Learn to know the difference between type of sentences you use while talking to people. Also improve your tone and way of talking and convey messages effectively! Read more »

Tag: share market me collateral kya hai

अगर आप स्टॉक मार्केट में ट्रेड करते है तो आपका स्टॉकब्रोकर आपको लोन की सुविधा भी प्रदान करता है जिसके अंतर्गत आप अपने ट्रेडिंग मार्जिन को बढ़ा ज़्यादा ट्रेडिंग कर सकते है। लोन में मिले हुए अमाउंट को कोलैटरल मार्जिन कहा जाता है। इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो यहाँ पर collateral meaning in hindi में जाने की कब और कैसे ये अमाउंट शेयर बाजार में ट्रेड करने में लाभदायक है।

Collateral Meaning in Share Market in Hindi

जैसे की ऊपर बताया गया है collateral amount एक तरह का लोन है जो आप अपने होल्डिंग और शेयर्स के आधार पर अपने स्टॉकब्रोकर से प्राप्त कर सकते है ।

लोन लेने की प्रक्रिया को pledge of shares कहा जाता है और मिले हुए अमाउंट को कोलैटरल मार्जिन कहा जाता है । इस मार्जिन अमाउंट से आप अपनी ट्रेडिंग लिमिट के साथ ज़्यादा ट्रेड कर अपने मुनाफा कमाने के मौके को भी कई गुना तक बढ़ा सकते है।

इस अमाउंट के बदले स्टॉकब्रोकर आपसे एक निर्धारित इंटरेस्ट रेट प्राप्त करते है ।

अब जब भी आप अपने शेयर pledge करते है तो वह शेयर्स कोलैटरल की तरह अकाउंट में होल्ड कर अस्थायी रूप से ब्लॉक कर दिए जाते है ।

यहाँ पर जब तक आप मार्जिन का भुगतान नहीं करते है तब तक आप ब्लॉक शेयर को बेच नहीं सकते । और यहाँ पर अगर आप मार्जिन अमाउंट वापिस करने में असफल होते है तो स्टॉकब्रोकर आना अमाउंट वापिस पाने के लिए प्लेज़ शेयर्स को बेच कर अपने अमाउंट की वसूली करता है।

कोलैटरल मार्जिन कैसे काम करता है?

Collateral meaning को समझने के बाद अब जानते है कि ये किस तरह से काम करता है । मान लेते है कि आपका एक डीमैट खाता है जिसमे 1,00,000 रुपए के शेयर्स है। अब आप एक कंपनी के 100 शेयर में ट्रेड करना चाहते है जिसकी वैल्यू 1000 रुपये प्रति शेयर है, लेकिन आपके पास अभी इतना फण्ड नहीं है।

यहाँ पर अब अपने शेयर्स को प्लेज़ कर ट्रेडिंग कर सकते है, तो मान लेते है की आपने अपने 80,000 रुपये के शेयर प्लेज़ करने का आवेदन किया ।

अब यहाँ पर स्टॉकब्रोकर प्लेज़ शेयर का मूल्यांकन कर एक वैल्यू निर्धारित करेगा जिसका मूल्य करंट मार्केट प्राइस से थोड़ा कम होता है । ये स्टॉकब्रोकर नुकसान से बचने के लिए करता है, जिससे की अगर स्टॉक का प्राइस आगे चलकर कम भी हो जाए तो ब्रोकर को उसका नुकसान न उठाना पड़े।

इस अमाउंट को स्टॉक मार्केट में हेअरकट (haircut in share market) कहा जाता है । ये स्टॉक कुछ प्रतिशत होता है और स्टॉक के वर्तमान प्रदर्शन और अस्थिरता के अनुसार निर्धारित किया जाता है।

मान लेते है की आपकी होल्डिंग्स पर 5 % हेअरकट लगा यानी की 4000 रुपये तो यहाँ पर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में ₹76000 collateral मार्जिन ऐड हो जायेगा ।

यहाँ पर अगर आप अपने ट्रेड में सफल होते है तो आप collateral margin का भुगतान कर अपने होल्डिंग्स को अन-प्लेज़ कर सकते है ।

लेकिन अगर आपको नुकसान होता है या किसी लाभ उठाना और मार्जिन कारणवश आप अपने होल्डिंग को अन-प्लेज़ करने में असमर्थ होते है तो वहां पर ब्रोकर एक सीमित अवधि के बाद आपके शेयर्स को बेच अपनी रकम को वसूलेगा ।

