बुल मार्केट: बुल मार्केट वह स्थिति है जिसमें वित्तीय बाजार बढ़ रहा है या फिर निकट भविष्य में ऐसा होने की उम्मीद है। 'बुल' वास्तविक दुनिया के बैल से लिया गया है, जो आमतौर पर ऊपर की दिशा में हमला करता है। यह या तो बेसलाइन पर शुरू होता है (आर्थिक गतिविधि की शुरुआत के दौरान) या फिर चक्र के नीचे। बाजार मजबूत होने पर बुल मार्केट सामने आता है और आगे की संभावनाएं बहुत ही आकर्षक होती हैं। यह निवेशकों के विश्वास को मजबूत करता है, जिसमें अधिक लोग खरीदना चाहते हैं और कम लोग बेचना चाहते हैं।

Bazaar Aaj Aur Kal: कल के शेयर बाजार पर अनिल सिंघवी की दमदार स्ट्रैटेजी

कल अमेरिकी बाजारों में बढ़त की उम्मीद है. निफ्टी 17,600 से 17,675 तक जाने के लिए तैयार है और निचले स्तरों पर 17,400 से 17,450 के बीच सपोर्ट करेगा. बैंक निफ्टी 38,000 से 38,075 के बीच सपोर्ट करेगा और ऊपरी स्तरों पर 38,500 से 38,650 के बीच रुकावट करेगा: अनिल सिंघवी.

Stock Market : 10 ऐसे टर्म्स जिन्हें हर नए निवेशक को समझ लेना चाहिए

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई).

शेयर बाजार बहुत तकनीकी क्षेत्र है इसमें कोई संदेह नहीं है. इसलिए इसे अक्सर पेशवरों का मैदान माना जाता है. हालांकि, अब श . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : June 12, 2022, 14:41 IST

नई दिल्ली. शेयर बाजार को अक्सर पेशेवरों और विशेषज्ञों का क्षेत्र माना जाता है. इसका एक बड़ा कारण कि यह बहुत तकनीकी क्षेत्र है. हालांकि, बाजार में नए-नए कदम रख रहे निवेशक भी बुनियादी चीजों को समझकर इसके जरिए मुनाफा कमाने का प्रयास कर सकते हैं.

भारत में 2 प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं. एक बीएसई का सेंसेक्स जो 30 प्रमुख कंपनियों की चाल ट्रैक करता है. वहीं, दूसरा है एनएसई का निफ्टी जिसमें प्रमुख 50 कंपनियों को ट्रैक किया जाता है. हम आपको इक्विटी बाजार से जुड़े 10 टर्म्स (शब्दावली या पारिभाषिक शब्द) के बारे में बताएंगे जिनकी जानकारी हर नए निवेशक को होनी चाहिए.

इंट्रा-डे ट्रेडिंग
बाजार में एक ही कारोबारी दिन पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं. यहां शेयर खरीदने का मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि एक दिन में उसमें होने वाली बढ़त से मुनाफा कमाना होता है.

ब्लू-चिप शेयर
बड़े मार्केट कैप वाले शेयरों को ब्लू-चिप शेयर कहते हैं. आमतौर पर यह हर क्षेत्र की तीन शीर्ष कंपनियां होती हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, आईटीसी और ओएनजीसी इसके उदाहरण हैं.

आईपीओ
आईपीओ का मतलब आरंभिक सार्वजनिक पेशकश होता है. यह एक ऐसी प्रक्रिया होती जहां एक निजी कंपनी पहली बार अपने शेयर बाजार में पेश करती है और सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी बन जाती है. छोटी कंपनियां इसका इस्तेमाल फंड जुटाने के लिए भी करती हैं.

बुल ऐंड बियर मार्केट
मार्केट में जब तेजी हो तो उसे बुल मार्केट कहते हैं. वहीं, जब बाजार नीचे गिरने लग जाए तो उसे बियर मार्केट कहा जाता है.

रैली
किसी सूचकांक या शेयर लगातार तेजी बनी रहने की स्थिति को रैली कहा जाता है. रैली के बाद अक्सर गिरावट देखी जाती है.

