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मध्यप्रदेश
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ट्विटर ने पत्रकारों के निलंबित अकाउंट्स को किया बहाल, मस्क ने पोल के बाद लिया फैसला
ट्विटर के प्रमुख और अमेरिकी अरबपति एलन मस्क ने शनिवार को बताया कि उनकी निजता का उल्लंघन करने को लेकर निलंबित किए गए पत्रकारों के अकाउंट्स को बहाल कर दिया गया है। उन्होंने क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? यह ऐलान ट्विटर पर एक पोल करवाने के बाद किया। गौरतलब है कि माइको ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने गुरुवार को वॉशिंगटन पोस्ट और द न्यूयॉर्क टाइम्स समेत कई बड़े मीडिया संस्थानों के कई पत्रकारों के अकाउंट्स निलंबित कर निष्क्रिय सूची में डाल दिये थे।
एलन मस्क ने क्या कहा?
एलन मस्क ने ट्वीट किया, 'जनता ने अपना जवाब दे दिया है, मेरी लोकेशन की डॉक्सिंग करने वाले खातों का निलंबन अब हटा दिया जाएगा।' दरअसल, मस्क ने एक पोल किया था, जिसमें पूछा गया था कि निलंबित खातों को अभी या सात दिन बाद बहाल किया जाना चाहिए। इस पोल में करीब 37 लाख लोगों ने हिस्सा लिया और उनमें से 58.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि खातों को तुरंत बहाल किया जाना चाहिए।
वॉरेन बफेट को पीछे छोड़ आगे निकले mukesh-ambani, 68.3 अरब डॉलर की नेटवर्थ
बिजनेस डेस्क न्यूज. दुनिया के दिग्गज इन्वेस्टर वॉरेन बफेट को रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन वॉरेन बफेट को पीछे छोड़ आगे निकले mukesh-ambani, 68.3 अरब क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? डॉलर की नेटवर्थ ने अब पीछे छोड़ दिया है। वॉरेन बफेट की नेटवर्थ वर्तमान में 67.9 अरब डॉलर है। जबकि अंबानी की नेटवर्थ 68.3 अरब डॉलर हो गई है। यह सूचना ब्लूमबर्ग बिलिनायर्स इंडेक्स में दी गई है। इससे विश्व के टॉप 10 अमीरों की सूची में अब मुकेश अंबानी 8 वें नंबर पर आ गए हैं। जबकि बफेट 9 वें नंबर पर पहुंच गए हैं।
मुकेश अंबानी ने जियो में हिस्सेदारी बेचकर जुटाया 1.17 लाख करोड़
बता दें कि मार्च से लेकर अब तक मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के शेयरों में दोगुना से ज्यादा की बढ़त देखी गई है। 23 मार्च को आरआईएल क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? के प्रति इक्विटी शेयरों की कीमत बीएसई पर 864 रुपए थी। इस समय यह शेयर बढ़कर 1,820 रुपए पर पहुंच गया है। इससे मुकेश अंबानी की नेटवर्थ में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। बता दें कि इसी अवधि में मुकेश अंबानी ने जियो प्लेटफॉर्म में अपनी हिस्सेदारी बेचकर 15 अरब डॉलर से ज्यादा की राशि जुटाए हैं।
मुकेश अंबानी के जियो प्लेटफॉर्म का वैल्यूएशन 4.91 लाख करोड़ रुपए
अंबानी की जियो में क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? इस दौरान फेसबुक, सिल्वर लेक, केकेआर, अबूधाबी इन्वेस्टमेंट सहित कुल 12 निवेश आए थे। इसके एवज में जियो में 25 प्रतिशत के करीब इक्विटी बेची गई। यह इक्विटी 4.91 लाख करोड़ रुपए के वैल्यूएशन पर बेची गई है। इसी हफ्ते बीपी पीएलसी ने रिलायंस फ्यूल रिटेल बिजनेस में हिस्सेदारी खरीदने के एवज में 1 अरब डॉलर का पेमेंट किया है।
RIL का शेयर मार्च से अब तक दोगुना बढ़ गया
आरआईएल के शेयरों की कीमतें बढ़ने से केवल मुकेश अंबानी एशिया के ऐसे टॉयकून बन गए हैं, जो विश्व के टॉप 10 अमीर लोगों के एक्सक्लूसिव क्लब में शामिल हो गए हैं। वॉरेन बफेट की पोजीशन इस हफ्ते गिर गई। क्योंकि उन्होंने 2.9 अरब डॉलर की राशि चैरिटी में दान कर दी। 89 वर्षीय वॉरेन बफेट साल 2006 से बर्कशायर हैथवे का 37 अरब डॉलर से ज्यादा का दान कर चुके हैं। इसकी वजह से उनकी रैंकिंग गिर गई है। इसी दौरान उनके स्टॉक का प्रदर्शन भी कमजोर हुआ है।
