Abans Holdings IPO: अबांस ग्रुप (Abans Group) की फाइनेंशियल सर्विस मुहैया कराने वाली फर्म Abans Holdings का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 12 दिसंबर को खुलने वाला है. रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) के अनुसार, इस आईपीओ में 3 दिनों तक निवेश किया जा सकेगा और यह 15 दिसंबर को बंद हो जाएगा. इस इश्यू के लिए 256-270 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है. इस आईपीओ क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं के तहत, 38 लाख तक के फ्रेश इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे. इसके अलावा, प्रमोटर अभिषेक बंसल द्वारा 90 लाख इक्विटी शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत की जाएगी. फिलहाल बंसल की कंपनी में 96.45 फीसदी हिस्सेदारी है.
Cryptocurrency News : आपका सारा पैसा डूब जायेगा ? नये कानून की आहट से गिरा क्रिप्टो का बाजार
सदन की कार्यवाही पर आधिकारिक दस्तावेज में यह बताया गया है कि आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 का क्रिप्टोकरेंसी और विनियमन, आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाना है. यह सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है. सरकार की मंशा को देखते हुए, क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गयी है. पहले यह देख लीजिए कि किस क्रिप्टोकरेंसी में कितना असर पड़ा है.
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Table of contents
क्रिप्टोकररेंसी या क्रिप्टोग्राफिक मनी एक डिजिटल प्रकार की मुद्रा है। यह कोई भौतिक धन (Physical currency ) नहीं है और न ही असल सिक्के या नोट है जिसे हम अपने पास या बैंक अकाउंट में जमा कर सकें। मतलब बिटकॉइन,एथेरियम और दूसरे क्रिप्टो करेंसी जैसे कोई भी भौतिक मुद्रा के रूप में उपलब्ध नहीं है जिसे लोग बाजार में असली पैसे के रूप में उपयोग कर सके। इसलिए यह पारम्परिक मुद्रा से बिलकुल ही अलग तरीके से संचालित होती है।
हमारे देश की करेंसी के नोट सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के आदेश पर छापे जाते है। लेकिन क्रिप्टोकोरेंसी को अलग तरीके से बनाया और जारी किया जाता है। किसी भी क्रिप्टोकररेंसी को तकनीकी प्रक्रिया के माध्यम से प्रचलन में लाया जाता है जिसमे दुनिया भर के क्रिप्टो समुदाय के लोगो की भागीदारी शामिल होती है। यानि इसे दुनियाभर के क्रिप्टो तकनीक के जानकार लोग अपने अपने कम्पूटरो के माध्यम से तैयार करने के भागीदार होते है। वर्तमान में क्रिप्टो करेंसी प्रमुख दो प्रोटोकॉल Proof of Work और Proof of Stake पर आधारित होते है।
क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत कब हुई थी?
क्रिप्टो करेंसी का अविष्कार साल 2008 में बिटकॉइन के रूप में हुआ जिसे सतोशी नाकामोतो नाम के अज्ञात व्यक्ति या समूह ने बनाया था। हालाँकि इसकी शुरुवात साल 2009 में हुआ क्योकि लगभग एक साल तक यह ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की तरह डेवलपमेंट स्टेज पर था।
पूरी दुनिया में सबसे पहले किसी क्रिप्टोकरेंसी का एक्सचेंज साल 2009 में बिटकॉइन के ट्रांसेक्शन के साथ हुआ, जिसे सातोशी नाकामोतो ने ही किया था।उन्होंने पुरे क्रिप्टो करेंसी के नेटवर्क (ब्लॉकचैन) की शुरुवात की। जिसे फाइनेंसियल मार्किट में सबसे बड़े अविष्कार के रूप में देखा जाता है।
बिटकॉइन के शुरुवात के साथ ही डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में एक नए युग का आरम्भ हुआ। जिसके बाद से ही लंबे या बड़े वर्ग, आपूर्ति और नई गणनाओं के साथ भविष्य की अर्थव्यवस्था के अनुकूल परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिजिटल मुद्रा बनाई जा रही है। जो की भविष्य में धन के रूप में भी इस्तेमाल हो सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे | Benifits of Cryptocurrency
अगर आप क्रिप्टो में निवेश की सोच रहे है तो इसके फायदों के बारे में जरूर जान लें। सबसे पहले तो यह एक विकेन्द्रीकृत (Decentralized) डिजिटल मनी है। इसलिए इस पर किसी भी संस्था, संगठन या सरकार का कोई भी हस्तक्षेप नहीं रहता यानी आपके निवेश पर आपका पूरा नियंत्रण रहेगा।
इसमें अपने एसेट्स के साथ कुछ भी करने के लिए आपको किसी से भी अनुमति की क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं जरुरत नहीं होती, इसमें पूरा हक़ आपका होता है। चूँकि यह क्रिप्टोग्राफ़ी और ब्लॉकचैन क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं पर आधारित है इसलिए सुरक्षा के मामले में बेहद सुरक्षित है।
दूसरा यह निवेश के नजरिये से काफी फायदेमंद साबित हो सकता है क्योकि यह तेजी से घटता बढ़ता है। और ऐसे कॉइन जिनकी सप्लाई सिमित है, समय समय में कॉइन बर्न किये जाते है और मजबूत आधार है ऐसे एसेट्स आपको मुद्रास्फीति (inflation) या महँगाई दर से बचा सकती है।
2022 भालू बाजार के बीच क्रिप्टोकरेंसी की संख्या 22,000 मील के पत्थर को पार कर गई