करेक्शन
मार्केट जब लगातार टूटना शुरू हो जाता है या कहें कि बाजार में गिरावट चालू हो जाती है तो इसे करेक्शन कहा जाता है.

ओएचएलएस
यह ओपन, हाई, लो और क्लोज का एब्रीवेशन है. इसका मतलब है कि बाजार कितने पर खुला, सर्वाधिक कहां तक गया, सबसे नीचे कहां तक गिरा और किस स्तर पर बंद हुआ. यह इंट्रा-डे के संदर्भ में इस्तेमाल होता है.

आर्बिट्रेज
इसका मतलब होता है कि एक ही शेयर को एक ही समय पर अलग-अलग मार्केट्स में बेचना या खरीदना.

स्टॉप लॉस
इसका मतलब है गिरावट का वह स्तर जहां किसी ब्रोकरेज द्वारा शेयर को बेचने की सलाह दी जाती है. ऐसा एक निवेशक का अधिक पैसा डूबने से बचाने के लिए किया जाता है.

बाजार पूंजीकरण
कंपनी के कुल आउटस्टेंडिंग शेयरों की जो वैल्यू होती है उसे मार्केट कैपिटलाइजेशन या बाजार पूजींकरण कहते हैं. किसी कंपनी का मार्केट कैप उसके आउटस्टेंडिंग शेयरों व एक शेयर की मार्केट प्राइस से गुणा कर निकाला जाता है.

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शेयर मार्केट (share market) से जुड़े हुए सब्द - Share Market words meaning in hindi

शेयर मार्केट (share market) में इन्वेस्ट करने से पहले उसकी जानकारी होना ज़रूरी होता है । अगर आप शेयर मार्केट (share market) से जुड़े है या तो जुड़ना चाहते है तो सबसे पहले आपको कुछ शब्दो को समझना बहुत जरूरी है । इस पोस्ट मै आज आप जानोगे शेयर मार्केट (share market) से जुड़े शब्द और उसके meaning

share market words meaning in hindi

Share (शेयर) का मतलब :

सरल भाषा में कहें तो (share) शेयर का मतलब हिस्सेदारी होती है । कोई कंपनी अपनी हिस्सेदारी छोटे - छोटे हिस्से करती है जिनको निवेशक अपना पैसा इन्वेस्ट करके खरीदते है ।

Dividend का मतलब :

जब कोई कंपनी को लाभ होता है मतलब कि कंपनी कोई किसीभी तरह का बड़ा मुनाफा होता है तो कंपनी अपने share हिसेदारो को कुछ मुनाफा का हिस्सा देती है । जो डिविडेंड के रूप में होता है ।

सेबी (SEBI) का मतलब :

Bonus Share का मतलब:

आपने डिविडेंड का अर्थ समजा है यह शब्द थोड़ा अलग है । कंपनी को फायदा होने के बाद वह कंपनी Dividend जारी नहीं करती है बल्कि कंपनी के ही कुछ Extra Share शेयर धारको में बांटती है जिनको Bonus Share कहा जाता है ।

Bid Price का मतलब :

Stock Split का मतलब :

इसको सरल भाषा में आपको समझाए तो , कोई कंपनी जब अपने share कि कीमत को अलग - अलग हिस्सों में बाट देती है उदाहर के तौर पर कोई कंपनी का शेयर कि price 200 रुपए है तो कंपनी इसको दो हिस्सो मे डिवाइड करके उसकी price 100-100 कर देगी । जिसको stock split कहते है ।

Volume का मतलब :

किसी भी शेयर में निश्चित समय में कितनी खरीदी और बिक्री हुई है जिसको वॉल्यूम के आधार पर देखा जा सकता है को कि एक पॉल (poll) स्तंभ के जैसा होता है । जो हरा रंग और लाल रंग का देखने को मिलता है ।

Volatile शब्द का मतलब :

आपने शेयर मार्केट में यह शब्द बहुत सुना होगा । मार्केट में उतार चढ़ाव रहता है । अगर उतार चढ़ाव ज्यादा है तो volatility ज्यादा है ऐसा कहा जाता है ।

Stock Exchange का मतलब :

डीमैट अकाउंट का मतलब :

NSE का मतलब :