कोलैटरल मार्जिन के फायदे

स्टॉक मार्केट में कोलैटरल मार्जिन के साथ ट्रेड करने से बहुत सारे फायदे जुड़े हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं।

  • एक कोलैटरल मार्जिन आपके खरीदने की लिमिट को बढ़ाता है।
  • यह आपको आपने ऑनलाइन डीमैट में अच्छे उपयोग के लिए निष्क्रिय (Idle) शेयर रखने की अनुमति देता है।
  • कोलैटरल मार्जिन आपके कैपिटल पर रेट ऑफ़ रिटर्न बढ़ा सकता है।
  • यह आपको बाजार में शार्ट-टर्म कीमत के उतार-चढाव से लाभ कमाने की अनुमति देता है ।

निष्कर्ष


कोलैटरल अमाउंट आपको कई लाभ प्रदान करता है लेकिन आपको यह ध्यान रखना चाहिए की यदि आप वापस भुगतान करने में असमर्थ हो जाते है, तब आप उस स्थिति में अपने प्लेज्ड किए हुए शेयर खो सकते हैं ।


डीमैट अकाउंट में कोलैटरल अमाउंट एक लोन की तरह उपयोग किया जाता है जैसाकि यह डीमैट अकाउंट में यह निष्क्रिय (Idle) संपत्ति की तरह है ।

यह ब्रोकर और निवेशक के लिए संपत्ति बनाने के लिए अच्छा’ जरिया हो सकता है ।

कोलैटरल मार्जिन से जुड़े हुए आवश्यक तथ्य


अब आप अपने ऑनलाइन डीमैट अकाउंट में कोलैटरल अमाउंट के अवधारणा (Concept) को समझ चुके हैं । आइए अब कोलैटरल मार्जिन से जुड़े आवश्यक चीजों के बारे में समझते हैं ।


1. कोलैटरल मार्जिन का लाभ उठाने के लिए क्या कोई शर्त है?


एक निवेशक के तौर पर अपने स्टॉकब्रोकर से कोलैटरल मार्जिन का लाभ लेने के लिए कुछ विशेष शर्तों का पालन करने की जरुरत होती है । कई स्टॉकब्रोकर यह ऑफर देते हैं और इसके लिए आपको आपने ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन मूल्य के विशेष प्रतिशत को बनाए रखने की आवश्यकता होती है ।

2. कोलैटरल मार्जिन का उपयोग आप किन चीजों के लिए कर सकते हैं?


आप अपने स्टॉकब्रोकर द्वारा ऑफर की गयी गई कोलैटरल मार्जिन का उपयोग स्टॉक मार्केट में इक्विटी शेयर (equity meaning in hindi) खरीदने के लिए कर सकते हैं । इसके अतिरिक्त आप डेरीवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स (derivative meaning in hindi) में ट्रेड करने के लिए कर सकते हैं जैसेकि स्टॉक खरीदने और बेचने के लिए।

उत्तोलन: उत्तोलन के उपयोग को समझना

उत्तोलन एक वित्तीय शब्द है जिसमें चीजों को खरीदने के लिए धन उधार लेना शामिल है, यह अनुमान लगाते हुए कि भविष्य के लाभ उधार लेने की लागत को कवर करेंगे। पैसा एक निवेश के रिटर्न को अधिकतम करने, अतिरिक्त संपत्ति हासिल करने या कंपनी के लिए धन जुटाने के लिए उधार लिया जाता है। जब किसी कंपनी या व्यक्तिगत व्यवसाय को अत्यधिक लीवरेज्ड कहा जाता है, तो इसका मतलब है कि उन पर ऋण इक्विटी से अधिक है। लीवरेज निवेशकों को किसी भी संपत्ति, फर्म या कंपनी में निवेश करने से पहले सही निर्णय लेने में मदद करता है।