Sushant case update : सुब्रमण्यम स्वामी ने भी केस की CBI जांच का समर्थन किया
63 साल के मुकेश अंबानी अब 8 वें सबसे अमीर बिजनेसमैन हैं। जबकि बफेट 9 वें नंबर पर हैं। दरअसल अंबानी की हाल में जो डील हुई है, इसकी वजह से उनकी नेटवर्थ में वृद्धि हुई है। भारत इस साल विलय और अधिग्रहण के क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? क्षेत्र में सबसे टॉप पर रहा है।
Cryptocurrency News : क्रिप्टोकरेंसी पर ‘सधा हुआ रुख’ अपनाएगी सरकार, बजट से पहले प्रधान आर्थिक सलाहकार ने कही ये बड़ी बात.
Cryptocurrency News : बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को रेगुलेट करने के लिए सरकार नपा-तुला रुख अपनाएगी. क्रिप्टोकरेंसी का बड़ा असर देश की वित्तीय स्थिरता पर देखा जा सकता है, इसलिए सरकार इसे लेकर सधा हुआ कदम बढ़ाएगी. यह बात देश के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कही. फिलहाल देश में क्रिप्टोकरेंसी पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है और सरकार ने इसे रेगुलेट भी नहीं किया है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी में बड़ी मात्रा में निवेश किया गया है जिसे देखते हुए लंबे दिनों से मांग की जा रही है कि सरकार अपना रुख स्पष्ट करे. मॉनसून सत्र में उम्मीद थी कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कुछ नियम के बारे में ऐलान करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब निवेशकों की टकटकी बजट सत्र (Budget 2022) और बजट पेश करने पर लगी है. क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल को लेकर प्रधानमंत्री और रिजर्व बैंक (RBI) अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं. इस बीच प्रधान आर्थिक सलाहकार की बात बेहद मायने रखती है.
ध्यान देने वाली बात है कि आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 में क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे को कवर नहीं किया गया है. सान्याल ने क्रिप्टो को लेकर अपनी बात एक मीडिया बातचीत में कही. इसकी जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने दी है. देश का आर्थिक सर्वेक्षण सोमवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया. सान्याल ने एक बातचीत में कहा, “जैसा कि आप जानते हैं, यह (क्रिप्टोकरेंसी) सरकार के क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? अंदर, वित्त मंत्रालय और यहां तक कि संसद में भी कुछ बहस का विषय है. इसलिए, यह कुछ ऐसा है जो वर्तमान में चर्चा में है.” रिजर्व बैंक ने भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं जिनमें वर्चुअल करेंसी से वित्तीय स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभाव शामिल हैं.
क्या कहा प्रधान आर्थिक सलाहकार ने :
संजीव सान्याल ने कहा, वित्तीय स्थिरता को लेकर कुछ मुद्दे हैं. लेकिन कुछ और भी तर्क हैं जो इनोवेशन को लेकर हैं…इससे स्पष्ट है कि क्रिप्टोकरेंसी के मामले में सधा हुआ रुख अपनाया जाएगा. सरकार पूर्व में कह चुकी है कि वह क्रिप्टोकरेंसी पर एक बिल लेकर आएगी जिसमें रिजर्व बैंक के डिजिटल करेंसी को जारी करने के लिए फ्रेमवर्क की दशा-दिशा के बारे में बताया जाएगा. यह बिल पिछले बजट सत्र में लाने की उम्मीद जताई गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. हालांकि यह बिल संसद में पेश नहीं हो सका क्योंकि कैबिनेट ने ड्राफ्ट बिल को मंजूरी नहीं दी.
नवंबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक के बाद कयास लगाए गए क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? कि इस मामले में सरकार कोई सख्त कानून और रेगुलेशन जारी कर सकती है. हाल में टीवी और सोशल मीडिया पर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई विज्ञापन दिखाए गए जिनमें फिल्म स्टार तक शामिल रहे. विज्ञापन में कहा गया कि क्रिप्टोकरेंसी में आसानी से अधिक रिटर्न पाया जा सकता है. इस बारे में चिंता जताई गई कि भ्रामक दावे के जरिये निवेशकों को भरमाने की कोशिश की जा रही है.
रिजर्व बैंक जता चुका है चिंता :bitcCryptocurrency
बीजेपी सदस्य जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में वित्तीय मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी) के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की थी. मुलाकात में वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि देश में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए लेकिन रेगुलेट किया जाना चाहिए. आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपने बातों और विचारों को बार-बार दोहराया है. रिजर्व बैंक ने कहा है क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? कि क्रिप्टोकरेंसी देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं और निवेशकों की संख्या और उनके दावा किए गए मार्केट वैल्यू पर भी संदेह खड़ा होता है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इस महीने की शुरुआत में क्रिप्टोकरेंसी की अनुमति के खिलाफ अपने विचार दोहराते हुए कहा था कि क्रिप्टो किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए एक गंभीर खतरा हैं क्योंकि ये केंद्रीय बैंकों द्वारा नियंत्रित नहीं होते हैं.
Tax on Cryptocurrency | Digital Rupee : क्रिप्टो करेंसी से नुकसान होने पर भी देना क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? होगा टैक्स, सेंट्रल बैंक जल्द लॉन्च करेगा ‘डिजिटल रुपया’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक और बात साफ कर दी है कि जहां क्रिप्टोकरंसी से होने वाली आय पर टैक्स लगेगा, उस पर नुकसान होने पर भी टैक्स देना होगा. केवल क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं, किसी भी आभासी संपत्ति के हस्तांतरण पर आय पर 30 प्रतिशत कर लगेगा।
वहीं, एक निश्चित सीमा से अधिक के लेनदेन पर भी टीडीएस की घोषणा की गई है। फिलहाल के लिए इस कदम से तय है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाने वाली है।
लेकिन इससे होने वाली आमदनी पर भारी टैक्स लगाया गया है. सरकार के इस कदम से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर पारदर्शिता बढ़ेगी।
निवेश के लिए नया एसेट क्लास
ट्रेडस्मार्ट के सीईओ विकास सिंघानिया का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी को वैध बनाने के लिए वित्त मंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी टैक्स लगाया है। अब व्यापारी बिना किसी डर के इस एसेट क्लास में ट्रेड कर सकते हैं।
बजट ने क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग पर कानूनी अनिश्चितता को दूर कर दिया है। लोग क्रिप्टो में व्यापार कर सकते हैं लेकिन उन्हें कर देना होगा।
हालांकि, यह देखा जाना चाहिए कि यदि कॉर्पोरेट क्रिप्टो में व्यापार करते हैं, तो कॉर्पोरेट टैक्स लागू होता है या 30 प्रतिशत कर या जो भी अधिक हो।
देश की पहली डिजिटल करेंसी जल्द आएगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान साल 2022-23 से देश में डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा ‘डिजिटल रुपया’ की शुरुआत से देश में मुद्रा प्रबंधन में काफी सुधार होगा।
BeSingular के संस्थापक और सीईओ नितेश जैन का कहना है कि इस बजट में सरकार का रुख प्रगतिशील रहा क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? है. सरकार आगे देख रही है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण देश में पहली डिजिटल मुद्रा की घोषणा है।
विनियमित डिजिटल मुद्रा का अर्थ है कि यह आगे की ओर देख रहा है और ब्लॉकचेन और अन्य घातीय प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने की भावना में है।
आपको बता दें कि सरकार लंबे समय से देश में क्रिप्टोकरेंसी और अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को रेगुलेट करने के लिए एक बिल लाने पर विचार कर रही है।
इस क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? बिल को ‘क्रिप्टो बिल’ के नाम से भी जाना जाता है। पहले यह बिल शीतकालीन सत्र में लाया जाना था।
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