NSE का मतलब NATIONAL STOCK EXCHANGE है । नाम से आपको अंदाजा आ गया होगा की इसका प्रभुत्व क्या होगा । NSE भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है ।

शेयर मार्केट से जुड़े कुछ शब्द BSE का मतलब :

बीएसई (BSE) का मतलब BOMBAY STOCK EXCHANGE है । जो भारत में nse के बाद दूसरे नंबर का स्टॉक एक्सचेंज है ।

IPO (आईपीओ) का मतलब :

जब कोई कंपनी धन इकठ्ठा करने के लिए हिस्से दारी सार्वजनिक करती है जो आईपीओ के जरिए करती है । आईपीओ के बारे में हमने विस्तार से बताया हुआ है । ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करे "What is IPO"

Portfolio का मतलब :

बीटीएसटी (BTST) का मतलब :

इसका पूरा अर्थ है "Buy today - Sell Tomorrow" जिसमे कोई share को खरीद कर दूसरे दिन फायदा लेकर बेचा जाता है ।

Mutual fund का मतलब :

यह एक ऐसा फंड होता है जिसमे बहुत सारे लोग अपना थोड़ा थोड़ा पैसा इस फंड में इन्वेस्ट करते है और वो पैसा मार्केट एक्सपर्ट अपने Analysis करके इन्वेस्ट करते है ।

शेयर मार्केट (share market) से जुड़े हुए सब्द - Share Market words meaning in hindi Reviewed by Share Market Help on मार्च 05, 2021 Rating: 5

क्या है 'बुल मार्केट' और 'बियर मार्केट'? जानिए शेयर बाजार से क्या है इसका संबंध

शेयर मार्केट

यदि आपने हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित लोकप्रिय वेब सीरीज देखी है, तो आपको याद होगा कि उसमें 'मंदोड़िया' (बियर) और 'तेजड़िया' (बुल) के बारे में बताया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बुल और बियर मार्केट, मार्केट एक्विटी का आधार हैं। ये निवेशकों और व्यापारियों को प्रचलित प्रवृत्ति के अनुसार अपना स्थान लेने में मदद करते हैं।

पर ये क्या हैं? आइए फिनोलॉजी के मुक्य कार्यकारी अधिकारी प्रांजल कामरा द्वारा जानते हैं इसके बारे में।

बिजनेस साइकल (व्यापार चक्र) को समझना
कोई भी बाजार कुछ आर्थिक सिद्धांतों के आधार पर बढ़ता है। इस संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक 'व्यापार चक्र' है, जिसे इकोनॉमिक साइकल या ट्रेड साइकल के रूप में भी जाना जाता है। ये चक्र लहर की तरह के पैटर्न हैं जो दीर्घकालिक विकास की प्रवृत्ति पर बनते हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि बाजार के आगे बढ़ने के साथ-साथ उनमें एक उछाल और गिरावट (मंदी) आती है। संक्षेप में, एक व्यापार चक्र की लंबाई एक उछाल और मंदी से लिया गया समय है।

सच कहा जाए, तो बाजार में इस तरह के उछाल और उतार-चढ़ाव काफी हैं और ये तकनीकी मंदी के बिना भी एक दिन, सप्ताह या महीने में हो सकते हैं। दूसरी ओर मंदी, दीर्घकालिक विकास प्रक्षेपवक्र की उपोत्पाद है, जिसकी अर्थव्यवस्था में आमतौर पर कम शेयर मार्केट से जुड़े कुछ शब्द से कम दो तिमाहियों (प्रत्येक तीन महीने) के लिए गिरावट आती है।