हालांकि क्रिप्टोकरंसी मार्केट 2022 में काफी तनाव में रहा है, लेकिन नियामक दबाव, मैक्रोइकॉनॉमिक अनिश्चितता, साथ ही प्लेटफॉर्म के ढहने और दिवालिया होने जैसे प्रतिकूल घटनाक्रमों से प्रभावित है, फिर भी यह बढ़ता रहा।
विशेष रूप से, 11 दिसंबर तक, द्वारा ट्रैक की गई क्रिप्टोकरेंसी की संख्या कॉइनमार्केट कैप इतिहास में पहली बार 22,000 अंक तक पहुंच गया, जबकि प्रेस समय में, यह संख्या 22,032 थी, 14 दिसंबर को प्राप्त आंकड़ों के अनुसार।
2022 में क्रिप्टो बाजार की वृद्धि
1 जनवरी, 2022 की स्थिति के साथ सबसे हालिया डेटा की तुलना करते हुए, जब आसपास 16,238 डिजिटल संपत्तियां थीं, तो क्रिप्टो उद्योग 2022 में 5,794 संपत्तियों से बड़ा हो गया है, जो कि वर्ष के दौरान 35.68% की वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है।
उसी समय, नई डिजिटल संपत्तियों के उभरने के बावजूद, बिटकॉइन (BTC) ने अपना प्रभुत्व बरकरार रखा है, इसका बाजार पूंजीकरण क्रिप्टो बाजार के 39.3% के लिए जिम्मेदार है, इसके बाद एथेरियम (ETH) 18.6% प्रभुत्व के साथ है।
मार्केट कैप ड्रॉप बनाम उत्साह
उस ने कहा, जबकि विकेन्द्रीकृत वित्त (DeFi) परिसंपत्तियों की संख्या बढ़ती रही, क्रिप्टो क्षेत्र की कुल मार्केट कैप 1 जनवरी को 2.2 ट्रिलियन डॉलर से गिरकर प्रेस समय में $ 0.87 ट्रिलियन हो गई, 60.44% या $ 1.33 ट्रिलियन की गिरावट के बाद से साल की बारी।
कुल क्रिप्टोक्यूरेंसी मार्केट कैप साल-दर-तारीख (YTD)। स्रोत: कॉइनमार्केट कैप
कैसे काम करता है क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन?
जाहिर सी बात है कि क्रिप्टोकरेंसी की मदद से होने वाले लेनदेन का एक डाटाबेस होना जरूरी है और यहां ब्लॉकचेन काम आती है। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से होने वाले लेनदेन ब्लॉकचेन में रिकॉर्ड होते हैं। यानी कि अगर एक यूजर ने क्रिप्टोकरेंसी की मदद से दूसरे को भुगतान किया तो यह जानकारी एक ब्लॉक में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं एनक्रिप्ट कर दी जाएगी और क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू एक से दूसरे यूजर के पास सुरक्षित ढंग से ट्रांसफर कर दी जाएगी।
किसी मुद्रा या करेंसी को स्टोर करने के लिए एक वॉलेट की जरूरत पड़ती है। असली नोट जेब में रखे पर्स में और डिजिटल लेनदेन से जुड़ी जानकारी हम पेमेंट ऐप्स या वॉलेट में रखते हैं। क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के बाद आपको उसे अपने डिजिटल वॉलेट में रखना होता है, जो क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं काम क्रिप्टो ऐप्स कर देती हैं। ऐसे वॉलेट्स में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने या बेचने का क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं विकल्प देते हुए भारत में एक दर्जन से ज्यादा क्रिप्टो एक्सचेंज मार्केट काम कर रहे हैं।
घटती या बढ़ती क्यों है क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू?
क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं बल्कि दुनिया की सभी मुद्राओं की वैल्यू घटती और बढ़ती रहती है। अगर किसी करेंसी को में ज्यादा लोग निवेश करना चाहते हैं और करेंसी सीमित है, तो उसकी कीमत बढ़ जाती है। वहीं, इस्तेमाल करने वाले ज्यादा हो जाएं और निवेश करने वाले कम तो वैल्यू कम होने लगती है। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीदने वाले बढ़ गए हैं इसलिए आज एक बिटकॉइन की कीमत करीब 33 लाख रुपये के बराबर है।
भारत में मार्च, 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर लगा बैन हटा दिया है, यानी कि इसे खरीदना या इस्तेमाल करना अवैध नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से किए जाने वाले पेमेंट ज्यादा सुरक्षित होते हैं और इनमें मिडिलमैन ना होने के चलते ज्यादा प्रोसेसिंग फीस नहीं देनी पड़ती। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से किया जाने वाला लेनदेन गोपनीय भी होता है। साथ ही इसकी तेजी से बढ़ती वैल्यू भी इसमें किए गए निवेश को बेहतर बना सकती है।
आईपीओ से जुड़ी डिटेल
- Abans Holdings IPO का लॉट साइज 55 शेयर है. एक रिटेल-इंडिविजुअल इन्वेस्टर 13 लॉट तक के लिए आवेदन कर सकता है.
- इसका मतलब है कि निवेशक अपर प्राइस बैंड के हिसाब से अधिकतम 715 शेयर खरीद सकता है या 193,050 रुपये निवेश कर सकता क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं है.
- इस इश्यू के लिए 256-270 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है.
- यह आईपीओ 12 दिसंबर को खुलेगा और 15 दिसंबर को बंद हो जाएगा.
- आर्यमन फाइनेंशियल सर्विसेज इस इश्यू का एकमात्र बुक-रनिंग लीड मैनेजर है.
- नए इश्यू से प्राप्त फंड का इस्तेमाल इसकी एनबीएफसी सब्सिडियरी, Abans फाइनेंस में निवेश के लिए किया जाएगा, ताकि भविष्य की पूंजी जरूरतों को पूरा किया क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या हैं जा सके.
- इसके अलावा, फंड का इस्तेमाल सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए भी होगा.
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