Recent Podcasts

Read in other Languages

Polls

  • Property Tax in Delhi
  • Value of Property
  • BBMP Property Tax
  • Property Tax in Mumbai
  • PCMC Property Tax
  • Staircase Vastu
  • Vastu for Main Door
  • Vastu Shastra for Temple in Home
  • Vastu for North Facing House
  • Kitchen Vastu
  • Bhu Naksha UP
  • Bhu Naksha Rajasthan
  • Bhu Naksha Jharkhand
  • Bhu Naksha Maharashtra
  • Bhu Naksha CG
  • Griha Pravesh Muhurat
  • IGRS UP
  • IGRS AP
  • Delhi Circle Rates
  • IGRS Telangana
  • Square Meter to Square Feet
  • Hectare to Acre
  • Square Feet to Cent
  • Bigha to Acre
  • Square Meter to Cent
  • Stamp Duty in Maharashtra
  • Stamp Duty in Gujarat
  • Stamp Duty in Rajasthan
  • Stamp Duty in Delhi
  • Stamp Duty in UP

These articles, the information therein and their other contents are for information purposes only. All views and/or recommendations are those of the concerned author personally and made purely for information purposes. Nothing contained in the articles should be construed as business, legal, tax, accounting, investment or other advice or as an advertisement or promotion of any project or developer or locality. Housing.com does not offer any such advice. No warranties, guarantees, promises and/or representations of any kind, express or implied, are given as to (a) the nature, standard, quality, reliability, accuracy or otherwise of the information and views provided in (and other contents of) the articles or (b) the suitability, applicability or otherwise of such information, views, or other contents for any person’s circumstances.

Housing.com shall not be liable in any manner (whether in law, contract, tort, by negligence, products liability or otherwise) for any losses, injury or damage (whether direct or indirect, special, incidental or consequential) suffered by such person as a result of anyone applying the information (or any other contents) in these articles or making any investment decision on the basis of such information (or any such contents), or otherwise. The users should exercise due caution and/or seek independent advice before they make any decision or take any action on the basis of such information or other contents.

profit margin - Meaning in Hindi

Definitions and Meaning of profit margin in English

profit margin noun

  1. the ratio gross profits divided by net sales
Synonyms

gross margin , margin of profit

Synonyms of profit margin

Description

Profit margin is a measure of profitability. It is calculated by finding the profit as a percentage of the revenue.

More matches for profit margin

SHABDKOSH Apps

SHABDKOSH Logo

Shabdkosh Premium

Ad-free experience & much more

Adverbs

One of the most easiest topics लाभ उठाना और मार्जिन of English grammar is Adverbs. They are easy to understand and easy to use in sentences while writing and speaking. If you haven't had a chance of know what these are, read the article and improve your sentence… Read more »

Reasons to learn an Indian language

There are so many Indian languages and trying to learn them looks like a huge task. Read the blog to know why you need to know Indian languages. Read more »

Types of sentences

Learn to know the difference between type of sentences you use while talking to people. Also improve your tone and way of talking and convey messages effectively! Read more »

Confusing words in English

Words लाभ उठाना और मार्जिन in English language are not as easy as they look. There are some that just confuse us and makes it difficult to have a conversation. Look at the list given and know the difference between these words. Read more »

Also See

About profit margin in Hindi

See profit margin meaning in Hindi, profit margin definition, translation and meaning of profit margin in Hindi. Find profit margin similar words, profit margin synonyms. Learn and practice the pronunciation of profit margin. Find the answer of what is the meaning of profit margin in Hindi. देेखें profit margin का हिन्दी मतलब, profit margin का मीनिंग, profit margin का हिन्दी अर्थ, profit margin का हिन्दी अनुवाद।

Tags for the entry "profit margin"

What is profit margin meaning in Hindi, profit margin translation in Hindi, profit margin definition, pronunciations and examples of profit margin in Hindi. profit margin का हिन्दी मीनिंग, profit margin का हिन्दी अर्थ, profit margin का हिन्दी अनुवाद

Our Apps are nice too!

Dictionary. Translation. Vocabulary.
Games. Quotes. Forums. Lists. And more.

अच्छे प्रॉफिट मार्जिन वाले शेयर दे सकते हैं शानदार मुनाफा

किसी कंपनी का प्रॉफिट मार्जिन 15 फीसदी है तो इसका मतलबल है कि वह हर 100 रुपये की बिक्री (सेल्स) पर 15 रुपये का शुद्ध मुनाफा कमा रही है

अच्छे प्रॉफिट मार्जिन वाले शेयर दे सकते हैं शानदार मुनाफा

बीएसई500 में ऐसी 9 कंपनियां हैं, जिनका प्रॉफिट मार्जिन दिसंबर 2016 से दिसंबर 2017 के बीच लगातार बढ़ा है. अगर इन कंपनियों को एक समूह मान लें तो इस समूह ने बीएसई500 के मुकाबले 4.9 गुना रिटर्न दिया है. इन 9 में से सबसे अच्छी 5 कंपनियों पर गौर करते हैं.