आइए अब जानते हैं कि एक बुल और बियर मार्केट क्या है

  • बुल मार्केट: बुल मार्केट वह स्थिति है जिसमें वित्तीय बाजार बढ़ रहा है या फिर निकट भविष्य में ऐसा होने की उम्मीद है। 'बुल' वास्तविक दुनिया के बैल से लिया गया है, जो आमतौर पर ऊपर की दिशा में हमला करता है। यह या तो बेसलाइन पर शुरू होता है (आर्थिक गतिविधि की शुरुआत के दौरान) या फिर चक्र के नीचे। बाजार मजबूत होने पर बुल मार्केट सामने आता है और आगे की संभावनाएं बहुत ही आकर्षक होती हैं। यह निवेशकों के विश्वास को मजबूत करता है, जिसमें अधिक लोग खरीदना चाहते हैं और कम लोग बेचना चाहते हैं।
  • बियर मार्केट: बियर मार्केट, बुल मार्केट के बिल्कुल विपरीत है। इस मामले में वित्तीय बाजार स्टॉक की कीमतों में गिरावट के साथ सुधार का अनुभव करता है और निकट अवधि में गिरने की उम्मीद करता है। बहुत कुछ 'बुल' की तरह, बियर मार्केट का 'बियर' भी वास्तविक दुनिया के भालू से लिया गया है, जो आमतौर पर नीचे की दिशा में हिट करता है। जब बाजार में संतृप्ति हो जाती है तो भालू का बाजार बढ़ जाता है क्योंकि बाजार संतृप्त हो जाता है (आपूर्ति मांग से अधिक हो जाती है)। यह आम तौर पर बुल-रन की ऊंचाई पर होता है और गर्त बनने तक जारी रहता है।

इस समय, अधिक लोग खरीदने के बजाय स्टॉक बेचने में रुचि रखते हैं और निवेशकों का विश्वास कमजोर है। एक हालिया उदाहरण पिछले साल की महामारी का हो सकता है, जिसमें अधिकांश निवेशक बाजार से बाहर निकलना चाहते थे क्योंकि किसी को नहीं पता था कि महामारी कैसे निकलकर सामने आएगी। आपको बुल और बियर मार्केट की एक मजबूत समझ विकसित करनी चाहिए और दिन, सप्ताह, महीने या वक्त वक्त पर इनके बारे में पढ़ना चाहिए। ऐसा करने का एक अच्छा विचार प्रासंगिक पुस्तकों का अध्ययन करना भी है जो इस तरह की अवधारणाओं में तल्लीन हैं। यदि आप ट्रेडिंग की कला सीखते हैं, तो आप बुल-रन के दौरान अपने रिटर्न को अधिकतम करते हुए एक मंदी के बाजार में भी मुनाफा कमा सकते हैं।

यदि आपने हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित लोकप्रिय वेब सीरीज देखी है, तो आपको याद होगा कि उसमें 'मंदोड़िया' (बियर) और 'तेजड़िया' (बुल) के बारे में बताया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बुल और बियर मार्केट, मार्केट एक्विटी का आधार हैं। ये निवेशकों और व्यापारियों को प्रचलित प्रवृत्ति के अनुसार अपना स्थान लेने में मदद करते हैं।

पर ये क्या हैं? आइए फिनोलॉजी के मुक्य कार्यकारी अधिकारी प्रांजल कामरा द्वारा शेयर मार्केट से जुड़े कुछ शब्द जानते हैं इसके बारे में।

बिजनेस साइकल (व्यापार चक्र) को समझना
कोई भी बाजार कुछ आर्थिक सिद्धांतों के आधार पर बढ़ता है। इस संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक 'व्यापार चक्र' है, जिसे इकोनॉमिक साइकल या ट्रेड साइकल के रूप में भी जाना जाता है। ये चक्र लहर की तरह के पैटर्न हैं जो दीर्घकालिक विकास की प्रवृत्ति पर बनते हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि बाजार के आगे बढ़ने के साथ-साथ उनमें एक उछाल और गिरावट (मंदी) आती है। संक्षेप में, एक व्यापार चक्र की लंबाई एक उछाल और मंदी से लिया गया समय है।

सच कहा जाए, तो बाजार में इस तरह के उछाल और उतार-चढ़ाव काफी हैं और ये तकनीकी मंदी के बिना भी एक दिन, सप्ताह या महीने में हो सकते हैं। दूसरी ओर मंदी, दीर्घकालिक विकास प्रक्षेपवक्र की उपोत्पाद है, जिसकी अर्थव्यवस्था में आमतौर पर कम से कम दो तिमाहियों (प्रत्येक तीन महीने) के लिए गिरावट आती है।

