेलिंग पर खत्म करना है। Also Read - 12.2MP + 12MP कैमरा, 4410mAh बैटरी, Android 13 वाले Google Pixel 6a पर धांसू ऑफर, मिल रहा 2000 रुपये का Instant Discount
22 जून यानी आज कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री की ओर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले की जानकारी दी गई है। मंत्रालय ने साफ किया कि सरकार द्वारा बनाया गया नया ड्राफ्ट ई-कॉमर्स पोर्टल कंपनियों की बिजनेस एक्टिविटी पर कोई रोक नहीं लगा रहा है। सरकार के नए ड्राफ्ट में फर्जी कंपनियों पर रोक लगाने और ग्राहकों के साथ होने वाली फ्रॉडबाजी को बंद करने के लिए नए नियम बनाए गए हैं, लेकिन अभी तक इन नियमों को कंफर्म नहीं ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? किया गया है। Also Read - 5000mAh बैटरी, 50MP कैमरा और 4GB RAM के साथ Infinix Hot 20 5G लॉन्च, तस्वीरों में देखें फर्स्ट लुक ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है?
सरकार द्वारा बनाए गए इन नए नियम
- ई-कॉमर्स कंपनियों को हर सामान के इम्पोर्ट या मैन्युफैक्चरिंग की डिटेल्स शेयर करनी होगी।
- इम्पोर्ट सोर्स की जानकारी शेयर करनी होगी।
- फ्लैश सेल की जांच करनी होगी।
- फ्लैश सेल में गड़बड़ी होने पर ई-कॉमर्स कंपनी को जांच करनी होगी।
अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अक्सर अपने-अपने प्लेटफॉर्म पर फ्लैश सेल आयोजित करते रहते हैं। ग्राहकों ने इन सेल्स में फर्जीवाड़ा होने की शिकायत सरकार से की थी, जिसके बाद सरकार ने 23 जुलाई 2020 के लिए Consumer Protection Rules में नोटिस दिया था। अब सरकार ने नए नियम का ड्राफ्ट तैयार किया है और ग्राहकों से इस मामले में उनक सुझाव मांगा है। सरकार ने इसके लिए 15 दिनों का वक्त दिया है। अब देखना होगा कि सरकार इन 15 दिनों के बाद क्या एक्शन लेती है। Also Read - Infinix Hot 20 Series के दोनों स्मार्टफोन भारत में लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
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ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है?
- Published Date: June 22, 2021 10:13 PM IST
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ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है?
टाटा समूह ने लांच किया अपना नया ई-कॉमर्स ऐप, जानें क्या फायदा मिलेगा उपभोक्ताओं को.
समूह पिछले साल से ऐप का परीक्षण कर रहा है क्योंकि यह तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स स्पेस में एक बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
नई दिल्ली। टाटा समूह ने गुरुवार को अपने सभी ब्रांडों को एक मंच पर लाने के लिए अपना सुपर ऐप टाटा न्यू लॉन्च किया क्योंकि यह वर्तमान में अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट की पसंद के प्रभुत्व वाले भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाना चाहता है।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा न्यू ने समूह के पारंपरिक उपभोक्ता-प्रथम दृष्टिकोण को प्रौद्योगिकी के आधुनिक लोकाचार के साथ जोड़ा है।
उन्होंने लिंक्डइन पर लिखा, "आज एक नया दिन है! टाटा परिवार का सबसे युवा सदस्य टाटा डिजिटल आज आपके लिए टाटा न्यू लेकर आया है।"
समूह पिछले साल से ऐप का परीक्षण कर रहा है क्योंकि यह तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स स्पेस में एक बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। इसने विभिन्न खंडों में ऑनलाइन खिलाड़ियों का अधिग्रहण किया था, जिसमें किराना डिलीवरी प्लेटफॉर्म BigBasket और 1Mg, एक ऑनलाइन फ़ार्मेसी शामिल हैं।
चंद्रशेखरन ने कहा, "टाटा न्यू एक रोमांचक मंच है जो हमारे सभी ब्रांडों को एक शक्तिशाली ऐप में जोड़ता है। हमारे पारंपरिक उपभोक्ता-प्रथम दृष्टिकोण को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर, यह टाटा की अद्भुत दुनिया की खोज करने का एक नया ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? तरीका है।"