हिमाद्री स्पेशियलिटी केमिकल
एंटिक स्टॉक ब्रोकिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, हिमाद्री स्पेशियलिटी को एलुमीनियम इंडस्ट्री में मांग में उछाल का फायदा मिलेगा. इसके अलावा कंपनी भविष्य में ज्यादा वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स के क्षेत्र में कदम रख सकती है. 2017-18 की तीसरी तिमाही में कंपना का ऑपरेटिंग प्रॉफिट साल दर साल आधार पर 100 फीसदी बढ़कर 62.8 करोड़ रुपये रहा. इसके नेट प्रॉफिट में साल दर साल आधार पर 248.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.

टाटा स्पंज आयरन
यह कंपनी डायरेक्ट रिडक्शन मेथड से स्पंज आयरन का उत्पादन करती है. कार्वी की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ाने से स्टील की मांग बढ़ेगी. दिसंबर 2016 से मार्च 2018 के दौरान कंपनी की सेल्स में 49.4 फीसदी और मुनाफे में 228.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. दिसंबर 2016 से मार्च 2018 के बीच कंपनी के शेयर की कीमत में 70.9 फीसदी मजबूती आई है.

गुजरात अल्कलाइज एंड केमिकल्स
यह कंपनी कास्टिक सोडा लाइ और कास्टिक सोडा फ्लेक का उत्पादन करती है. इसे कास्टिक सोडा की बढ़ती कीमतों का फायदा होगा. वित्त वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही में कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में साल दर साल आधार पर 97.9 फीसदी का उछाल आया. इसकी वजह कंपनी के कुल खर्च में कमी रही. कंपनी के मुनाफे में 137.1 फीसदी ग्रोथ आई. कंपनी के शेयर ने 100 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है.

फिलिप्स कार्बन ब्लैक
यह कंपनी कार्बन ब्लैक का उत्पादन और बिक्री करती है. इसकी बाजार हिस्सेदारी 46 फीसदी है. दिसंबर 2016 तिमाही से दिसंबर 2017 तिमाही के बीच इसका प्रॉफिट मार्जिन 2.76 फीसदी से 9.24 फीसदी पहुंच गया है. एसकेपी सिक्योरिटीज की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, इस लाभ उठाना और मार्जिन इंडस्ट्री में आए पॉजिटिव ढांचागत बदलाव का लाभ फिलिप्स कार्बन को मिलेगा. 2017-18 की तीसरी तिमाही में कंपनी की सेल्स में 13.7 फीसदी और ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 50.4 फीसदी बढ़ोतरी हुई. 30 दिसंबर 2016 से 19 मार्च 2018 के बीच कंपनी के शेयर ने 371.5 फीसदी रिटर्न दिया है.

बजाज होल्डिंग्स एंड इनवेस्टमेंट
इस कंपनी का बजाज ऑटो और बजाज फिनसर्व में निवेश है. यह एनबीएफसी के रूप में रजिस्टर्ड है. कंपनी के डिविडेंड, ब्याजा और किए गए निवेश से आय होती है. इस कंपनी की संभावनाएं बेहतर नजर आती हैं. इसकी वजह यह है कि बजाज ऑलियांज जनरल इंश्योरेंस और बजाज फाइनेंस की ग्रोथ अच्छी बने रहने की उम्मीद है. इसके अलावा इसे निर्यात और विदेश में बजाज ऑटो की मजबूत होती स्थिति का भी फायदा मिलेगा. 2017-18 की तीसरी तिमाही में कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में साल दर साल आधार पर 62.3 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. कंपनी का प्रॉफिट मार्जिन दिसंबर 2016 में 45 फीसदी से बढ़कर दिसंबर 2017 में 84.5 फीसदी हो गया है.

हिंदी में पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें.