आइए अब जानते हैं कि एक बुल और बियर मार्केट क्या है

    बुल मार्केट: बुल मार्केट वह स्थिति है जिसमें वित्तीय बाजार बढ़ रहा है या फिर निकट भविष्य में ऐसा होने की उम्मीद है। 'बुल' वास्तविक दुनिया के बैल से लिया गया है, जो आमतौर पर ऊपर की दिशा में हमला करता है। यह या तो बेसलाइन पर शुरू होता है (आर्थिक गतिविधि की शुरुआत के दौरान) या फिर चक्र के नीचे। बाजार मजबूत होने पर बुल मार्केट सामने आता है और आगे की संभावनाएं बहुत ही आकर्षक होती हैं। यह निवेशकों के विश्वास को मजबूत करता है, जिसमें अधिक लोग खरीदना चाहते हैं और कम लोग बेचना चाहते हैं।

इस समय, अधिक लोग खरीदने के बजाय स्टॉक बेचने में रुचि रखते हैं और निवेशकों का विश्वास कमजोर है। एक हालिया उदाहरण पिछले साल की महामारी का हो सकता है, जिसमें अधिकांश निवेशक बाजार से बाहर निकलना चाहते थे क्योंकि किसी को नहीं पता था कि महामारी कैसे निकलकर सामने आएगी। आपको बुल और बियर मार्केट की एक मजबूत समझ विकसित करनी चाहिए और दिन, सप्ताह, महीने या वक्त वक्त पर इनके बारे में पढ़ना चाहिए। ऐसा करने का एक अच्छा विचार प्रासंगिक पुस्तकों का अध्ययन करना भी है जो इस तरह की अवधारणाओं में तल्लीन हैं। यदि आप ट्रेडिंग की कला सीखते हैं, तो आप बुल-रन के दौरान अपने रिटर्न को अधिकतम करते हुए एक मंदी के बाजार में भी मुनाफा कमा सकते हैं।

Insider Trading: आखिर क्या है इनसाइडर ट्रेडिंग, जिसमें फंसे हैं कई मशहूर बिजनेसमैन, जानिए अब तक के बड़े मामले

Insider Trading: अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो आपको इससे जुड़े नियम-कानूनों को अच्छें से जान लेना चाहिए. स्टॉक मार्केट में आपने की बार इनसाइडर ट्रेडिंग शब्द सुना होगा, पर क्या आपको इसकी पूरी जानकारी है.

Insider Trading (Photo: Wikimedia)

Insider Trading (Photo: Wikimedia)

  • नई दिल्ली ,
  • 26 जुलाई 2022,
  • (Updated 26 जुलाई 2022, 11:20 AM IST)

पिछले कुछ सालों में बढ़े हैं इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले

राकेश झुनझुनवाला भी फंसे हैं इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में

हाल ही में, कई मामलों में बहुत से लोगों पर Insider Trading (इनसाइडर ट्रेडिंग) का आरोप लगाया गया है. जिसमें उन्होंने अवैध लाभ में पांच मिलियन डॉलर से अधिक कमाए हैं. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने ल्यूमेंटम होल्डिंग्स के पूर्व मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी 49 वर्षीय अमित भारद्वाज और उनके दोस्तों, धीरेनकुमार पटेल (50), श्रीनिवास कक्करा (47), अब्बास सईदी (47) और रमेश चित्तोर (45) पर आरोप लगाए हैं.

एसईसी का आरोप है कि कैलिफोर्निया में रहने वाले इन लोगों ने ल्यूमेंटम द्वारा दो कॉर्पोरेट अधिग्रहण घोषणाओं से पहले ट्रेडिंग की और 5.2 मिलियन अमरीकी डॉलर से ज्यादा अवैध फायदा कमाया. अब सवाल है कि आखिर Insider Trading या भेदिया कारोबार क्या है.

क्या है इनाइडर ट्रेडिंग
इनसाइडर ट्रेडिंग को इनसाइडर डीलिंग के रूप में भी जाना जाता है. जब कंपनी के कर्मचारी अवैध तरीके से कंपनी के शयर्स की खरीद-बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं, तो इसे इनसाइडर ट्रेडिंग कहते हैं. यह खासकर कंपनी की किसी गोपनीय जानकारी के आधार पर किया जाता है और कर्मचारियों के पता होता है कि आने वाले समय में कंपनी के शेयर्स के दाम बढ़ेंगे.