उन्होंने आगे कहा, "हमारा उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के जीवन को सरल और आसान बनाना है। पसंद की शक्ति, एक सहज अनुभव और वफादारी टाटा न्यू के केंद्र में होगी, जो एक शक्तिशाली वन टाटा अनुभव प्रदान करेगी।" जैसा कि टाटा न्यू ऐप आज (7 अप्रैल) लाइव हो रहा है, चंद्रशेखरन ने कहा, "हमारे कई भरोसेमंद और पसंदीदा ब्रांड एयर एशिया, बिगबास्केट, क्रोमा, आईएचसीएल, क्यूमिन, स्टारबक्स, टाटा 1 एमजी, टाटा क्लिक को देखकर मुझे गर्व होता है। टाटा प्ले, वेस्टसाइड पहले से ही टाटा न्यू प्लेटफॉर्म पर, और विस्तारा, एयर इंडिया, टाइटन, तनिष्क, टाटा मोटर्स जल्द ही शामिल होंगे।" "न्यू वर्ल्ड" में ग्राहकों का स्वागत करते हुए, उन्होंने कहा, "हम लगातार सीखने, विकसित होने और अपने उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? तत्पर हैं।"
कॉनफैड के उत्पाद अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर | Confed products now on e-commerce platform | Patrika News
प्रदेश के उपभोक्ताओं को राज्य सहकारी उपभोक्ता भण्डार के उत्पाद अमेजन, फ्लिफकार्ट जैसे ई.कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसकी शुरुआत जयपुर से की जाएगी। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
Published: September 01, 2022 09:17:45 pm
जयपुर। प्रदेश के उपभोक्ताओं को राज्य सहकारी उपभोक्ता भण्डार के उत्पाद अमेजन, फ्लिफकार्ट जैसे ई.कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसकी शुरुआत जयपुर से की जाएगी। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। गुरुवार को शासन सचिवालय में कॉनफैड उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के संबंध में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि प्रारम्भ में कॉनफैड के उत्पाद ऑनलाइन बिक्री के लिए जयपुर शहर वासियों के लिए उपलब्ध करवाए जाएंगे। अगले चरण में राज्य के अन्य शहरी क्षेत्र वासियों के लिए उपलब्ध होंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि हर जिले के विशिष्ट एवं प्रसिद्ध उत्पादों का चयन करें और जिले की सहकारी समिति एवं उपभोक्ता भण्डारों से समन्वय स्थापित कर उपहार ब्राण्ड के नाम से प्रदेश वासियों को उपलब्ध करवाएं।
उनका कहना था कि शीघ्र ही प्लेटफॉर्म का चयन कर कॉनफैड पंजीकरण सुनिश्चित करें। उन्होंने उपहार के ब्राण्ड नाम से बेचे जा रहे कॉनफैड उत्पादों मसाले, मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर, गरम मसाला पाउडर और अमचूर पाउडर का उत्पादन बढ़ाने और उन्नत किए जाने निर्देश दिए।
रजिस्ट्रार सहकारिता मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा कि कॉनफैड के उत्पाद गुणवत्तापूर्ण होते हैं साथ ही उचित दर पर उपलब्ध करवाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि कॉनफैड के उत्पादों की ब्राण्डिग की जाएगी और आकर्षक पैकेजिंग कर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उपहार पोर्टल को भी लोगों की सहुलियत के अनुसार अपग्रेड किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि जैविक उत्पादों को भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के लिए कार्ययोजना बनाई जाए।
अग्रवाल ने कहा कि आम लोगों तक सहकारी उपभोक्ता उत्पादों की पहुंच व्यापक बनाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जैविक उत्पादों की खरीद के लिए किसान संगठनों, सहकारी समितियों और एफपीओ के माध्यम से कि जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि उपहार पोर्टल को अपग्रेड करने के साथ ही उपहार ब्राण्ड के उत्पादों को भी सूचीबद्ध किया जाए। बैठक में संयुक्त शासन सचिव सहकारिता नारायण सिंह,अतिरिक्त रजिस्ट्रार मार्केटिंग धनसिंह देवल, प्रबंध निदेशक कॉनफैड दिनेश शर्मा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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