जागरूकता की कमी के कारण उठाना पड़ रहा है नुकसान, पशुपालकों को नहीं मिलता दवा व पूरक आहार में मार्जिन का लाभ

पशुपालकों को नहीं मिलता दवा व पूरक आहार में मार्जिन का लाभ

पशुपालकों को नहीं मिलता दवा व पूरक आहार में मार्जिन का लाभ

रांची : पशुओं के उपयोग में आनेवाली दवाइयों तथा फीड सप्लीमेंट की कीमत मेें मार्जिन का लाभ पशु पालकों को नहीं मिलता है. जागरूकता की कमी तथा छोटी-छोटी कंपनियों के दवा कारोबार में होने का नुकसान पशुपालकों को उठाना पड़ता है. वेटनरी मेडिसिन और फीड सप्लीमेंट के कारोबार पर सरकारी एजेंसियों की भी नजर कम होती है.

इस कारण पशु उत्पादों के प्रिंट रेट और बाजार दर में काफी अंतर होता है. 1200 से लेकर 1500 रुपये प्रिंट वाला फीड सप्लीमेंट बाजार में 400-500 रुपये में बिकता है. पशु चिकित्सा के पेशे में बड़ी संख्या में क्वैक (नीम-हकीम) हैं, जो पशुओं के इलाज के मानक का पालन नहीं करते तथा दवाओं की गुणवत्ता का ख्याल रखे बिना इसे बेचते भी हैं. ऐसे लोंगों पर नियंत्रण के लिए राज्य में वेटनरी काउंसिल का कार्यालय भी है.

यहां एक पशु चिकित्सक पदस्थापित भी हैैं. इन चीजों पर नजर रखने की जिम्मेदारी उनकी है, लेकिन यहां शिकायत नहीं आती. इस कारण पशुओं के इलाज में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई भी नहीं हो पाती है.

कई छोटी-छोटी कंपनियां बना रही है दवा :

पशुओं के लिए दवा उतत्पादन के कारोबार में बड़े-बड़े ब्रांड के साथ-साथ छोटी-छोटी कंपनियां भी हैं. इन छोटी कंपनियों के दवाअों में 60-70 फीसदी तक मार्जिन रहता है. 100 रुपये की दवा बाजार में 30 रुपये में बेची जाती है. पशुओं की दवा की दुकान कम होने से गांव-देहात में ये छोटी कंपनियां खूब प्रचार-प्रसार भी करती हैं. इन कंपनियों के प्रतिनिधि क्वैक या पशु चिकत्सिकों से सीधे बात करते हैं.

छोटी कंपनियों की दवा लिखने वाले पशु चिकत्सिक या क्वैक आम तौर पर पशुपालकों से फीस नहीं लेते हैं. जानवरों को देखने के बाद दवा खुद ही देते हैं. ऐसे क्वैक प्रिंट रेट में दवा बेचकर ही कमाई कर लेते हैं. छोटी-छोटी कंपनियां इस कारण दवाओं के उपयोग की विधि भी हिंदी में प्रिंट करती हैं, ताकि बिना पशु चिकित्सा की डिग्री वाले क्वैक, उपयोग की गाइड लाइन देख-समझ कर इसका प्रयोग कर सकता है.

बिना निबंधन के बिकता है फीड सप्लीमेंट :

पशुओं का फीड सप्लीमेंट बिना निबंधन के बिकता है. इसे बेचने के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है. कस्बाई इलाके में फीड सप्लीमेंट का कारोबार करने वाले दुकानदार साथ में दवा भी बेचने लगते हैं.

वैक्सीन में भी है बड़ा खेल

जानवरों के वैक्सिनेशन की दवा में भी बड़ा खेल है. कुत्तों को दिये जाने वाले वैक्सिन का प्रिंट रेट 500-600 रुपये प्रति इकाई होता है. यह पशुपालकों को प्रिंट रेट में मिलता है. जबकि, पशु चिकत्सिकों को यह वैक्सीन 200 से 250 रुपये में मिलता है. वैक्सिन उत्पादन में भी बड़ी कंपनियों के साथ-साथ छोटी कंपनियां भी है.

वेटनरी काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइड लाइन के अनुसार केवल निबंधित पशु चिकत्सिक ही प्रैक्टिस कर सकते हैं. लेकिन, यह देखा जाता है कि बिना निबंधन वाले कई लोग जानवरों का इलाज करते हैं. इन पर कार्रवाई करने का प्रावधान है. लेकिन सही तरीके से शिकायत नहीं मिलने के कारण कार्रवाई नहीं हो पाती है.

posted by : sameer oraon

Prabhat Khabar App :

देश, दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, टेक & ऑटो, क्रिकेट और राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

रेटिंग: 4.85
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 663