उदहारण के लिए, आपकी कंपनी का किसी दूसरी कंपनी के साथ मर्जर होने वाला है या कंपनी अपने शेयर्य गिरवी रखकर लोन लेती है. और इस तरह की गोपनीय जानकारी की खबर प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को होती है. अगर ये अधिकारी डील को अनाउंस होने से पहले ही अपने किसी करीबी के नाम से कंपनी के शेयर खरीद ले ताकि मर्जर के बाद जब शेयर्स के दाम बढ़े तो इन्हें बेचकर वह अच्छा मुनाफा कमा सकता है.

हालांकि, प्रमोटर शेयर की खरीद SEBI के दिशा-निर्देशों के मुताबिक करता है तो यह गलत नहीं है. लेकिन गलत तरीकों से की गई खरीद और बिक्री के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होती है.

सामने आए हैं कई बड़े मामले
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI ने अप्रैल 2017 से अब तक कुल 177 - एक साल में औसतन लगभग 38 इनसाइडर ट्रेडिंग मामलों की जांच की है. इन मामलों में इंडस्ट्री से जुड़े कुछ मशहूर लोग भी शामिल हैं. इनमें सन फार्मा के दिलीप शांघवी और इसके कुछ निदेशकों, किरण मजूमदार-शॉ, राकेश झुनझुनवाला, भारती एयरटेल की प्रमोटर फर्म इंडियन कॉन्टिनेंट इनवेस्टमेंट जैसे नाम शामिल हैं.

राकेश अग्रवाल बनाम सेबी
साल 1996 में, ABS इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, राकेश अग्रवाल ने एक जर्मन व्यवसाय, बेयर एजी के साथ एक समझौते किया था. जर्मन कंपनी, ABS इंडस्ट्रीज लिमिटेड के 51% शेयरों को खरीदने वाली थी. यूपीएसआई द्वारा अधिग्रहण की घोषणा के बाद, अग्रवाल ने अपने एबीएस इंडस्ट्रीज के स्वामित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बेच दिया, जिसका स्वामित्व उसके बहनोई, आई.पी. केडिया के पास था. इस मामले में सेबी ने माना कि राकेश अग्रवाल इनसाइडर ट्रेडिंग के दोषी थे.

हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड बनाम सेबी
हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड ("एचएलएल") ने सार्वजनिक निवेश संस्थान, यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया ("यूटीआई") से ब्रुक बॉन्ड लिप्टन इंडिया लिमिटेड ("बीबीएलआईएल") के विलय की सार्वजनिक घोषणा से दो सप्ताह पहले बीबीएलआईएल 8 लाख शेयर खरीदे. सेबी ने इनसाइडर ट्रेडिंग का संदेह करते हुए, अध्यक्ष, सभी कार्यकारी निदेशकों, कंपनी सचिव और एचएलएल के तत्कालीन अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस ("एससीएन") जारी किया था.

राकेश झुनझुनवाला बनाम सेबी
सेबी ने मशहूर इकोनोमिस्ट राकेश झुनझुनवाला को भी इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में नोटिस भेजा था. नोटिस के अनुसार, राकेश झुनझुनवाला ने एप्टेक एजुकेशन और ट्रेनिंग कंपनी के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग किया था. यह कंपनी झुनझुनवाला और उनके परिवार की है. सेबी के अनुसार राकेश झुनझुनवाला ने साल 2006 में एप्टेक कंपनी के शेयर 56 रूपये पर खरीदे थे. उसके बाद से कंपनी में उनके और उनके परिवार के लोगों का हिस्सेदारी बढ़कर 49 प्रतिशत हो गया है.

हाल ही में, राकेश झुनझुनवाला, उनकी पत्नी रेखा और आठ अन्य लोगों ने एप्टेक के स्टॉक से जुड़े इस इनसाइडर ट्रेडिंग मामले को सेबी को सामूहिक रूप से 37 करोड़ रुपये का भुगतान करके सुलझाया है.

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